उच्च रक्तचाप या जिसे अंग्रेजी में High Blood pressure / Hypertension कहा जाता हैं यह भारत में तेजी से बढ़ने वाली एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या हैं। विश्व स्वास्थ्य संघटन (WHO) के मुताबिक 25 वर्ष से अधिक आयु के 40% लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं। भारत में हर 3 में से एक युवा व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर के 50% से अधिक मरीज ऐसे होते है जो यह मानने को तैयार नहीं होते की उन्हें यह समस्या है और अक्सर ऐसे रोगी अपनी दवा बिच में ही बंद कर देते है। हाई ब्लड प्रेशर यह इतनी बड़ी समस्या होने के बावजूद भी समाज में इसे लेकर कोई जागरूकता या सम्पूर्ण जानकारी नहीं हैं।
हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े उच्च अहम सवालों के जवाब देने की कोशिश हमने इस लेख में की हैं। अधिक जानकारी के लिए आगे पढ़े :
हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े सवाल जवाब High Blood Pressure in Hindi
1. ब्लड प्रेशर किसे कहते हैं ?
हमारे शरीर में रक्त नलिकाओं में बहते समय रक्त, रक्त नलिकाओं की दीवार पर जिस प्रेशर से दबाव डालता है उसे ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
2. सामान्य ब्लड प्रेशर का स्तर कितना होता हैं ?
सामान्य Systolic Blood pressure यानी ऊपर का ब्लड प्रेशर 110 से 130 mmhg तक होता हैं।
Dystolic Blood pressure यानि की नीचे का ब्लड प्रेशर 70 से 84 mmhg तक होता हैं।
3. किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर ज्यादा है ऐसा कब कहा जा सकता हैं ?
किसी भी व्यक्ति ऊपर का ब्लड प्रेशर यानि की सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 140 या 140 mmhg से ज्यादा रहने पर या निचे का ब्लड प्रेशर 90 या 90 mmhg से ज्यादा रहने पर उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर ज्यादा है ऐसा कहा जा सकता हैं।
4. मुझे कोई तकलीफ नहीं है लेकिन डॉक्टर का कहना है कि मुझे हाई ब्लड प्रेशर है ! ऐसा कैसे हो सकता है ?
5. एक बार हाई ब्लड प्रेशर की दवा शुरू करने पर मुझे उन दवाई की आदत हो जाएगी और मुझे हमेशा के लिए वह दवाई लेनी होगी !
यह आपकी सोच गलत है। किसी भी हाई ब्लड प्रेशर के रोगी के लिए दवा लेना एक जरूरत है ना की आदत। एक बार ब्लड प्रेशर बढ़ जाने के बाद संभावना यही रहती है कि वह हमेशा बड़ा हुआ रहेगा। अगर आपने उसका उपचार नहीं किया तो ऊपर दिए गए हो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आपके शरीर में ब्लड प्रेशर के ऊपर का नियंत्रण खो दिया है इसीलिए आपको दवा लेने की जरूरत है। दवा लेकर अपने बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के अलावा आपके पास कोई अन्य उपाय नहीं है।
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर उन कारणों से बड़ा है जीने हम सुधार सकते हैं ऐसे लोग अपने उस कारण को ठीक कर अपने दवा की मात्रा / Dose को कम कर सकते हैं और जिनका ब्लड प्रेशर केवल थोड़ा ही बड़ा है वह लोग अपनी दवा बंद भी कर सकते हैं। ऐसे लोग जिनका रक्तचाप बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ होता है वह अपनी दवा बंद नहीं कर सकते हैं।
6. एक बार ब्लड प्रेशर नियंत्रण में आने पर क्या मैं अपनी हाई ब्लड प्रेशर की दवा बंद कर सकता हूं ?
जी नहीं ! हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है पर उसे जड़ से ठीक नहीं किया जा सकता है। एक बार हाई ब्लड प्रेशर की तकलीफ हो जाने पर आपको जिंदगी भर दवा लेने की जरूरत होती है। अगर आप 1 दिन भी हाई ब्लड प्रेशर की दवा नहीं लेते हैं तो आप का प्रेशर बढ़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की दवा रोजाना लेना बेहद जरूरी है। ब्लड प्रेशर की दवा अचानक बंद करना बेहद नुकसानदेह हो सकता हैं।
ब्लड प्रेशर की ज्यादातर दवा 24 घंटे तक काम करती है इसलिए दिन में एक बार ही दवा लेने की जरूरत होती है। रोजाना तय समय पर ही अपनी दवा ले। आधा से एक घंटा आगे-पीछे हुआ तो कोई बात नहीं पर ज्यादा अंतराल न करें। आपको कोई अन्य तकलीफ ना हो इसलिए तय समय पर दवा लेने की आदत डालें। डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर बढ़ने के समय के अनुसार सुबह या शाम में दवा लेने को कह सकते हैं।
8. अगर मैं कभी अपनी ब्लड प्रेशर गोली लेना भूल जाऊं तो मुझे क्या करना चाहिए ?
ऐसे मामले में तुरंत दवा लेना चाहिए। हमेशा अपने जेब में या अपने कार्यस्थल पर दवा की अतिरिक्त खुराक पास में रखें। घबराए नहीं और तुरंत अपनी दवा ले।
9. मैं और मेरे मित्र दोनों हाई ब्लड प्रेशर के रोगी है परंतु मेरा मित्र 5 मिलीग्राम की दवा लेता है और मैं 40 मिलीग्राम की दवा। मुझे इतने बड़ी मात्रा में दवा लेने की क्या आवश्यकता है ?
- ऐसे कुछ घटक जिसमें सुधारना नहीं की जा सकती है, वह है : a) अनुवांशिकता और b) उम्र
- ऐसे घटक जिन्हे हम सुधार सकते हैं, वह है : a) मोटापा b) तनाव c) नमक का अधिक उपयोग और d) धुम्रपान
b) रक्त नलिकाएं / Arteries : लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर रहने से रक्त नलिकाओं मोटी हो जाती है और उनकी लवचिकता भी कम हो जाती है। हाई ब्लड प्रेशर से रक्त नलिकाओं में कोलेस्ट्रोल जमा होने की गति तेज हो जाती है जिससे हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।
c) मस्तिष्क / Brain : हाई ब्लड प्रेशर होने से ब्रेन तक पहुंचने वाली सूक्ष्म रक्त नलिकाओं मैं अत्याधिक प्रेशर के कारण रक्त नलिकाए फूटने की संभावना होती है। इसमें कोलेस्ट्रोल जमा होने से पैरालिसिस होने का खतरा रहता है।
d) किडनी / Kidney : रक्त में जमा हुआ कचरा अलग कर रक्त को साफ करने का काम किडनी करती है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण रक्त की सफाई ठीक तरह से न होने से प्रोटीन लॉस अधिक होता है जिससे किडनी फेल होने की संभावना रहती है।
e) आँखे / Eyes : हाई ब्लड प्रेशर के कारण रेटीना पर प्रतिकूल परिणाम पड़ता है। हाई ब्लड प्रेशर के कारण आंखों की रोशनी कम हो सकती है और आँखों की रौशनी भी जा सकती है।
f) पैरों की नसें / Perpheral Arteries : उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के अधिकता से पैरों की नसें ब्लॉक होकर पैरों में दर्द और गैंग्रीन जैसी गंभीर स्थिति निर्माण हो सकती है।
b) तेल / Oil : हाई ब्लड प्रेशर के रोगी ने अपने आहार में तेल और तली हुई चीजों का कम से कम सेवन करना चाहिए।
b) तनाव / Stress : अधिक तनावयुक्त जीवन शैली से ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा दुगना हो जाता है। तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें। तनाव की मात्रा को कम करने के लिए मेडिटेशन करें, अपना रोजाना शेड्यूल तय करें, शांत मनस्थिति रखें ,अपने व्यस्त काम से थोड़ा समय निकालकर खुशहाल जिंदगी जीने की कोशिश करें।
c) व्यायाम / Exercise : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना बेहद जरूरी है। व्यायाम करने से हम रिलैक्स महसूस करते हैं और हमारा शरीर को शांति मिलती है। व्यायाम करने से हमारा वजन नियंत्रित होता है जो की ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जरूरी है। अगर आपका ब्लड प्रेशर बेहद ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह लेकर ही व्यायाम शुरु करें। हल्के व्यायाम से शुरुआत करें और अभ्यास के साथ धीरे-धीरे व्यायाम की समय अवधि बढ़ाए। वजनदार व्यायाम के जगह एरोबिक एक्सरसाइज आपकी सेहत के लिए ज्यादा उपयोगी है।
e) व्यवहार / Behaviour : गुस्सा आपके शरीर के लिए हानिकारक है। हमेशा शांत रहने की कोशिश करें। संयम रखें और किसी भी परिस्थिति को शांतिपूर्ण वातावरण में सुलझाने की कोशिश करें। हमेशा सकारात्मक नजरिया रखें और ऐसी किताबें पढ़ें जिससे आपको प्रेरणा मिलती है।
हाई ब्लड प्रेशर के रोगी ने अपने आहार में नीचे दिए हुए सावधानी बरतनी चाहिए :
आपके आवश्यकता अनुसार डॉक्टर आपको हाई ब्लड प्रेशर की दवा लिख कर देते हैं। डॉक्टर आपको दवा चालू करते समय निम्न स्तर / low dose से दवा शुरु करते हैं और आवश्यकता अनुसार धीरे-धीरे दवा का डोज बढ़ाते हैं। एक बार आपको दवा निर्धारित होने पर वही दवा लेना होता है और समय-समय पर अपना रक्तचाप जांच करना होता है।
- डॉक्टर की सलाह अनुसार सुबह या शाम के समय दवा लें रोजाना तय समय पर ही अपनी दवा ले।
- दवा के समय में अधिक फेर फार ना करें।
- ब्लड प्रेशर की अधिकतर दवा का असर 24 घंटे तक रहता है इसलिए वह गोली दिन में एक बार ही लेना होता है।
- ब्लड प्रेशर की दवा के साथ चाय-नाश्ता आहार लेने की जरूरत नहीं होती है। आप इस दवा को खाली पेट में ले सकते हैं।
- अपने ब्लड प्रेशर की दवा को बिना तोड़े पूरी दवा ले। दवा को तोड़ने से दवा का असर कम हो सकता है।
- अगर आप कभी दवा लेना भूल जाते हैं और आपको बाद में याद आता है तो तुरंत अपनी दवा ले।
- अपने दवा की अतिरिक्त खुराक हमेशा अपने जेब में या ऑफिस में रखें अपने दवा का डोज़ कभी ना बदले।
- अपने शरीर पर कोई एक्सपेरिमेंट ना करें।
- अगर आपकी कोई शिकायत या सवाल है तो अपने डॉक्टर से मिलें और उस शंका का निराकरण करें।
- अपने मन से या किसी और की सहायता से अपनी दवा में फेरफार न करें। डॉक्टर को दिखाने के दिन अपनी दवा लेना ना भूले।
- अगर आपको कोई अन्य बीमारी है तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को अवश्य दें।
16. अगर Low Blood pressure का मरीज हाई ब्लड प्रेशर की गोली गलती से खा लेता है तो क्या होगा।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।