शतावरी को शत याने 100 रोगों को हरनेवाली कहा जाए तो अतिश्योक्ति नही होगी। अंग्रेजी में शतावरी को Indian Asparagus व लैटिन में Asparagus Racemosus कहा जाता है। शतावरी का उपयोग वजन बढ़ाने, दूध बढ़ाने, sperm count बढ़ाने, बुढ़ापा दूर करने के साथ-साथ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और माइग्रेन जैसे कई रोगों में किया जाता हैं।
शतावरी के औषधीय उपयोग, नुकसान और घरेलू नुस्खों की जानकारी नीचे दी गयी हैं :
शतावरी के 21 फायदे, नुकसान और घरेलू नुस्खे
Shatavari benefits, side effects and Home remedies in Hindi.
शतावरी का औषधि परिचय – Shatavari in Hindi
शतावरी के गुणों का वर्णन करने के लिए आयुर्वेदिक ग्रन्थ में यह श्लोक दिया गया हैं :
- आकार : यह आरोहणशील, कंटकित, झाड़ीदार लता होती है। इसके फूल श्वेतवर्ण के व फल मटर के समान पकने पर लाल रंग के होते हैं तथा शतावरी का मुख्य गुणकारी अंग जो कि मूल (जड़) है, सेकड़ों की संख्या में गुच्छ में रहते है। इसके पत्ते हरे रंग के धागे जैसे सोया की सब्जी की तरह खूबसूरत होते है।
- उत्पत्ति स्थान : भारत में उष्ण एवं समशीतोष्ण प्रदेशों में सर्वत्र उपलब्ध है। हिमालय में 1500 मीटर की ऊंचाई तक सर्वत्र उपलब्ध होती है। भारत में मिलने वाली शतावरी का सिर्फ दवाई में उपयोग होता है, लेकिन विदेशों में मिलने वाली शतावरी स्वाद में मीठी होने के कारण इसका आहार में भी उपयोग किया जाता है।
- शतावरी के आयुर्वेदिक गुण : शतावरी यह मधुर, तिक्त रसात्मक, गुरु, स्निग्ध, शीत, वातपित्तशामक, सर्व धातुवर्धक विशेषतः रस, मांस, शुक्र धातुवर्धक इन गुणों से युक्त होती है। इसके अलावा शतावरी के रसायन (tonic), बल्य, ओजवर्धक, स्तन्यजनन (Galactogogue), वयः स्थापन (चिरयौवन को बरकरार रखनेवाली), वृष्य (शुक्रदौर्बल्यनाशक), मेध्य (brain tonic), नेत्र्य (आंखों के लिए हितकर), अग्निवर्द्धक, आदि कर्म होते है तथा क्षय, रक्तपित्त, अर्श, अतिसार, ग्रहणी, गुल्म आदि बीमारियों का नाश करने वाली होती है। आयुर्वेद के अनुसार शतावरी पुराने से पुराने रोगी के शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता देती है।
- शतावरी के आधुनिक विज्ञान अनुसार गुण : आधुनिक विज्ञान में शतावरी के Galactogauge, anti-oxytocin, immuno modulatory यह गुणकर्म बताए है। शतावरी में विटामिन A, C, E, K और B6 के अलावा आयरन, जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन व फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है।
- शतावरी का प्रयोज्य अंग : उपचार के लिए शतावरी का ‘मूल’ प्रयोग किया जाता है। शतावरी यह एक ऐसा औषधीय पौधा है जिस की जड़ों को अमृत की उपमा दी जाती है। शतावरी के जड़ों के ऊपर का पतला छिलका निकाल कर सुखाकर पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- शतावरी की प्रयोग मात्रा : शतावरी का 1 – 3 gm की मात्रा में चिकित्सक के परामर्श व निगरानी में प्रयोग करे।
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शतावरी के विशिष्ट कल्प ( दवाइयां ) – Shatavari medicine in Hindi
शतावरी के 21 उपयोग और फायदे – Shatavari uses in Hindi
1. कमजोरी भगाएं शतावरी – Shatavari for Weakness
कोई भी बीमारी जिसकी वजह दुर्बलता हो, धातु क्षीणता हो,उसमें शतावरी का प्रयोग किया जाता है। इसीके साथ बच्चे, बूढ़े व महिलाएं इनमें कमजोरी बहोत जल्दी आती है। अतः हर बच्चे व हर महिला को तथा ऐसा व्यक्ति जिसे कोई भी दवाई से शक्ति प्राप्त नही हो रही हो, शतावरी का सेवन जरूर कराए। शतावरी के पाउडर मे थोड़ी मिश्री मिला ले व उसे सुबह शाम 1 -1 चम्मच पानी या दूध के साथ लेने से कमजोरी दूर होगी।
2. शतावरी करे वातव्याधि को दूर – Shatavari for Vaat roga
3. हृदय के लिए हितकर होती है शतावरी – Shatavari for healthy heart
आयुर्वेद में शतावरी को हृद्य अर्थात हृदय के लिए हितकर कहा गया है। यह बुरे Cholesterol LDL को कम करती हैं। कई हृदय की बीमारियों में शतावरी सिद्ध घी का प्रयोग किया जाता है, जिससे हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है।
4. मधुमेह को रखे नियंत्रित – Shatavari uses in Diabetes
शतावरी रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियमित करती है व मधुमेह को नियंत्रण में रखती है। शतावरी के जड़ों का चूर्ण बिना शक्कर के दूध के साथ लिया जाए तो यह मधुमेह के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।
5. नेत्रों के लिए हितकारी है शतावरी – Shatavari uses for Eyes
शतावरी नेत्रों के लिए हितकर है। प्रसिद्ध स्वदेशी प्रचारक राजीवजी दीक्षित जी ने तो यहा तक कहा है कि सबको शतावरी खिलाओ, सबके चश्मे उतर जाएंगे, सबके आँखों के नम्बर कम हो जाएंगे। इसके सेवन से विटामिन ए की कमी पूरी होती है। शतावरी का चूर्ण , शहद व घृत की विषम मात्रा में लेने से पित्तज नेत्ररोग में उपयोगी है। रतौंधी (Nightblindness) की जिनको समस्या है, वे शतावरी के कोमल पत्तियों को साग की तरह सेवन करे। इससे आंखों की क्षमता बढ़ती है व रतौंधी में फायदा मिलता है।
6. शतावरी करे बुखार दूर – Shatavari uses in Fever
शतावरी वातशामक होने से विशेषतः पुराने बुखार में लाभ करती है। इन्फेक्शन दूर करने, शरीर मे शीतलता लाने व शरीर बल बढ़ाने के लिए शतावरी का काढ़ा व घी उपयोगी है।
7. शतावरी देती है दस्त मे राहत – Shatavari for Loose motions
अपने गुणों से शतावरी दस्त में राहत देती है। शतावरी सिद्ध दूध या शतावरी घृत पीने से दस्त में आराम मिलता है। साथ ही जिसे दस्त में खून आता हो या जिसे खूनी बवासीर (bleeding piles) की शिकायत हो, वे ताजे शतावरी को पीसकर मिश्री के साथ कुछ दिनों तक सेवन करें, इससे लाभ होगा।
8. पेशाब में जलन में लाभकारी शतावरी – Shatavari in Urine infection
पेशाब में दर्द या जलन हो, बार बार जाना पड़ता हो या गुर्दे की पथरी हो, वैद्य की सहायता से शतावरी के जड़ का पाउडर व गोखरू के बीज का पाउडर मिलाकर 1.5 से 2 चम्मच पाउडर को 2 ग्लास पानी मे उबालकर आधा ग्लास बच जाए तब सुबह शाम ले या शतावरी के काढ़े को शहद व शक्कर के साथ देने से या शतावरी सिद्ध दूध या घी का प्रयोग करने से फायदा मिलेगा।
9. महिलाओं के लिए खास उपयोगी होती है शतावरी – Shatavari uses in Ladies problem
- शतावरी को गर्भधारण, बाँझपन दूर करने के लिए, गर्भाशय पोषण के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- महिलाओं में होने वाले हार्मोन्स के असंतुलन को शतावरी दूर करती है। मासिक धर्म से जुड़ी परेशानियां जैसे मासिक धर्म का अनियमित होना, मासिक धर्म मे ज्यादा खून जाना आदि से शतावरी निजात दिलाती है। शतावरी मेनोपॉज़ के लक्ष्णों को कम करने में भी मदत करती है।
- गर्भ का पोषण शतावरी से बेहतर होता है, इसीलिए गर्भवती महिलायें शतावरी का सेवन अवश्य करे। प्रतिदिन दूध में शतावरी कल्प लेनेसे गर्भ का पोषण अच्छा होता है। बच्चे के मस्तिष्क का विकास होने में मदत मिलती है। आंखे स्वस्थ रहती है। गर्भपात या समयपूर्व प्रसूति को भी शतावरी के सेवन से रोका जा सकता है।
10. स्तन्यवृद्धि के लिए वरदान है शतावरी – Shatavari uses to increase breast milk
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11. स्तन का विकास करती है शतावरी – Shatavari uses to increase breast size
जिन महिलाओं में स्तन का विकास (breast development) सही नही होता है, वे कई बार नकारात्मकता की शिकार होती है। ऐसी महिलाओं के लिए शतावरी काफी लाभदायक होती है। हर रोज भस्त्रिका जैसे प्राणायाम व शतावर चूर्ण का सेवन करने से कुछ समय पश्चात उन्हें स्तनों का मनचाहा आकार मिलता है।
12. शेवतप्रदर को दूर करे शतावरी – Shatavari uses in White discharge
महिलाओं में किसी भी वजह से श्वेतप्रदर हो तो शतावरी की मदद से उसे दूर किया जा सकता है। शतावरी का चूर्ण या उसके पत्तियों का रस रोजाना रात को दूध के साथ लेने से सफेद पानी की शिकायत कम होती हैं।
13. पुरूषों में बढ़ाये शुक्र धातु – Shatavari uses to increase sperm count
महिलाओं के साथ साथ पुरुषों के लिए भी शतावरी काफी उपयोगि औषधि है। शुक्रवर्धक होने के कारण शतावरी कल्प का सेवन या शतावरी के जड़ का पाउडर बनाकर अश्वगन्धा व मूसली के साथ सुबह शाम दूध के साथ सेवन करने से जिन पुरुषों में शुक्र धातु की अल्पता है (low sperm count), कमजोरी हैं, उनमें शतावरी के सेवन से अच्छे परिणाम मिलते है। स्वप्नदोष / Night fall की शिकायत हो तो 2.5 gm शतावरी चूर्ण 2.5 gm मिश्री में मिलाकर सुबह अथवा शाम ले। स्वप्नदोष में लाभ होगा।
14. बॉडी बनाने का बेहतर विकल्प है शतावरी – Shatavari uses for body building
आजकल कई युवा लड़के मसल्स बनाने के चक्कर में महंगे प्रोटीन पाउडर खरीद के खाते हैं। वे प्रतिदिन अश्वगंधा, शतावरी व मूसली का सेवन मूसली का सेवन वैद्य के सहायता से करें तो नेचुरल तरीके से व बिना किसी नुकसान के उनकी मसल्स बढ़ने में मदत होगी साथ में आवश्यक व्यायाम व योग जरुर करें।
15. शतावरी का रसायन गुण – Shatavari as Tonic
अपने गुणों से सब धातुओं का पोषण करनेवाली शतावरी के सेवन से व्यक्ति के बल, वीर्य व व्याधिक्षमता में वृद्धि होती है। यह एक बेहतरीन टॉनिक औषधि हैं।
16. शतावरी अम्लपित और जलन में दे राहत Shatavari uses in Acidity
अपने मधुर, शीत गुणों के कारण शतावरी सिद्ध घी का सेवन करने से शरीर की गर्मी कम होकर एसिडीटी, सीने में जलन, चक्कर आना आदि में राहत मिलती है।
शतावरी के सेवन से मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता, निराशा कम होती है।
18. सिरदर्द में दे आराम – Shatavari uses in Migraine
माइग्रेन जैसे सिर दर्द दर्द के लिए शतावरी एक कारगर औषधि है। शतावरी को कूटकर उसका रस निकालिए व उसको बराबर मात्रा में तिल के तेल में मिक्स कीजिए। इस तेल से अपने सिर पर मालिश करने से आपको सिर दर्द में राहत मिलेगी।
19. त्वचा में लाये खूबसूरती Shatavari uses for fairness
शतावरी घृत को चेहरे पर मलने से चेहरे में निखार आता है और मुँहासे के निशान कम होते है। शतावरी चूर्ण के नियमित सेवन करने से उम्र के लक्षण कम होकर आप लंबे समय तक जवां दिख सकते हैं।
20. स्वरभंग में लाये सुधार – Shatavari uses in hoarseness of voice
जिसे स्वरभंग की शिकायत है या जिसका आवाज बार-बार बैठ जाता है, वे शतावरी के जड़ व बला के बीज का पाउडर मिलाकर शहद के साथ सेवन करें। इस से स्वरभंग में लाभ होगा। व आवाज ठिक हो जाएगी।
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21. पुरानी खासी हो जाये दूर – Shatavari uses in Cough
जिसको पुरानी व लगातार खांसी है उनके लिए शतावरी एक उत्तम औषधि है। शतावरी व पिपली का चूर्ण मिलाकर काढ़ा बनाकर पिएं। इससे सामान्य व सूखी खांसी में लाभ होगा।
शतावरी के घरेलू नुस्खे – Shatavari Home remedies in Hindi
- रक्तस्त्राव / Bleeding : शतावरी व गोक्षुर को दूध में उबालकर पिलाने से मूत्रमार्ग से होनेवाला रक्तस्त्राव बन्द होकर दर्द से मुक्ति मिलती है।
- पेशाब में समस्या / Dysuria : पेशाब करते समय दर्द हो तो शतावरी चूर्ण को शीतल जल के साथ पीना चाहिए।
- मिरगी / Epilepsy : अपस्मार ( मिर्गी / फिट आना ) में दूध के साथ शतावरी का सेवन करना चाहिए।
- रसायन / Tonic : शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए रसायणार्थ अर्थात शरीर का बल व प्रतिकरक्षमता बढ़ाने हर रोज शतावरी सिद्ध घी में मिश्री मिलाकर पीना चाहिए।
- महावारी में अधिक खून जाना / Menorrhagia : महावारी के दौरान अधिक खून जाता हो तो एक चम्मच शहद 30 ml शतावरी के रस में मिलाकर पीने से यह समस्या कम होती होती है।
- जी मचलाना / Nausea : बार बार जी मचलता हो तो आप करीब 25 gm शतावरी चूर्ण को 100 gm शहद में मिलाकर रखिये। इसे 1 चमच्च की मात्रा में दिन में 3 बार लेने से जी मचलना बन्द होगा।
- पीलिया / Jaundice : पीलिया होने पर 50 ml कंद के रस को 5 gm शहद के साथ दिन में 2 बार लीजिये।
- अनिद्रा / Insomnia : अनिद्रा की शिकायत हो तो 1 चम्मच शतावरी के जड़ के पाउडर को दूध में मिलाकर, उस दूध को इतना पकाए कि वह खीर की तरह बन जाए , फिर उसमें घी मिलाकर सोने के पहले ले इससे अच्छी, गाढ़ी नींद आएगी।
- कमजोरी Weakness : कमजोरी लगने पर अपने आहार में शतावरी का साग शामिल करें। यह पौष्टिक साग है।
- हाथ पैर में जलन / Burning in hands and feet : जिन्हें हाथ पैरों में जलन या दर्द होता है उनके लिए शतावरी बहुत लाभकारी होती है। इसके लिए शतावरी के चूर्ण में मिश्री मिलाकर सुबह शाम दूध या पानी के साथ सेवन करें, आराम मिलेगा।
- जुखाम / Cold : जुकाम होने पर शतावरी का चूर्ण १० ग्राम, पीसी हुए काली मिर्च के साथ खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
- बुढ़ापा / Aging : कई युवा ऐसे हैं जो कम आयु में उनके चेहरे पर बुढ़ापे के निशान आ गए हैं, व उन्हें कमजोरी लग रही है ऐसे में अगर वे शतावर की जड़ का चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा मे सुबह शाम दूध के साथ लें तो उनके लिए सर्वोत्तम औषधि होगी, उनकी की कमजोरी दूर होगी वअपने आप को वे युवा महसूस करेंगे।
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शतावरी के नुकसान Shatavari side effects in Hindi
शतावरी के फायदे बहोत होते है व नुकसान बहोत कम। फिर भी शतावरी के सेवन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
- गर्भवती महिलाएं, हृदय रोगी, किडनी के मरीज अगर शतावरी को इस्तेमाल करे तो डॉक्टर की निगरानी में करे।
- यह मूत्रवर्धक ( diuretic ) होता है इसलिए, मूत्रवर्धक दवाइयों के साथ इसका सेवन ना करें।
- कई लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है, अतः अगर कोई अलग लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
खास टिप – शतावरी को सेवन करते वक्त शक्कर के बदले मिश्री, खांड, बुरा, शहद या गुड़ के साथ ले तो वह ज्यादा गुणकारी होती है।
तो दोस्तों, देखा आपने शतावरी यह एक ऐसी बहुउपयोगी, दिव्य आयुर्वेदिक औषधि है जो ना सिर्फ बीमारी ठीक करती है बल्कि बीमारियों से शरीर की रक्षा भी करती है साथ ही शरीर को स्वस्थ, दुरुस्त, तंदुरुस्त रखती है। ऐसी यह शतावरी अमृत के समान शरीर को फायदा पहुचाने वाली होती है। अतः इसका लाभ जरूर ले।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।