Rabbit Pose Yoga in Hindi: शशांकासन योग की विधि, फायदे और सावधानी

shashankasana steps benefits in Hindi

शशांकासन योग में शरीर का आकार खरगोश (Hare) के समान होने के कारण इस आसन को ‘शशांकासन’ और अंग्रेजी में ‘Hare Pose’ या ‘Rabbit Pose’ कहा जाता हैं। पीठ दर्द और गर्दन के दर्द को दूर करने के लिए यह उपयोगी आसन हैं। दमा (Asthma) रोग, मधुमेह (Diabetes) और ह्रदय रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए उपयोगी योग हैं।

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यह योगासन करने से शरीर लचीला और सुडौल बनता हैं। कब्ज से राहत मिलती है और कमर दर्द में भी राहत मिलती हैं। शशांकासन कैसे करते है और इसके क्या फायदे है इसकी जानकारी आज इस लेख में हम आपको देने जा रहे हैं।

शशांकासन योग की विधि, लाभ और सावधानी संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

शशांकासन कैसे करे ? (Rabbit Pose steps in Hindi)

शशांकसन की विधि इस प्रकार हैं :

  • सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह पर एक दरी / चटाई या योगा mat बिछा दे।
  • अब वज्रासन में बैठ जाये। वज्रासन में कैसे बैठे यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे – वज्रासन योग विधि 
  • वज्रासन में बैठने के बाद श्वास लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर सीधा ऊपर उठाये। 
  • अब धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए हाथों को बिना मोड़े आगे की ओर तब तक झुके जब तक की आपका मस्तक (Forehead) जमीन को स्पर्श न करे। 
  • हाथ और कुन्हानियो का स्पर्श जमीन से होना चाहिए। 
  • क्षमतानुसार कुछ देर श्वास रोककर (कुंभक) इस स्तिथि में बने रहे। 
  • धीरे-धीरे श्वास लेते हुए आरंभिक स्तिथि में लौटें।
  • अपने क्षमतानुसार इस क्रिया को दस बार दोहराए। 

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शशांकासन – प्रकारांतर 

  • वज्रासन में बैठे। 
  • कमर के पीछे दाये हाथ (Right hand) से बायीं कलाई (Left wrist) को पकडे।  
  • लम्बा गहरा श्वास ले और फिर श्वास धीरे-धीरे छोड़ते हुए अपने नितंब (Hips) को बिना 4. उठाए सामने की ओर आगे झुके और मस्तक का स्पर्श जमीन से करे। 
  • यथाशक्ति श्वास रोके और इस स्तिथि में बने रहे। 
  • अब धीरे-धीरे श्वास लेते हुए प्रारंभिक स्तिथि में लौटें। 

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शशांकासन योग के क्या फायदे हैं ? (Rabbit Pose benefits in Hindi)

शशांकासन योग नियमित अभ्यास से यह फायदे होते हैं :

  • मजबूत शरीर : शरीर मजबूत और लचीला बनता हैं। 
  • काम विकार : काम विकारों को दूर करता हैं। तनाव दूर होता हैं।
  • पाचन : पाचन प्रणाली सक्रीय होती हैं। 
  • कब्ज : कब्ज को दूर करता हैं।  
  • मोटापा : पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी कम कर मोटापा दूर करने में सहायक हैं। 
  • रोग : दमा / Asthma रोग, मधुमेह / Diabetes और ह्रदय रोग से पीड़ित व्यक्ति के लिए उपयोगी योग हैं। 
  • मानसिक : क्रोध, भय, शोक आदि आवेश तथा भावनात्मक असंतुलन को कम करता हैं। 

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शशांकासन करते समय क्या सावधानी बरतें ?

शशांकासन करते समय निम्नलिखित सावधानी बरतें :

  • पेट और सिर में कोई समस्या होने पर यह योग नहीं करना चाहिए। 
  • चक्कर आना, उच्च रक्तचाप, हर्निया और स्लिप डिस्क की तकलीफ होने पर यह योग न करे।
  • यह योग करते समय कोई तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर और योग विशेषज्ञ की राय लेना चाहिए। 

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शशांकासन योग से जुड़े सवालों के जवाब

क्या शशांकासन खाना खाने के बाद कर सकते हैं ?

नहीं, शशांकासन खाना खाने के बाद नहीं करना चाहिए। खाना खाने के बाद शशांकासन करने से पेट दर्द, एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती हैं। शशांकासन खाली पेट या खाना खाने के 2 से 3 घंटे बाद करे।

शशांकासन कितने देर तक करना चाहिए ?

शशांकासन कितने देर तक करना चाहिए यह आपकी क्षमता और अनुभव पर निर्भर करता है। शुरुआत में 10-30 सेकंड से शुरू करें। धीरे-धीरे समय बढ़ाएं और अभ्यास के साथ 1-2 मिनट तक करें।

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शशांकासन किसे नहीं करना चाहिए?

शशांकासन एक आसान आसन है, लेकिन कुछ लोगों को इसे करने से बचना चाहिए। शशांकासन न करें यदि आपको गर्दन, पीठ या घुटनों में दर्द है, उच्च रक्तचाप, हर्निया, स्लिप डिस्क, गर्भावस्था, मासिक धर्म, सिरदर्द या माइग्रेन, हृदय रोग है या किसी भी प्रकार की सर्जरी हुई है।

क्या शशांकासन से मोटापा कम होता हैं ?

शशांकासन मोटापा कम करने में सीधे तौर पर मदद नहीं करता है। यह आसन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है, तनाव कम करता है, और रक्त संचार को बढ़ाता है, जो मोटापा कम करने में सहायक हो सकते हैं। साथ ही यह योग पेट की चर्बी को कम करने में मदद करता हैं।

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शशांकासन से तनाव कैसे कम होता हैं ?

शशांकासन में सांसों पर ध्यान केंद्रित करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। इसमें मांसपेशियों को खींचने से तनाव और चिंता कम होती है और मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलने से तनाव और थकान कम होती है।

अभ्यास के साथ इस योग का समय धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। यह आसन रोजाना करने से आप मनोविकार से दूर रह सकते है और आपकी स्मरणशक्ति अच्छी रह सकती हैं।

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