भारत में हल्दी (Turmeric) का उपयोग कई वर्षो से किया जा रहा हैं। हल्दी केवल भोजन बनाने में उपयोग की जानेवाली वस्तु नहीं है बल्कि इसके कई विशेष औषधीय गुण भी हैं। कोई भी शुभ कार्य हल्दी के बिना अधूरा होता है। शादी-विवाह में तो हल्दी के रस्म अनिवार्य रूप से मनाई जाती है।
हल्दी का जितना महत्व पूजा-पाठ, शुभ कार्योँ आदि में होता है, उससे कहीं अधिक महत्व इसका चिकित्सा हेतु उपचार में है। हर घर में हलदी सहजता से अनिवार्य रूप से उपलब्ध होती है। यहाँ पर हम हल्दी के कुछ बहुत ही उपयोगी
और घरेलू नुस्खे के बारे में बात करेंगे जो आप सब के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकते है।
हल्दी के आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे
- बहुउपयोगी औषधि : हल्दी सभी उम्र के लोगों के लिए लाभदायक होती है | इसके सेवन से हानि होने की संभावना नहीं होती |
- हल्दी हमारी शारीरिक ऊर्जा बढ़ाती है ।
- वायु प्रकोप से छुटकारा दिलाती है ।
- पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है ।
- कोलेस्ट्रोल कम करती है ।
- यह शरीर में रक्त का संचार भी बढ़ाती है ।
- मजबूत हड्डियां : हल्दी का एक गुण यह भी है कि यह शरीर की हड्डीयों को मजबूत करती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना कम होती है । इसके लिए आधा चम्मच हल्दी पाउडर को आधे गिलास दूध में डालकर उबालें और इसे हलका ठंडा करके पिएँ । यह अनेक प्रकार के कष्टों को दूर करता है।
- मसूड़ों में दर्द : यदि मसूड़ों में रोग हो गया हो व दर्द हो तो आधा चम्मच हल्दी में जरा-सा नमक और सरसों का तेल मिलाकर रात को सोते समय मसूड़ों पर मल लें, और उसके बाद निकलने वाली लार को थूक दें । आधा घंटें बाद गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें, इससे मसूड़ों व दांत के रोगों में लाभ होगा।
- मजबूत दांत : यदि दांत हिल रहे हों, तो हल्दी व खाने का सोडा समान मात्रा में मिलाकर नित्य दो बार मंजन करने से हिलते हुए दांत मजबूत होने लगते हैं । यदि दांतों में दर्द हो तो रात को सोते समय पिसी हल्दी और सरसोँ का तेल मिलाकर पेस्ट बनाकर दुखने वाले दांतों पर लेप करके सोयें, इससे दांतों का दर्द ठीक हो जाता है।
- एलर्जी : यदि शरीर में ठंड बहुत जल्दी लग जाती हो, एलर्जी हो तो २५० ग्राम हल्दी, चार चम्मच घी, दोनों तवे पर सेंक लें । मिश्रण का एक चम्मच, शहद में मिलाकर लगातार पांच महीने तक दिन में दो बार खाएँ । इससे एलर्जी
के रोग, जुकाम, खांसी, श्वासरोग आदि नहीं होंगे ।
- दमा / Asthma ; यदि दमा की शिकायत हो तो दो चम्मच हल्दी और आधा चम्मच घी को तवे पर डालकर तब तक सेंकें, जब तक इससे धुआँ न निकलने लगे या इस मिश्रण को आग पर डालकर इससे धुआँ उठने दें और इस धुएँ को नाक से खींचें । इससे दमा के दौरे में लाभ होगा और कफ भी बाहर निकलेगा, लेकिन इस प्रयोग के दौरान नाक से धुआँ खींचते समय तेज गरम आंच से सावधानी अवश्य बरतें ।
- बदन दर्द : यदि शरीर में कहीं भी दर्द हो तो हल्दी और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर गरम करके जहाँ भी दर्द हो, वहाँ दिन में दो बार लेप करें । लेप करने के एक घंटे बाद उस स्थान को सेंकें, इससे आराम मिलेगा । शरीर में यदि बुखार के कारण दर्द हो तो एक चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध के साथ फाँक लें ।
- अंदरुनी चोट : यदि शरीर में अंदरूनी चोट लग गई हो तो दो गिलास पानी में एक चम्मच पिसी हल्दी व एक चम्मच नमक डालकर उबालें और फिर थोडा ठंडा कर लें, सेंकने लायक गरम पानी रहने पर कपड़ा भिगोकर चोटग्रस्त जगह पर इसे सेंकें ।
- मोच : यदि शरीर में कहीं मोच आ गई हो तो एक – एक चम्मच हल्दी व शहद लेकर उसमें आधा चम्मच चूना मिलाकर लेप बनाएँ और मोच आए अंग पर मोटा लेप करके हलकी सी रुई बिछा दें । इसके साथ ही एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी गरम कर दिन में दो बार तीन दिन तक पिएँ । इससे मोच, चोट का दर्द, सूजन आदि जल्दी ठीक होती है ।
- टॉन्सिल्स : यदि खांसी हो, गले व सीने में घरघराहट हो तो पानी में थोड़ी मात्रा में हल्दी व स्वादानुसार नमक मिलाकर उबाल लें और घूंट-घूंट करके पी लें और यदि जुकाम के कारण गले में दर्द हो, टॉन्सिल ठीक होंगे । गले के बाहर जहाँ टॉन्सिल की सूजन हो, वहाँ पर भी हलदी का लेप करें । आधा चम्मच शहद में एक-चौथाई मात्रा हल्दी की मिलाकर दिन में तीन बार चाट लें, इससे कफ, गले के रोग व सर्दी भी ठीक होगी ।
- जुखाम : यदि जुकाम के कारण खांसी हो तो एक गरम दूध या पानी में एक चम्मच हल्दी उबालकर पिएँ। इससे
सर्दी, जुकाम, खांसी, स्वरभंग, गले में खराश आदि भी ठीक होते हैं । इससे जमा हुआ कफ बाहर निकलता है । इसे यदि दिन में दो बार लिया जाए, तो शीध्र आराम पहुँचता है । जुकाम दूर करने के हलदी के बहुत सारे प्रयोग हैं। जैसे :
- आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी में पांच कालीमिर्च पीसकर मिला लें और उसे गरम पानी या गरम दूध में घोलकर पी लें । जुकाम शीघ्र ठीक होगा, लेकिन इस प्रयोग के बाद एक घंटे तक पानी नहीं पिएँ ।
- यदि ठंड लगने पर जुकाम हो तो एक चम्मच हल्दी एक कप गरम दूध में उबालकर पिएँ, इसमें स्वादानुसार गुड़ या चीनी भी मिला सकते हैं, इसे लगातार चार दिन तक पिएँ, इससे जुकाम जल्दी ठीक होगा ।
- हल्दी व सोंठ समान मात्रा में मिलाकर रख लें और इस मिश्रण का एक चम्मच गुनगुने दूध या पानी के साथ फांक लें, इससे भी जुकाम शीघ्र ठीक होगा।
- त्वचा रोग : यदि शरीर में कहीं भी दाद, खुजली, फोड़ा, रक्तविकार आदि चर्म रोग हो रहे हों तो एक चम्मच हल्दी में आधी चम्मच पिसी हुई मिसरी मिलाकर सुबह – शाम पानी से फांक लें और एक चम्मच नारियल के तेल में एक चौथाई पिसी हल्दी मिलाकर रोगग्रस्त त्वचा पर लगाएँ।
- मुंहासे / फुंसी : कील-मुंहासे या फोड़े-फुंसी होने पर प्रारंभिक अवस्था में ही हल्दी और लौंग पीसकर लगा देने से ये ख़तम हो जाते हैं।
- शोध : अध्ययन से यह भी ज्ञात हुआ है कि हल्दी क्षतिग्रस्त हदय की मरम्मत का काम भी करती है, इसलिए हल्दी को दर्दनाशक, संक्रमणरोधी और कफहारक माना जाता रहा है। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो तो आधा चम्मच हल्दी पाउडर को गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार फांक लें। इससे हीमोग्लोबिन में वृद्धि होगी।
इस तरह हलदी के बहुत सारे प्रयोग हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।