आजकल जोड़ों में दर्द (Joint Pain) समस्या आम बन गयी हैं। कई लोगों को बढ़ते वजन और खान-पान की बिगड़ी जीवनशैली की वजह से जोड़ों के दर्द की समस्या से परेशान होना पड़ता हैं। Arthritis को आयुर्वेद में आमवात कहते हैं। एलोपैथी में भी इसका इलाज है लेकिन आयुर्वेद की मानें तो बिना किसी बड़े साइड इफेक्ट इस बीमारी को दूर करने के लिए यह आयुर्वेद ज्यादा कारगर है।
जोड़ों के दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए आप आयुर्वेदिक उपचार पद्धति का सहारा ले सकते हैं। आयुर्वेद उपचार में आप औषधि, पंचकर्म और आहार में पथ्य पालन कर जोड़ों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं और ऑपरेशन द्वारा कृत्रिम जोड़ लगाने के खर्चीले झंझट से बच सकते हैं।
जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी निचे दी गयी हैं :
जोड़ों का दर्द क्यों होता है ?
आयुर्वेद के अनुसार जोड़ों में दर्द होने के कारण इस प्रकार हैं :
1. भोजन की मात्रा का निश्चित नहीं होना यानी कभी अधिक वह कभी कम मात्रा में आहार खाना।
2. पहले किया हुआ भोजन पाचन होने से पहले दोबारा भोजन कर लेना।
3. शरीर के लिए हितकारी अहितकारी भोजन को एक साथ कर लेने से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।
4. भोजन का पाचन तंत्र ठीक प्रकार से ना होने से भोजन अधपका सा रह जाता है जिसे आम कहा जाता है। वहीं आम पूरे शरीर में फैल कर खून के साथ मिलकर शरीर के जोड़ों में सूजन के साथ पीड़ा का उत्पन्न कर देता है। इसे आमवात कहा गया है।
इसके अलावा शरीर में कैल्शियम की कमी, विटामिन डी की कमी, मोटापा और व्यायाम का अभाव भी जोड़ों का दर्द होने का मुख्य कारण हैं।
जोड़ों में दर्द (आमवात) के क्या लक्षण हैं ?
इस रोग के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं :
1. जोड़ों में दर्द, सूजन जो सुबह उठने पर बढ़ जाए तो रोगी आमवात से पीड़ित होता है।
2. इसमें बिच्छू के डंक के समान पीड़ा होती है यानी तेज चुभन होती है।
3. आमवात में जोड़ों में दर्द व सूजन के साथ बुखार, पूरे बदन में दर्द, पसीना अधिक आना, कब्ज की शिकायत रहना जैसे लक्षण मिलते हैं।
4. इस रोग में पैर के टखने, घुटने और हाथों की उंगलियां अक्सर सबसे पहले प्रभावित होती है।
जोड़ों के दर्द में क्या परहेज करे ?
1. जोड़ों में दर्द की शिकायत होने पर खान पान के नियमों का ध्यान रखना चाहिए। क्या खाना, क्या पीना इसकी जानकारी होना भी इस रोग के चिकित्सक का एक अंग है।
2. मछली, दूध, दही, केला, गुड, भैंस का दूध, पीसा हुआ अन्न, दूषित जल, पूर्वी हवा, रात को जागना, मल, मूत्र की हरारत होने पर उसे रोकना, शीतल जल का सेवन और अनिश्चित समय का खान पान इन सब से बचना चाहिए।
3. ठंडे पानी से नहीं नहाना चाहिए।
जोड़ों के दर्द में क्या फायदेमंद हैं ?
1. पुराने चावल
2. उड़द की दाल
3. एरंड तेल,
4. लहसुन,
5. परवल की सब्जी,
6. करेला,
7. बैंगन,
8. सहजन की फली.
9. गोमूत्र,
10. अदरक,
11. पिपली,
12. जौ का अन्न
13. उपवास करना चाहिए
14. पीने के लिए गर्म पानी,
15. आसानी से पचने वाले भोजन का प्रयोग करना
यह सभी चीजे जोड़ों के दर्द में फायदेमंद होती हैं।
जोड़ों में दर्द की समस्या क्यों होती हैं ?
जोड़ों में दर्द की समस्या वृद्ध अवस्था में अधिक होता है। अगर कोई लापरवाही बरतता है और खानपान के नियमों का पालन नहीं करता है तो यह रोग कम उम्र के लोगों को भी शिकार बना लेता है। जिन लोगों को यह रोग होता है उनके बच्चे को भी यह रोग होने की प्रवृत्ति देखी जाती है। ऐसे में सावधानी बेहतर है।
क्या हैं जोड़ों के दर्द का आयुर्वेदिक उपचार ?
आयुर्वेद के ग्रंथों में आमवात और जोड़ों के दर्द के कुछ उपाय बताए गए हैं जिनका प्रयोग डॉक्टर के निर्देशानुसार करने से लाभ होता है।
1. सेक करना : इस रोग में सेक करना हितकर होता है। रेत को गर्म करके या सीधे नमक को गर्म कर उसे पोटली में बांधकर सेक करने से लाभ होता है। पत्थर को गर्म कर उसे कपड़े में लपेटकर उसे सेक करने से लाभ मिलता है।
2. चूर्ण : सौंठ, हरीतकी व अजवाइन का समभाग चूर्ण लेकर 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है।
3. अमलतास : अमलतास के कोमल पत्तों को लेकर सरसों के तेल में भूनकर खाने से आमवात में लाभ होता है।
4. सौंफ : सौंफ, अजवाइन और काली मिर्च के चूर्ण को 3 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है।
5. हरीतकी : हरीतकी चूर्ण का एरंड तेल के साथ प्रयोग आमवात रोग में लाभ पहुंचाता है।
6. सौंठ : सोंठ का चूर्ण कांजी के साथ, अमलतास के कोमल पत्तों की चटनी के साथ लेने से लाभ मिलता है।
7. खानपान : याद रखें ! इस रोग की चिकित्सा मात्र औषधियों के प्रयोग तक सीमित नहीं है। आमवात रोग गलत ढंग के खानपान के प्रयोग से ज्यादा होता है और अपने भोजन करने की विधि को ठीक करना और रहन सहन में परिवर्तन करना इसकी चिकित्सा का ही एक अंग है। ठीक होने के लिए आवश्यक है कि इसके रोगी को फ्रिज का पानी नहीं पीना चाहिए, देर से पचने वाली वस्तुएं नहीं खानी चाहिए, पहले किए हुए भोजन के पाचन होने पर ही पुनः भोजन करना चाहिए।
8. मोटापा : मोटापा जोड़ों के दर्द के लिए अहम कारण हैं। आपको योग्य आहार लेकर अपना वजन कम करना चाहिए।
9. व्यायाम : आपको अपने उम्र और क्षमता अनुसार रोजाना कोई व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम करने से जोड़ों में अकड़न और सूजन नहीं होती हैं। व्यायाम करने से कोई समस्या होती है तो डॉक्टर और फ़िज़ियोथेरेपिस्ट से सलाह लेकर व्यायाम करना चाहिए।
10. दवा : कई लोग मेडिकल से बिना डॉक्टर की सालक लेकर दर्द के लिए दवा लेते हैं। फार्मासिस्ट अक्सर ऐसे में रोगी को दर्दनाशक या स्टेरॉयड दवा देते है जिन्हे लेकर अच्छा तो महसूस होता हैं पर इनसे आपके लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता हैं। हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही दवा लेना चाहिए।
जोड़ों के दर्द मे कौन सा आयुर्वेदिक पंचकर्म करे ?
जोड़ों के दर्द में आयुर्वेदिक पंचकर्म करने से अधिक लाभ होता हैं। स्नेहन, स्वेदन, बस्ती, आदि पंचकर्म से आपको जोड़ों के दर्द की तकलीफ से हमेशा के लिए आराम मिल सकता हैं। आपको आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिलकर ही पंचकर्म उपचार कराना चाहिए
क्या जोड़ों का दर्द होने पर योग कर सकते हैं ?
जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए और हमेशा के लिए अपने जोड़ों जो फिट रखने के लिए योग से बेहतर कुछ नहीं। आपको योग विशेषज्ञ की सलाह से योग सीखना चाहिए और नियमित योगाभ्यास करना चाहिए।
इस तरह ऊपर दिए हुए निर्देशों का पालन कर आपको जोड़ों के दर्द की समस्या से मुक्ति मिल सकती हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।