मेरुदंड (Spine) को लचीला बनाने वाले महत्वपूर्ण योगासन में ‘पस्चिमोतानासन’ (Paschimottanasan) एक प्रमुख योग है। पस्चिमोतानासन योग को अंग्रेजी में Seated Forward bend pose कहा जाता हैं। मेरुदंड (Spine) को लचीला बनाना योगासन का उद्देश हैं। प्रायः यह पाया गया है की जिन व्यक्तियों का मेरुदंड लचीला होता हैं, वह अधिक स्वस्थ और रोग मुक्त जीवन जीते हैं।
आगे की ओर झुकनेवाले इस आसन के अभ्यास के उपरांत यह पाया गया है की व्यक्ति अपने आप में परिवर्तन का अनुभव करता हैं। उनके स्वास्थ्य और स्वभाव में अधिक अंतर आता हैं। पस्चिमोतानासन योग करने से बढ़ा हुआ पेट कम किया जा सकता हैं।
पस्चिमोतानासन योग कैसे करते है। इससे होनेवाले लाभ और सावधानी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है :
पस्चिमोतानासन योग कैसे करते है ? (Paschimottanasan steps in Hindi)
पस्चिमोतानासन योग करने की विधि इस प्रकार है :
1. एक स्वच्छ, सपाट जगह चटाई या दरी बिछाकर इस आसान का अभ्यास करे।
2. हथेलियों को जांघो (Thighs) पर रखकर पैरो को सामने की ओर फैलाकर बैठे।
3. दोनों पैरो को एक दुसरे के समीप रखे।
4. श्वास को लेते हुए हाथो को सर के ऊपर उठाए।
5. अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर हाथो से पैरो के अंगूठे को पकड़ने का प्रयास करे।
6. माथे (Forehead) का स्पर्श घुटनों से होने दे।
7. पैरो के अंगूठे को पकड़कर कुहनियो को जमीन से लगाने का प्रयास करे।
8. क्षमतानुसार रकने के बाद शरीर को उठाए तथा हाथों को निचे लाए।
9. हाथो को उठाते समय श्वास ले और सामने झुकते हुए श्वास छोड़ना हैं।
10. आगे झुकते समय घुटने उठने की संभावना होती हैं। घुटनों को सीधा रखने का प्रयास करे।
11. पेट को जांघो से लगाकर अभ्यास करने पर अधिक लाभ मिलता हैं।
12. अभ्यास के समय को धीरे-धीरे अपने क्षमतानुसार बढाए।
13. अधिक लाभ पाने हेतु सबह खाली पेट करे।
पस्चिमोतानासन के क्या फायदे हैं ? (Paschimottanasan benefits in Hindi)
नियमित पस्चिमोतानासन करने से नीचे दिये हुए फ़ायदे होते है :
1. मांसपेशी : कमर व नितंब के मांसपेशियों को मजबूत करता हैं।
2. मेरुदंड : मेरुदंड लचीला और मजबूत बनता हैं।
3. मोटापा : पेट पर जमी हुई अनावश्यक चर्बी को कम करता हैं।
4. पाचन : मोटापा, कब्ज, अपचन, बवासीर आदि से छुटकारा मिलता हैं।
5. प्रजनन प्रणाली : प्रजनन प्रणाली को सशक्त बनाता हैं।
6. पीठ दर्द : पीठ के दर्द को कम करता हैं।
7. मानसिक संतुलन : मानसिक संतुलन को बढाता हैं।
8. मासिक धर्म : स्त्रियों में मासिक धर्म संबंधी विकार दूर होते हैं।
9. आधात्म्य : आध्यात्मिक रूप से विशेष लाभकर।
10. क्रोध नियंत्रण : अधिक क्रोध करने वाले व्यक्तिओ को क्रोध कम करने में सहायक हैं।
पस्चिमोतानासन में क्या सावधानी बरते ?
पस्चिमोतानासन करते समय निम्नलिखित सावधानी बरतना जरुरी हैं :
1. अचानक झटके से कमर को झुकाना या उठाना नहीं चाहिए।
2. सिर को जबरदस्ती घुटने को लगाने का प्रयास न करे।
3. आसन अपने क्षमतानुसार ही करे। धीरे-धीरे अभ्यास होने पर ही आसान का अंतराल बढाए।
4. कमर या रीढ़ की गंभीर समस्या होने या पेट का कोई ऑपरेशन हुआ है तो अपने डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही यह आसान करे।
पस्चिमोतानासन कब करना चाहिए ?
पस्चिमोतानासन करने का सबसे बढ़िया समय सुबह ख़ाली पेट करना होता है। अगर आपके पास सुबह का समय नहीं है तो शाम को 5 से 7 के बीच भी आप यह आसन कर सकते है पर ध्यान रहे की यह योग करने के 2 घंटे पहले और 1 घाटे बाद तक आपको कुछ ख़ाना नहीं है।
पस्चिमोतानासन कितने देर तक करना चाहिए ?
पस्चिमोतानासन आपको अपने शारीरिक क्षमता के अनुसार करना चाहिए। शुरुआत में 1 मिनिट से शुरू करे और अभ्यास के साथ अपने योग शिक्षक की राय से इसका समय बढ़ाए और क्षमता से अधिक करने का प्रयास न करे क्योंकि इससे लाभ की जगह हानि होने का ख़तरा रहता है।
अवश्य पढ़े – भोजन के बाद जरूर करे यह योगासन
पस्चिमोतानासन को Forward Bend Yoga Pose भी कहा जाता हैं। शीर्षासन के बाद यह दूसरा सबसे अधिक लाभकर योगासन माना जाता हैं। स्वस्थ जीवन और शांत मन की प्राप्ति के लिए आज से ही इस योगासन का अभ्यास करना शुरू करे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
सुझाव की जरुरत बिलकुल भी नही लगती आपकी पोस्ट में ! मेरुदण्ड में दर्द की शिकायत एक आम बीमारी है उसके विषय में आपकी पोस्ट बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकती है !