नीम (Neem), भारत मे पाये जाने वाला एक ऐसा पेड़ है जिसका हर भाग प्रयोग किया जाता है जैसे की पत्ती, तना, गोंद, निंबोनि, दातुन या फिर पतले महीन नाजुक फूल। इसीलिए इसे ‘सर्वरोगनिवारिणी ‘ याने सब रोगों की दवा इस नाम से भी जाना जाता है। नीम का उपयोग आयुर्वेद, यूनानी , नेचरोपैथी, होमियोपैथी आदि चिकित्सा पद्धति में किया जाता है। इसे Indian lilac भी कहा जाता है। संस्कृत में इसे अरिष्ट कहते है , जिसका मतलब होता है श्रेष्ठ और कभी न खराब होने वाला ।
नीम में एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीसेप्टिक, एन्टीपायरेटिक, एन्टीफंगल, एन्टीडाईबेटिक, एनाल्जेसिक, रक्तशुद्धिकर आदि गुण होते है। इतने सारे गुण और प्रॉपर्टीज से युक्त निम कई सारी बीमारियों में राहत देता है। इसका प्रयोग आभ्यन्तर और बाहर दोनों तरीकों से किया जाता है। स्वाद में कड़वी नीम के फायदे अनेक होते है।
आज इस लेख में हम आपको नीम के विभिन्न घरेलु उपयोग की जानकारी दे रहे हैं :
नीम के घरेलु औषधीय उपयोग (Health benefits and home remedies of Neem in Hindi)
तो चलिए, हम नीम के घरेलु उपयोगी की जानकारी नीम के जड़ से शुरुआत करते हैं।
- नीम की जड़ को घिस कर माथे पर लेप करने से मन शांत होता है। साथ ही जड़ का लेप सिरदर्द का भी शमन करता है।
- नीम के तने की छाल घिसकर लगाने से चेहरे की कांति बढ़ती है, साथ ही सभी प्रकार के दाग धब्बे चेहरे से दूर हो जाते हैं। ब्लैक हेड्स का शर्तिया इलाज है इनके तने की छाल।
- नीम की दांतोन की विशेषताएं तो सारी दुनिया जानती है। नीम की दातोंन दंत रोग, दुर्गंध, पायोरिया तथा मसूढ़ों की कमजोरी पर विशेष रुप से लाभकारी है। इसके प्रयोग से दांत मजबूत व चमकदार होते है।
- नीम की पत्तियां जल में उबाल ली जाए तो वह बेहतर एंटीसेप्टिक का कार्य करती है। चर्म रोगों की ख़ास औषधि है यह जल।
- नीम की नई पत्तियां खाने से रक्त शुद्ध होता है।
- नीम की पत्तियों को जलाकर बनाया गया चूर्ण पथरी यानी स्टोन गलाने में सहायक होता है।
- नीम की पत्तियों तथा मुल्तानी मिट्टी का लेप चेचक के दाग को दूर करता है, लेकिन इसका नियमित लंबे समय तक इस्तेमाल करना जरूरी होता है।
- नीम की सूखी पत्तियां अनाज के भंडार में रखने पर कीड़े नहीं लगते। नीम प्राकृतिक किटकनाशक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- नीम के फूल सूंघ लेने से नासिका के रोग दूर हो जाते हैं।
- अंजुरी भर फूलों को गुनगुने पानी में डाल लीजिए और लगभग 1 घंटे तक रहने दीजिए। इसमें नींबू रस या गुलाब जल की कुछ बूंदे डालकर स्नानोपरांत अपने शरीर पर डालिए। आपको आश्चर्यजनक स्फूर्ति मिलेगी और एक अच्छी महक से आप अपने आपको सराबोर पाएंगे।
- या नहाने से पहले पूरे शरीर पर नीम का लेप करें और सूखने पर बिना साबुन के केवल पानी से नहाएं , इससे भी आपके शरीर की अच्छी सफाई होगी। आप चाहे तो नीमयुक्त साबुन भी इस्तेमाल कर सकते है।
- नीम का फल यानी छोटी सी निंबोरी का चूर्ण बनाकर सुबह शाम शीतल जल व मिश्री के साथ खाएं। एक माह नियमित सेवन करने पर निश्चित रुप से बवासीर में लाभ मिलेगा।
नीम के घरेलु नुस्खे
अब जानते है नीम के कुछ खास घरेलु उपयोग
- बालों की समस्याओं का इलाज
- एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज होने के कारण नीम की निंबोरी को पीसकर सिर में लगाने से बालों में मौजूद डेंड्रफ और इन्फेक्शन दूर होता ही हैं साथ ही बालों की वृद्धि भी तेज होती है। सिर की खुजली एवम सूखापन दृर होता है।
- एक मुट्ठी नीम के पत्तों को चार ग्लास पानी में डालकर उबालें जब तक के पानी का रंग हरा ना हो जाए। तत्पश्चात शैंपू के बाद इस पानी को सिर पर डालकर बाल धोएं, यह कंडीशनर का कार्य करेगा।
- नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर लेप बनाएं और इसे बालों की जड़ों में लगाएं। यह प्रयोग हर 2 दिन में एक बार करें जब तक कि बालों की रूसी ना खत्म हो।
- सिर की जुओंका होगा सफाया
- नीम में नेचुरल इंसेक्टिसाइड प्रॉपर्टी होती है जिसकी वजह से सिर में मौजूद जुओं को खत्म करने के लिए यह विशेष कारगर होता है। साथ ही इससे सिर की जलन एवं खुजली भी दूर होती है।
- हफ्ते में दो बार किसी नीम युक्त शैंपू से बाल धोए और फिर पतली कंघी से जुए निकालें।
- नीम के पत्तों का पेस्ट बनाएं और बालों की जड़ों में लगाएं। कुछ समय पश्चात धो ले। यह उपचार करीब 2 महीने तक हफ्ते में दो से तीन बार करें।
- नीम के तेल से मालिश करने से भी जुए खत्म होती है। मालिश के पश्चात जुए निकालने वाली पतली कंघी का इस्तेमाल करें। आप चाहे तो रात को सोने के पहले भी नीम के तेल से मालिश कर सकती है।
- स्किन प्रोब्लेम्स होंगे दृर
- नीम में एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने से त्वचा की कई तकलीफों जैसे मुहांसे, चकते, सोरियासिस, खुजली आदि में इससे आराम मिलता है।
- किसी भी प्रकार की स्किन प्रॉब्लम होने पर नीम की पत्तियों को पीसकर पेस्ट बनाकर स्किन पर लगाएं एवं सूखने का इंतजार करें। सूखने पर धो डालें। धीरे धीरे धीरे आप की समस्या खत्म हो जाएगी।
- 1 बड़े चम्मच नीम के तेल में 1/3 चम्मच जैतून का तेल या नारियल तेल मिलाकर त्वचा की मालिश करें। इससे त्वचा के सेल्स फिर से युवा हो जाएंगे, स्क्रीन की इलास्टिसिटी भी बढ़ेगी एवं त्वचा भी गोरी हो जाएगी।
- नीम के पानी से मुंह धोने से मुहासे भी नहीं होते हैं।
- कई प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों में भी नीम का इस्तेमाल किया जाता है।
- मुँह को रखता है स्वस्थ
- नीम में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टीज की वजह से कैविटी, छाले, प्लेग, मसूढ़ों में सूजन एवम अन्य इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट होते हैं। यह मुंह को स्वस्थ रखने में मदद करता है, साथ ही मसूड़ों को बीमारियों से भी बचाता है। मुंह की बदबू दूर कर सांसों को लंबे समय तक तरोताजा रखता है।
- नीम की पत्तियों का जूस निकालें एवं इस से दांतों को मंजन करें और फिर गर्म पानी से मुंह धो ले। यह नियमित करें।
- प्राकृतिक नीम से बने टूथपेस्ट, माउथवॉश या अन्य ओरल टॉनिक का इस्तेमाल करें।
- रक्तशुद्धिकर नीम
- नीम एक शक्तिशाली रक्तशुद्धि कर के रूप में कार्य करता है। रक्त शुद्ध होने पर शरीर के विभिन्न अंगों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मात्रा अच्छे से मिलती है एवम विषाक्त पदार्थ शरीर के बाहर निकलते है।
- इससे शरीर के दूसरे महत्वपूर्ण अंग जैसे किडनी, लिवर की कार्यक्षमता बढ़ती है एवम शरीर के डायजेस्टिव सिस्टम, रेस्पिरेटरी सिस्टम, यूरिनरी सिस्टम भी ठीक रहते है।
- हर रोज सुबह 1 से 2 नीम के पत्ते शहद के साथ खाए या फिर नीम की टेबलेट भी आप डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं।
- मधुमेह को करता है नियंत्रित
- एक शोध में पाया गया है कि नीम के पत्तों के रस में ऐसे जरूरी तत्व होते हैं, जो मनुष्य के डायबिटीज के लिए जरूरी इंसुलिन की जरूरत को कम करते हैं।
- नीम की टेबलेट ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करने में मदद करती है तथा इसको डॉक्टर की सलाह से आप ले सकते हैं।
- डायबिटीज के मरीजों ने हर सुबह 4 से 5 नीम के पत्ते चबाकर खाना चाहिए।
- पेट के कीड़े होते है खत्म
- नीम में एन्टी पैरासायटिक प्रॉपर्टीज होने के कारण यह रोग से रक्षा भी करता है, साथ ही रोगों को ठीक भी करता है।
- नीम में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो पेट के कीड़ों की खाने की क्षमता को कम कर देते हैं। जिससे उनकी लाइफ साइकिल खत्म हो जाती है और वह पेट के बाहर निकल आते हैं। उनसे हुई विषाक्तता को भी नीम नष्ट कर देता है।
- रोज सुबह खाली पेट नीम की पत्तियां चबाए या नीम की चाय ले।
- बैक्टीरिया से लड़ता है नीम
- हमारे शरीर में असंख्यात बैक्टीरिया होते हैं जिसमें से कुछ अच्छे होते हैं तो कुछ बुरे होते हैं। नीम उन हानिकारक बैक्टीरिया को आंतों में ही नष्ट कर देता है।
- आपके शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या जरूरत से ज्यादा होगी तो आप बुझे बुझे से रहेंगे और आप में ऊर्जा की कमी रहेगी क्योंकि आप की अधिकतर उर्जा हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में चली जाएगी।
- नीम के सेवन से हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो कर आपकी उर्जा की बचत भी होगी और आप अपने आप को तरोताजा महसूस करेंगे।
- एलर्जी के लिए नीम
- नीम का पेस्ट बनाकर उसकी छोटी छोटी गोलियां बना ले। हर सुबह एक गोली शहद के साथ ले, इसके पश्चात 1 घंटे तक कुछ भी ना खाए ताकी नीम आपके शरीर में पूरी तरह से फैलकर अपना कार्य कर सकें।
- यह प्रयोग त्वचा की, किसी भोजन की या किसी और वजह से होने वाली कोई भी एलर्जी में फायदा करता है।
- फंगल इन्फेक्शन से होने वाली खाज – खुजली में नीम का लेप या तेल लगानेसे फायदा होता है। आप सारी जिंदगी इसे ले सकते है।
- कैंसर में लाभकारी
- नीम के फायदे काफी अविश्वसनीय होते हैं और उस में से एक है कैंसर के लिए नीम का उपयोग। हर किसी के शरीर में कैंसर की कोशिकाएं होती है, लेकिन वे बिखरी होती है। दिक्कत तब होती है जब वे एकजुट होकर उधम मचाती है और शरीर के अच्छी कोशिकाओं का नाश करती है। बस इन्हें तोड़ना होता है , इससे पहले की वे एकजुट हो सके।
- अगर आप प्रतिदिन नीम का सेवन करते हैं तो कैंसर की कोशिकाओं की तादात एक सीमा में रहती है ताकि वे एकजुट ना हो सके। इसीलिए प्रतिदिन नीम का सेवन लाभदायक है।
- प्रतिदिन सुबह नीम का जूस लेने से शरीर के सारे विषाक्त तत्व बाहर आ जाते हैं।
- वजन कम करने में सहायक
- अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो प्रतिदिन नीम का जूस पीजिए। इससे आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा और खाना फैट में नहीं बदलेगा, जिससे वजन कम होने में मदद मिलेगी।
- कानदर्द करता है कम
- अगर आपको कान में दर्द की शिकायत हो रही है तो नीम के तेल के प्रयोग से आपका दर्द कम होगा। कई लोगों को कान बहने की शिकायत होती है, इसमें भी यह तेल लाभकारी होता है।
- पीलिया में लाभ
- नीम का रस और शहद 2:1 के प्रमाण में मिलाकर पीने से पीलिया में लाभ होता। नीम के रस का फायदा मलेरिया में भी होता है। यह वायरस के प्रभाव को कम करता है और लिवर को ताकत प्रदान करता हैं।
नीम का प्रयोग करते वक्त कुछ बातों का रखे ध्यान
- नीम का रस हमेशा ताजा ही पिए। अगर आपको उसकी गंध अच्छी नहीं लगती है तो इसे कुछ देर के लिए फ्रीजर में रखें या आइस क्यूब डाल दें लेकिन इसे बनाने के बाद आधे घंटे के भीतर ही इसे उपयोग में लाएं।
- जहां तक हो सके नीम का रस सुबह खाली पेट ले और उसके आगे से 1 घंटे तक कुछ ना खाएं।
- नीम का रस काफी कड़वा होने से कई लोग इसे पसंद नहीं करते हैं। पर आप चाहे तो इसमें थोड़ा मसाला या नमक और काली मिर्च डाल दें तो इसमें थोड़ा स्वाद आ जाएगा।
- अगर आपको नीम के रस का पूरा फायदा उठाना है तो इसमें चीनी बिल्कुल ना मिलाएं।
- एक अध्ययन के अनुसार रोजाना करीब 2 मिलीग्राम से कम नीम का रस पीना चाहिए। अगर अधिक मात्रा में इसे लिया जाए तो यह पुरुष प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डालता है। इससे पुरुष शुक्राणु भी कम होते हैं।
कड़वी होते हुए भी नीम में गुणों का भंडार है। इसीलिए इसे गाँव का दवाखाना भी कहा जाता है। बात सिर्फ दृष्टि की है अगर कड़वाहट देखेंगे तो वह मिलेगी और अगर आप उसमें मिठास तलाशेंगे तो आपको मिठास मिलेगी। अगर आप आजीवन स्वस्थ रहना चाहते हैं तो नीम का का प्रयोग अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में सुबह खाली पेट जूस, टैबलेट या किसी अन्य रूप में अवश्य करें यह आपकी कई बीमारियों से रक्षा करेगा और आपको एक स्वस्थ जीवन प्रदान करेगा।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।