Sperm Count in Hindi: शुक्राणु की संख्या बढाने के आयुर्वेदिक उपाय और घरेलु नुस्खे !

sperm count badhane ka ilaj aur gharelu upay

मित्रों, जब से हम अपने निरोगिकाया स्वास्थ्य ब्लॉग के पाठकों के साथ Whatsapp पर जुड़े हैं तब से अनेक पाठकों ने हमें शुक्राणु की संख्या (Sperm count) कैसे बढ़ायी जाए  यह सवाल बार-बार पूछा हैं। आधुनिक युग की गलत जीवनशैली और आहार के कारण कई युवा और वयस्क व्यक्ति, वीर्य (Semen) में शुक्राणु (Sperm) की कमी की समस्या से पीड़ित हैं।

एक सामान्य व्यक्ति के वीर्य में 1 करोड़ 50 लाख शुक्राणु/ml वीर्य (15000000 sperm/ml) से अधिक होने पर ही उसे प्रजननक्षम माना जाता हैं। शुक्राणु की संख्या कम होने पर बच्चा पैदा करने में दिक्कत आ जाती हैं।

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वीर्य में शुक्राणु की संख्या बढ़ाने के लिए क्या उपाय करना चाहिए इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

शुक्राणु की संख्या बढाने के आयुर्वेदिक उपाय और घरेलु नुस्खे (Treatment and home remedies to increase sperm count in Hindi)

अंडकोष का तापमान (Temperature of Testicle)

प्रकृति ने हमारे अंडकोष को इसीलिए शरीर के बाहर इसलिए रखा है ताकि उसका तापमान शरीर के तापमान से कम होना चाहिए। अंडकोष का तापमान बढ़ जाने पर, अंडकोष में शुक्राणु तैयार होने का प्रमाण घट जाता हैं। इसलिए अधिक गर्म / टाइट और जींस जैसे कपडे नहीं पहनने चाहिए। रात में सोते समय शॉर्ट पहनकर सोना चाहिए। अधिक गर्म पानी से स्नान या सॉना बाथ नहीं लेना चाहिए। लम्बे समय तक अपने जांघ / Thigh पर लैपटॉप रख काम नहीं करना चाहिए। मोबाइल को अपने पैंट की जेब में अधिक समय न रखे। कोशिश करे की अंडकोष को कम तापमान में रखा जा सके।

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धूम्रपान / शराब (Habits)

अगर आपको धूम्रपान, शराब, तम्बाखू या गुटखा आदि की लत हो तो यह सब करना बंद करना चाहिए। इन आदतों से नसे कमजोर होती हैं और शुक्राणु की संख्या में कमी आती हैं।

वीर्यपात (Semen Ejaculation)

शरीर में रोजाना लाखों शुक्राणुओं की निर्मिति होती रहती हैं पर अगर आप में इनकी कमी है तो रोजाना वीर्य स्खलन / Ejaculation नहीं करना चाहिए। रोजाना संबंध या हस्तमैथुन से वीर्यपात करने की जगह इनका संग्रह करना चाहिए और जरुरत पड़ने पर ही वीर्यपात करना चाहिए जिससे प्रजनन के मौके बढ़ेंगे और निर्मिति भी बढ़ेगी। हर वीर्यपात के बिच में कम से कम 2 दिन का अंतर देना शुक्राणु का स्वास्थ्य और संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं।

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विषैले रसायन (Chemicals)

शरीर को विषैले रसायनों से बचाना बेहद आवश्यक है। अगर आप ऐसी जगह काम करते है जहां रसायनों का उपयोग होता है तो अपना शरीर पूरा देखे ऐसे सुरक्षित कपडे और उपकरण पहने। हर्बल तेल साबुन का प्रयोग करे। अधिक केमिकल का उपयोग किये हुए फल या सब्जी न खाये।

दवा (Medicine)

कई सारी दवाए ऐसी है जिनका उपयोग करने से शुक्राणुओं की संख्या में कमी आती हैं। अपने मन से कोई दवा नहीं लेना चाहिए और हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह से ही दवा लेनी चाहिए। डॉक्टर को इसकी जानकारी दे की आपके शुक्राणु की संख्या कम हैं।

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व्यायाम (Exercise)

रोजाना अपने क्षमता अनुसार कोई व्यायाम करे। नियमित व्यायाम करने से शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की मात्रा बढ़ती है जिससे शुक्राणु निमिर्ती में सहायता होती हैं। क्षमता से अधिक व्यायाम करना भी नुकसानदेह हैं। स्टेरॉयड का उपयोग न करे।

मोटापा (Obesity)

अगर आप मोटापा से पीड़ित है तो समय आ गया है की आप अपना वजन नियंत्रित करे। सामान्य व्यक्ति की तुलना में मोटापे से पीड़ित व्यक्ति में शुक्राणु की संख्या कम होने का खतरा 45% अधिक रहता हैं। वजन कम कैसे करे यह जानने के लिए यहाँ click करे – वजन काम करने के आसान टिप्स हिंदी में !

तनाव (Stress)

हमेशा तनाव में रहना यह भी शुक्राणु की संख्या  का एक अहम कारण हैं। तनाव में रहने से स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ जाता है जिसका विपरीत परिणाम शरीर पर पड़ता हैं। तनाव से दूर रहने के लिए योग और लाफ्टर थेरेपी करे।

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संक्रमण (Infection)

अगर आप शरीर या अंडकोष में किसी संक्रमण से परेशान है तो इसका तुरंत इलाज कराये। हाइड्रोसील, वरिकोसील, गोनोरिया जैसे संक्रमण के कारण शुक्राणु की संख्या कम हो सकती हैं। अगर किसी कारण से शुक्राणु नलिका में अवरोध / obstruction है तो उसे भी ऑपरेशन कर दूर किया जा सकता हैं।

पौष्टिक तत्व (Nutrition)

शुक्राणु की निर्मिति बढ़ने के लिए फॉलिक एसिड, जिंक सलफेट, विटामिन C  सेलेनियम जैसे पौष्टिक तत्वों की बेहद आवश्यकता होती हैं। आप आहार में या डॉक्टर से टॉनिक दवा लिखकर इनकी कमी दूर कर सकते हैं। आहार में केला, अनार, लहसुन, हरी पत्तेदार सब्जी, डार्क चॉकलेट,जामुन, अखरोट जैसे पदार्थों का समावेश अधिक करे। अधिक तला, तीखा, मसालेदार फास्टफूड का सेवन न करे।

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आयुर्वेद (Ayurveda)

शुक्राणु की कमी का सफल इलाज आयुर्वेदिक दवा से हो सकता हैं। इसके लिए रोगी की शारीरिक जांच आवश्यक हैं। वैद्य रोगी की जांच कर उसके प्रकृति और कुपित दोष के आधार पर दवा और पंचकर्म इलाज करते हैं। आमतौर पर शुक्राणु की संख्या और वीर्य को गाढ़ा बनाने के लिए गोक्षुर, शिलाजीत, अश्वगंधा, जिनसेंग, खसखस, कौंच बिज जैसे आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग किया जाता हैं। एक ही दवा सभी के लिए उपयोगी साबित होंगी यह जरुरी नहीं हैं। रोगी की प्रकृति और दोष के अनुसार अलग-अलग दवा के संयोग से उपचार किया जाता हैं।

योग (Yoga)

वीर्य में Sperm की संख्या बढ़ाने के लिए आप योग का सहारा भी ले सकते हैं। रोजाना निचे दिए योग का अभ्यास करने से प्रजनन प्रणाली व्यवस्तिथ रहती है और शुक्राणु की संख्या की संख्या बढ़ने में मदद होती हैं। निचे दिए योग की विधि जानने के लिए योग के नाम पर click करे :

  1. भस्त्रिका प्राणायाम: भस्त्रिका प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद मिलती हैं।
  2. हलासन: यह आसन तनाव को कम करने और रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बेहतर बनाने में मदद करता है, जो दोनों ही पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  3. सूर्यनमस्कार: इस आसन से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता हैं।
  4. सेतुबंधासन: यह आसन पेल्विक क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जो शुक्राणु उत्पादन में सुधार कर सकता है।
  5. धनुरासन: इस आसन से भी कमर के क्षेत्र में रक्त प्रवाह बेहतर होता है और मोटापा कम होता हैं।
  6. शलभासन: यह आसन प्रोस्टेट ग्रंथि और आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है, जो शुक्राणु गतिशीलता में सुधार कर सकता है।
  7. वीरभद्रासन:यह आसन संतुलन और समन्वय में सुधार करने में मदद करता है, जो तनाव को कम करने में भी मदद कर सकता है।

आज कल वीर्य में शुक्राणु / Sperm की कमी के मामले कई गुना बढ़ गए है और यही कारण है की ऑनलाइन या समाचार पत्र में इसका ईलाज करने के झूटे दावे कर कई लोग महँगी दवा बेचकर पीड़ित लोगो से हजारों लूट रहे हैं। मेरा आपसे यही निवेदन है की कोई डॉक्टर इतना सिद्धि प्राप्त नहीं है (मैं भी नहीं !) जो बिना देखे आपका इलाज करे इसलिए कृपया पहले डॉक्टर को दिखाए, अपनी समस्या का सही कारण पता करे और फिर सही उपचार कराये।

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