उज्जयी प्राणायाम (Ujjayi Pranayama) से हम अपने सांसो पर विजय पा सकते हैं और इसलिए इस प्राणायाम को अंग्रेजी में Victorious breath कहा जाता हैं। उज्जयी प्राणायाम करते समय समुन्दर के आवाज के समान ध्वनि आती हैं इसलिए इसे Ocean Breath भी कहा जाता हैं।
उज्जयी प्राणायाम करने से शरीर में गर्म हवा शरीर में जाती हैं जो शरीर में बसे दूषित और जहरीले पदार्थ बाहार निकालने में मदद करती हैं। तनाव, depression को दूर करने के लिए और मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए यह एक उपयोगी प्राणायाम हैं।
उज्जयी प्राणायाम कैसे करना चाहिए और इसके लाभ संबंधी सम्पूर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :
उज्जयी प्राणायाम कैसे करते हैं ? (Ujjayi Pranayama in Hindi)
उज्जयी प्राणायाम करने की विधि इस प्रकार हैं :
1. यह प्राणायाम करते समय सांस नाक से लेना और छोड़ना होता हैं।
2. इस प्राणायाम को करते समय में मुंह को बंद रखना होता हैं।
3. उज्जयी प्राणायाम करने के लिए आप किसी भी आसन में बैठ सकते हैं।
4. जीभ को मोड़कर खेचरी मुद्रा लगाले। जीभ को पीछे की ओर मोड़कर तालू से जीभ के अग्र को लगाना खेचरी मुद्रा की राजयोग पद्धति हैं।
5. गले, सर तथा पीठ को सीधा कर ले। आँखों को बंद कर ले।
6. सम्पूर्ण शरीर को शिथिल करे।
7. कंठ के स्नायु को tight करना होता हैं।
8. कंठ को संकुचित कर नाक से मंद तथा गहरी श्वास ले।
9. सरसराहट की ध्वनी गले से निकाले। यह ध्वनी छोटे बच्चे की नींद में आने वाली आवाज समान होंगी।
10. सांस छोड़ने का समय अवधि सांस लेने के समय अवधि से दोगुना रखे।
11. ध्यान रखे की उज्जयी प्राणायाम करते समय आवाज आपके कंठ के उपरी हिस्से से निकलना चाहिए ताकि नाक के सामने वाले हिस्से से।
13. ध्यान रहे की अभ्यास के दौरान चेहरे को विकृत न करे।
उज्जयी प्राणायाम कितनी बार करना चाहिए ? (Ujjayi Pranayama duration in Hindi)
उज्जयी प्राणायाम शुरुआत में 2 से 3 मिनिट तक करे और धीरे धीरे अभ्यास के साथ समय को बढ़ाकर 10 मिनिट तक भी कर सकते हैं।
उज्जयी प्राणायाम कब करना चाहिए ? (Ujjayi Pranayama time in Hindi)
उज्जयी प्राणायाम हम कभी भी कर सकते हैं पर अधिक लाभ लेने के लिए इसका अभ्यास सुबह की ताज़ी हवा में खाली पेट करना चाहिए।
उज्जयी प्राणायाम करने से क्या फ़ायदे होते है ? (Ujjayi Pranayama benefits in Hindi)
उज्जयी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से निचे दिए हुए लाभ होते हैं :
1. फेफड़े (Lungs) : इस प्राणायाम से आपके फेफड़े मजबूत होते और उनकी प्राणवायु लेने की क्षमता में वृद्धि होती हैं।
2. हाई ब्लड प्रेशर : उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तिओ में इससे लाभ होता है।
3. मानसिक : मन को शांत तथा ध्यान के लिए तैयार करने की यह आसान विधि हैं।
4. तनाव : निराशा और तनाव को दूर करने में अत्यंत लाभप्रद हैं।
5. हृदय रोग : यह ह्रदय रोगियों के लिए भी लाभप्रद हैं।
6. दर्द : पीठ दर्द से परेशान रोगी के लिए लाभकर हैं।
7. मोटापा : इस प्राणायाम से कमर में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होती हैं इसलिए यह मोटापे से पीड़ित व्यक्ति में भी लाभकर हैं।
8. मुँहासे : उज्जयी प्राणायाम से शरीर के दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं और इस लिए यह मुंहासो से पीड़ित व्यक्ति में लाभकर हैं।
9. दमा : उज्जयी प्राणायाम से दमा और TB से पीड़ित व्यक्तिओ में बहोत लाभ होता हैं।
10. खर्राटे : खर्राटो से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए उज्जई प्राणायाम बेहद लाभकर हैं।
11. थाइरोइड : Hypothyroidism से पीड़ित व्यक्ति में उज्जयी प्राणायाम करने से बेहद लाभ मिलता हैं।
12. ब्लड प्रेशर : आप इसे अष्टांग योग पद्धति से कर अपना रक्तचाप बढ़ा सकते हैं और Meditation पद्धति से कर अपना रक्तचाप कम भी कर सकते हैं।
उज्जयी प्राणायाम में क्या सावधानी बरते ?
अगर आपको हृदय रोग जैसे की हृदय कि पंपिंग कमजोर है और LVEF कम है तो अधिक समय तक उज्जयी प्राणायाम न करे और करने से पहले भी अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेना चाहिए।
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उज्जयी प्राणायाम हम कई प्रकार से और विविध आसन में कर सकते है। यह पर उज्जयी प्राणायाम की सबसे सरल और उपयोगी विधि बताई गयी हैं। अधिक जानकारी के लिए आप योगा प्रशिक्षक की सलाह ले सकते हैं। अगर आपको उज्जयी प्राणायाम करने से कोई तकलीफ होती है तो योगा प्रशिक्षक को मिलकर सलाह लेना चाहिए।
पूरे शरीर का एक व्यायाम – सूर्यनमस्कार
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
बहुत ही सुन्दर सार्थक और ज्ञानोपयोगी पोस्ट दी है आपने डॉक्टर साब ! आशा है मेरे सहित और लोगों को भी इसकलए प्रतिफल मिलेगा !
Thankxx..for life secure suggestion.
Hayper thayrisem me uchhhayi prnayam karna chhahiye…… Ya nahi
Kar sakte hai.