आजकल के आधुनिक जीवन में बिगड़ी जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण कई युवावर्ग के लोग क्रोध, पीठ का दर्द, मोटापा, अपचन और कब्ज जैसी समस्याओं से परेशान हो रहे हैं। इन सभी समस्याओं से हम योग द्वारा छुटकारा पा सकते हैं। हमारे शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए हम एक विशेष योगासन – उष्ट्रासन का अभ्यास कर सकते हैं।
‘ उष्ट्र ‘ यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है ‘ ऊंट ‘, उष्ट्रासन में शरीर का आकार ऊंट की तरह हो जाने के कारण ही इसे यह नाम दिया गया हैं। अंग्रेजी में इसे इसीलिए Camel Pose नाम दिया गया हैं। योग में सर्वांगासन के बाद अगर किसी योग से सबसे अधिक लाभ होता है तो वह हैं उष्ट्रासन !
उष्ट्रासन योग करने की विधि, इसके लाभ और एहतियात से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
उष्ट्रासन योग की विधि, फायदे और सावधानी (Steps and Benefits of Camel Pose in Hindi)
उष्ट्रासन योग की विधि (Camel Pose steps in Hindi Language)
- एक समान, सपाट और स्वच्छ जगह पर कम्बल, चटाई या योगा मैट या अन्य कोई आसन बिछाए।
- दोनों पैर सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाए।
- इसके बाद बाए (Right) पैर का घुटने को मोड़कर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए।
- अब दाए (Left) पैर का घुटना भी मोड़कर इस तरह बैठे के पैरो के पंजे पीछे और ऊपर की और हो जाए और नितम्ब (Hips) दोनों एडीओ (Ankle) के बीच आ जाए।
- दोनों पैर के अंगूठे (Great Toe) एक दूसरे से मिलाकर रखे। दोनों एड़ियो में अंतर बनाकर रखे।
- शरीर को सीधा रखे।
- अपने दोनों हाथो को घुटने पर रखे। यह स्तिथि वैसी ही है जैसे आप वज्रासन में बैठते हैं।
- अब धीरे-धीरे घुटनों के बल कमर सीधी होने तक ऊपर उठना है।
- अब दायें हाथ से दायें एड़ी को और बाए हाथ से बाए यदि को पकड़ना हैं। हाथों को इस प्रकार रखे की उंगलियां अंदर की ओर तथा अंगूठा बाहर की ओर हो।
- अपने सिर को जितना पीछे हो उतना पीछे ले जाने का प्रयास करे।
- इस उष्ट्रासन की स्तिथि में अब गहरी सांस लेकर अपने क्षमता की हिसाब से 30 सेकंड से 1 मिनिट तक बने रहे।
- अब हाथों से एड़ियों को छोड़कर दुबारा वज्रासन की स्तिथि में आ जाये।
- अब अपनी क्षमतानुसार उष्ट्रासन की 3 से 4 आवृत्ति (cycle) करे।
- अंत में आराम करने के लिए शवासन करे।
- उष्ट्रासन योग को हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए।
उष्ट्रासन योग के लाभ (Camel Pose benefits in Hindi)
- यह आसन श्वसन तंत्र के लिए बहुत लाभकारी है। फेफड़ों को सक्रिय करता है जिससे दमा के रोगियों को लाभ होता है।
- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस एवं साइटिका आदि समस्त मेरुदंड के रोगों को दूर करता है।
- थायराइड के लिए यह लाभकारी आसन है।
- शरीर लचीला बनता है और पेट और कमर पर जमा फैट कम होता हैं।
- महिलाओं में मासिक से जुडी समस्याओं में कमी आती हैं।
- पाचनशक्ति बढ़ती है और कब्ज की समस्या नहीं होती।
- चेहरा का तेज बढ़कर चेहरा सुन्दर बनता हैं।
- जिन लोगो की छाती छोटी होती है ऐसे लोगो का छाती चौड़ी होती हैं।
उष्ट्रासन योग में क्या सावधानी बरतना चाहिए ? (Precautions of Camel Pose in Hindi)
- हाई ब्लड प्रेशर या कम ब्लड प्रेशर की समस्या
- गर्भावस्था / Pregnancy
- ह्रदय रोग
- माइग्रेन
- मेरुदंड / Spinal Cord से जुडी समस्या
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।