डेंगू और मलेरिया जैसे रोग मे प्लेटलेट्स तेजी से कम हो जाते है और इसलिए कई लोग इंटरनेट पर Platelets badhane ke upay ढूंढते हैं। सामान्यतः एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 1.5 लाख से 4.5 लाख / cumm Platelets होते हैं। सामान्य प्लेटलेट पेशी की उम्र 5 से 9 दिन तक होती हैं। शरीर में हर रोज हजारों प्लेटलेट पेशी के टूटने और निर्माण होने की प्रक्रिया सामान्यतः चलती रहती हैं। प्लेटलेट की संख्या 1.5 लाख से कम होने पर उसे प्लेटलेट की कमी या Thrombocytopenia कहा जाता हैं।
प्लेटलेट की संख्या 20 हजार से कम होने पर रोगी के जान को खतरा हो सकता हैं और ऐसे में रोगी को प्लेटलेट चढ़ाना (Platelet Transfusion) बेहद जरुरी हो जाता हैं। हर वर्ष बारिश के मौसम में Dengue fever, Malaria, Chickungunya और अन्य Viral रोग लाखो लोगो को चपेट में लेता हैं। डेंगू और मलेरिया जैसे रोग में Platelet पेशी की कमी होना सबसे बड़ी समस्या होती हैं। जब कभी हमें कोई चोट लगती है और कही से रक्तस्त्राव या Bleeding होना शुरू हो जाता है तब इस रक्तस्त्राव को रोकने का महत्वपूर्ण कार्य प्लेटलेट द्वारा किया जाता हैं।
प्लेटलेट्स की संख्या बेहद कम हो जाने पर रोगी को बाह्य या अंधरुनि रक्तस्त्राव शुरू हो सकता है जैसे की नाक या दांत से खून निकलना, पेशाब में खून आना, चमड़ी के निचे लाल थक्के जमना इत्यादि। ऐसे लक्षण नजर आने पर रोगी को तुरंत उपचार करना जरुरी होता हैं।
डेंगू या मलेरिया में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाने पर उसे बढ़ाने के लिए क्या उपाय करना चाहिए इसकी जानकारी निचे दि गयी हैं :
प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय क्या हैं – Platelets badhane ke upay
शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं:
- पपीता / Papaya : प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने के लिए पपीते का फल और पत्तों का प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता हैं। 2009 में मलेशिया में हुए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है की डेंगू बुखार में ताजे और स्वच्छ पपीते के पत्तों का ताजा रस देने पर प्लेटलेट काउंट बढ़ाने में सहायता होती हैं। पपीते के पत्ते का रस आप अपनी क्षमतानुसार 10 से 20 ml दिन में 2 से 3 बार ले सकते हैं। अगर इसे पिने से उलटी होती है तो यह नहीं लेना चाहिए। पपीते का फल खाते समय वह पका हुआ होना चाहिए। अवश्य पढ़े – पपीते के पत्तों का रस बनाने की विधि और फायदे
- गेहुज्वारा / Wheatgrass : प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए आप गेहू के घास का उपयोग भी कर सकते हैं। 150 ml स्वच्छ और ताजे गेहू के घास का जूस पिने से केवल प्लेटलेट ही नहीं बल्कि हीमोग्लोबिन, सफ़ेद रक्त पेशी और रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने में भी सहायता होती हैं।
- चुकंदर / Beetroot : चुकंदर में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते है और साथ में इसका सेवन करने से हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट की मात्रा बढ़ाने में सहायता होती हैं। आप रोगी को इसकी स्वादिष्ट और पाचक सब्जी बनाकर खिला सकते है या फिर इसका 10 ml ताजा जूस रोगी को दिन में 3 बार पिला सकते हैं।
- कद्दू / Pumpkin : कद्दू में प्रचुर मात्रा में विटामिन K होता हैं। प्लेटलेट की तरह विटामिन K भी शरीर में रक्तस्त्राव होने पर खून को ज़माने (Clotting) का काम करता हैं। आप रोगी को इसकी स्वादिष्ट सब्जी बनाकर दे सकते है फिर रोगी को रोजाना 150 ml कद्दू का ताजा जूस 1 चमच्च शहद मिलाकर पिला सकते हैं।
- कीवी / Kiwi : कीवी फल में प्रचुर मात्रा में विटामिन C, E और पोलीफेनोल होता हैं। रोजाना एक कीवी फल सुबह और शाम खाने से प्लेटलेट पेशी की संख्या तेजी से बढ़ना शुरू होती हैं। कीवी फल खाने से कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित होता हैं।
- गिलोय / Tinosporia Cordifolia : गिलोय या जिसे गुडूची नाम से भी जाना जाता है, एक चमत्कारिक आयुर्वेदिक औषधि हैं। शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के लिए यह एक उत्तम औषधि हैं। बाजार में शुद्ध गुडूची सत्व मिलता है जिसे सुबह शाम 1 चमच्च दूध के साथ लेने से शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती है और प्लटेल्ट काउंट भी सामान्य होने लगता हैं। रामदेव बाबा के अनुसार गिलोय, पपीते के पत्ते, एलोवेरा और अनार इनका जूस बनाकर रोजाना 50 ml सुबह-शाम पिने से प्लेटलेट काउंट तेजी से बढ़ने लगता हैं। यह भी पढ़े – डेंगू के रोगी को खाने के लिए क्या देना चाहिए ?
- अनार / Pomegranate : अनार एक बेहद पौष्टिक फल हैं। इसमें लोह तत्व / Iron प्रचुर मात्रा में होने से यह हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट की मात्रा बढ़ाने में मदद करता हैं। आप रोगी को अनार के दाने निकालकर खिला सकते हैं। इसे खाने से गैस भी नहीं बनता और रोगी का पाचन भी सुधरता हैं। अगर अनार का जूस देना है तो इसे घर पर ही तैयार कर देना चाहिए।
- ओमेगा 3 फैटी एसिड : ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाने और प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने के लिए शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व हैं। इसके लिए आपको आहार में पालक, अखरोट, अलसी जैसे आहार पदार्थों का समावेश करना चाहिए।
- विटामिन C : विटामिन K की तरह प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन C मिलना भी बेहद जरुरी होता हैं। शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन C मिलने के लिए आहार में निम्बू, टमाटर, कीवी, संतरा, पालक और ब्रोकोली जैसे आहार पदार्थों का समावेश कर सकते हैं। आप चाहे तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन C की गोली भी चूस सकते हैं।
- पानी / Water : हमारे शरीर में पानी का बड़ा महत्त्व है। शरीर में रक्त पेशी निर्माण होने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी होना जरुरी हैं। रोगी व्यक्ति को रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी अवश्य पीना चाहिए। डेंगू में शरीर में पानी की कमी होना बहुत बड़ी समस्या होती हैं। उपयोगी जानकारी – डेंगू रोग के कारण, लक्षण और उपचार
- Platelet Transfusion : रोगी के प्लेटलेट 20 हजार से कम होने पर या रोगी में नाक से, दांत से, पेशाब में या फिर चमड़ी के निच्चे खून आने के लक्षण दिखाई देने पर प्लेटलेट (खून) चढ़ाया जाता हैं। सामान्यतः एक प्लेटलेट की बोतल में 50 ml खून होता है जिसे चढाने से 5 से 10 हजार प्लेटलेट तक बढ़ना चाहिए। रोगी की स्तिथि गंभीर होने पर Single Donor Platelet जिसे SDP भी कहते है यह चढ़ाया जाता है जिसमे ज्यादा प्लेटलेट होते है।
- अन्य उपयोगी सलाह / Other Important Advice
- प्लेटलेट की संख्या कम होने पर पेट की अंदर की त्वचा लाल हो जाती है जिससे एसिडिटी और गैस की समस्या बढ़ जाती हैं। ऐसे हालात में रोगी को कच्चा, भारी, तीखा और मसालेदार आहार नहीं देना चाहिए।
- रोगी को चाय, कॉफी, शराब और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
- रोगी को एक साथ अधिक आहार देने की जगह थोड़ा-थोड़ा आहार हर 2-3 घंटे से देते रहना चाहिए।
- प्लेटलेट कम होने पर बिना डॉक्टर की सलाह से कोई भारी दवा या चूर्ण लेने से हानि हो सकती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह लिए रोगी को कोई दवा नहीं देना चाहिए।
- प्लेटलेट की संख्या बेहद कम होने पर ब्रश करते समय दांतों को जोर से नहीं घिसना चाहिए।
- रोगी को बिना डॉक्टर की सलाह से कोई भी भोजन, नुस्खा या दवा नहीं देना चाहिए।
- रोगी को नाक या दांत से खून आना, पेशाब में खून आना, आँखे लाल होना, शरीर पर लाल चकते आना, उलटी में खून आना या सांस लेने में तकलीफ होना जैसे कोई लक्षण नजर आने पर इसकी जानकारी तुरंत डॉक्टर को देना चाहिए।
- Thrombocythemia : अगर किसी व्यक्ति के प्लेटलेट की संख्या 5 लाख से अधिक होती है तो इसे Thrombocythemia कहा जाता है। इसका कोई विशेष कारण नहीं होता है और यह अनुवांशिक अधिक पाया जाता हैं। प्लेटलेट जरुरत से ज्यादा बढ़ने से नसों में, ब्रेन में खून की गुठली जम सकती हैं। कमजोरी, रक्तस्त्राव, सरदर्द, सीने में दर्द, चक्कर आना, हाथ पैर सुन्न होना यह प्लैटलेट बढ़ने के कुछ लक्षण हैं। ऐसे तो प्लेटलेट ज्यादा बढ़ जाने पर कोई उपचार की जरुरत नहीं होती है पर गर्भावस्था में, ह्रदय रोगी, बुजुर्ग व्यक्ति या कोई रक्तस्त्राव होने पर प्लेटलेट सामान्य करने के लिए दवा दी जाती हैं।
एक रिसर्च मे यह सामने आया है की Mediterranean diet लेने वालों मे प्लेटलेट्स की कमी होने का प्रमाण कम होता हैं । Mediterranean diet मे साबुत अनाज, फल, हरी सब्जियां, समुद्री भोजन और नट्स का समावेश होता है।
शरीर को समतोल और पौष्टिक आहार मिलने पर हमारा शरीर ही इस काबिल होता है की वह बड़े से बड़े संक्रमण से लड़ सकता हैं। रोगी को उचित पोषण के साथ रोगी की परिवार और दोस्तों से घबराने की जगह रोगी को हिम्मत देना भी बेहद जरुरी हैं। सकारात्मकता या Positive energy भी रोगी को जल्द ठीक करने के लिए जरुरी हैं।
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References:
Mediterranean Diet Maintained Platelet Count within a Healthy Range and Decreased Thrombocytopenia-Related Mortality Risk: A Randomized Controlled Trial: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7915168/
- Diet and Lifestyle: https://pdsa.org/treatments/complementary/food-as-a-cure.html

मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
Very useful