Cardiopulmonary Resuscitation (CPR) कैसे करते है ?

Cardiopulmonary Resuscitation CPR first aid in Hindi

Cardiopulmonary Resuscitation CPR first aid in Hindi

संजीवनी क्रिया जिसे Cardiopulmonary Resuscitation या CPR भी कहते है, प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) के उस विधि का नाम है जिसमे किसी बेहोश या मूर्छित व्यक्ति के दिल (Heart) और फेफड़ो (Lungs) को पुन: होश में लाया जाता है। CPR करने से आप किसी कि जान बचा सकते है।

आपने कभी फिल्मों में या हॉस्पिटल में देखा होगा की अचानक किसी बेहोश पड़े व्यक्ति को किस तरह कोई व्यक्ति सीना (Chest)  दबाकर और मुँह से श्वास देकर फिर से होश में लाता है और उसकी जान बचाता हैं। किसी बेहोश पड़े सीरियस व्यक्ति की जान बचानेवाली इस क्रिया को CPR या संजीवनी क्रिया कहते हैं। हर किसी को इस जीवन बचानेवाली प्रक्रिया की जानकारी होना आवश्यक हैं।

Cardiopulmonary Resuscitation या CPR कैसे किया जाता हैं इस संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी है :

Cardiopulmonary Resuscitation या CPR क्या है ? (CPR in Hindi)

Cardiopulmonary Resuscitation या CPR जिसे हिंदी में संजीवन क्रिया भी कहते हैं, एक ऐसी क्रिया है जो उस समय प्रयोग में लाई जाती है जब कोई दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति बेहोश होता है, सांस नहीं ले पा रहा होता है और उसके शरीर में खून का संचार भी नहीं हो रहा होता है। CPR का उद्देश्य डॉक्टरी सहायता मिलने तक पीड़ित दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को जीवित रखना होता है।

CPR में दो कार्य किये जाते है :

१) मुंह द्वारा सांस भरना : Mouth to Mouth Respiration
२) छाती को दबाना : Chest Compression

CPR हमारे शरीर में श्वसन (breathing) क्रिया और रक्ताभिसरण (blood circulation) क्रिया यह 2 क्रियाओं को जारी रखता हैं। इन दोनों क्रिया में से एक भी क्रिया अगर 4 मिनिटो के ऊपर बंद पड़ेंगी तो सबसे महत्वपूर्ण अवयव मस्तिष्क (Brain) को Oxygen की आपूर्ति नहीं हो पायेगी और 4 मिनिट बाद मस्तिष्क के पेशी मृत होना चालू हो होते हैं। 10 मिंटो में मस्तिष्क के सारे पेशी मृत हो जाते हैं। ऐसे मरीजों में CPR तुरंत देकर हम डॉकटर के आने तक कम से कम जिन्दा रखने में कामयाब हो सकते हैं। CPR क्रिया की जरूरत दिल का दौरा पड़ने, गला घुटने, पानी में डूबने, बिजली का झटका लगने, धुएं से दम घुटने या जहरीली गैसों को सूंघ लेने जैसी स्थितियों में पड़ती है।

Cardiopulmonary Resuscitation या CPR कैसे करते है ? (How to do CPR in Hindi)

Cardiopulmonary Resuscitation या CPR करने कि प्रक्रिया निचे दी गयी है।

१) निरिक्षण 

  • CPR क्रिया को शुरु करने से पहले घटनास्थल का जायजा ले और यह निश्चित कर लें कि पीड़ित और उसके पास खड़े लोग खतरे में तो नहीं है। इसके बाद ही आगे की कार्यवाही करें।
  • सहायता के लिए किसी व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर, रुग्णवाहिका (Ambulance) या 108 पर फोन करने को कहे या अस्प्ताल पास होने पर तुरंत पीड़ित को अस्प्ताल ले जाने कि व्यवस्था करे।
  • अगर पीड़ित बेहोश होने लगे तो उससे कुछ प्रश्न पूछें जैसे- तुम्हारा नाम क्या है, अपनी आंखें खोलों आदि।
    इसके बाद पीड़ित की पीठ थपथपाएं। इससे वह होश में आ सकता है।

२) परिक्षण 

  • अगर पीड़ित व्यक्ति होश में न आए तो उसे जमीन पर सीधा लिटा।
  • यदि वह कोई प्रतिक्रिया न करें तो उसकी सांस की जांच करके देखें कि उसकी सांस चल रही है या नहीं। पीड़ित के नाक के पास जाकर देखे कि उसकी सांस चल रही है कि नहीं ?
  • श्वसन नली बेहोशी की अवस्था में सिकुड़ सकती है या फिर जीभ उलट जाने के कारण बिल्कुल बंद हो सकती है। ऐसी स्थिति में  पहले पीड़ित व्यक्ति को को पीठ के बल फर्श या पलंग आदि पर लिटा दें। फिर अपने घुटनों के बल पीड़ित की ओर मुँह करके बैठ जाएं। अपने एक हाथ को पीड़ित के माथे पर रखते हुए उसको पीछे की ओर करें। अगर उसके मुँह में कोई चीज फंसी हो जैसे- बाहरी वस्तु, नकली दांत, उल्टी आदि तो उसे मुंह में अंगुली डालकर बाहर निकाल दें। फिर अपने दूसरे हाथ की अंगुलियों को पीड़ित व्यक्ति की ठोड़ी (Mandible) के नीचे रखकर ऊपर की ओर उठाएं।
  • अगर पीड़ित व्यक्ति की नाक में चोट लगने की आशंका हो तो उसके जबड़े को पूरी जान लगाकर खोलें। अपने हाथों को उसके चेहरे के दोनों तरफ रखें। अपने हाथों की अंगुलियों से उसकी श्वसन नली खोलने के लिए उसके जबड़े को उठाएं लेकिन उसके सिर या गर्दन को ना घुमाएं।
  • श्वसन नली को खुला रखते हुए अपने कान को पीड़ित व्यक्ति की नाक और मुंह के पास रखकर दस सेकेंड तक सुनकर और महसूस करते हुए अपनी आंखों को रोगी के सीने पर टिका लें। अगर सीना ऊपर और नीचे हो रहा हो तो समझिये की पीड़ित व्यक्ति की श्वास चल रही है। सांसों की आवाज को सुनें। अपने कान पर गर्म सांसों को महसूस करें।
  • यदि पीड़ित व्यक्ति सांस ले रहा हो तो उसे अधोमुखी अवस्था में लिटा दें। यदि पीड़ित व्यक्ति सामान्य रूप से सांस न ले रहा हो तो अपने साथी को एंबुलेंस या डॉक्टर को बुलाने के लिए कहें। जब तक डॉक्टर या एंबुलेंस का बंदोबस्त नहीं हो जाता तब तक पीड़ित व्यक्ति को कृत्रिम सांस देते रहें।
  • साथ ही पीड़ित कि नब्ज (Pulse) कि जांच करे। पीड़ित के छाती (Chest) पर कान लगाकर सुने कि पीड़ित का दिल धड़क (Heart Beat) रहा है कि नहीं ?
  • अगर पीड़ित कि सांस नहीं चल रही है या दिल नहीं धड़क रहा है तो उसे तुरंत Cardiopulmonary Resuscitation या CPR देना चाहिए।
३) Cardiopulmonary Resuscitation या CPR


Cardiopulmonary Resuscitation या CPR विधि कि मुख्य 3 प्रक्रिया है जिसे ABC कहा जाता है।

  • A = Airway Step :  श्वसननली को खुला करना। इसका जिक्र हमने ऊपर किया है।
  • B = Breathing Step : पीड़ित कि सांस न चलने पर पीड़ित को तुरंत Mouth to Mouth Respiration यानि मुंह से कृत्रिम सांस देना। पीड़ित को मुंह से कृत्रिम सांस देने के लिए, पीड़ित का नाक (Nostrils) अपने बाए हाथ से बंद कर मुंह द्वारा उसे दो बार कृत्रिम सांस देना चाहिए।
  • C = Circulatory Step : इसे Chest Compression भी कहा जाता है क्योंकि इस प्रक्रिया में पीड़ित के ह्रदय को क्रियाशील कर शरीर में रक्तसंचार करने हेतु पीड़ित कि छाती को दबाया जाता है।  Chest Compression कि प्रक्रिया निचे विस्तार में दी गयी है।
  1. सर्वप्रथम पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दे और पीड़ित के एक ओर घुटनों के बल बैठ जाए।
  2. अपना एक हाथ का पंजा पीड़ित के छाती के बिच कि हड्डी / Sternum Bone जहा पर छाती कि हड्डिया मिलाती है के मध्य में रखे। यह स्थान छाती के मध्य में दोनों Nipple के बिच में होना चाहिए।
  3. इसके बाद दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखते हुए उंगलियो को बांध ले। अपनी बाजुओ (Arms) और कोहनियो (Elbow) को सीधा रखे।
  4. उसके बाद पीड़ित के सीने के हड्डियों को सीधा 1.5 से 2 inch या 4 से 5 cm तक नीचे दबाव दे। सीने पर दबाव देने कि यह प्रक्रिया प्रति मिनिट 100 बार कि गति से होनी चाहिए।
  5. दबाव देने और छोड़ने कि कि क्रिया एक बार में 30 बार करे। दबाव देने और छोड़ने का समय बराबर होना चाहिए।
  6. पीड़ित को Cardiopulmonary Resuscitation या CPR देते समय 2 बार कृत्रिम सांस / Mouth to Mouth Respiration दे और 30 बार छाती पर दबाव / Chest Compression देना चाहिए। छाती पर दबाव और कृत्रिम सांस देने का अनुपात 30:2 रखे।
  7. जब तक आपातकालीन सहायता प्राप्त न हो या पीड़ित सामान्य सांस लेना शुरू न कर दे तब तक CPR देना शुरू रखे।
  8. 1 से 8 साल तक के बच्चे को CPR – 1 से 8 साल तक के बच्चे को CPR देते समय छाती पर दबाव डालने के लिए एक हाथ के हथेली का ही प्रयोग करे और छाती के 1/3 भाग को एक बार दबाए। छाती पर दबाव और कृत्रिम सांस देने का अनुपात 30:2 रखे।
  9. 1 साल से कम बच्चो और नवजात के लिए CPR – 1 साल से कम बच्चो और नवजात के लिए CPR देते समय छाती पर दबाव डालने के लिए 2 उंगलियो का प्रयोग करे  और छाती के 1/3 भाग को एक बार दबाए। छाती पर दबाव और कृत्रिम सांस देने का अनुपात 30:2 रखे।  कृत्रिम श्वास देने के लिए श्वास देते समय बच्चे के मुंह और नाक को अपने मुंह से ढक लेना चाहिए।
Cardiopulmonary Resuscitation या CPR से आप किसी पीड़ित व्यक्ति कि जान बचा सकते है। अगर आपको यह लेख पसंद आया है तो कृपया अन्य लोगो के साथ इसे share करे, हो सकता है यह लेख किसी कि जिंदगी बचाने के काम आ जाए।
अगर आपको CPR in Hindi लेख उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर Whatsapp Facebook या Tweeter पर share करे !

Read more