Yoga का सम्पूर्ण लाभ लेने के लिए रोजाना Yoga और Pranayam को किस क्रम (Sequence) में और कितने देर करना चाहिए इसकी जानकारी आपको होना जरुरी हैं। अगर योग को सही क्रम में या सही समय पर नहीं किया जाए तो इससे लाभ होने की जगह आपको नुकसान भी हो सकता हैं।
आजकल कई लोग बिना सही योग की पढ़ाई किये Yoga trainer बन योग सीखा रहे हैं। कई लोग तो अपने हिसाब से योग में बदलाव कर इसे Fitness Yoga, Modern Yoga जैसे नए नाम से पेश कर रहे हैं। अगर आप गलत तरीके से योग करेंगे तो इससे योग का नाम तो बदनाम होगा ही साथ ही आपको शारीरिक नुकसान भी हो सकता हैं।
आज के इस लेख में हम आपको कौन सा योग और प्राणायाम कब करना चाहिए, कितने समय तक करना चाहिए और योग किस क्रम में करना चाहिए इसकी जानकारी देने जा रहे हैं :
पहले प्राणायाम करे या योगासन ?
यह एक ऐसा सवाल है जो हमें कई लोग पूछते हैं। पहले प्राणायाम करे या पहले योगासन करना चाहिए ? इस बात को लेकर कई लोगों के मन में सवाल रहता हैं। ग्रन्थ के हिसाब से देखा जाए तो पहले हमेशा प्राणायाम करना चाहिए और उसके बाद आपको योगासन करना चाहिए।
कुछ योग गुरु का कहना है की ठण्ड के दिनों में पहले व्यायाम व आसन करना चाहिए तथा बाद में प्राणायाम करना चाहिए एवं गर्मी के दिनों में प्राणायाम पहले करवाकर व्यायाम व आसन बाद में कर सकते हैं। योग आसन करने से श्वास की गति तेज हो जाती हैं जिससे ठीक से प्राणायाम नहीं किया जा सकता है इसलिए पहले हमेशा प्राणायाम और उसके बाद योगासन व व्यायाम किया जाना चाहिए।
प्राणायाम का क्रम क्या होना चाहिए? (Pranayam sequence in Hindi)
कौन सा प्राणायाम कब और कितने देर करना चाहिए इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं। प्राणायाम की विधि और लाभ की जानकारी पढ़ने के लिए आप उस प्राणायाम के नाम पर click कर पूरी जानकारी पढ़ सकते हैं।
1. भस्त्रिका प्राणायाम : भस्त्रिका प्राणायाम लगभग 5 सेकंड में धीरे-धीरे लंबे गहरे श्वास लेना व छोड़ना चाहिए। इस प्राणायाम को कुल समय 3 से 5 मिनट तक करे।
2. कपालभाति प्राणायाम : कपालभाति प्राणायाम में 1 सेकंड में एक बार झटके के साथ श्वास छोड़ना हैं। कपालभाति प्राणायाम का समय अभ्यास के साथ धीरे-धीरे बढ़ाए। आप 15 मिनिट तक कपालभाति कर सकते हैं।
3. बाह्य प्राणायाम : बाह्य प्राणायाम मे आपको श्वास को यथा शक्ति रोके रखना हैं। बाह्य प्राणायाम का 3 से 5 बार अभ्यास करे।
4. अग्निसार क्रिया : अग्निसार क्रिया में मूल-बन्ध के साथ पेट को अंदर की ओर खींचना व ढीला छोड़ना हैं। इस क्रिया का 3 से 5 बार अभ्यास करे।
5. उज्जायी प्राणायाम : उज्जायी प्राणायाम में कंठ को आकुंचन कर श्वास छोड़ना होता हैं। इसका अभ्यास 3 से 5 बार करे।
6. अनुलोम विलोम प्रणायाम : दाईं नासिका बंद करके बाईं से श्वास लेना वह बाईं को बंद करके दाईं से श्वास छोड़ने का क्रम, इसी प्रकार बाईं और से करना, एक क्रम का समय 10 सेकण्ड। अनुलोम विलोम के अभ्यास का समय 15 मिनट रखे।
7. भ्रामरी प्रणायाम : भ्रामरी प्राणायाम में आंखों व कानों बंद करके नासिका से भ्रमर की तरह गुंजन करना होता हैं। यह प्राणायाम 3 से 5 बार करे।
8. शीतली प्राणायाम : शीतली प्राणायाम से शरीर को ठंडक मिलती है इसलिए इसका अभ्यास गर्मी के दिनों में करे और ठण्ड में न करे।
9. उद्गीथ प्राणायाम : दीर्घ स्वर में ओ३म् का उच्चारण करे। इसका 5 से 7 बार अभ्यास करे।
10. ध्यान : आंखें बंद करके श्वसों पर या चक्रों में ॐ का ध्यान मुद्रा में ध्यान करना हैं। 5 से 10 मिनिट तक करे।
योग का क्रम क्या हैं? (Yoga sequence in Hindi)
योग आसन किस क्रम में करना चाहिए इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं :
1. सूक्ष्म व्यायाम / Warm up : हाथों, पैरों, कोहनी, कलाई, कंधों के सूक्ष्म व्यायाम व बटरफ्लाई इत्यादि लगभग 12 प्रकार के सूक्ष्म व्यायाम, प्राणायाम के बाद अथवा बीच में भी किए जा सकते हैं। प्रत्येक अभ्यास की आवृत्ति 5 – 10 बार करे और समय लगभग 5 मिनट। सूक्ष्म व्यायाम करने से शरीर में blood circulation अच्छे से होता हैं, joint free हो जाते हैं और स्नायु की जकड़न दूर हो जाती हैं।
2. सूर्यनमस्कार : सूर्यनमस्कार योग में सम्पूर्ण शरीर का व्यायाम होता है और शरीर के स्नायु में रक्त संचार अच्छे से होता हैं। शुरुआत में 3 से 5 बार इसका अभ्यास करे और बाद में आप यथाशक्ति अभ्यास का समय बढ़ा सकते हैं। सूर्यनमस्कार के बाद आप ताड़ासन, त्रिकोणासन, गरुड़ासन कर सकते हैं।
3. बैठ कर करने वाले आसन : बैठ कर करनेवाले आसन में आप मंडूकासन, शशकासन, गोमुखासन, सिंहासन और वज्रासन करे। बैठ कर करने वाले आसन में वज्रासन आता है पर यह आसन आप खाने के बाद भी कर सकते हैं। हर आसान का अभ्यास 3 से 5 बार यथाशक्ति करे।
4. पेट के बल लेट कर करने वाले आसन : मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन करे। हर आसान का अभ्यास 3 से 5 बार यथाशक्ति करे। हर आसान का अभ्यास 3 से 5 बार यथाशक्ति करे।
5. पीठ के बल लेटकर करने वाले आसन : चक्रासन, पवनमुक्तासन, हलासन करे। हर आसान का अभ्यास 3 से 5 बार यथाशक्ति करे।
6. शवासन (योगनिंद्रा) : योग के अंत में शवासन करे जिससे सारी थकान दूर हो जाती है और शरीर शिथिल हो जाता हैं। 5 मिनिट से लेकर 15 मिनट तक करे।
अष्टांग योग मे प्राणायाम का क्रम क्या हैं?
अष्टांग योग मे प्राणायाम का क्रम 4 नंबर पर हैं। अष्टांग योग का क्रम इस प्रकार हैं:
1. यम
2. नियम
3. आसन
4. प्राणायाम
5. प्रत्याहार
6. धारणा
7. ध्यान
8. समाधि
योग करते समय आपको कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए जिसकी पूरी जानकारी हमने यहाँ दी हैं – योग के महत्वपूर्ण 21 नियम
हमने यहाँ पर योग ग्रन्थ, हमारे ज्ञान और अनुभव के अनुसार आपको योग को किस क्रम में करना चाहिए इसकी जानकारी दी है। कुछ लोगों का इससे मतभेद भी हो सकता हैं। अगर आपको कोई रोग है तो इस क्रम का अनुसरण करने से पहले आपने अपने योग विशेषज्ञ और डॉक्टर की राय अवश्य लेना चाहिए।
अगर आपको यह योग के क्रम से जुडी जानकारी उपयोगी लगती ही तो कृपया इसे अपने मित्र परिवार के साथ शेयर जरूर करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
Yoga is best for health and it should be adopted by everyone.