दमा या Asthma के रोगियों को हमेशा डर लगा रहता है की कभी भी उन्हें अस्थमा का अटैक आ सकता है और सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं। विशेष कर ठंडे मौसम में, बादल आने पर या प्रदूषित वातावरण में अस्थमा के रोगी को ज़्यादा तकलीफ़ होती है।
अगर सही एहतियात न बरते जाए तो अस्थमा के रोगियों को कभी भी अस्थमा का दौरा पड़ सकता हैं। यहाँ पर अस्थमा के रोगियों के लिए कुछ ज़रूरी निर्देश दिए है जिससे की अस्थमा नियंत्रण सुलभ हो सकता हैं।
अस्थमा के अटैक से बचने के लिए क्या करें? (Asthma prevention tips in Hindi)
- एलर्जी: धूल, मिट्टी, ठंडी हवा, तीव्र गंध, रसायन, सिगरेट या बीड़ी का धुआँ, तंबाकू के संपर्क से बच कर रहे।अस्थमा के रोगी को इन से एलर्जी रहती है।
- ठंडा: ठंडे पानी से न नहाये या ज्यादा समय तक बालों को गीला ना रखे। ठंडे मौसम में घर के अन्दर व्यायाम करे या मुँह पर मास्क लगाकर रखें। ठंड के दिनों मे हमेशा गरम कपडे पहने और ठंड से अपना बचाव करे। AC के सामने न सोए।
- धूम्रपान: कभी भी धूम्रपान न करे। धूम्रपान करने वालों के साथ भी न रहे क्योंकि इसका धुआँ आपके लिए हानिकारक हैं।
- शराब: शराब न पिए। यह आपके वायु मार्ग को साफ करने के लिए खासने या छींकने की इच्छा कम कर देता है। यह आपके शरीर में द्रवों की कमी करता है जिससे आपके फेफड़ों में बलगम सख्त हो जाता है तथा उसके निकलने में मुश्किल होती है।
- ठंडा पेय: अस्थमा के दौरे के दरम्यान ठंडा पानी, आईसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, छाछ, ठंडा फ्रूट ज्यूस नहीं लेना चाहिए।
- एसिडिटि: अस्थमा के रोगी को अकसर एसिडिटि कि तकलीफ होती है इसलिये चाय, कॉफ़ी, तला हुआ, गरम मसाले आदि नही लेना चाहिए।
- रोग: सर्दी जुखाम, हलकी खांसी, बुख़ार इन की उपेक्षा ना करे। तुरंत इन्हेलर का इस्तेमाल शुरू कर दे जिससे अस्थमा के लक्षण नही बढ़ेंगे।
- व्यायाम: व्यायाम करने के १० मिनिट पहले अपनी दवा ले। अकेले कभी व्यायाम ना करे।शुरुआत में हल्का व्यायाम करे और फिर अपनी क्षमता अनुसार धीरे धीरे व्यायाम को बढ़ाये।व्यायाम करते समय हमेशा अपनी दवा साथ में रखे जिससे आपको तुरंत आराम मिलता है।
अस्थमा के रोगी ने कौन से योग करना चाहिए? (Yoga in Asthma)
नियमित योग करने से अस्थमा के रोगियों को लाभ होता हैं। अस्थमा से पीड़ित रोगी ने अपने डॉक्टर की सलाह से नियमित मत्स्यासन, सर्वांगासन, सिंहासन, योगमुद्रा और सूर्यनमस्कार योग आसन करना चाहिए। नियमित प्राणायाम करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढती है और अस्थमा में लाभ होता हैं। कपालभाती और उज्जयी प्राणायाम करने से अस्थमा में अधिक लाभ होता हैं।
अस्थमा के रोगी ने दवा लेते समय क्या ध्यान रखे?
- दवा: हमेशा डॉक्टर द्वारा दी हुई पुरी दवाई ले। अस्थमा मे दवाई हमेशा धीरे-धीरे कम कि जाती है। कभी भी बिना डॉक्टर को पूछे अपनी दवा अचानक से बंद न करे। अपनी इमरजेंसी दवा की एक अतिरिक्त खुराक हमेशा अपने साथ रखे ताकि अस्थमा अटैक के समय आपको उसे ढूँढना न पड़े।
- जाँच: डॉक्टर द्वारा दी हुई दवाई खत्म हो जाने पर डॉक्टर द्वारा निर्देशित तारीख पर फिर से जाँच कराने जाना चाहिये। अचानक दवा बंद करने से या डॉक्टर द्वारा बताये समय अनुसार दवा ना लेने पर अस्थमा दौरा फिरसे हो सकता है। डॉक्टर से कोई भी सवाल या समस्य पुछने से न डरें। कभी भी डॉक्टरी सलाह मशवरे के बिना स्वयं मेडिकल से कोई भी दवा ना ले।
- अस्थमा इनहेलर: अस्थमा के रोगियों मे यह अंधविश्वास या मिथक है कि इनहेलर लेने से उनकी आदत पड़ जाती है जब कि असल मे अस्थमा कि चिकित्सा मे इनहेलर सबसे ज्यादा उपयोगी साबित होते है। इनहेलर को मुह में लगाकर दवा को साँस द्वारा अन्दर खींचने पर दवा सीधी और तुरंत फेफड़ों में श्वसन नलिका से पहुँचाती है और इस कारण इनहेलर ज्यादा असरदार साबित होते है। इनहेलर द्वारा दवा लेने पर दवा सीधी फेफड़ों में पहुँचने से इसकी खुराक (dose) भी कम लगती है। इनहेलर का इस्तेमाल करने वाले अस्थमा के रोगी को अस्पताल में दाखिल होने की कम ज़रूरत पड़ती है और साथ ही यह रोगी काम और स्कूल एवं कॉलेज में नियमित रूप से उपस्थित रहते है। एक बार अस्थमा नियंत्रण मे आ जाने पर इनहेलर का उपयोग धीरे-धीरे कम करके बंद कर सकते है।इसलिये इनहेलर लेने से ना घबराए। डॉक्टर या सिस्टर द्वारा इनहेलर लेने कि सही तरीका सिख ले जिससे दवा का नुकसान नही होगा।
उपयोगी जानकारी – अस्थमा का ईलाज कैसे किया जाता है ?
अगर आपको यह asthma से बचने के उपाय की जानकारी उपयोगी लगती है तो कृपया इसे शेयर ज़रूर करें। अगर आपको इस लेख में कोई जानकारी के विषय में सवाल पूछना है तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में या Contact Us में आप पूछ सकते है। मैं जल्द से जल्द आपके सभी प्रश्नों के विस्तार में जवाब देने की कोशिश करूँगा।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
मुझे नहीं मालुम की और लोगों के साथ क्या होता है किन्तु मुझे बचपन से ये परेशान थी ! लेकिन जब मुझे किसी ने बताया की योग करो , धीरे धीरे अब ये समस्या खत्म हो चुकी है ! मतलब योग भी दमा सही करने में सहायक है ! आपका इलाज और लक्षण बेहतरीन हैं !
योगी सारस्वत्जी, आपके प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद !
योगा और प्राणायाम करने से हमारे फेफड़ो की कार्यक्षमता और रोग प्रतिकार शक्ति बढती है. योगा और प्राणायाम से हम कई व्याधी को दूर कर निरोगिजिवन का आनंद ले सकते हैं !
salo purana asthma bhi kya yog ke dwara theekh ho skta hai. dwa ke sath kaun se yoga karna upyogi hoga.
सविताजी,
लेख में दिए हुए योग का नियमित अभ्यास कर अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता हैं.