मधुमेह के क्या दुष्परिणाम हैं | Complications of Diabetes in Hindi

diabetes complications in Hindi

आज दुनिया में मधुमेह (Diabetes) के रोगियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा हैं। मधुमेह के रोगियों की संख्या इतनी ज्यादा होने के बावजूद, लोगो में मधुमेह रोग संबंधी जागरूकता नहीं हैं। लोगो के मधुमेह संबंधी अज्ञानता को दूर करने के लिए निरोगिकाया पर हमने कई सारे मधुमेह से जुड़े लेख प्रकाशित किये हैं।

Diabetes के कारण शरीर पर कई सारे जानलेवा दुष्परिणाम हो सकते हैं। डायबिटीज की बीमारी एक दीमक की तरह होती है जो धीरे-धीरे सारे शरीर को अंदर से खोखला कर देती हैं। डायबिटीज के साइड इफ़ेक्ट में से कुछ दुष्परिणाम ऐसे है जो की तुरंत (acute) होते हैं तो कुछ ऐसे है जिनका असर धीरे-धीरे (chronic) होता हैं।

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मधुमेह के कारण होनेवाले शारीरिक दुष्परिनामो की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

मधुमेह के क्या दुष्परिणाम हैं ? (Complication of Diabetes in Hindi)

Hypoglycemia – ब्लड शुगर कम होना

Hypoglycemia में रक्त शर्करा में इतनी कमी आ जाती है की पीड़ित को इतनी उर्जा प्राप्त नहीं होती है की वह कोई शारीरिक कार्य कर पाए। सामान्य तौर पर, रक्त शर्करा में कमी आने पर Pancreas से एक Glucagon नामक हार्मोन निकलता है जो Liver में Glycogen को Glucose में बदल देता हैं जिससे रक्त शर्करा फिर सामान्य हो जाती हैं। मधुमेह पीडितो में कभी Glucagon हार्मोन यह काम नहीं कर पाता है और रक्तशर्करा कम रह जाने से Hypoglycemia होने का खतरा रहता हैं।

  1. Hypoglycemia से बचने के लिए मधुमेह के रोगियों ने हमेशा दवा या Insulin लेने के बाद आहार अवश्य लेना चाहिए। ज्यादा समय तक Hypoglycemia होने से कोमा या मृत्यु भी हो सकती हैं।
  2. भूक लगना, चक्कर आना, ज्यादा पसीना आना,धड़कन तेज होना, कमजोरी, बेहोशी, सरदर्द, असमंजस और हात-पैर कांपना यह सब Hypoglycemia के लक्षण हैं।
  3. यह लक्षण नजर आने पर तुरंत कुछ मीठा खाना चाहिए और डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
  4. आप अपने जेब में एक चिट्ठी भी लिखकर रख सकते है की आप एक मधुमेह के रोगी है और बेहोशी जैसे अवस्था में पाए जाने पर आपको तुरंत कुछ मीठा खिलाया जाये औए नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाये।
  5. Hypoglycemia जैसे लक्षण नजर आने पर आप तुरंत बेझिझक मीठा खा सकते हैं।
  6. रात में सोने से पहले बिना शक्कर एक ग्लास दूध पिने के बाद सोना चाहिए।
  7. उच्च रक्तशर्करा होने पर उसे नियंत्रित किया जा सकता है पर लम्बे समय तक रक्तशर्करा बेहद कम होना प्राणघातक हैं।

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Diabetic Ketoacidosis 

Diabetic Ketoacidosis यह मधुमेह में तुरंत होनेवाला सबसे खतरनाक दुष्परिणाम हैं। यह Insulin हार्मोन की अत्याधिक कमी के कारण होता हैं। तुरंत चिकित्सा न करने पर यह जानलेवा भी हो सकता हैं। ज्यादा पेशाब होना, मुंह सुक जाना, ज्यादा प्यास लगना, जी मचलाना, ज्यादा उलटी और पेट दर्द होना यह Diabetic Ketoacidosis के लक्षण हैं। रोगी को तुरंत Insulin और IV Fluids न मिलने पर गंभीर स्तिथि निर्माण हो सकती है। यह दुष्परिणाम ज्यादातर Type 1 DM में पाया जाता हैं।

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    Heart / Cardio-Vascular Disease – ह्रदय रोग

    मधुमेह के रोगियों को ह्रदय रोग होने का खतरा सबसे अधिक होता हैं। रक्त शर्करा की अधिक मात्रा के कारण रक्त धमनिया कड़क और संकीर्ण हो जाती हैं, परिणामत: ह्रदय रोग और रक्त धमनियों के विकार हो जाते हैं। रक्त शर्करा, रक्त चाप और Cholesterol की मात्रा को नियंत्रण में रखने के साथ खून पतला करनेवाली Aspirin / Clopidogrel जैसी दवा लेकर ह्रदय रोग से बचाव किया जा सकता हैं।

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    Kidney / Urinary Tract Disease – किडनी और मूत्रवह मार्ग के रोग

    अनियंत्रित मधुमेह के रोगियों में मुत्रवह मार्ग में संक्रमण एक आम समस्या हैं। बार-बार थोड़ी पेशाब होना, पेशाब में जलन, पेट दर्द और कमर दर्द यह लक्षण नजर आते हैं। लंबे समय तक संक्रमण और अनियंत्रित रक्त शर्करा के कारण किडनी की कार्यक्षमता में कमी आ जाती हैं। पेशाब में Protein आना यह किडनी खराब होने की पहली निशानी होती हैं। नियंत्रित मधुमेह और नियंत्रित रक्तचाप यह किडनी रोग से बचने का मूलमंत्र हैं।

    Diabetic Foot – पैरो की समस्या

    मधुमेह के रोगियों में कुछ वर्ष के बाद पैरो की छोटी रक्त धमनियों में अवरोध के कारण पैरो में रक्त संचारण में कमी आ जाती हैं। ऐसी स्तिथि में पैर में लगी छोटी सी चोट भी जल्द ही संक्रमण के कारण बड़ी हो जाती है और पैर में Gangrene होने का खतरा रहता हैं। मधुमेह के रोगियों ने अपने पैर संबंधी क्या एहतियात बरतने चाहिए इसकी अधिक जानकारी के लिए हमारा यह लेख पढ़े – Diabetic Foot

    Diabetic Neuropathy – नसों की समस्या

    लंबे समय तक उच्च रक्तशर्करा के कारण होने वाला यह एक और गंभीर समस्या हैं। अनियंत्रित मधुमेह के कारण शरीर में नसे प्रभावित हो जाती है। हात-पैर में बधिरता या चीटिया दौड़ने जैसे लगना, कमजोरी, हात-पैर में दर्द और नसों में खीचाव जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। लगभग 50% मधुमेह के रोगियों में Diabetic Neuropathy की समस्या पायी जाती हैं। आँखों की नसे प्रभावित होने से आँखों की रौशनी जाने का खतरा भी बना रहता है।

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    यहाँ पर सिर्फ मधुमेह के मुख्य दुष्परिणामो की चर्चा की गयी हैं। इनके अलावा भी मधुमेह के और भी कई दुष्परिणाम हैं। मधुमेह एक slow poison की तरह हैं जो नियंत्रण में न रखने पर धीरे-धीरे शरीर के सभी अंगो को प्रभावित कर अन्दर से खोकला कर देता हैं। सभी मधुमेह के रोगियों से विनंती है की अपनी रक्त शर्करा और रक्तचाप को हमेशा नियंत्रण में रखने की कोशिश करे, समय पर दवा ले और नियमित जांच कराते रहे।

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