सिंहासन करते समय शरीर का आकार सिंह यानि Lion के समान होने के कारण इसे सिंहासन या Lion Pose कहा जाता हैं। सिंहासन योग के इतने लाभ है की इसे सर्व रोगहर आसन यानि सभी रोगों को दूर करनेवाला योग आसन भी कहा जाता हैं।
इस आसन से चेहरी की झुर्रियां दूर होती है इसलिए इसके anti-aging गुणों का लाभ लेने के लिए इसे रोज सुबह अवश्य करना चाहिए। विशेष कर जिन बच्चों को हकलाने की समस्या होती है उनके लिए यह एक उपयोगी योग हैं।
सिंहासन योग की विधि और लाभ संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं।
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सिंहासन योग कैसे करे ? (Simhasana Yoga steps in Hindi)
सिंहासन योग की विधि इस प्रकार हैं :
- सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह पर एक दरी / चटाई बिछा दे।
- अब वज्रासन में बैठ जाए। वज्रासन में कैसे बैठे यह जानने के लिए यह पढ़े – वज्रासन विधि
- अब घुटनों को जितना हो सकें उतना दुरी पर रखे।
- अब अपने दोनों हातों को दोनों घुटनों के बिच इस तरह रखे की दोनों हातों की उंगलियाँ
आपके शरीर की तरफ रहें। - दोनों हातों को सीधा रख आगे की ओर झुके।
- सिर को पीछे की ओर रखकर जितना हो सके उतना मुंह खोलिए।
- जीभ / Tongue को बाहर निकालिए।
- आँखों को खोलकर भूमध्य (दोनों eyebrows के बिच माथे / Forehead के मध्य की ओर देखे।
- अब नाक से श्वास अंदर लेकर मुंह से धीरे-धीरे आवाज निकालते हुए श्वास बाहर छोड़े।
स्वस्थ व्यक्ति ने इसे 10 बार रोज करना चाहिए। रोगी व्यक्ति कम से कम 15 से 30 बार करे। - अगर किसी कारणवश आप वज्रासन में नहीं बैठ सकते है तो इस आसान को खुर्ची पर बैठ कर भी कर सकते हैं।
- आसन के अंत में फिर से वज्रासन में थोड़ी देर बैठ जाये और बाद में 5 मिनिट शवासन करे।
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सिंहासन के क्या फायदे हैं ? (Benefits of Sinhasan Yoga in Hindi)
सिंहासन के फायदे इस प्रकार हैं :
- रोग : कान, नाक और गले के रोग से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए यह श्रेष्ठ आसन हैं।
- हकलाना : जो बच्चे हकलाकर बोलते है उन्होंने यह आसन अवश्य करना चाहिए।
- वाणी : इस आसन से वाणी मधुर और स्पष्ट होती हैं।
- अस्थमा : अस्थमा के रोगियों में यह विशेष लाभकर हैं।
- प्राणवायु : शरीर में प्राणवायु / Oxygen का संचारण ठीक से होता हैं।
- मेरुदंड : मेरुदंड / Spine लचीला और मजबूत होता हैं।
- दुर्गंध : मुंह की दुर्गन्ध उर करने के लिए यह उपयोगी आसन हैं।
सिंहासन के और भी कुछ अन्य प्रकार है परन्तु यहाँ पर सबसे सरल और उपयोगी प्रकार की जानकारी दी गयी हैं। सिंहासन करने के ऐसे तो कोई विशेष सावधानी नहीं है पर अगर यह आसन करते समय आपको यदि कोई परेशानी होती है तो योग चिकित्सक की राय जरुर लेना चाहिए।
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सिंहासन योग में क्या सावधानी रखे ?
सिंहासन योग करते समय रखें इन बातों का ध्यान:
- योग करने से पहले हमेशा वार्म-अप करें।
- योग करने के बाद हमेशा कूल-डाउन करें।
- योग खाली पेट पर करें।
- योग करते समय आरामदायक कपड़े पहनें।
- योग शांत जगह पर करें।
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सिंहासन योग से जुड़े सवालों के जवाब
सिंहासन योग कितनी देर तक करना चाहिए ?
शुरुआत में 10-15 सेकंड के लिए यह आसन करें। धीरे-धीरे समय बढ़ाते जाएं। 30 सेकंड से 1 मिनट तक यह आसन करने का लक्ष्य रखें।
क्या सिंहासन योग खाने के बाद कर सकते हैं ?
नहीं, सिंहासन योग खाने के बाद नहीं करना चाहिए।
सिंहासन योग करने का सबसे अच्छा समय कौन सा हैं ?
सिंहासन सुबह खाली पेट करने से पाचन क्रिया बेहतर होती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। शाम को भोजन के 3-4 घंटे बाद सिंहासन योग करने से भी यह आसन फायदेमंद होता है।
सिंहासन योग किसे नहीं करना चाहिए ?
गर्भावस्था में, हाई ब्लड प्रेशर के रोगी, ह्रदय रोगी, रीढ़ की हड्डी की समस्या या घुटनो में दर्द होने पर सिंहासन योग नहीं करना चाहिए।
क्या सिंहासन योग करने से आवाज में सुधार होता हैं ?
हाँ, सिंहासन योग करने से आवाज में सुधार होता है। यह आसन गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और स्वरयंत्र को उत्तेजित करता है, जिससे आवाज स्पष्ट और मधुर होती है।
सिंहासन योग करने के बाद कौन सा योग करना चाहिए ?
सिंहासन योग करने के बाद आप बालासन, भुजंगासन, मार्जरासन या शवासन कर सकते हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
This asan(sinhasan) is very useful and one should do it twice a week and 5 times