मिलेट्स (Millets) सदियों से भारत के लोगों के आहार का हिस्सा रहा है। मिलेट्स के महत्त्व को समझते हुए भारत के यशस्वी पंतप्रधान श्रीमान नरेंद्र मोदी जी की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को International Year of Millets 2023 घोषित किया था। मिलेट्स को ‘Super Grains’ या ‘श्री अन्न’ नाम से भी जाना जाता हैं।
मिलेट्स क्या हैं? (What is Millets in Hindi)
मिलेट्स, जिन्हें मोटे अनाज के रूप में भी जाना जाता है, छोटे दानों वाला एक तरह का अनाज है। ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और पारंपरिक रूप से सूखे क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। ज्वार, बाजरा, रागी (मंडुआ या नाचनी), कांगनी, कोदो, कुटकी, चेना और सावा कुछ लोकप्रिय मिलेट्स हैं। इन्हें अक्सर “सुपरफूड” के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
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मिलेट्स के प्रकार क्या हैं ? (Types of Millets in Hindi)
मिलेट्स के प्रकार:
1. छोटा बाजरा (कुटकी)
- यह छोटे, गोल दानों वाला बाजरा पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाता है।
- इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और आयरन की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग खिचड़ी, पुलाव, उपमा जैसे व्यंजन बनाने में किया जाता है।
2. बार्नयार्ड बाजरा (सनवा):
- यह छोटे, सफेद दानों वाला बाजरा पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाता है।
- इसमें फाइबर, प्रोटीन और खनिजों की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग खिचड़ी, डोसा और इडली जैसे व्यंजन बनाने में किया जाता है।
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3. फिंगर बाजरा (रागी):
- यह बाजरा लम्बी उंगली के आकार का होता है।
- इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग रोटी, डोसा, इडली, उपमा और खिचड़ी बनाने में किया जाता है।
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4. प्रोसो बाजरा (चीना):
- यह बाजरा चमकदार पीले रंग का होता है।
- इसमें फाइबर, प्रोटीन और खनिजों की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग खिचड़ी, पुलाव, उपमा और दलिया बनाने में किया जाता है।
5. फॉक्सटेल बाजरा (कंगनी):
- यह बाजरा लम्बी पूंछ जैसा दिखता है।
- इसमें फाइबर, प्रोटीन और खनिजों की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग खिचड़ी, पुलाव, उपमा और दलिया बनाने में किया जाता है।
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6. ज्वार:
- यह बाजरा बड़े दानों वाला होता है।
- इसमें प्रोटीन, फाइबर, खनिज और विटामिन की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग रोटी, खिचड़ी, पुलाव और उपमा बनाने में किया जाता है।
7. बाजरा:
- यह बाजरा मोती के आकार का होता है।
- इसमें फाइबर, प्रोटीन, खनिज और विटामिन की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग रोटी, खिचड़ी, पुलाव और उपमा बनाने में किया जाता है।
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8. कोडो बाजरा:
- यह बाजरा छोटे, गोल दानों वाला होता है।
- इसमें प्रोटीन, फाइबर, खनिज और विटामिन की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग खिचड़ी, पुलाव, उपमा और दलिया बनाने में किया जाता है।
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9. सावा बाजरा:
- यह बाजरा छोटे, काले दानों वाला होता है।
- इसमें प्रोटीन, फाइबर, खनिज और विटामिन की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग खिचड़ी, पुलाव, उपमा और दलिया बनाने में किया जाता है।
10. रागी:
- यह बाजरा छोटे, भूरे दानों वाला होता है।
- इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और फाइबर की मात्रा अधिक होती है।
- इसका उपयोग रोटी, डोसा, इडली, उपमा और खिचड़ी बनाने में किया जाता है।
मिलेट्स के फायदे क्या हैं? (Millets benefits in Hindi)
मिलेट्स के फायदे की जानकारी नीचे दी गयी हैं:
- पोषण से भरपूर (Nutrition): मिलेट्स प्रोटीन, फाइबर, विटामिन (विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, आयरन और जिंक) से भरपूर होते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं।
- पाचन क्रिया में सुधार (Digestion): मिलेट्स में फाइबर अधिक होता हैं। फाइबर की अधिकता से पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और कब्ज को रोकने में मदद होता हैं।
- मधुमेह नियंत्रण (Diabetes): मिलेट्स धीरे-धीरे पचते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है और मधुमेह के जोखिम को कम करता है।
- हृदय स्वास्थ्य (Heart): मिलेट्स में मौजूद फाइबर और कम वसा हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।
- ग्लूटेन-मुक्त (Gluten Free): अधिकांश मिलेट्स ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, जो सीलिएक रोग और ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए उपयुक्त होते हैं।
- कैंसर (Cancer): मिलेट्स में एंटीऑक्सिडेंट्स अधिक मात्रा में होता है जिससे कैंसर का खतरा कम हो जाता हैं।
- टिकाऊ फसलें: मिलेट्स कम पानी में उगने वाली फसलें हैं, जो उन्हें सूखाग्र से ग्रस्त क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
- वजन नियंत्रण (Weight loss): मिलेट्स में फाइबर अधिक होने से पेट जल्दी भर जाता है और over eating की समस्या नहीं होती हैं। मिलेट्स के Glycemic Index कम होता है जिस कारण अधिक calories का सेवन नहीं होता हैं। Weight loss करने के लिए मिलेट्स एक बेहतर विकल्प है।
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मिलेट्स का पोषण मूल्य क्या हैं ? (Millets Nutritional Value in Hindi)
कुछ प्रसिद्द मिलेट्स के पोषण मूल्य की जानकारी निचे तालिका में दी हैं:
मिलेट्स का पोषण मूल्य:
नीचे तालिका में 100 ग्राम मिलेट्स में पाए जाने वाले पोषक तत्वों का एक तुलनात्मक अवलोकन दिया गया है:
पोषक तत्व | ज्वार | बाजरा | रागी |
---|---|---|---|
कैलोरी | 329 | 361 | 344 |
प्रोटीन | 11 ग्राम | 6.9 ग्राम | 7.3 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 73 ग्राम | 75 ग्राम | 72 ग्राम |
फाइबर | 4.4 ग्राम | 6.9 ग्राम | 3.1 ग्राम |
कैल्शियम | 30 मिलीग्राम | 37 मिलीग्राम | 344 मिलीग्राम |
आयरन | 4.4 मिलीग्राम | 4.4 मिलीग्राम | 4.8 मिलीग्राम |
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मिलेट्स के नुकसान क्या हैं ? (Millets side effects in Hindi)
मिलेट्स अत्यंत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक अनाज हैं, जिनके अनेक फायदे हैं लेकिन, कुछ मामलों में इनके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
मिलेट्स से होनेवाले नुकसान की जानकारी:
- पाचन संबंधी समस्याएं (Digestion): मिलेट्स में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन के लिए फायदेमंद है, लेकिन अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट फूलना, गैस और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यदि आप पहले से ही पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो धीरे-धीरे और कम मात्रा में मिलेट्स का सेवन शुरू करें।
- थायराइड की समस्याओं वाला होना (Thyroid): कुछ मिलेट्स में गोइट्रोजेन नामक यौगिक पाया जाता है, जो कुछ मामलों में थायराइड ग्रंथि के कार्य को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको हाइपोथायरायडिज्म है, तो मिलेट्स का सेवन कम मात्रा में करें या अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- किडनी स्टोन का जोखिम (Kidney Stone): कुछ मिलेट्स में ऑक्सालिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी की पथरी से ग्रस्त लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकती है। यदि आपको किडनी स्टोन का खतरा है, तो मिलेट्स का सेवन कम मात्रा में करें या अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- गर्भवती महिलाओं के लिए (Pregnancy): कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों में अधिक मात्रा में मिलेट्स का सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को, खासकर शुरुआती तिमाही में, मिलेट्स का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए या डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
- गर्म तासीर (Heat): आयुर्वेद में कुछ मिलेट्स को गर्म तासीर वाला माना जाता है। इसलिए, गर्मियों में इसका अत्यधिक सेवन शरीर का तापमान बढ़ा सकता है।
- एलर्जी (Allergy): कुछ लोगों को मिलेट्स से एलर्जी हो सकती है। यदि आपको एलर्जी का कोई इतिहास है, तो मिलेट्स का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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मिलेट्स के नुकसान से बचने के उपाय
- मिलेट्स को धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल करें और पानी का सेवन भी बढ़ाएं।
- मिलेट्स को अच्छी तरह से पकाकर खाएं।
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो मिलेट्स का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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मिलेट्स को कैसे खाना चाहिए ?
मिलेट्स को खाने के तरीके:
मिलेट्स की रोटी
- बाजरा, ज्वार, रागी, और कोडो के आटे से रोटी बनाई जा सकती है।
- इन रोटियों को आप दाल, सब्जी, या चटनी के साथ खा सकते हैं।
- इन रोटियों में ग्लूटेन नहीं होता है, इसलिए ये ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए भी उपयुक्त हैं।
मिलेट्स की खिचड़ी:
- बाजरा, ज्वार, रागी, और कोडो का उपयोग खिचड़ी बनाने में किया जा सकता है।
- आप अपनी पसंद की सब्जियां, दालें और मसाले डालकर खिचड़ी को स्वादिष्ट बना सकते हैं।
- यह एक पौष्टिक और हल्का भोजन है जो नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात के खाने के लिए उपयुक्त है।
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मिलेट्स का उपमा:
- बाजरा, रागी, और ज्वार का उपयोग उपमा बनाने में किया जा सकता है।
- उपमा एक त्वरित और आसानी से बनने वाला नाश्ता या हल्का भोजन है।
- आप अपनी पसंद की सब्जियां, मसाले और नट्स डालकर उपमा को स्वादिष्ट बना सकते हैं।
मिलेट्स का पुलाव:
- बाजरा, ज्वार, और रागी का उपयोग पुलाव बनाने में किया जा सकता है।
- पुलाव एक स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन है जो नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात के खाने के लिए उपयुक्त है।
- आप अपनी पसंद की सब्जियां, मसाले और नट्स डालकर पुलाव को स्वादिष्ट बना सकते हैं।
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मिलेट्स का दलिया:
- बाजरा, ज्वार, और रागी का उपयोग दलिया बनाने में किया जा सकता है।
- दलिया एक पौष्टिक और स्वादिष्ट नाश्ता है।
- आप अपनी पसंद के फल, नट्स और शहद डालकर दलिया को स्वादिष्ट बना सकते हैं।
मिलेट्स के स्नैक्स:
- बाजरा, ज्वार, और रागी का उपयोग स्नैक्स बनाने में किया जा सकता है।
- आप इन अनाजों को भूनकर या बेक करके स्वादिष्ट स्नैक्स बना सकते हैं।
- आप अपनी पसंद के मसाले और नमक डालकर स्नैक्स को स्वादिष्ट बना सकते हैं।
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मिलेट्स खाने के कुछ अन्य तरीके:
- मिलेट्स को दूध में उबालकर दलिया बनाया जा सकता है।
- मिलेट्स को सलाद में शामिल किया जा सकता है।
- मिलेट्स को स्मूदी में भी मिलाया जा सकता है।
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मिलेट्स से जुड़े सवालों के जवाब (Millets FAQ’s in Hindi)
मिलेट को हिंदी में क्या कहते हैं?
मिलेट को हिंदी में श्री अन्न कहा जाता हैं। कुछ लोग बाजरा के लिए भी Millet शब्द का उपयोग करते हैं।
5 श्री अन्न क्या है?
5 श्री अन्न में बाजरा (Pearl Millet), ज्वार (Sorghum), रागी (Finger Millet), कोडो (Kodo Millet) और सावा (Little Millet) शामिल हैं।
बाजरा और रागी में क्या अंतर है?
बाजरा गोल और मोती के आकार का होता है, जबकि रागी छोटा और उंगली के आकार का होता है। बाजरा में फाइबर और प्रोटीन अधिक होता है, जबकि रागी में कैल्शियम और आयरन अधिक होता है।
मिलेट्स को श्री अन्न नाम क्यों पड़ा ?
मिलेट्स को श्री अन्न नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ये अनाज अत्यंत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। श्री का अर्थ है पवित्र या शुभ। श्री अन्न नाम भारत सरकार द्वारा मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए 2023 में अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित करते समय दिया गया था।
यह नाम मिलेट्स के महत्व और उनके स्वास्थ्य और पर्यावरणीय लाभों पर प्रकाश डालता है।
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क्या गर्मी में मिलेट्स नहीं खाना चाहिए ?
गर्मी में मिलेट्स खाना चाहिए पर कुछ मिलेट्स जैसे की बाजरा की तासीर गर्म होती है इसलिए इनका प्रमाण गर्मी में कम कर देना चाहिए। रागी, कोडो, और सावा जैसे हल्के मिलेट्स गर्मी में खाने के लिए बेहतर होते हैं। गर्मी में मिलेट्स का सेवन करते समय पानी का सेवन भी बढ़ाना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे फाइबर से भरपूर होते हैं।
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मिलेट्स अत्यंत पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक अनाज हैं जो आपके आहार में शामिल करने के लिए एक स्वस्थ और स्वादिष्ट तरीका हैं। ये आपको पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक भोजन प्रदान करते हैं जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। आज ही अपने आहार में मिलेट्स को शामिल करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें!
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।