मोतियाबिंद जिसे अंग्रेजी में Cataract कहा जाता है यह ज्यादा उम्र के लोगों में पाया जानेवाला आँखों का एक आम रोग हैं। आँखों के Lens की पारदर्शिता उम्र के साथ कम होने लगती है जिससे प्रकाश आँखों में जाने से अवरुद्ध हो जाता हैं। मोतियाबिंद एक या दोनों आँखों में हो सकता हैं।
50 से अधिक आयु के लोगों में आँखों की रोशनी जाने का यह एक मुख्य कारण हैं। शुरुआत में यह धुंधलापन काफी कम होता है पर धीरे-धीरे तकलीफ बढ़ती रहती है और अंत में उपचार क करने पर व्यक्ति अंधा बन जाता हैं।
मोतियाबिंद के कारण, लक्षण और उपचार संबंधी जानकारी निचे दी गयी हैं :
मोतियाबिंद के क्या कारण हैं ? (Cataract causes in Hindi)
आमतौर पर मोतियाबिंद बढ़ती उम्र के कारण होता है लेकिन इसके कुछ अन्य कारण भी हैं, जैसे की :
1. उम्र : बढ़ती उम्र के साथ लेंस की पारदर्शिता कम होने से मोतियाबिंद होता हैं।
2. जन्मजात : कुछ बच्चो में जन्म से पहले ठीक से विकास न होने से, चोट या संक्रमण के कारण जन्मजात मोतियाबिंद भी हो सकता हैं।
3. रोग : कुछ रोगियों में अन्य कारण जैसे की मधुमेह, लंबे समय तक ली जानेवाली स्टेरॉयड दवा का दुष्परिणाम, अल्ट्रा वायलेट किरणे या विकिरण (Radiation) के कारण भी मोतियाबिंद होता हैं।
4. चोट : आँख में लगी चोट भी असमय मोतियाबिंद का कारण बन सकती हैं।
5. नशा : लम्बे समय तक शराब और धूम्रपान करने से मोतियाबिंद होने का खतरा रहता हैं।
मोतियाबिंद के लक्षण क्या हैं ? (Cataract symptoms in Hindi)
मोतियाबिंद के लक्षण इस प्रकार हैं :
1. धुंधला या अस्पष्ट दिखाई देना
2. दोहरा दिखाई देना / Double vision
3. रंग फीके नजर आना
4. हल्की रोशनी तेज प्रतीत होना
5. रौशनी के चारों ओर गोल घेरा दिखाई देना
6. रात के समय या कम रौशनी में दृष्टी बेहद कम होना
7. बार-बार चश्मे के नंबर बदलना
मोतियाबिंद का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Cataract diagnosis in Hindi)
मोतियाबिंद का निदान करने के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ / Opthalmologist आपके आँखों में एक दवा डालते है जिससे आपके आँख की पुतली विस्तारित हो जाती हैं। कुछ समय पश्च्यात डॉक्टर आपके आँखों की जांच करते है जिसमें लेंस में प्रोटीन के स्तर में गड़बड़ी के कारण लेंस की पारदर्शिता कम हुई नजर आने पर मोतियाबिंद का निदान किया जाता हैं।
मोतियाबिंद का ईलाज कैसे किया जाता हैं ? (Cataract treatment in Hindi)
मोतियाबिंद के ईलाज की जानकारी निचे दी गयी हैं :
1. दवा (Medicine) : मोतियाबिंद के शुरूआती दौर में लक्षण कम होने पर दवा देकर इसे कुछ प्रमाण में रोका जा सकता हैं। मोतियाबिंद के उपचार के लिए आँखों में डालने के ड्रॉप भी इस्तेमाल किये जाते है जो लेंस में क्रिस्टलीन प्रोटीन को जमने से रोकती है और Lens की पारदर्शिता को बढाती हैं।
2. चश्मा (Spectacle) : दवा के साथ डॉक्टर आपकी देखने की क्षमता बढ़ाने के लिए बाइफोकल या कांटेक्ट लेंस भी पहनने के लिए दे सकते हैं।
3. ऑपरेशन (Surgery) : दवा और चश्मा लगा लेने के बाद भी कम दिखाई देने से रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई होने पर ऑपरेशन कराना चाहिए। अगर समय पर सही उपचार न किया जाये तो मोतियाबिंद के पककर फूटने का खतरा बना रहता हैं जिससे अंधपन की समस्या बनी रहती हैं। मोतियाबिंद का ऑपरेशन के बाद करीब 90% लोगों में आँखों की रौशनी वापस आ जाती हैं। यह आपातकालीन ऑपरेशन न होने के कारण इसे आप अपने सुविधानुसार कर सकते हैं। यह ऑपरेशन किसी विश्वसनीय और साफ़-सुधरी जगह पर ही कराये क्योंकि इसमें संक्रमण होने पर सर्जरी नाकामयाब होने का खतरा बना रहता हैं। ऑपरेशन में आँखों की खराब लेंस को निकालकर नयी प्लास्टिक लेंस को लगा दिया जाता हैं। अगर दोनों आखों के ऑपरेशन की जरुरत है तो 2 महीने के अंतर से एक-एक आँख का ऑपरेशन करना पड़ता हैं। मोतियाबिंद के ऑपरेशन की अधिक जानकारी आप अपने नेत्र रोग के डॉक्टर से ले सकते हैं।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन मे कितना खर्चा आता हैं ? (Cataract operation cost in Hindi)
मोतियाबिंद के ऑपरेशन मे कितना खर्च आएगा यह आप कहा ऑपरेशन कराते है और कौन से lens लगाते है इस बात पर निर्भर करता हैं । मोतियाबिंद के ऑपरेशन मे 25000 रुपए से लेकर 1 लाख 50 हजार तक का खर्चा या सकता हैं । सरकारी मे यह ऑपरेशन मोफत मे होता है और प्राइवेट अस्पताल मे बेहतर लेंस लगाने पर खर्च ज्यादा होता हैं ।
मोतियाबिंद के ऑपरेशन मे कौन स लेंस बेहतर हैं ?
आँखों के डॉक्टर के सलाह अनुसार आपको मोतियाबिंद के ऑपरेशन मे लेंस चुनना चाहिए । डॉक्टर ज्यादातर Introocular lens लगाने की सलाह देते हैं ।
मोतियाबिंद से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए ?
मोतियाबिंद से बचने के लिए निचे दिए हुए एहतियात बरतने चाहिए :
1. आँखों की जांच (Eye examination) : 50 वर्ष की आयु के बाद हर वर्ष आँखों के डॉक्टर से आखों की जांच कराना चाहिए ताकि मोतियाबिंद को शुरूआती दौर में ही निदान कर रोका जा सके। आँख से जुडी कोई भी समस्या होने पर मेडिकल से कोई चालू दवा / ड्राप लेने की जगह डॉक्टर से अवश्य जांच कराना चाहिए।
2. आहार (Diet) : आँखों की सेहत लंबे समय तक अच्छी रहने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, फल और Anti-Oxidant युक्त आहार लेना चाहिए। अपने आहार में गाजर, पालक, टमाटर, सेब, संतरा, अनार जैसे Vitamin A, Vitamin C, Beta Carotene और Anti-Oxidant युक्त आहार का समावेश करना चाहिए।
3. चश्मा (Spectacle) : अगर आपको कोई नंबर का चश्मा है तो उसे डॉक्टर की सलाहनुसार नियमित पहनते रहिए। हर वर्ष आँखों के डॉक्टर से जांच कराकर अपना चश्मे का नंबर बढ़ा या कम तो नहीं हुआ यह देखना चाहिए। अगर आप तेज धुप में जाते है तो धुप के चश्मे का उपयोग अवश्य करे।
4. रोग (Disease) : अगर आपको उच्च रक्तचाप / Hypertension या मधुमेह / Diabetes जैसा कोई रोग है तो नियमित जांच, दवा और पथ्य पालन के साथ उन्हें नियंत्रण में रखे।
5. नशा (Habit) : अगर आपको शराब, धूम्रपान या तम्बाखू जैसे किसी स्वास्थ्य विरोधी वस्तु का नशा है तो उसे जल्द बंद करे।
अपने आँखों की रोशनी को बनाये रखने के लिए मोतियाबिंद से बचना बेहद जरुरी हैं। सही जानकारी, नियमित जांच और एहतियात बरतकर आप अपने आप को इस रोग से बचा सकते हैं। यहाँ पर मोतियाबिंद / Cataract से जुडी संक्षिप्त जानकारी दी हुई है। मोतियाबिंद से जुडी अधिक जानकारी अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलकर ले सकते हैं।
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है और आप समझते है की यह लेख पढ़कर किसी के स्वास्थ्य को फायदा मिल सकता हैं तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर अपने Facebook, Whatsapp या Tweeter account पर share जरुर करे !
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।