Aloe Vera के फायदे, नुकसान और 21 घरेलू नुस्खे

aloe vera uses in Hindi

आज इस लेख में हम आपको एलोवेरा (Aloe Vera) या घृतकुमारी, जो की एक बहुचर्चित, बहुउपयोगी आयुर्वेदिक द्रव्य है उसके बारे में स्मपुर्ण जानकारी देने जा रहे है। पिछले 10 वर्षों में जब से योग गुरु बाबा रामदेव ने विश्व में योग और आयुर्वेद के प्रसार कार्य शुरू किया हैं तबसे एलोवेरा का स्वास्थ्य उपयोग काफी बढ़ गया हैं। आज दुनिया में हर वर्ष एलोवेरा के करोड़ों रूपए के सौंदर्य उत्पाद का निर्माण हो रहा हैं। 

ईस लेख मे आप को यह जानकारी मिलेंगी hide

एलोवेरा ना सिर्फ औषधि द्रव्य है बल्कि सौंदर्य जगत में एलोवेरा ने अपनी अलग पहचान बनाई है। त्वचा के लिए एलोवेरा एक वरदान है। ना सिर्फ खूबसूरती बढ़ाने बल्कि त्वचा के जलने पर भी एलोवेरा लगाने से काफी लाभ मिलता है। यह एक ऐसी जड़ीबूटी है, जो बाह्य व आभ्यन्तर प्रयोग के लिए सुरक्षित मानी गयी है। 

एलोवेरा के फायदे, नुकसान और घरेलू नुस्खों से जुडी जानकारी नीचे दी गयी हैं :

एलोवेरा का परिचय (Aloe vera in Hindi)

विश्व भर में एलोवेरा की करीब 400 प्रजातिया पायी जाती है लेकिन केवल 5 प्रजातियां ही स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है।आयुर्वेदिक ग्रंथों में सर्वप्रथम भावप्रकाश ग्रंथ में घी कुंवार नाम से एलोवेरा का उल्लेख मिलता है। चरक, सुश्रुत, वाग्भट्ट आदि ग्रंथों में एलोवेरा का उल्लेख नहीं है। अमरकोश ग्रंथ में भी कुमारी का उल्लेख आया है।

नाम : एलोवेरा को हिंदी में ग्वारपाठा, घृतकुमारी या घीकुंवार, मराठी में कोरफड़, अंग्रेजी में Aloe plant तथा लैटिन मे Aloe Vera कहाँ जाता है। इसके अलावा एलोवेरा को और भी कई नामों से जाना जाता है, जैसे, 

  1. कुमारी : यह शीतलता से थोड़े से जल से भी जीवित रहती है।
  2. घृतकुमारी : अपने पत्तो से घृत (घी ) समान रस का स्त्राव करती है। 
  3. कन्या : यह रसायनादी गुणों के कारण प्रकाशित होती है। 

आकार : इसका बहुवर्षायु गुल्म होता है। पत्र 30 – 40 cm लम्बे, 7 – 10 cm चौड़े, भालाकार, तीक्ष्ण अग्रयुक्त, रसयुक्त, बाहर से चमकीले हरे रंग के व छोटे कांटो से युक्त होते है। पत्र के बीच से एक लंबा पुष्दण्ड निकलता है,जिसमे लाल पीले रंग के फूल आते है। घृतकुमारी यह एक ऐसा ऐसा ऐसा पौधा है जिसे आप अपने घर में, अपने गमलों में आसानी से लगा सकते हैं। 

रस / Gel : पत्र को काटने से एक पीले रंग का चिकना रस निकलता है जिसे संग्रह करके गाढ़ा करते हैं।  ठंडा होने पर जम जाता है, जिसे एलुआ / कृष्णबोल कहते हैं। धूप में या मंदाग्नि पर इसका रस गर्म करके बनाया जाता है जो कुछ चिकना तथा अपारदर्शक होता है। रसको यदि तीव्र तीव्र अग्नि से गाढ़ा करें तो कुछ पारदर्शक बनता है। 

एलोवेरा के भेद : ब्रिटिश फार्माकोपिया में चार प्रकार का एलुआ ( रस या निर्यास ) बताया है।

  1. Curacao or  Barbados aloes – चॉकलेटी बादामी रंग का। 
  2. Doctrine aloes – पीताभ या कृष्णभ बादामी रंग का। 
  3. Sanganer aloes – यकृताभ बादामी रंग का।
  4. Cape aloes – गहरा बादामी या हरिताभ बादामी। 

उत्पत्ति स्थान : भारतवर्ष में सर्वत्र पाया जाता हैं। मूलतः अफ्रीका, स्पेन और अरब देशों से भारत और चीन में प्रसार हुआ। 

एलोवेरा के गुण : एलोवेरा का रस कड़वा (तिक्त), मधुर, गुरु, स्निग्ध, चिकना होता है। एलुआ (कृष्णबोल) कड़वा होकर लघु,  सूक्ष्म, तीक्ष्ण होता है। एलोवेरा का रस शीत होता है जबकि एलोआ उष्ण होता है। साथ ही एलोवेरा त्रिदोषनाशक, रसायन (tonic), नेत्र्य (good for eyes), बृहन(good for growth), बल्य (पोषक), वृष्य आदि कर्म होते है। ग्रन्थों मे गुल्म, प्लीहा – यकृतवृद्धि, विष, ग्रन्थि, अग्निदग्ध, विस्फोट, रक्तविकार, त्वचविकार आदि बीमारियों में एलोवेरा उपयोगी बताया है। एलोवेरा के गुणों का वर्णन आयुर्वेद में इस श्लोक द्वारा किया गया है 

कुमारी भेदिनी शीता तिक्ता नेत्र्या रसायनी।

मधुरा बृहणी बल्या वृष्या वातविषप्रणुत् ।। 

गुल्मप्लीहायकृद्वृद्धि कफज्वरहरी हरेत्। 

ग्रन्थ्यग्निग्धविस्फोटपित्तरक्तत्वगामयान्।। 

आधुनिक विज्ञान के अनुसार एलोवेरा के गुणकर्म : आधुनिक विज्ञान के अनुसार एलोवेरा में Anthraquinone, Glycosides, Aloin, Barbaloin, Isobarbalion, Aloe – emodin, Resins, Amino acid आदि घटक होते है। एलोवेरा के पत्तों के जेल में विटामिन A, B1, B2, B3, B6, B12, विटामिन C, E, फोलिक एसिड आदि पोषक तत्व साथ ही लोह, कैल्शियम, जिंक, कॉपर, सोडियम, पोटैशियम, मैगनीज, मैग्नेशियम आदि खनिज भी पाए जाते है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार एलोवेरा Antioxidant, Purgative (रेचक), Tropical application साथ ही काफी कास्मेटिक प्रोडक्ट्स में उपयोग होता है। इसके अलावा दर्द व खुजली कम करने , Ulceration व Keratosis को ठीक करने में भी एलोवेरा का उपयोग होता है। 

एलोवेरा का उपयुक्त अंग : पत्रमज्जा, सार (पत्र का अंदरूनी चिकना भाग / Gel), एलोवेरा का हम जेल व रस (juice) दोनों तरीके से उपयोग में ला सकते है। 

ग्रन्थोक्त विशिष्ट दवाई : कुमार्यासव, रजः प्रवर्तनी वटी, कुमारवटी, कुमारपाक आदि ग्रन्थोक्त दवाइयों का मुख्य घटक एलोवेरा होता है।

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एलोवेरा के उपयोग और फायदे (Aloe vera uses and benefits in Hindi)

एलोवेरा हैं पौष्टिक सब्जी 

एलोवेरा का प्रयोग एक पौष्टिक आहार के रूप में भी होता है। भारत के कई हिस्सों में एलोवेरा की सब्जी भी बना कर खाते हैं। साथ ही इसके जेल को मिलाकर लड्डू भी बनाए जाते हैं, जो कि स्वास्थ्यवर्धक होते है।  

एलोवेरा करे आहार का करे पाचन 

अपने तिक्त रस व  दीपन पाचन कर्म से एलोवेरा आहार का पाचन करने में मदद करता है। 

उदररोग (Ascitis) व सूजन में उपयोगी एलोवेरा 

अपने दीपन, भेदन, शोधन आदि विशिष्ट कर्मो से स्त्रोतस का अवरोध दूर कर उदर में संचित जल (ascitic fluid) का शोधन करता है। शरीर मे कही सूजन हो तो दूर करता है। 

एलोवेरा से शरीर मे रहे स्फूर्ति 

हर रोज एलोवेरा के एक छोटे प्याले के सेवन भर से ही दिनभर शरीर में ताकत और स्फूर्ति दिनभर शरीर में ताकत और स्फूर्ति ही दिनभर शरीर में ताकत और स्फूर्ति बनी रहती है। 

एलोवेरा रखता है कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित 

एलोवेरा रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रण में रखता है। 

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डायबिटीज को एलोवेरा रखता है नियंत्रित 

एलोवेरा न सिर्फ रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित रखता है, बल्कि इन्सुलिन के उत्पादन को भी नियंत्रित रखता है। रीसर्च में पाया गया है, की हर रोज 2 चमच्च एलोवेरा जूस पीने से ब्लड़ शुगर की मात्रा नियंत्रण में रहती है। चिकित्सक की सलाह से आप एलोवेरा को अपने डाइट में शामिल करें, जरूर फायदा होगा। 

एलोवेरा से दूर होती है खून की कमी  

यकृत स्तिथ पित्त का शोधन कर व रंजक पित्त के कार्य में सुधार करता है। खून की कमी होने पर लोह या मंडूरभस्म के साथ एलोवेरा का प्रयोग करते है। 

एलोवेरा से ठीक होता है पीलिया 

पीलिया में कुमारी स्वरस को आरोग्यवर्धिनी वटी के साथ दिया जाता है, जिससे यकृत ( लिवर) में संचित पित्तदोष का दीपन – शोधन होकर पीलिया मे फायदा होता है। 

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माहवारी की अत्यल्पता अनियमितता दूर होती है एलोवेरा से 

धातुक्षय के कारण अगर माहवारी ठीक से नही आ रही है तो चिकित्सक कुमारी का प्रयोग करते है। कुमारी गर्भाशय का शोधन करके अनार्तव व अल्पार्तव में उपयोगी है। प्रसूति के पश्चात गर्भाशय शोधन के लिए एलुआ (कृष्णबोल) के साथ पिप्पलीमुल चूर्ण का प्रयोग किया जाता है। 

एलोवेरा है आयुर्वेदिक टॉनिक

एलोवेरा रसादी सप्तधातु में संचित दोषों का शोधन एवं पाचन कर के स्त्रोतोंरोध को दूर कर धातु पोषण का कर्म करती है, जिससे शरीर का पोषण होता है। रोज एक चम्मच एलोवेरा जूस पीने से, स्किन डिटॉक्स होती है, त्वचा में चमक आती है। 

एलोवेरा वजन घटाने में करता है मदत 

एलोवेरा का रस वजन घटाने में सहायता करता है। प्राकृतिक फाइबर का स्त्रोत व रेचक होने से शरीर की अनावश्यक चर्बी को बाहर निकालकर वजन कम करता है, साथ ही शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है।  

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एलोवेरा से मिले कब्ज से राहत 

एलोवेरा प्राकृतिक रेचक है तथा इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जो मलत्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है। यह आंतो के लिए स्वस्थ व जरूरी बैक्टीरिया को बढ़ाता है। कोलाइटिस जैसे आंतो की सूजन सम्बन्धी विकारों को कम करता है। एलोवेरा के नियमित इस्तेमाल से आपको कब्ज की परेशानी से मुक्ति मिल सकती है। 

एलोवेरा बचाये कैंसर से 

प्रतिदिन एलोवेरा जूस पीने से शरीर में बनी हुई गांठे खत्म होती है, रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है व कैंसर से बचाव होता है। 

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एलोवेरा के 21 घरेलू उपचार (Aloe vera home remedies in Hindi)

  1. पीलिया (Jaundice): एलोवेरा स्वरस का नस्य पीलिया में देने से पीलिया जल्द ठीक होता हैं।
  2. जोड़ो के दर्द से राहत (Joint pain): जिनको जोड़ों का दर्द या आर्थराइटिस की तकलीफ है खासकर बुजुर्ग महिलाएं, अगर वह नियमित तौर पर एलोवेरा की सब्जी या इसके जेल को तिल व गुड़ के साथ मिलाकर लड्डू बनाकर यदि लेना शुरू करें, तो उनकी यह तकलीफ कुछ ही दिनों में जरूर दूर होगी। अगर बच्चों को रात में बिस्तर गीला करने की समस्या हो तो उन्हें भी यह लड्डू दे सकते हैं। 
  3. पाचन (Digestion): अगर हम एलोवेरा की सब्जी या लड्डू भी नहीं बना सकते, फिर भी अगर चाकू से कट करके उसकी मज्जा का थोड़ा टुकड़ा हर रोज सुबह खाने की आदत बना ले, तो हमें कई तकलीफों से राहत मिल सकती है, जैसे आपका पेट ठीक रहेगा, डाइजेशन ठीक रहेगा, लिवर ठिक रहेगा। खाने में अगर थोड़ा बेस्वाद लगे तो इसमें आप थोड़ा सा नमक मिलाकर भी खा सकते हैं। 
  4. बढ़ती है आंखों की रोशनी (Eye sight): प्रतिदिन प्रातः काल खाली पेट घृतकुमारी के गूदे का थोड़ी मात्रा में सेवन करने से धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी एवम आंखें स्वस्थ रहेगी। 
  5. गंजापन होगा दूर (Hair loss): गंजे व्यक्तियों के लिए भी एलोवेरा काफी लाभकारी है। एलोवेरा के गूदे को उसके फूल के साथ बालों की जड़ों में लगाए। कुछ समय पश्चात धो ले। इसे नियमित तौर पर करने से बालों का गंजापन रुक जाएगा। 
  6. दांतों व मसूड़ो को बनाता है स्वस्थ (Teeth): एलोवेरा में प्राकृतिक विटामिन C, एंटीबैक्टीरियल व एन्टीमैक्रोबियल गुण होने के कारण दांतों व मसूड़ों के लिए उपयोगी है। मसूड़ो से खून निकलना, छाले होना आदि समस्याओं से यह निजात दिलाता है। नियमित रूप से एलोवेरा का रस पीने से दांत व मसूड़े स्वस्थ व मजबूत बनते हैं। आप मसूड़ों पर एलोवेरा जेल की धीरे-धीरे धीरे-धीरे मालिश भी कर सकते हैं, जिससे मसूड़े की तकलीफ कम होगी। इसके अलावा आप टूथब्रश पर पहले एलोवेरा पाउडर छिड़क कर उसे उसे भी ब्रश कर सकते हैं, जिससे आपको मुँह में ताजगी का अनुभव होगा। एक अध्ययन में पाया गया है कि, एलोवेरा माउथवाश का एक सुरक्षित व असरकारक विकल्प है।
  7. कमरदर्द (Backache): आटे में एलोवेरा का गूदा मिलाकर, उसकी रोटी बनाकर खाने से कमर दर्द में राहत मिलती है। 
  8. पेट दर्द (Abdomen pain): अगर पेट में किसी तरह की समस्या हो जैसे दर्द, ऐठन, अल्सर, अपचन आदि तो एलोवेरा के रस में थोड़ा निम्बू का रस व थोड़ी काली मिर्च मिलाकर ले, इससे आराम मिलेगा। 
  9. खांसी (Cough): खांसी, कफ या या गले में दर्द हो तो एलोवेरा का टुकड़ा लेकर उसे गर्म करके उसका गूदा निकाले व इसमें काली मिर्च और काला नमक मिलाकर चूसें काला नमक मिलाकर चूसें। 
  10. सौंदर्य प्रसाधन (Beauty products): एलोवेरा के बारे में हम देखेंगे, तो एलोवेरा के अर्क का प्रयोग बड़े मात्रा में सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है। एलोवेरा का प्रयोग बॉडी लोशन, हेयर व स्किन जैल, शैंपू, साबुन, ब्यूटी क्रीम, हेयर स्पा इत्यादि के निर्माण में भी किया जाता है।
  11. त्वचा का ख्याल (Skin care): एलोवेरा त्वचा का पोषण कर उसे मॉइस्चराइज रखता है। जिनको चेहरे पर झाइयां है, फुंसियां है या सनबर्न की शिकायत रहती है उन्होंने हर रोज रात में सोने से पहले एलोवेरा का गूदा निकालकर चेहरे पर लगाएं या नहाने से पहले पूरे शरीर पर लगाएं, इससे त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होगी, मृत कोशिकाएं दूर होकर त्वचा में नई कोशिकाओं का निर्माण होगा, झुर्रियां कम होगी और बिना किसी महंगे सौंदर्य प्रसाधन के बिना  आप चेहरे की कांति बढ़ा सकते है। 
  12. मुहांसे (Pimples): योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार अगर आपको मुहांसे हो या नया आनेवाला हो तो उस जगह एलोवेरा जेल लगाए, 3 से 7 दिन में मुहांसा मिट जाएगा व निशान भी नही होगा। एलोवेरा को शहद के साथ मिलाकर लगाने से भी मुहाँसों व दागधब्बों से छुटकारा मिलता है। 
  13. कालापन करे दूर (Fairness): एलोवेरा के रस में नारियल तेल, निम्बू की कुछ बूंदे, थोड़ी शक्कर मिलाकर कोहनियो पर रगड़े, कालापन दूर होगा। 
  14. बालों को रखे स्वस्थ व चमकीले (Hair problems): एक अध्ययन में यह साबित हुआ है कि हर रोज प्रातः काल 10 ग्राम से 50 ग्राम तक एलोवेरा का सेवन करने से आपके बालों की सभी समस्याओं में लाभ मिलेगा। भृंगराज का पाउडर, मुलतानी मिट्टी, दही और एलोवेरा का गुदा इन सबको मिलाकर पेस्ट बना ले। इसे कुछ दिनों तक बालों में लेप करके कुछ देर बाद धो ले। इससे बालों का टूटना बन्द होगा। बाल घने, काले, स्वस्थ उगना शुरू होंगे। आप हफ़्ते में 1 से 2 बार रात में या शैम्पू के पहले कुछ देर एलोवेरा जेल भी बालों में लगा सकते है। इससे आपके बाल घने, मुलायम होंगे। रूसी दूर होगी। झड़ना बंद होगा। बालों में मेहंदी लगाते वक्त मेहंदी में एलोवेरा जेल मिलाकर लगाएं, इससे बालों में चमक आएगी।
  15. घाव को भरे जल्द (Wound healing): एलोवेरा के पत्ते को उबालकर उसकी मज्जा को निकाल कर गरम-गरम ही जख्म पर बांधने से जख्म जल्दी भरती है। एलोवेरा के रस को हल्दी के साथ लेप करने से स्तनशोथ (breast abscess), नेत्रशोथ, त्वचविकार, अर्श (Piles) और जख्म में फायदा होता है।
  16. सन्धिवात (Arthritis): आचार्य बालकृष्ण के अनुसार अगर आप संधिवात के मरीज है तो इसके गूदे का घुटनों पर धीरे-धीरे मालिश करने से आपको इस समस्या से निजात मिलेगी। अगर ज्यादा गंभीर दर्द होता है तो इसके गूदे में सरसों का तेल मिलाकर प्रभावित जगहों पर धीरे-धीरे मालिश करें, लाभ होगा। घुटनों में ज्यादा दर्द हो तो, एलोवेरा के गूदे को निकाल कर गर्म करें, व गरम गरम रुई पर रख कर प्रभावित अंग पर बांधे। इस प्रयोग से भी संधिवात के दर्द में धीरे-धीरे लाभ होगा। 
  17. जले का है मरहम (Burn): खाना बनाते समय आग, घी या तेल से कहीं जल जाए,  तो एलोवेरा के गूदे से बेहतर, सरल और सुंदर कोई इलाज नहीं है। इसे तुरंत उस जगह पर लगाये या रगड़ ले। इसके प्रयोग से जलन से तुरंत राहत मिलेगी, फफोला भी नहीं बनेगा व निशान भी नहीं रहेगा। 
  18. सख्त त्वचा (Hard skin): कई बार कोई अंग पुराना या गम्भीर रूप से जला हुआ हो या वहां की त्वचा सख्त हो गई हो और साथ में जलन खुजली व पीड़ा हो रही हो रही हो तो घृतकुमारी के गूदे को शहद के साथ उस जगह पर लगाकर हल्के हाथ से मालिश कर दो-तीन घंटे के लिए छोड़ दीजिए। धीरे-धीरे कुछ ही दिनों में वह स्थान नरम हो जाएगा वह वह खुजली, जलन व पीड़ा दूर हो जाएगी, साथ ही निशान भी कम होगा। 
  19. सिरदर्द भी भगाएं (Headache): अगर आपको किसी भी प्रकार का सिर दर्द हो जैसे माइग्रेन का या कोई अन्य तो आप इसका लेप (गुदा) सीधा सिर पर मसले या लगा ले, इससे आपको काफी राहत मिलेगी। 
  20. मच्छर भगाये (Mosquito repellent): यह मच्छर से भी त्वचा को सुरक्षित रखता है क्योंकि इसमें प्राकृतिक तौर पर मोस्क्यूटो रिपेलेंट गुण मौजूद होते हैं। 
  21. फ़टी एड़ियों (Cracked heels): फटी एड़ियों पर एलोवेरा जेल मसलने से राहत मिलती है। 

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एलोवेरा के दुष्परिणाम (Aloe vera side effects in Hindi)

वैसे तो एलोवेरा का सेवन सुरक्षित होता है, पर इसके कई बार दुष्परिणाम भी हो सकते हैं जैसे कि, 

  1. एलोवेरा के रस में Enthraquinon नामक घटक होता है,  जो रेचक होता है, जिस वजह से ज्यादा सेवन से या व्यक्ति की प्रकृति को वो नही suit कर रहा हो तो कई बार loose motions भी हो सकता है। 
  2. कभी किसी को एलोवेरा का रस पीने से एलर्जी भी हो सकती है, जैसे शरीर पर दाने (पित्त), खुजली, सूजी हुई त्वचा, त्वचा मे लाली, सीने में दर्द, साँस लेने में कठिनाई आदि। 
  3. एलोवेरा में गर्भाशय संकुचन गुण होता है जिस वजह से गर्भवती महिलाएं एलोवेरा का सेवन ना करें, अन्यथा गर्भपात होने का खतरा रहता है। 

उपरोक्त दुष्परिणामों से बचने के लिए एलोवेरा का सेवन योग्य मात्रा में योग्य अवधी तक आयुर्वेदिक डॉक्टर के सलाह से ही करे व कोई भी दुष्परिणाम दिखे तो तुरंत डॉक्टर की सहायता ले। 

तो यह है एलोवेरा के सम्बंध में जानकारी। इसके फायदों को देखते हुए इसे ‘ संजीवनी ‘ कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज ना सिर्फ रोगों के शमन के लिए बल्कि सौंदर्य बढ़ाने के लिए भी एलोवेरा का आश्रय लिया जा रहा है। बहुत सुगमता से हम एलोवेरा का प्रयोग कर शारीरिक स्वास्थ्य व सौंदर्य पा सकते है।

अगर आपको एलोवेरा के फायदे, नुकसान और 21 घरेलू नुस्खे की जानकारी उपयोगी लगती है तो आपसे निवेदन है की इसे शेयर जरूर करे। 

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