गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन कैसे बढ़ाए ?

Pregnancy में महिला को सबसे अधिक चिंता अपने पेट में पल रहे गर्भ की होती हैं। कई महिलाए हमें गर्भावस्था में अपने गर्भ का सही विकास और वजन बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए इसकी जानकारी पूछते हैं। इस विषय को लेकर कोई विशेष जानकारी फिलहाल इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हैं।हमारे सभी पाठकों के विशेष अनुरोध पर हम आज हम इस लेख में Pregnancy में गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन कैसे बढ़ा सकते है इसकी विशेष जानकारी देने जा रहे हैं। हम इस लेख में आपको गर्भ में पल रहे बच्चे की उम्र के हिसाब से लम्बाई और वजन कितना होना चाहिए इसकी जानकारी भी दे रहे है। आपसे निवेदन है की अगर आपको यह लेख उपयोगी लगे तो कृपया इसे शेयर जरूर करे ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके।

Pregnancy में गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन बढ़ाने के उपाय की जानकारी नीचे दी गयी हैं :

गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन कैसे बढ़ाए ?

How to increase baby weight during pregnancy in Hindi

गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन हर हफ्ते बढ़ता हैं। वजन बढ़ने की रफ़्तार हर हफ्ते अलग अलग होती हैं। अगर अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी में गर्भ का वजन ज्यादा या कम दिखाया जाता है तो इसके लिए आपको रिपोर्ट देखकर चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि यह औसतन वजन होता हैं। अगर आपके डॉक्टर रिपोर्ट देखने के बाद कहते है की गर्भ का वजन कम है तभी आपको इसके बारे में विचार करना चाहिए।

गर्भ का हर हफ्ते औसतन कितना वजन और लम्बाई होना चाहिए इसकी जानकारी निचे तालिका में दी गयी है।

गर्भ
की आयु
 
लम्बाई
(cm)
वजन
(g)
8
weeks
1.6
cm
1
gram
9
weeks
2.3
cm
2
grams
10
weeks
3.1
cm
4
grams
11
weeks
4.1
cm
7
grams
12
weeks
5.4
cm
14
grams
13
weeks
7.4
cm
23
grams
14
weeks
8.7
cm
43
grams
15
weeks
10.1
cm
70
grams
16
weeks
11.6
cm
100
grams
17
weeks
13
cm
140
grams
18
weeks
14.2
cm
190
grams
19
weeks
15.3
cm
240
grams
20
weeks
16.4
cm
300
grams
20
weeks
25.6
cm
300
grams
21
weeks
26.7
cm
360
grams
22
weeks
27.8
cm
430
grams
23
weeks
28.9
cm
501
grams
24
weeks
30
cm
600
grams
25
weeks
34.6
cm
660
grams
26
weeks
35.6
cm
760
grams
27
weeks
36.6
cm
875
grams
28
weeks
37.6
cm
1005
grams
29
weeks
38.6
cm
1153
grams
30
weeks
39.9
cm
1319
grams
31
weeks
41.1
cm
1502
grams
32
weeks
42.4
cm
1702
grams
33
weeks
43.7
cm
1918
grams
34
weeks
45
cm
2146
grams
35
weeks
46.2
cm
2383
grams
36
weeks
47.4
cm
2622
grams
37
weeks
48.6
cm
2859
grams
38
weeks
49.8
cm
3083
grams
39
weeks
50.7
cm
3288
grams
40
weeks
51.2
cm
3462
grams
41
weeks
51.7
cm
3597
grams
42
weeks
51.5
cm
3685
grams

 

 

Pregnancy में गर्भ का वजन बढ़ाने के लिए कैसा आहार लेना चाहिए ?

  1. अल्प आहार / Small Diet : गर्भावस्था में 7 वे महीने से गर्भ का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और इस समय आपको सामान्य से 450 कैलोरी अधिक की जरुरत होती हैं। प्रेगनेंसी के सातवे महीने से (third trimester) गर्भ का विकास होने से पेट के ऊपर दबाव आता है और पेट में आमाशय / Stomach के लिए कम जगह रहती हैं। इस वजह से थोड़ा सा खाने पर भी पेट भरा हुआ लगता है और महिला अधिक आहार नहीं खा पाती हैं। गर्भवती महिला को और गर्भ को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा और पोषण मिले इसलिए महिला ने हर 2 – 3 घंटे पर अल्पाहार करना चाहिए। थोड़ा-थोड़ा आहार खाने से पेट पर दबाव भी नहीं आता और माँ – गर्भ को पर्याप्त ऊर्जा और पोषण मिलता हैं।
  2. पानी / Water : प्रेगनेंसी के third trimester में गर्भाशय का दबाव पेट के निचे हिस्से पर आने से महिला को बारबार पेशाब लगती है और साथ में पेट पर दबाव आने से महिला अधिक पानी नहीं पि पाती है। शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त बनाये रखने के लिए महिला ने थोड़-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए और दिनभर में 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। माँ और गर्भ दोनों के विकास के लिए पानी आवश्यक हैं।
  3. कैल्शियम / Calcium : प्रेगनेंसी के third trimester में शिशु के हड्डियों का विकास लगभग हो जाता है और उसमे कैल्शियम संचय होना जारी रहता हैं। ऐसे समय गर्भवती महिला और शिशु को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में होने के लिए दूध, दही, पनीर, बादाम, अंजीर और कैल्शियम की गोली का सेवन जरुरी होता हैं। प्रेग्नेंट महिला को इस समय 1000 से 1300 मिलीग्राम कैल्शियम रोजाना मिलना जरुरी होता हैं। आपको अपने आहार में रोजाना कम से कम 500 ml दूध जरूर शामिल करना चाहिए। यह कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत हैं। दूध पिने से माँ और गर्भ दोनों की हड्डियां मजबूत बनती है और वजन भी ठीक से बढ़ता हैं। अगर आपको साधा दूध पीना पसंद नहीं है तो आप इसका शेक बनाकर भी पी सकते हैं। ताजा दही प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है इसलिए आप इसका भी सेवन कर सकते हैं।  जरूर पढ़े – महिलाओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण और अधिक कैल्शियम युक्त आहार की जानकारी
  4. फोलिक एसिड / Folic Acid : गर्भवती महिला हिमोग्लोबिन 12 ग्राम से ऊपर होना चाहिए। अगर रक्त में हिमोग्लोबिन की कमी है तो डॉक्टर से मिलकर हिमोग्लोबिन आयरन और फोलिक एसिड की दवा शुरू करना चाहिए। आयरन का पेट में अच्छे से अवशोषण होने के लिए साथ में विटामिन सी युक्त आहार भी साथ में लेना चाहिए। शरीर में खून की कमी दूर करने के लिए कौन सा आहार खाना चाहिए यह जानने के लिए यह लेख पढ़े – खून की कमी दूर करने के लिए कौन सा आहार खाना चाहिए ?
  5. फाइबर / Fiber : प्रेगनेंसी के तीसरे तिमाही में गर्भाशय के दबाव से महिलाओं को अक्सर कब्ज और बवासीर की शिकायत हो जाती है जो की प्रेगनेंसी में एक गंभीर समस्या हैं। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए इस दौरान दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी और अधिक फाइबर युक्त अनाज खाना चाहिए। साबुत अनाज, दलिया, फल, हरी पत्तेदार सब्जी, चुकंदर, गाजर, ककड़ी, टमाटर का सेवन करना चाहिए।
  6. प्रोटीन / Protein : प्रेगनेंसी के अंतिम तीन महीनो में शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से होता हैं। स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग के लिए प्रोटीन बेहद जरुरी होता हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के अंतिम तीन महीनो में गर्भवती महिला ने अधिक प्रोटीन युक्त आहार जैसे दालें, सोयाबीन, सुकमेवा, दूध, दही,पनीर को अपने आहार में समावेश करना चाहिए। अगर आपको डायबिटीज नहीं है तो आप रोजाना 2 से 3 रसगुल्ले खा सकते हैं। इसमें प्रोटीन और क्लासियम दोनों होता है और पेट में गर्भ का वजन बढ़ाने के साथ साथ अगर गर्भ में पानी की कमी है तो यह पानी की कमी भी दूर करता हैं। प्रोटीन के सभी आहार स्त्रोत की जानकारी के लिए यह पढ़े – प्रोटीन के आहार स्त्रोत
गर्भावस्था में गर्भ का पूरा पोषण माँ के आहार पर निर्भर होता हैं इसलिए गर्भिणी स्त्री ने पर्याप्त पोषक आहार लेना बेहद आवश्यक होता हैं। पोषक आहार के साथ पर्याप्त आराम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर आप एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
आपसे निवेदन है की अगर आपको Pregnancy में गर्भ में पल रहे बच्चे का वजन बढ़ाने की जानकारी उपयोगी लगती है तो कृपया इसे Whatsapp और Facebook पर शेयर जरूर करे। धन्यवाद !

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