हमारे आसपास हर समय बैक्टेरिया या वायरस मौजूद होते है पर हम बीमार नहीं होते है। हमारे शरीर को इन वायरस या बैक्टीरिया से जो चीज बचाती है वह है हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति या Immunity ! शरीर को स्वस्थ, निरोगी और फिट रखने के लिए आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होना बेहद जरुरी होता हैं। समतोल आहार, व्यायाम के साथ योग का नियमित अभ्यास कर आप अपने इम्युनिटी को मजबूत बना सकते हैं।
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रोग प्रतिरोधक शक्ति क्या हैं ? (What is Immunity in Hindi)
रोग प्रतिरोधक शक्ति, जिसे इम्यूनिटी भी कहा जाता है, हमारे शरीर की एक प्राकृतिक रक्षा प्रणाली है जो हमें बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। यह विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों से मिलकर बनी होती है जो मिलकर काम करते हैं। जब कोई हानिकारक सूक्ष्मजीव जैसे कि bacteria, virus, या parasite हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, तो यह रक्षा प्रणाली उन्हें पहचानती है और उन्हें नष्ट करने के लिए काम करती है। इस तरह हमारे शरीर को स्वस्थ और निरोगी रखने के लिए एक सक्षम रोग प्रतिरोधक शक्ति होना जरुरी हैं।
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रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए कौन सा योग करे ? (7 Best Yoga to boost Immunity in Hindi)
ऐसे तो लगभग हर योग और प्राणायाम करने से शारीरिक और मानसिक लाभ होते है पर कुछ विशेष योग आसन है जिन्हे करने से रोग प्रतिरोधक शक्ति तेजी से बढ़ती है।
- शलभासन (Locust Pose): यह आसन आपकी पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है, छाती को खोलता है, और आंतरिक अंगों की मालिश करता है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति के कामकाज को बेहतर करने में मदद करता है। पढ़े: शलभासन (Shalabhasana) योग की विधि और फ़ायदे
- भुजंगासन (Cobra Pose): यह आसन ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, तनाव के स्तर को कम करता है, और बेहतर सांस लेने के लिए छाती को फैलाता है। ये सभी कारक एक मजबूत इम्यून सिस्टम में योगदान करते हैं। पढ़े: भुजंगासन योग की विधि और फ़ायदे
- सेतुबंधासन (Bridge pose): यह आसन लसीका तंत्र (lymphatic system) को उत्तेजित करती है, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों (toxic products) को बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है और चिंता को कम करता है। पढ़े: सेतुबंधासन करने की विधि और फायदे |
- धनुरासन (Bow Pose): यह पेट के अंगों की मालिश करता है, पाचन में सुधार करता है, और तनाव से राहत देता है। पढ़े: धनुरासन (Dhanurasana) योग की विधि और फ़ायदे
- मत्स्यासन (Fish Pose): यह छाती और गले को खोलता है, श्वास को बढ़ाता है, और थायराइड ग्रंथि को सहारा देता है जो इम्युनिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पढ़े: मत्स्यासन योग की विधि और फ़ायदे
- कपालभाति प्राणायाम: इस श्वास तकनीक में जोरदार सांस लेना और छोड़ना शामिल है। यह रक्त को ऑक्सीजन देता है, साइनस को साफ करता है, और हमारे शरीर और दिमाग को तनावमुक्त करता है। पढ़े: कपालभाति प्राणायाम की विधि और फायदे
- अनुलोम विलोम प्राणायाम: यह तकनीक तंत्रिका तंत्र को संतुलित करती है, मन को शांत करती है, और श्वसन क्रिया में सुधार करती है। स्वस्थ श्वसन क्रिया प्रतिरक्षा को सहारा देती है। पढ़े: अनुलोम विलोम प्राणायाम : विधि और फायदे
योग से रोग प्रतिरोधक शक्ति कैसे बढ़ती हैं ?
नियमित योगाभ्यास से रोग प्रतिरोधक शक्ति कैसे बढ़ती है इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं:
- रक्त संचार में सुधार (Improved Blood Circulation): कई योगासन जैसे अधो मुख श्वानासन (Downward-Facing Dog) और भुजंगासन (Cobra Pose) रक्त संचार को बढ़ाते हैं। इससे सफेद रक्त कोशिकाओं, जो हमारे शरीर के रक्षक या fighter cells हैं, का पूरे शरीर में आसानी से प्रवाह होता है और संक्रमण या infection से लड़ने में मदद मिलती है।
- लसीका तंत्र को उत्तेजित करना (Stimulating the Lymphatic System): लसीका तंत्र शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में महत्वपूर्ण कार्य करता है। कुछ योगासन, जैसे सेतुबंधासन (Bridge Pose) और पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose) लसीका तंत्र को उत्तेजित करते हैं, जिससे शरीर को इन हानिकारक पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। इससे स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है।
- तनाव कम करना (Stress Reduction): तनाव का हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर कर सकता है। योग, ध्यान और प्राणायाम जैसी तकनीकें तनाव को कम करने और मानसिक शांति लाने में अत्यधिक प्रभावी हैं। जब आपका मन और शरीर शांत होता है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होकर बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम होती है।
- अंगों को मजबूत बनाना और ऑक्सीजन प्रवाह बढ़ाना (Strengthening Organs and Increasing Oxygen Flow): कई योगासन, जैसे भुजंगासन (Cobra Pose) और पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend) पेट के अंगों को मालिश करते हैं और उनका कार्य सुधारते हैं। बेहतर पाचन से पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक होते हैं। साथ ही, कई योगासन छाती को खोलकर और फेफड़ों को फैलाकर शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाते हैं। पर्याप्त ऑक्सीजन सेलुलर कार्य को बढ़ावा देता है और प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को मजबूत करता है।
नियमित योग से आप शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनते है और लंबे समय तक निरोगी स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं। योग से जुड़े अनेक लेख हमने इस वेबसाइट पर लिखे है जिन्हे आप यहाँ पढ़ सकते हैं – योग की सम्पूर्ण जानकारी
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।