प्रसव/ Delivery के पहले 6 हफ्तों में हर महिला को अपना खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इन्हीं दिनों में योग्य आहार विहार, आराम आदि से वह अपनी कमजोरी दूर कर सकती है, साथ ही आनेवाले जीवन के लिए बेहतर स्वास्थ्य पा सकती है।
Delivery के बाद महिला ने किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और अपना ख्याल कैसे रखना चाहिए इसकी जानकारी आज इस लेख में हम आपको देने जा रहे हैं :
Delivery के बाद कैसे रखे माँ अपना ख्याल ?
How to take care after Delivery / Pregnancy in Hindi
ज्यादातर महिलाएं डिलीवरी के तुरंत बाद अपनी सही तरीक़े से देखभाल नही करती है। कई कामकाजी महिलाएं डिलीवरी के 2 से 3 हफ्ते बाद ही काम पर जाना शुरु कर देती है, पर यह सही नहीं है। डिलीवरी के बाद कम से कम 6 हफ्ते सही तरीके से आराम लेना चाहिए साथ ही पुराने लोगों ने जो आहार विहार कहा हो उसका पालन भी सही तरीके से करना चाहिए, क्योंकि पुराने लोग कहते हैं कि एक स्त्री की delivery सुधर गई तो उसकी आगे की जिंदगी भी समझो सुधर गई।
Delivery के तुरंत बाद यानी शुरुआती 6 हफ्तों में, एक मां ने अपना ख्याल कैसे रखना चाहिए इस बारे में अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
कैसा हो delivery के बाद माँ का आहार
- Delivery के पहले हफ्ते में पुराने अनुभवी लोग सीधा आहार जैसे दाल-चावल, रोटी-सब्जी नही देने के बजाय धीरे-धीरे आहार शुरू करते है, जैसे पहले हफ्ते में गर्म पानी, मेथी-अजवाइन का पानी, आयर्वेदीक दवाइयों के लडडू जिसमे खास तौर पर दवाइयों के साथ मेथी, सुंठ, धनिया, गोंद,घी, गुड़ हो, गाय का घी डालकर, मूंग दाल का पानी, बादाम का, अजवाइन का हलवा, नाचनी की खीर आदि दिया जाता है। ये लड्डू स्वाद में कड़वे भले ही रहते हो पर सेहत से भरपूर होते है। इन सब दवाइयों से bleeding साफ होता है। गर्भाशय संकोचन में मदत होती है। वातप्रकोप नही होता। दूध ज्यादा आता है। ये लड्डू हफ्ते से 10 दिन खाने चाहिए। इसके बाद बादाम, खसखस, खरीक, गोंद, तिल, घी से बने डॉयफ्रूट के लड्डू करीब 30 से 40 दिन तक खाना चाहिए।
- दूसरे हफ्ते से रोटी, सब्जी, दाल शुरू करते है। ध्यान रहे शुरुआती दिनों में मूंग की दाल ही ले। मूंग की पतली दाल में रोटी चुरकर घी व सब्जी डाल कर सुबह शाम खाये। कभी कभी शाम को मूंग दाल की खिचड़ी या दूध में रोटी चुरकर भी ले सकते है। खाना खाने के बाद बडी सौंफ, अजवाइन, तिल, अलसी आदि का मिश्रण 1 चम्मच खाये, जिससे खाया हुआ अनाज पचने में मदत मिलेगी, भूक बढ़ेगी, वातशमन होगा,गर्भाशय शुद्धि होगी।
- बच्चा हर 2 घण्टे में feeding लेता है, इसीलिए माँ को चाहिए कि हर 2 से 3 घण्टे में कुछ खाये। आप खाने के अलावा बीच मे फल, हलवा, लड्डू आदि ले सकते है। यह अवश्य पढ़े – बच्चे को कब और कैसे दूध पिलाए Breast feeding tips in Hindi
- पानी ज्यादा पीना है, पर कोशिश करे कि उबला हुआ पानी ही पिये। बच्चे को feeding कराने के पूर्व 1 ग्लास पानी,दूध या कोई और लिक्विड अवश्य ले।
- साधारणतः हर माँ को हर रोज 600 से 800 ml दूध आना चाहिए। यह तभी होगा जब आहार सही हो और हर रोज करीब 500 से 600 कैलोरीज अगर ज्यादा ली जाए। इसीलिए माँ का आहार ऐसा चाहिए जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, कैल्शियम, विटामिन्स आदि सभी की आपूर्ति करे।
- हर रोज सुबह 8 से साढ़े 8 बजे नाश्ता, दोपहर में साढ़े 12 से 1 के बीच खाना, शाम को 5 से साढ़े 5 के बीच नाश्ता व रात को 8 से साढ़े 8 के बीच रात का खाना ले। इसके अलावा सुबह 11 बजे व दोपहर को 3 साढ़े 3 बजे लड्डू, बादाम का हलवा आदी ले। सुबह उठते ही 2 से 4 बादाम खाकर 1 ग्लास गर्म पानी मे निम्बू डालकर ले, उसके आधे घण्टे बाद 1 ग्लास दूध पिये व सोने से पहले 1 ग्लास गर्म दूध में 1 चम्मच गाय का घी डालकर पिये।
- यह दिनचर्या शुरुआत के 40 से 90 दिन strictly follow करे।
- अपथ्य :- अपथ्य याने वह चीजें जिन्हें न खाया जाए या कम से कम खाया जाए, जैसे, ककड़ी, अंकुरित कच्चा अनाज, राजमा, छोले, चने की दाल, बैंगन, लाल कद्दू, आलू, नूडल्स, बाजार की चीजें, आम, सीताफल, मिठाइयां आदि।
- यह अवश्य खाए : घी, गुड़, आदि से पर्याप्त कैलोरीज मिलती है, जो दूध ज्यादा आने के लिए जरूरी होती है। नाचनी में कैल्शियम, लोह और क्षार होते है। खसखस में अच्छा तेल व खूब कैल्शियम होता है। डॉयफ्रूट से प्रोटीन मिलता है। खजूर, गुड़ से खून बनने में मदत मिलती है।
- इसके अलावा कई और हेल्थी चीजे आप अपने डाइट में शामिल कर सकते है जैसे, नाश्ते में उपमा, मेथी के थेपले, इडली सांभर, अंकुरित मूंग मोट की उसल, आटे का शिरा आदि। शाम के नाश्ते में फ्रूट, ममरे का चिवड़ा और ग्रीन टी, राजगिरे का लड्डू और दूध, सिंगदाने का लड्डू, इस तरह बदल बदल कर ले सकती है।
Delivery के बाद कितना आराम करे ?
- एक महिला के जीवन मे डिलीवरी के बाद सिर्फ यही समय होता है, जब वह आराम का लाभ उठा सकती है, अतः इस समय का पूरा लाभ ले।
- बच्चे का जागने का व सोने का कोई fix time नही होता है, इसीलिए जब भी बच्चा सोए तब माँ ने भी आराम कर लेना चाहिए।
- महिला को 7 से 8 घंटे सोना अवश्य चाहिए।
Delivery के बाद टहलना भी है जरूरी
- माना कि ये समय आराम का है, लेकिन इतना भी आराम ना करे कि आपका वजन बढ़ जाये।
- डिलीवरी के 1 हफ्ते बाद आप सुबह शाम थोड़ी देर टहलने की आदत डालें। समय धीरे धीरे बढ़ाये।
- आप डिलीवरी के सव्वा महीने बाद धीरे धीरे योग भी शुरू कर सकती है। इससे आपका गर्भाशय पूर्वस्तिथि में आने में मदत होगी, साथ ही आपका फिगर भी बना रहेगा।
Iron और Calcium को भी शामिल करें
- हर स्तनपान करनेवाली मां को, वह जब तक स्तनपान या Breast feeding कराती है, तब तक Iron और Calcium जरूर लेना चाहिए। साथ ही आहार भी पोषकतत्व से भरपूर लेना चाहिए, जैसे हरी सब्जियां, दाल, फल आदि।
- क्या आप जानते हैं – Calcium के लिए कौन सा आहार लेना चाहिए ?
Delivery के बाद पेट कैसे कम करे ?
- Normal delivery के 3 से 4 दिन बाद और Cesarean Delivery के 15 दिन बाद या टाके अच्छे से निकलने के पश्चात आपको करीब 2 महीने तक पेट को बांधकर रखना चाहिए, ताकि आप का पेट आगे न निकले।
- खाना खाने के वक्त belt को निकाल ले व खाने के 2 घण्टे बाद पुनः पहने।
- आप इसके लिए कोई कॉटन साड़ी, दुप्पटा या abdominal belt भी use कर सकते है।
- Cesarean के बाद जब पेट बंधना शुरू करे तो शुरुआत में ज्यादा टाइट ना बांधे।
अवश्य पढ़े – पहली delivery operation से होने के बाद क्या ख्याल रखे ?
सेक धूप अवश्य ले।
- हमारे मम्मी दादी के निर्देशानुसार डिलीवरी के बाद पूरे शरीर की मसाज जरूर करें।
- मसाज के पश्चात कमर को सेक ले व प्राइवेट पार्ट को औषधियों का धुर अवश्य दें, जिससे कीटाणुओं का संक्रमण व खुजली की परेशानी ना हो।
- शुरुआती कुछ दिनों तक आप sitz bath भी ले सकते है।
- आप चाहे तो उसके लिए एरोमा तेल भी इस्तेमाल कर सकते है।
उपयोगी जानकारी – Delivery के बाद माँ अपना वजन कम कैसे करे ?
Delivery के बाद माँ के लिए कुछ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स
- नाश्ता, खाना आदि का समय फिक्स रखे। उसमे ज्यादा बदलाव न करे।
- उपवास न करे।
- देर रात न जगे, ज्यादा बाते न करे। इस वक्त आँखे भी कमजोर होती है, इसलिए पढ़ना, मोबाइल देखना avoid करे, आँखों को नुकसान हो सकता है।
- मन को प्रसन्न रखने की कोशिश करे, जिससे खाया हुआ अनाज भी अच्छे से पचता है व दूध भी अच्छा आता है।
- कम से कम 2 महीने तक उबला हुआ पानी पिये। फ्रिज का पानी न पिएं।
- दवाइयों के लड्डू भले ही वे स्वाद मे कड़वे हो जरूर खाये, सेहत से भरपूर होते है।
- बासी, खट्टा, खारा, अधिक तीखा, तला हुआ खाना न खाए।
- खाने के बाद दशमूलारिष्ट या डॉक्टर के सलाह से कोई वातशामक काढ़ा 20 ml दिन में 2 बार ले। कम से कम 3 महीने ले।
- खाने के बाद 15 min के बाद कुछ देर वज्रासन में बैठे।
- शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग करे।
- पढ़ना न भूले : स्तनपान के समय माँ ने आहार में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ?
तो यह कुछ नियम Delivery के तुरंत बाद महिलाओं को अपनाने चाहिए, ताकि डिलीवरी की थकान दूर होकर शरीर मे ताकत आए और स्फूर्ति आये तथा डिलीवरी के बाद का सफर भी आनंददायी हो। इस तरह हर महिला ने डिलीवरी के बाद अपना खयाल रखना चाहिए।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।