Cord Blood के नाम के बारे में आपने अक्सर सुना होगा और अगर आप अभी माँ या बाप बनने वाले है या Pregnancy plan करने की सोच रहे है तो अवश्य इसके बारे में विस्तार में जानना चाहेंगे। चिकित्सा क्षेत्र में पिछले दशक से जबरदस्त क्रांति हो रही है और कैंसर, रक्त रोग और डायबिटीज जैसे रोग से लड़ने के लिए करोडो रूपए खर्च कर उपचार ढूढने का प्रयास किया जा रहा हैं। इसी प्रयास का एक हिस्सा है Cord Blood !
बच्चे के गर्भनाल से निकले Cord Blood और उसमे मौजूद Stem Cell का उपयोग कर कई गम्भीर रोगों का सफल उपचार पिछले दशक से किया जा रहा हैं। Cord Blood क्या है और उसे हम कैसे सुरक्षित रख सकते है इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
Cord Blood क्या होता हैं (What is Cord Blood in Hindi)
बच्चे के जन्म के पश्च्यात गर्भनाल (Umbilical Cord) और अपरा (Placenta) में जो रक्त शेष रह जाता है उसे गर्भनाल रक्त या Cord Blood कहा जाता हैं। अभी कुछ दशकों तक इस रक्त को किसी विशेष उपयोग का न समझकर फेंक दिया जाता था। अब अध्ययन से यह पता चला है की Cord Blood के अंदर बेहद महत्वपूर्ण कोशिकाए होती है जिन्हे Stem Cells कहा जाता हैं। इन Stem Cells का उपयोग आगे जाकर व्यक्ति को किसी विशेष रोग में उपचार या अंग प्रत्यारोपण / Transplantation में होता हैं।
Cord Blood का महत्त्व को ध्यान में रखकर अब कई सारे Cord Blood Bank खोली जा चुकी है जहाँ पर इस Cord Blood का संग्रह किया जाता हैं।
Cord Blood Stem Cells क्या होता है (What is Cord Blood Stem Cells in Hindi)
गर्भनाल और अपरा में Cord Blood Stem Cells काफी मात्रा में होती है। यह कोशिकाए अंडे से, बालक या वयस्क व्यक्ति के शरीर से निकले हुए कोशिकाओं से भिन्न होती हैं। यह Cord Blood Stem Cells को जरुरत पड़ने पर रक्त कोशिका, सफ़ेद कोशिका या भिन्न प्रकार की कोशिकाओं में आवश्यकतानुसार विकसित किया जा सकता हैं। Stem cell यह किसी पौधे के बिज के समान होते हैं। जिस तरह बिज आगे जाकर पेड़, पत्ते, फल, फूल, शाखाए आदि में विकसित होता है ठीक उसी तरह Stem cell में भी हमारे शरीर की सारी जानकारी होती है और जरुरत के अनुसार इससे जो चाहे वो निर्माण किया जा सकता हैं।
Cord Blood का संग्रह कैसे किया जाता हैं ? Cord Blood Bank in Hindi
Cord Blood को निकालते समय न तो माँ और नाही बच्चे को किसी प्रकार की कोई तकलीफ होती हैं। प्रसव / Delivery के बाद बच्चे की गर्भनाल को बाँधकर काट देने के बाद बची हुई गर्भनाल / Umbilical cord और Placenta से Cord Blood को निकालकर संग्रहीत किया जाता हैं। साधारण कमरे के तापमान में यह रक्त 1 से 2 दिन तक सामान्य रहता है इसलिए इतने समय में इसे Cord Blood Bank में ले जाया जाता है और विशेष निर्जन्तुक विभाग में इस पर प्रक्रिया कर संग्रहीत / Storage किया जाता हैं। यहाँ पर यह Cord Blood कई दशकों तक सुरक्षित रह सकता हैं।
Cord Blood का क्या महत्त्व हैं ? Cord Blood importance in Hindi
आज कई जगहों पर Stem cells प्रत्यारोपण में अस्थिमज्जा / Bone Marrow की जगह Cord Blood Stem Cells का उपयोग किया जा रहा हैं। यही नहीं कैंसर, अनुवांशिक रोग, रक्त रोग (सिकल सेल, थैलेसेमिया) और चयापचय रोग जैसे 80 गम्भीर विकारों में इसका सफल उपयोग हो रहा हैं। आज 70% Stem cells प्रत्यारोपण रोगियों को उनका Cord Blood पहले संग्रहीत न किये जाने के कारण मेल खाने वाले Stem cell की खोज में इधर-उधर भागना पड़ता हैं। अस्थिमज्जा / Bone Marrow दान करनेवाले लोगों की संख्या भी देश में बेहद कम हैं। यह कमी Cord Blood के संग्रहण करने से मीट सकती हैं। आपका Cord Blood Stem cell तो आपको उपयोग आएगा ही पर अगर किसी और को चाहिए तो आपके परिवार के अन्य सदस्य को थोड़ा मेल खाने पर भी इसे उपयोग में लाया जा सकता हैं।
Cord Blood के उपयोग पर आज कई संशोधन हो रहे और वह दिन दूर नहीं जब लकवा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दिमाग के रोग, ह्रदय रोग, अनुवांशिक रोग, बहरापन, अंधापन जैसे गम्भीर रोग भी Cord Blood Stem cell से आसानी से ठीक किये जा सकेंगे।
Cord Blood को कहा संग्रहीत करना चाहिए ?
आजकल भारत में कई सारे बड़े शहरों में Cord Blood Bank की सुविधा उपलब्ध हैं। इसके लिए आपको प्रसूति के पहले अपना नाम दर्ज करना होता हैं और वहां पर आपकी जांच की जाती हैं। अगर आप फिट है तो आपका नामांकन हो जाता हैं। प्रसव के बाद सुचना देने पर Cord Blood बैंक की टीम आकर Cord Blood को सुरक्षित रूप से निकालकर संग्रहीत करती हैं। अपने बच्चे का Cord Blood संग्रहीत करने के लिए आपको हर बर्ष कुछ रकम अदा करनी होती हैं। अपने शहर की Cord Blood Bank और इसमें होनेवाले खर्च की जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से ही संपर्क करे।
Cord Blood को संग्रहीत करने का चलन धीरे-धीरे भारत में बढ़ रहा है और इसके महत्त्व को देखते हुए अगर आप Cord Blood को storage करने में सक्षम है तो इसे अवश्य सुरक्षित रखना चाहिए।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
बहुत ही उपयोगी जानकारी
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