भारत में मधुमेह (Diabetes) के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। वह दिन दूर नहीं जब विश्व में सबसे ज्यादा डायबिटीज के रोगी भारत में पाए जायेंगे। डायबिटीज यह रोग एक जीवनशैली से जुड़ा रोग है और हमारी बिगड़ती जीवनशैली ही इसका प्रमुख कारण हैं।
डायबिटीज के उपचार में प्रमुख 3 चीजे होती हैं – आहार, व्यायाम और औषधि ! डायबिटीज के रोगी ने कैसा आहार लेना चाहिए और डायबिटीज शुगर नियंत्रित रखने के लिए कौनसा व्यायाम करना चाहिए इसकी जानकारी हम पहले ही इस वेबसाइट पर प्रकाशित कर चुके है।
आज के इस लेख में हम आपको डायबिटीज के उपचार में कौन कौन सी दवा का इस्तेमाल किया जाता है, वह दवा कैसे काम करती है और डायबिटीज की कौन सी दवा किस समय लेना चाहिए इसकी जानकारी देने जा रहे हैं।
डायबिटीज की सुल्फोनिलयूरिया (Sulfonylureas) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की सुल्फोनिलयूरिया दवामें Glibenclamide, Glimepride, Glipizide, Gliclazide, Repaglinide, Nateglinide आदि दवा का समावेश होता हैं।
2. यह दवा Pancreas में Beta cells से Insulin के स्त्राव को बढाती हैं।
3. यह गोली खाना खाने के 10 से 15 मिनिट पहले ले लेना चाहिए।
4. इस ग्रुप की दवा के नियमित सेवन से ब्लड शुगर कम होना, वजन बढ़ना, त्वचा की एलर्जी, खून की कमी आदि दुष्परिणाम हो सकते हैं।
5. इस प्रकार की दवा का उपयोग Type 1 Diabetes, गर्भावस्था, Liver और किडनी रोगी, सल्फा ड्रग की एलर्जी से पीड़ित, ह्रदय रोगी (Heart attack) में नहीं किया जाता हैं।
6. यह दवा मेडिकल पर Amaryl, Daonil, Glynase, Glyree, Zoryl आदि नाम से बेचीं जाती हैं।
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डायबिटीज की बायगुआनाईड (Biguanides) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की बायगुआनाईड (Biguanides) में Metformin और Phenformin दवा का समावेश होता हैं।
2. डायबिटीज में शुगर को नियंत्रण में लाने के लिए यह सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध औषधि हैं।
3. मेटफोर्मिन दवा Insulin resistance कम कर इन्सुलिन की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और Liver में Glucose निर्माण कम करता हैं।
4. यह दवा खाना खाने के बाद लेना चाहिए।
5. यह दवा नियमित लेने से कुछ रोगियों को पेट फूलना, एसिडिटी बढ़ना, विटामिन बी 12 की कमी होना जैसे दुष्परिणाम हो सकते हैं।
6. लिवर और किडनी के रोगी, शराब पिने वाले और श्वास रोगियों में इस दवा का उपयोग कम करना चाहिए।
7. यह दवा Glycomet, Gluformini, Glyciphage, Gluformin, Cetapin आदि नाम से मेडिकल में बेचीं जाती हैं।
डायबिटीज की थायाझोलीडीनेडिओन्स (Thiazolidinediones) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की थायाझोलीडीनेडिओन्स में Pioglitazone दवा का समावेश होता हैं।
2. यह दवा शरीर में Insulin resistance को कम करती है जिससे इन्सुलिन की कार्यक्षमता बढ़ती है और ब्लड शुगर नियंत्रण अच्छे से होता हैं।
3. इस दवा का लंबे समय तक सेवन करने से वजन बढ़ना, शरीर में सूजन आना, रक्त की कमी, मीनोपॉज के बाद महिलाओं में हड्डी के टूटने (fracture) की संभावना, पेशाब की थैली (Urinary bladder) के कैंसर का खतरा जैसे दुष्परिणाम होने का खतरा रहता हैं।
4. इस दवा का उपयोग लिवर के रोगी, किडनी रोगी, Type 1 Diabetes, गर्भावस्था, खून की कमी, पेशाब में खून आना, बच्चों को स्तनपान करनेवाली माताओं में नहीं किया जाना चाहिए या डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए।
5. यह खाना खाने के 10 से 15 मिनिट पहले लेना चाहिए।
6. यह दवा Pioz , Piosys, Pioglit, Path, Piosenz आदि नाम से मेडिकल में बेचीं जाती हैं।
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डायबिटीज की अल्फा ग्लुकोसीडेज इन्हिबिटर्स (Alpha glucosidase inhibitors) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की अल्फा ग्लुकोसीडेज इन्हिबिटर्स में Acarbose, Voglibose, Miglitol आदि दवा का समावेश होता हैं।
2. यह दवा आंत में मौजूद Alpha glucosidase enzyme को काम करने से रोकता हैं। 3. यह एंजाइम आंत में हम जो आहार लेते है उससे निर्माण होने वाले ग्लूकोस के अवशोषण (absorption) को आसान बनाता हैं। इस एंजाइम को रोकने से खाना खाने के बाद शरीर में ग्लूकोस लेवल जल्द नहीं बढ़ता हैं।
4. यह दवा खाना खाने की शुरुआत करते है खाने के साथ में ले लेना चाहिए।
5. इस दवा के सेवन से कुछ लोगों को पेट फूलना, अपचन, गैस की शिकायत और जुलाब होना जैसे दुष्परिणाम हो सकते हैं।
6. गर्भिणी महिला, आंत के रोगी, कुपोषित रोगी और किडनी रोगी में इस दवा का उपयोग सतर्कता से करना चाहिए।
7. यह दवा मेडिकल में Glucobay, Rebose, PPG, Volix, Vobose आदि नाम से मिलती हैं।
डायबिटीज की डीपीपी – 4 इन्हिबिटर्स (DPP-4 Inhibitors) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की डीपीपी – 4 इन्हिबिटर्स दवा में Sitagliptin, Vidagliptin, Saxagliptin, Teneliptin आदि दवा का समावेश होता हैं।
2. यह दवा शरीर में DPP-4 enzyme को रोकती है जिससे खाना खाने के बाद ग्लूकोस लेवल नहीं बढ़ती हैं। यह दवा शरीर में Incretin की मात्रा बढाती है जिससे शरीर में इन्सुलिन का निर्माण अधिक होता हैं।
3. यह दवा 24 घंटे काम करती है इसलिए दिन में केवल एक या दो बार ही लेना पड़ता हैं। 4. यह दवा आप खाना खाने बाद या खाना खाने के पहले भी ले सकते हैं।
5. कुछ लोगों में इस प्रकार की दवा के नियमित सेवन से सर्दी, जुखाम, सरदर्द, पेट दर्द, जी मचलाना, त्वचा पर एलर्जी, जोड़ों में दर्द जैसे दुष्परिणाम हो सकते है।
6. इस दवा का उपयोग लिवर रोग, किडनी रोग, Acute Pancreatitis के रोगी और Cardiac failure के रोगी में सतर्कता से किया जाना छाईए।
7. यह दवा मेडकल में Galrus, Jalra, Zomelis, Vysov, Istavel, Zita, Trajenta आदि नाम से मिलती हैं।
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डायबिटीज की जीएलपी – 1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1 Receptor Agonist) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की जीएलपी – 1 रिसेप्टर एगोनिस्ट दवा में Exenatide, Liraglutide, Dulaglutide आदि दवा का समावेश होता हैं।
2. यह दवा Incretin की तरह ही खाना खाने के बाद शरीर में इन्सुलिन के बहाव को बढाती हैं। यह दवा शरीर में Glucagon हॉर्मोन का रोकथाम करती है जिससे की लिवर में जमा हो चुके ग्लूकोस को ब्लड में मिलने से रोका जाता हैं और साथ ही यह आंत में ग्लूकोस के अवशोषण को धीमा भी करता हैं जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण पाना आसान हो जाता हैं।
3. इस दवा का असर 24 से 72 घंटे तक रहता है इसलिए दिन में एकबार ही यह दवा लेना होता हैं। आप खाने के बाद या खाली पेट भी यह दवा ले सकते हैं।
4. कुछ रोगियों में इस दवा का सेवन करने से सिरदर्द, जी मचलाना, पेट खराबा होना, एलर्जी और Pancreatitis की समस्या हो सकती हैं।
5. एसिडिटी की समस्या, गर्भिणी महिला, लीवर रोग, किडनी रोग के मरीज और एलर्जी रोग से पीड़ित लोगों में इस दवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
6. यह दवा मेडिकल में Exapride, Byetta, Victoza नाम से मिलती हैं।
डायबिटीज की एसजीएलटी – २ इन्हिबिटर्स (SGLT – 2 Inhibitors) दवा कब लेना चाहिए ?
1. डायबिटीज की एसजीएलटी – २ इन्हिबिटर्स दवा में Canagliflozin, Dapagliflozin, Empagliflozin आदि दवा का समावेश होता हैं।
2. यह दवा लेने से किडनी में ग्लूकोस का होनेवाले अवशोषण रोका जाता है और पेशाब के रास्ते अधिक मात्रा में ग्लूकोस बाहर निकाला जाता हैं।
3. यह दवा २४ घंटे काम करती है इसलिए दिन में केवल एक बार यह दवा लेना होता हैं। 4. यह दवा आप खाने के बाद या खाने के पहले भी ले सकते हैं।
5. यह दवा लेने से पेशाब अधिक होता हैं।
6. यह दवा लेते समय ध्यान रखे की पेशाब करने के बाद अपने लिंग की सफाई अच्छे से करे। यह दवा लेने से पेशाब में संक्रमण (Urine Infection) और फंगल संक्रमण होना का खतरा अधिक होता हैं।
7. अगर मरीज को पेशाब का संक्रमण बार बार होता है या किडनी की बीमारी है तो यह दवा का उपयोग न करे।
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डायबिटीज की दवा लेते समय क्या सावधानी बरते ?
डायबिटीज की दवा लेते समय नीचे बतायी हुई बातों का ख्याल अवश्य रखे :
1. हमेशा अपने डॉक्टर से यह जरूर जान ले की आपको कौन सी दवा कब लेना हैं। मन में अगर कोई शंका है तो दोबारा डॉक्टर से पूछ ले और एक कागज या दवा पर जो भाषा आपको समझती है उसमें लिखकर रखे।
2. कभी भी मेडिकल स्टोर से कोई भी डायबिटीज की दवा बिना डॉक्टर की सलाह लिए शुरू न करे।
3. अगर आप डायबिटीज की दवा लेते है तो दवा लेने के बाद आपको जरूर कुछ खाना चाहिए अन्यथा शुगर कम हो सकती हैं।
4. डायबिटीज की दवा लेने के बाद अगर आपको घबराहट, चक्कर आना, पसीना आना और कमजोरी जैसे लक्षण नजर आते है तो तुरंत शुगर जांच करे और अगर घर पर ग्लूकोमीटर नहीं है तो कुछ मीठा खा लेना चाहिए। कुछ देर तक शुगर बढ़ जाए तो कोई खतरा नहीं पर शुगर बेहद कम हो जाना जानलेवा साबित हो सकता हैं।
5. अगर आपको किसी अन्य बीमारी के लिए कोई और दवा चल रही है तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दे।
6. जिस दिन आप शुगर जांच कर अपने डॉक्टर को रिपोर्ट दिखाने वाले है उस दिन अपनी दवा जरूर ले। डॉक्टर को यह जानना होता है की डायबिटीज की दवा लेने के बाद आपका शुगर नियंत्रण कैसा हैं।
7. डायबिटीज की कोई भी दवा आधी तोड़ कर ना ले। ऐसा करने से दवा का असर कम हो जाता हैं।
8. अपने हिसाब से कभी भी डायबिटीज की दवा की मात्रा कम या ज्यादा न करे। हमेशा अपने डॉक्टर का परामर्श ले।
9. अखबार या टीवी में दिखाए विज्ञापन और झोलाछाप डॉक्टर के बहकावे में आकर कभी भी कोई दवा बंद या चालू न करे। हमेशा डिग्री धारक डॉक्टर से ही सलाह ले।
उपयोगी जानकारी – डायबिटीज में कौन सा योग और प्राणायाम करे ?
मित्रों, हमने यहाँ पर आसान शब्दों में डायबिटीज की दवा से जुडी जानकारी सरल शब्दों में देने का प्रयास किया हैं। इन्सुलिन से जुडी जानकारी हम अलग लेख में देंगे। अगर आपके मन में कोई सवाल या प्रतिक्रिया है तो हमें निचे कमेंट करे। धन्यवाद !
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।