शीतली प्राणायाम (Sheetali Pranayama) करने से अपने नाम के अनुसार शरीर को ठंडक मिलती है, इसीलिए इस प्राणायाम को Cooling Breath भी कहा जाता हैं। इस प्राणायाम को अक्सर अन्य योगासन या प्राणायाम के बाद में किया जाता हैं। शीतली प्राणायाम एक बेहद सरल और उपयोगी प्राणायाम हैं।
हर वर्ष भारत में गर्मी के दिनों में तापमान की बढ़ोतरी हो रही हैं। इस बढ़ती गर्मी के कारण लोगों के स्वास्थय पर विपरीत परिणाम हो रहा हैं। गर्मी के कारण शारीरिक नुक्सान तो होता ही है पर साथ में गर्मी के कारण हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता हैं। ऐसी भीषण गर्मी में आप शीतली योग कर शरीर को कुछ ठंडक दे सकते हैं और मानसिक शांति भी प्राप्त कर सकते है।
शीतली प्राणायाम कैसे करते है और इसके क्या फ़ायदे है इसकी जानकारी विस्तार में नीचे दी गई है :
शीतली प्राणायाम करने की विधि क्या है? (Sheetali pranayama steps in Hindi)
शीतली प्राणायाम करने की विधि इस प्रकार है :
1. एक समान, सपाट और स्वच्छ जगह जहा पर स्वच्छ हवा मिलती हो ऐसे स्थान पर एक कपडा बिछाकर बैठ जाए।
2.आपको जो आसन आसान लगे उस आसन में बैठ जाए जैसे की सुखासन या पद्मासन।
3. अब अपनी जीभ को बाहर निकालकर उसे एक नली (Pipe) के सदृश्य बना लें।
4. अब इस नली के माध्यम से गहरी श्वास खींचकर उदर / पेट को वायु से भर दें।
5. जीभ को अंदर खींच ले तथा मुंह को बंद कर लें।
6. इसके उपरांत गर्दन को आगे की ओर झुकाकर अपने जबड़े के अगले हिस्से को छाती से लगा लें (जालंधर बंध)।
7. अब क्षणभर कुंभक (श्वास को रोकना) करे।
8. अब जालंधर बंध को निकालकर गर्दन सीधी करे।
9. इसके बाद नासिका (नाक) से श्वास को बाहर निकाल दें। श्वास बाहर निकालने का समय 10. अंतराल श्वास अंदर लेने के समय अंतराल से थोड़ा ज्यादा होना चाहिए।
11. यह एक आवृत्ति हैं। इसी प्रकार आप अपने क्षमता और समयानुसार 9 से 49 आवृत्तियाँ तक कर सकते हैं।
शीतली प्राणायाम कितने देर तक करे ?
शीतकारी प्राणायाम आपको अपने क्षमता के अनुसार करना चाहिए। शुरुआत में 9 आवृति से शुरू कर आप अभ्यास के साथ 49 आवृत्ति तक कर सकते है। कोई भी योग करते समय अपने योग शिक्षक की सलाह लेकर ही योग करना चाहिए।
शीतली प्राणायाम के क्या फायदे है ? (Sheetali Pranayama benefits in Hindi)
नियमित शीतली प्राणायाम करने से निम्नलिखित फ़ायदे होते है :
1. गर्मी : शारीरिक गर्मी को कम करता हैं।
2. उत्तेजना : मानसिक और भावनात्मक उत्तेजनाओं को कम करता हैं।
3. निद्रा : रात्रि में निद्रा के पूर्व करने से अच्छी शांत नींद आती हैं।
4. प्यास : इसके नियमित अभ्यास से प्यास कम लगती है।
5. भूक : भूक को कम करता हैं।
6. ठंडक : गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडक पहुचाने में सहायक हैं।
7. ब्लड प्रेशर : ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक हैं।
8. एसिडिटि : Acidity / अम्लपित्त और पेट के ulcer को कम करता हैं।
9. हृदय रोग : हृदयरोग में उपयोगी हैं।
10. पाचन : पाचन को ठीक करता हैं।
शीतली प्राणायाम में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
1. ठंड के दिनों में शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास कम करना चाहिए।
2. टॉन्सिल, सर्दी, जुखाम, अस्थमा या जिन्हें ठंड से एलर्जी है उन्हें यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
3. अगर आपको Low Blood Pressure की समस्या है या आपका ब्लड प्रेशर 90/60 mmHg या इससे कम रहता है तो शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास न करे।
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शीतली प्राणायाम का नियमित अभ्यास कर आप शारीरिक ठंडक और मानसिक शांति का अनुभव कर सकते है जो कि आज कल के दौड़ भाग के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आपको किसी भी योग या प्राणायाम से जुड़ा कोई सवाल है तो कृपया नीचे कमेंट में अवश्य पूछे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
सदैव की तरह आसान शब्दों में लिखी गयी लाभप्रद पोस्ट ! ये भी एक सामाजिक कर्तव्य है जिसे आप भलीभांति निभा रहे हैं
योगी सारस्वतजी,
निरोगिकाया ब्लॉग पर आने के लिए और आसान और सरल शब्दों में ज्यादा से ज्यादा लोगो को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के हमारी इस मोहिम को सराहने के लिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद !
Thanks for valued therapy n health guide 🙂