दमा (Asthma) को लेकर की सारे सवाल हमारे मन मे होते है और अस्थमा को लेकर समाज में कई तरह के मिथक, भ्रान्तिया, अफवाहे या गलतफहमी फैली हुई है। कुछ लोगो का मानना है की Asthma एक संक्रामक रोग है। कुछ लोग तो यह भी मानते है की Asthma एक सामान्य रोग है और इस बीमारी से किसी की मृत्यु नहीं होती है। कुछ लोग इसे भूतबाधा भी मानते है।
बढ़ते प्रदूषण के चलते भारत में अस्थमा और allergic bronchitis के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। कई लोग अस्थमा से जुड़े भ्रम के चलते ठीक से उपचार नहीं कराते हैं। अस्थमा रोग को जड़ से मिटाना मुश्किल है पर सावधानी बरतने पर आप इससे बचकर रह सकते हैं।
अस्थमा से जुड़े कुछ बेहद महत्वपूर्ण सवालों के जवाब आज इस लेख मे हम देने जा रहे हैं ।
क्या अस्थमा से पीड़ित रोगी कोई व्यायाम (Exercise) नहीं कर सकते है और कोई खेल (Sports) नहीं खेल सकते है ?
अस्थमा के रोगी यह बात समझ ले की अस्थमा होने का मतलब यह नहीं है की उन पर कोई प्रतिबन्ध लगा है। आप सामान्य तरह से व्यायाम कर सकते है। बच्चे भी सामान्य तरह से खेलकूद कर सकते है जीससे उनका शरीर तंदुरस्त रहेंगा। Asthma से पीड़ित लोगो ने व्यायाम करते समय या कोई खेल खेलते समय कुछ सामान्य बातो का ख्याल रखना चाहिए। इसकी जानकारी इस लेख में दी गयी है – Asthma & Exercise In Hindi
क्या अस्थमा एक संक्रामक रोग है ?
कुछ लोगो की यह गलतफहमी है की Asthma एक संक्रामक रोग है और किसी Asthma पीड़ित व्यक्ति के साथ बैठने या खेलने से यह फ़ैल सकता है। Asthma यह संक्रामक रोग नहीं है और साथ रहने, खेलने या खाने-पिने से नहीं होता है।
क्या अगर परिवार में किसी को अस्थमा नहीं है तो हमे अस्थमा नहीं हो सकता है ?
यह सच है की आपके परवार में अगर किसी व्यक्ति को Asthma हो तो आपको Asthma होने की आशंका ज्यादा होती है पर इसका मतलब यह भी नहीं है की अगर घर मे या आपके परिवार मे किसी को अभी तक अस्थमा नहीं था तो आप भी नहीं होगा । अगर आपको किसी चीज से ऐलर्जी है तो आपको Allergic Bronchitis और अस्थमा होने का खतरा रहता है । Asthma अनुवांशिक कारणों के अलावा allergy इत्यादि कारणों से भी हो सकता है।
क्या अस्थमा से पीड़ित बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते है उनका अस्थमा अपने आप ठीक हो जाता है ?
किसी Asthma पीड़ित बच्चे का Asthma उम्र के साथ बढ़ या कम भी हो सकता है। अगर आप नियमित समतोल आहार विहार के साथ व्यायाम-प्राणायाम करते है तो इससे आप के फेफड़े (Lungs) मजबूत होते है और समय के साथ Asthma कमजोर पड़ सकता है।
क्या अस्थमा एक सामान्य रोग है और Asthma के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती है ?
WHO के अनुसार Asthma के कारण दुनिया में हर साल लगभग 2.5 लाख से ज्यादा लोगो की मृत्यु होती है। अगर समय पर Asthma का ईलाज नहीं किया जाता है तो Asthma के कारण शरीर में प्राणवायु की कमी से किसी भी मरीज की मृत्यु हो सकती है। Asthma के ईलाज संबंधी जानने के लिए पढ़े – Asthma Treatment और Asthma के रोगी को कब तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिए यह जानने के लिए पढ़े – Asthma Symptoms
क्या अस्थमा के रोगी को inhaler का उपयोग नहीं करना चाहिए ?
यह Asthma संबंधी समाज में फैला हुआ सबसे बड़ा मिथक है। अच्छे पढ़े हुए लोग भी Inhalers का नाम सुन घबरा जाते है। असल में देखा जाए तो Inhalers ने अस्थमा के रोगियों की जिंदगी आसान बना दी है। Inhaler को मुह में लगाकर दवा को साँस द्वारा अन्दर खीचने पर दवा सीधी और तुरंत फेफड़े में श्वसन नलिका में पहुचती है और इस कारण Inhalers ज्यादा असरदार और फायदेमंद साबित होते है। आमतौर पर अस्थमा में दवा मुँह से लेने से फेफड़े तक सिर्फ 60 % ही दवा पहुच पाती है, पर Inhalers द्वारा दवा लेने पर दवा सीधी फेफड़े में पहुचने से इसकी खुराक भी कम लगती है। गोली और पीने की दवा की तुलना में Inhalers में दवा की मात्रा काफी कम लगती है और खर्चा भी कम होता है। इसलिए Asthma में कम दवा, कम वक्त, कम खर्च में ज्यादा असर और तुरंत ठीक करने के वजह से Inhalers का अपना एक महत्व है।
क्या अस्थमा में Inhalers उपयोग करने पर उनकी आदत पड़ जाती है ?
यह Inhalers को लेकर एक और बड़ा मिथक है। आपको अगर बार-बार Asthma को नियंत्रित करने के लिए inhaler लेना पड़े तो इसका मतलब यह नहीं है की आपको inhaler की आदत / लत लग गयी है। बार-बार inhaler की जरुरत पड़ना यह दर्शाता है की आप या तो ठीक से परहेज का पालन नहीं कर रहे है या आपकी अन्य दवा ठीक नहीं है। अगर आपको बार-बार inhaler की जरुरत पड़ती है तो एक बार अपने डॉक्टर से जाँच करा ले। Inhaler यह Asthma से राहत पहुचाने वाली दवा है। अगर Asthma का नियंत्रण ठीक से न किया गया हो तो राहत पहुचाने के लिए Inhalers का बार-बार उपयोग करना पड़ता है और इसका दोष हम inhalers पर नहीं दे सकते है।
क्या Inhalers में Steroids का उपयोग होता है, जिसके कई दुष्परिणाम होते है ?
यह सच है की Steroids के लाभ के साथ हमारे शरीर पर कई दुष्परिणाम भी होते है। Inhalers में Steroids का प्रमाण बेहद कम होता है। उदहारण के तौर पर, एक Inhaler में जितना Steroid की मात्रा होती है उससे 60 गुना मात्रा Steroid के एक गोली में होती है। इसके अलावा, Inhalers में उपयोग में लिया जाने वाला Steroid, सामान्य Steroid नहीं होता है। Inhalers में Cortico-Steroids का इस्तेमाल किया जाता है जो की साधारणतः हमारे शरीर में भी तैयार होता है। Inhalers में इस्तेमाल किया हुआ Steroid सीधा फेफड़े में काम आने से शरीर की अन्य अंगो पर उसका कोई दुष्परिणाम नहीं होता है। यह भी जरुरी नहीं है की सभी Inhalers में Steroid ही रहता है। आपके डॉक्टर आपके Asthma के दौरे के हिसाब से Steroid रहित या Steroid विरहित Inhaler दे सकते है।
क्या अस्थमा के Inhalers गोली और पीने की दवा से ज्यादा महंगे होते है ?
असल में देखा जाए तो Inhalers की कीमत Asthma की गोली और पिने की दवा से काफी कम होती है। कम दाम होने के साथ ही Inhalers, Asthma की गोली और पिने की दवा से ज्यादा सुरक्षित और असरदार है। अध्ययनों से यह पता चला है की Inhalers को इस्तेमाल करने वाले Asthma के रोगी को अस्पताल में दाखील होने की कम जरुरत पड़ती है और साथ ही यह रोगी काम और स्कुल एवम कोंलेज में नियमित रूप से उपस्थित रहते है।
क्या अस्थमा पीड़ित गर्भवती महिला Inhalers का उपयोग नहीं कर सकती है ?
अस्थमा पीड़ित गर्भवती महिला Inhalers का उपयोग जरूर कर सकती है। अस्थमा पीड़ित गर्भवती महिला के लिए जरुरी है की वह अपने डॉक्टर की सलाह अनुसार जरुरत पड़ने पर Inhalers का उपयोग करे जिससे गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों को उचित मात्रा में निरंतर प्राणवायु मिलता रहे। गर्भवती महिला के साथ दुग्धपान करा रही माता भी जरुरत पड़ने पर Inhalers ले सकती है।
क्या अस्थमा रोग को जड़ से मिटाया जा सकता हैं ?
अस्थमा रोग को जड़ से मिटाना मुश्किल हैं। अस्थमा में रोगी को किसी चीज से एलर्जी होती है जैसे की धूल, मिटटी, सुगंध, ठण्ड या कोई केमिकल इत्यादि और ऐसे वस्तु के सम्पर्क में आने से रोगी को अस्थमा के खांसी का अटैक आता हैं। अगर रोगी उसे जिस चीज से एलर्जी है उससे दूर रहता है तो वह अस्थमा से बच सकता है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम, योग और आयुर्वेदिक दवा से व्यक्ति अपनी रोग प्रतिकार शक्ति को बढ़ाकर अस्थमा के प्रभाव को कम कर सकता हैं।
क्या अस्थमा से पीड़ित महिला में normal delivery नहीं हो सकती हैं ?
यह सच नहीं है ! अस्थमा से पीड़ित महिला में भी नार्मल डिलीवरी हो सकती है और महिला एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं। गर्भावस्था में महिला को नियमित प्राणायाम और दवा लेकर अस्थमा को नियंत्रण में रखना जरुरी होता हैं। महिला और पेट में पल रहे शिशु की पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने के लिए अस्थमा को नियंत्रण में रखना जरुरी होता हैं।
अगर अस्थमा रोग से जुड़ा कोई अन्य सवाल आपके मन मे हो तो कृपया नीचे comment मे पूछे ।
पढे – अस्थमा के रोगी ने क्या खाना चाहिए
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
जानकारी भरा आलेख …
बहुत ही उपयोगी लेख। साथ ही कुछ सेफ दवाओं एवं inhalers के नाम भी शामिल कर लिया जाय।
धन्यवाद अरविन्दजी ! दवा या इनहेलर का नाम लिख सकते है पर कुछ पाठक बिना डॉक्टर की सलाह इनका अधिक उपयोग कर सकते हैं. दवा कितनी, कब और कौन सी देना है यह रोगी की जांच कर ही तय किया जा सकता हैं.