भारत में हर साल लाखों लोग डेंगू बुखार के शिकार होते हैं। हर वर्ष हजारों लोगों की मृत्यु भी डेंगू के कारण होती हैं। डेंगू रोग, Dengue virus से होता है और संक्रमित मादा Aedes Aegypti मच्छर के काटने से फैलता हैं। डेंगू रोग के लक्षण सामान्य वायरल फीवर के समान होने के कारण अक्सर इसके निदान में देरी हो जाती है।
डेंगू रोग यह एक वायरस से फैलने वाला रोग होने की वजह से अभी तक इसका कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। डॉक्टर भी इसमें रोगी का लाक्षणिक उपचार ही करते हैं। डेंगू के ज्यादातर रोगियों को हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरुरत नहीं होती है और घर पर ही उपचार और आराम करने से ऐसे रोगी ठीक हो सकते हैं।
डेंगू के कारण, लक्षण, उपचार और डेंगू में कैसा आहार लेना चाहिए इससे जुडी जानकारी हम पहले ही इस ब्लॉग पर प्रकाशित कर चुके हैं। आज के इस लेख में हम डेंगू रोग से जुड़े पाठकों द्वारा पूछे गए विशेष सवालों का जवाब देने जा रहे है।
क्या प्लेटलेट काउंट 250000 से ऊपर होने के बाद भी डेंगू हो सकता हैं ?
जी हाँ ! डेंगू के शुरुआती दिनों में हो सकता है की आपके प्लेटलेट काउंट सामान्य हो और बाद में धीरे-धीरे कम हो जाए। डेंगू रोग के ज्यादातर मामलों में रोगी के प्लेटलेट्स कम होते है पर कुछ मामलों में यह नार्मल भी रह सकते हैं। रोगी का प्लेटलेट कम से कम 50000 होना चाहिए। इससे कम प्लेटलेट होने पर रोगी को अधिक देखभाल की जरुरत होती है और bleeding होने पर या प्लेटलेट की स्नाख्या 20000 से कम होने पर रोगी को Platelet transfusion भी करना पड़ता हैं।
क्या डेंगू बुखार में बुखार चढ़ता उतरता रहता हैं ?
जी हाँ ! डेंगू के ज्यादातर मामलों में रोगी को दिन में २ से ३ बार तेज बुखार आता है और यह सिलसिला ६ से ७ दिन तक चल सकता हैं। रोगी को पहले तेज ठंडी लगती और बाद में तेज बुखार आ जाता हैं। बाद में पसीना आकर बुखार उतर जाता हैं।
क्या डेंगू में जुलाब (loose motions) भी होते हैं ?
डेंगू बुखार के कुछ मामलों में रोगी को पेट में दर्द, जुलाब, जी मचलाना और उलटी होना जैसे लक्षण नजर आते हैं। आजकल डेंगू बुखार कई तरह से सामने आ रहा हैं। डेंगू में रोगी को बुखार, खुजली होना, जुलाब, सर्दी, खांसी, चक्कर, कमजोरी जैसे विविध लक्षण नजर आते हैं। डेंगू का वायरस शरीर के जिस system पर असर करता है वैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
डेंगू से बचने का क्या तरीका हैं ?
डेंगू के लिए फ़िलहाल कोई दवा या वैक्सीन फ़िलहाल ईजाद नहीं हुई हैं और इसलिए फ़िलहाल डेंगू से संक्रमित मच्छर के काटने से बचना ही एक उपाय हैं। डेंगू से बचने के तरीके की पूरी जानकारी आप यहाँ पढ़ सकते हैं – डेंगू से बचने के उपाय
2023 में भारत में कितने लोगों को डेंगू रोग हुआ हैं ?
2023 में कुल कितने लोग डेंगू के शिकार हुए है यह बताना मुश्किल हैं। भारत सरकार की मने तो 2023 में जुले महीने तक लगभग 25000 लोगों को डेंगू हुआ था। यह सरकारी आंकड़े है पर देखा जाए तो 2023 में यह आंकड़ा भारत में 2 लाख से ऊपर हो सकता हैं।
क्या पपीते के पत्ते का रस पिने से डेंगू ठीक हो जाता हैं ?
पपीते के पत्ते का रस पिने से डेंगू रोग ठीक होता है या नहीं यह एक शोध का विषय है पर देखा यह गया है की पपीते के पत्तों का रस पिने से रोगी की रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है और साथ ही प्लेटलेट काउंट भी बढ़ने में सहायता होती हैं। अगर रोगी पपीते के पत्तों का रस पी सकता है तो डॉक्टर की सलाह से आप रोगी को यह दे सकते हैं। अगर रोगी को यह सहन नहीं होता है तो जबरदस्ती नहीं पिलाना चाहिए।
क्या डेंगू के हर रोगी को हॉस्पिटल में दाखिल करना जरुरी होता हैं ?
डेंगू के ज्यादातर रोगी घर पर ही दवा लेकर और आराम कर ठीक हो सकते हैं। डेंगू के रोगी को हॉस्पिटल में दाखिल करना चाहिए या नही यह आपका डॉक्टर ही बेहतर तय कर सकता हैं। कुछ मामलों में रोगी को हॉस्पिटल में दाखिल करना जरुरी होता है, जैसे की
1. अगर रोगी की उम्र ५० वर्ष से अधिक या ५ वर्ष से कम हैं।
2. अगर रोगी को बार-बार तेज बुखार आता हैं।
3. रोगी बेहद कमजोर हैं।
4. रोगी को अधिक जी मचलाना, उलटी या जुलाब की शिकायत हैं।
5. रोगी कोई आहार नही ले पा रहा हैं।
6. रोगी की तबियत ज्यादा ख़राब हैं।
7. रोगी के प्लेटलेट काउंट ५०००० से कम हैं।
8. रोगी को पहले से कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या हैं।
डेंगू रोग में प्लेटलेट काउंट बढाने के लिए क्या करे ?
डेंगू रोग में ज्यादातर रोगियों के प्लेटलेट काउंट कम हो जाते हैं पर इससे घबराने की जरुरत नहीं हैं। देखने में आया है की डेंगू के अधिकतर मामलों में प्लेटलेट काउंट २०००० से ऊपर रहने पर कोई समस्या नही होती हैं। केवल १% मामलों में ही रोगी को कोई समस्या होती हैं। डेंगू रोग में अपने प्लेटलेट काउंट बढ़ने के लिए क्या करना चाहिए इसकी पूरी जानकारी एक लेख में हमने डिटेल में लिखी हैं।
पढ़े – डेंगू में प्लेटलेट की मात्रा बढ़ाने के लिए क्या करे ?
अगर डेंगू के लिए कोई विशेष दवा नहीं है तो रोगी को डॉक्टर को दिखाना या हॉस्पिटल में दाखिल क्यों करना चाहिए ?
डेंगू एक वायरस से होनेवाली बीमारी है जिसे आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति ही ठीक कर देती हैं परन्तु डेंगू के कारण शरीर को जो नुकसान हो सकता है उससे बचने के लिए रोगी को कुछ जरुरी दवा देना आवश्यक होता है और इसके लिए डेंगू के हर रोगी को डॉक्टर से उपचार कराना ही चाहिए।
डेंगू के रोगी की हॉस्पिटल में रोजाना खून ब्लड टेस्ट क्यों की जाती हैं ?
डेंगू में शुरुआत में रोगी के प्लेटलेट काउंट रोजाना कम होते जाते हैं। किस रोगी के प्लेटलेट कितने कम होंगे यह कोई नहीं बता सकता और इसलिए रोगी की रोजाना खून की जांच करना पड़ता हैं। इसके साथ ही शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे की ह्रदय, लीवर, फेफड़े और किडनी की स्तिथि कैसी है यह देखने के लिए भी खून जांच करना पड़ता हैं। रोजाना खून की जांच से यह भी पता चलता है की रोगी के हालत में अभी सुधार हो रहा है या नहीं।
डेंगू के रोगी को ज्यादा नींद क्यों आती हैं ?
डेंगू में रोगी की भूख कम हो जाती है जिस वजह से रोगी को कमजोरी आ जाती है और इसके चलते अधिक नींद आती हैं।
डेंगू में शरीर पर लाल चकते कैसे आते हैं ?
शरीर पर लाल छोटे चकते आना यह डेंगू का एक आम लक्षण हैं। डेंगू वायरस के संक्रमण से ऐसा होता हैं। कभी-कभी प्लेटलेट की संख्या बेहद कम होने पर त्वचा के नीचे bleeding होने से शरीर पर बड़े लाल चकते या rashes आ सकते हैं।
हमने इस लेख में डेंगू रोग से जुड़े पाठकों के कुछ सवालों का जवाब दिया है जो आपके लिए भी उपयोगी साबित हो सकते हैं। अगर डेंगू से लेकर आपके मन में भी कोई सवाल है तो कृपया निचे कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछे। हम जल्द से जल्द आपके सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।