सेतुबंधासन करने की विधि और फायदे | Setubandhasana in Hindi

setubandhasana yoga ke fayde aur vidhi

सेतुबंधासन (Setubandhasana) Yoga में आपके शरीर का आकार सेतु (Bridge) के समान होने के कारण इसे सेतुबंधासन या Bridge Pose कहा जाता हैं। अगर आप रोज-रोज के कमरदर्द से परेशान हैं तो सेतुबंधासन आपके लिए फायदेमंद हो सकता हैं। केवल कमर दर्द के लिए ही नहीं तो बल्कि थाइरोइड और गर्भावस्था में भी यह आसन बेहद उपयोगी हैं।

कोई योग अगर सही तरीके से किया जाये तो उससे लाभ होता हैं पर अगर गलत तरीके से करे तो उससे नुकसान भी हो सकता हैं। आज के इस लेख में हम आपको कमर दर्द से राहत दिलाने वाले खास आसन – सेतुबंधासन की जानकारी दे रहे है।

सेतुबंधासन की विधि, लाभ और सावधानी संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

सेतुबंधासन कैसे करे? (Setubandhasana steps in Hindi)

  • सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह पर एक दरी, चटाई या योगा मैट बिछा दे।
  • अब पीठ के बल बल सीधे लेट जाये।
  • अपने दोनों घुटनों को मोड़ दे।
  • दोनों हाथों को सीधा रख हथेलियों को जमीन पर टिकाये या हाथों से अपनी एड़ियों को आप पकड़ भी सकते हैं।
  • अब कमर के निचे हिस्से को सांस भरते हुए ऊपर की तरह उठाये।
  • क्षमतानुसार थोड़ा रुके और सांस को रोककर रखे।
  • शुरुआत में आप अपने हाथो से नितम्बों / Hips को सहारा दे सकते हैं। अभ्यास के साथ बिना हाथ के सहारे आपको यह आसन करना हैं।
  • इस क्रिया के समय आपकी ठोड़ी (Chin) छाती से संपर्क में आने से थाइरोइड ग्लैंड भी क्रियान्वित होती हैं।
  • अंत में सांस को छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस कमर को निचे लाये।
  • इस क्रम को 2 से 5 बार दोहराए।

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सेतुबंधासन के फायदे (Setbandasana benefits in Hindi)

  • कमरदर्द, कब्ज, पीठ में अकड़न और पेट के निचले हिस्से में दर्द में अत्यंत लाभकारी है।
  • थाइरोइड के रोगियों को यह अवश्य करना चाहिए।
  • गर्भावस्था में यह आसन करने से सम्पूर्ण गर्भावस्था में और प्रसव के बाद भी महिलाओं को कमर दर्द की तकलीफ नहीं होती हैं। गर्भावस्था के अंतिम महीनो में इसे न करे।
  • कमर, कंधे, हाथ और पैर के स्नायु मजबूत बनते हैं।
  • पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी कम होती हैं।
  • मानसिक शांति का लाभ होता हैं।
  • पेट के विकार दूर होते हैं।

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सेतुबंधासन में क्या सावधानी बरतें?

  1. 9 वर्ष से कम आयु के बच्चे इसे न करे।
  2. आमतौर पर इसे सुबह के समय खाली पेट करना चाहिए।
  3. अधिक कमरदर्द होने पर इसे दिन में 2 बार कर सकते है पर पहले अपनी डॉक्टर की राय अवश्य लेनी चाहिए।
  4. अगर खाने के बाद यह आसन करना है तो खाने के 3 घंटे बाद ही करे।
  5. अगर आपको गर्दन में तकलीफ है या चक़्कर आते है तो यह आसन नहीं करना चाहिए।
  6. अगर पेट का कोई ऑपरेशन हुआ है तो यह योग न करे।
  7. स्लिपडिस्क या पेट में अलसर है तो यह आसन न करे।

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सेतु बंधासन कौन कर सकता है?

सेतु बंधासन एक ऐसा आसन है जिसे सभी लोग कर सकते हैं, चाहे उनकी उम्र, लिंग या शारीरिक फिटनेस का स्तर कुछ भी हो। यह एक शुरुआती योग आसन है जो पीठ, कूल्हों और पैरों को मजबूत करने में मदद करता है।

हालांकि, कुछ लोगों को सेतु बंधासन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  • गर्भवती महिलाएं
  • पीठ या गर्दन की चोट के इतिहास वाले लोग
  • उच्च रक्तचाप या अन्य हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोग
  • अगर आपका कोई पेट का ऑपरेशन हुआ हैं
  • स्पाइन की समस्या हैं

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सेतुबंधासन यह एक बेहद सरल और उपयोगी योगासन हैं। अगर आप यह योग करने के लिए पात्र है तो आपने यह योग अवश्य करना चाहिए।

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