आयुर्वेद की रसायन चिकित्सा बिना आंवले के पूरी नही हो सकती। जिन व्यक्तियों में स्वस्थ रहने की व लंबे समय तक युवा रहने की ख्वाहिश होती है, उनके लिए आंवला एक वरदान है। पहले सिर्फ सर्दियों में आंवले का इस्तेमाल अधिक होता था पर आजकल इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों से प्रभावित होकर यह रोजाना इस्तेमाल होने लगा है।
आंवला के 25 फायदे, नुकसान और घरेलु नुस्खों की जानकारी नीचे दी गयी हैं :
आंवला के 25 फायदे, नुकसान और घरेलू नुस्खे Amla uses and home remedies in Hindi
आंवला का परिचय Amla in Hindi
- नाम : आंवला को हिंदी में आमला, संस्कृत में आमलकी, अंग्रेजी में Indian Goosbeery व लैटिन में Emblica Officinalis कहा जाता है। इसके अलावा आंवला के और भी कई नाम है, जैसे
- आमलकी : रसायन के सभी गुणों को धारण करती है।
- अमृता : इसके सेवन से अकाल में मृत्यु प्राप्त नही होती।
- वयःस्था : इसके सेवन से चिरकाल तक यौवन स्थिर रहता है।
- तिष्यफला : कलियुग में इसके फलों का सेवन करने से मंगल प्राप्त होता है।
- पंचरसा : इसमें लवण ( खारा) छोड़के बाकी 5 रस रहते है। जैसे खट्टा, कषैला, मीठा, कड़वा, तीखा।
- आकार : इसका मध्यम आकार का 20 से 25 फीट ऊंचा वृक्ष होता है। पत्र इमली के पत्र के समान आयताकार, पुष्प हरिताभ पीतवर्ण लिए हुए तथा फल गोलाकार, चमकदार, मांसल छः रेखायुक्त होता है। कच्ची अवस्था में हरित वर्ण, पक्व होने पर हरित वर्णयुक्त किंचित पीतवर्ण का तथा सूखने पर कृष्ण वर्ण का होकर का होकर दो भागों में विभक्त हो जाता है।
- उतपत्ति स्थान : भारत मे सर्वत्र उष्ण प्रदेशों में, जंगलों तथा बाग – बगीचों में होता है। वाराणसी का आंवला सबसे अच्छा माना जाता है।
- आंवला के गुण : आंवला अम्ल प्रधान पंचरसात्मक (लवण रहित), गुरु, रुक्ष, शीत, त्रिदोषशामक होता है। साथ ही आँवले के रसायन, मृदु विरेचन (mild laxative), मूत्रल (diuretic), ग्राही (दस्त को रोकनेवाले), वयःस्थापन (चिरकाल जवां रखनेवाला), चक्षुष्य, वृष्य आदि कर्म होते है। प्रमेह (diabetes), रक्तपित्त (bleeding from upper or lower parts of body), कुष्ठ (leprosy), नेत्ररोग, अर्श (piles), प्रदर (vaginal discharge or bleeding ), आदि बीमारियों में आंवला उपयोगी होता है। मेधा, स्मरणशक्ति, स्वास्थ्य, यौवन, तेज, कांति प्रदान करने में तथा सर्वबलदायक औषधियों में इसे उत्कृष्ट कहा गया है। आचार्य वाग्भट्ट जी ने सर्वोत्तम फल की उपमा आंवला, हीरडा व बेहड़ा इन्हें दी है। आंवले के गुणों का वर्णन आयुर्वेद में इस श्लोक में किया गया हैं :
कफं रुक्षकषायत्वात् फलं धात्र्यास्त्रिदोषजीत्।
- आधुनिक विज्ञान के अनुसार आंवले के गुणकर्म : आधुनिक विज्ञान के अनुसार आंवला Vitamin C (Ascorbic acid ) का मुख्य स्रोत होता है। इसके अलावा आंवले में विटामिन A, B complex, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयरन, कैरोटीन, कार्बोहायड्रेट, फाइबर्स, संतृप्त वसा, tannins, phyllemblin, diuretic acid आदि घटकद्रव्य होते है। आधुनिक विज्ञान में आंवले की spasmolytic, mild CBS depressant, Hypilipidemic, Immunity – modulatory, Hypoglycemic, Antibacterial, Anti – Oxidant इत्यादि गुणकर्म बताए है। प्राचीन औषधि ग्रन्थों में तो इसकी महत्ता व क्षमता के बारे में लिखा ही है पर आधुनिक विज्ञान में भी आंवले पर कई अनुसन्धान हुए है और वह भी अब मानने लगा है कि दुनिया का सर्वोत्तम anti oxidant फल कोई है, तो वह आंवला है। आँवले का प्रयोग कई स्किन प्रोडक्ट्स, हेयर ऑयल्स व शैम्पूमें किया जाता है।
- आंवले का उपयुक्त अंग : वैसे तो आँवले के वृक्ष का फल, पत्ता, बीज, छाल और जड़ सभी उपयोगी है। पर अधिकतर आंवले के फल का उपयोग किया जाता है।
- ग्रन्थोक्त मात्रा : चूर्ण 3 -5 gm, स्वरस – 20 से 40 ml
- ग्रन्थोक्त विशिष्ट दवाई : च्यवनप्राशअवलेह में आंवला मुख्य घटक होता है। इसके अलावा आमलक्यादी चूर्ण, धात्री रसायन, ब्राह्म रसायन आदि आंवले से बनते है। सदियों से हम सब को परिचित त्रिफला चूर्ण जो कि एक बहुउपयोगी औषधि है, का एक घटक आंवला भी है।
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आंवला के उपयोग Amla uses in Hindi
1. बहुउपयोगी है आंवला
एक चम्मच आँवले के रस या चूर्ण को यदि शहद के साथ मिलाकर नियमित सेवन किया जाय तो इससे कई प्रकार के विकार जैसे TB, Asthma, खून का बहना, दाँतो व मसूड़ों के विकार जैसे स्कर्वी, Diabetes, खून की कमी, स्मरण शक्ति की दुर्बलता, हृदय की बेचैनी, कैंसर, अवसाद एवं अन्य मस्तिष्क विकार एन्फ़्जलुएन्जा, ठंडक, समय से पहले बुढ़ापा, वीर्य के विकार, एवं बालों का झड़ना एवं सफेद होने से बचा जा सकता है।
2. आहार का करे पाचन
आंवला अपने अम्ल रस से अग्नि दीपन व अन्न का पाचन कर रुचि उतपन्न करता है, अजीर्ण को दूर करता है व भूख बढ़ाता है, कब्ज, खट्टी डकार व गैस की समस्या से मुक्ति देता है। आँवले की विशेषता यह है कि यह खट्टा होने के बावजूद पित्तशामक है।
3. आँवला है आयुर्वेदिक टॉनिक
यह आंवले का मुख्य गुण है। आयुर्वेद के अनुसार सप्तधातु का पोषण कर खासकर शुक्र की वृद्धि करता है, बुढ़ापे की प्रक्रिया को मंद करता है। अतः मनुष्य लम्बे समय तक जवां रहता है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार विटामिन C व एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध होने के कारण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलकर त्वचा की क्षति को रोखता है। झुर्रियां कम करके एन्टी एजिंग में फायदा करता है। त्वचा में निखार लाता है।
4. आंवला बुखार का करे नाश
आंवले का काढ़ा अगर शहद व शक्कर के साथ सेवन करे तो पित्तप्रधान बुखार में आराम मिलता है। आमलकी सिद्ध घी का सेवन पुराने बुखार में लाभप्रद है।
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5. मधुमेह को रखे नियंत्रित
आंवला अपने विशेष गुणों से Blood sugar level को नियंत्रण में रखता है, साथ ही मधुमेह में होनेवाली बार बार पिशाब लगने की समस्या को भी कम करता है। एक अध्ययन से पता चला है, की एक चम्मच ताजे आँवले का रस को, एक कप करेले के रस में मिश्रित करके दो महीने तक प्रातः काल सेवन किया जाय तो, प्राकृतिक इन्सुलिन का स्त्राव बढ़ जाता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोग में रक्त में ग्लूकोज़ को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ करता है। रक्त की कमी, सामान्य दुर्बलता तथा अन्य कई परेशानियों से मुक्ति दिलाता है।
6. आँवला रखे दिल को सेहतमंद
आंवले में पाए जानेवाले क्रोमियम तत्व बीटा ब्लॉकर के प्रभाव को कम करते है व दिल को मजबूत व सेहतमंद रखते है। आंवला में एंटीऑक्सिडेंट्स, फ्लेवोनॉयड्स, लोह, पोटेशियम जैसे तत्व होने के कारण यह हृदय के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। यह खराब कोलेस्ट्रोल (LDL) को कम करते हुए अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है, जिससे हृदयरोग का खतरा कम होता है। आंवले के नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
7. आंवला करे खून की कमी को दूर
आंवला में मौजूद लौह तत्व तत्व हिमोग्लोबिन व लाल रक्त कोशिकाओं की मात्रा को बढ़ाने में सहायता करता है, जिससे शरीर की आयरन की कमी पूरी होकर खून की कमी / Anemia दूर होता है।
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8. पीलिया में भी गुणकारी होता है आंवला
अपने गुणों के कारण आंवला लिवर को स्वस्थ रखने में मदत करता है। आंवले की जड़ का सेवन करने से पीलिया रोग ठीक होता है। अधिक शराब के सेवन से होने वाले लीवर के दुष्परिणामों को भी आंवला कम कर सकता है।
9. मोटापा भगाए आंवला Amla for weight loss
आंवले में मेदोनाशक गुण होते है, यह मेटाबोलिज्म बढ़ाता है, जिससे यह वजन कम करने में मदत करता है। श्री राजीवजी दिक्षित के अनुसार त्रिफला का या सिर्फ आंवले का किसी भी रूप में ( जूस, मुरब्बा, अचार, चूर्ण आदि) करीब सालभर तक सुबह कोई व्यक्ति सेवन करता है तो वह स्लिम हो सकता है। वजन कम करने के लिए अगर आवले का उपयोग करो तो 3 से 4 आंवला और त्रिफला चूर्ण लेना चाहो तो 1 बड़ा टीस्पून चूर्ण गुड़ या शहद के साथ सुबह ले, रात में नही।
10. कब्ज से दे मुक्ति
अगर आप constipation से परेशान है और पेट साफ करने के लिए आंवला या त्रिफला चूर्ण का सेवन करना चाहते हो तो वह रात में करे। 1 छोटा चमच्च आंवला या त्रिफला चूर्ण लेकर उसे गुड़ में मिलाकर लड्डू जैसा बना ले। फिर खाले। ऊपर से दूध या गर्म पानी पी लीजिये। आंवले के फल का सेवन करने से वह मृदुविरेचन का कार्य करता है।
11. कुष्ठ (leprosy त्वचारोग) में उपयोगी
आंवला अपने गुणों से रक्तशद्धि व शरीरशुद्धी करता है। शरीर के विषारी तत्व बाहर निकालकर कुष्ठ को ठीक कर त्वचा में कांति लाता है।
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12. एसिडिटी व सिरदर्द भगाए आंवला
आंवले के स्वरस को शर्करा के साथ लेने से सिरदर्द, उल्टी, एसिडीटी में राहत मिलती है। जिन्हें अम्लपित्त (acidity ) की शिकायत हो उनके लिए आंवला एक रामबाण औषधि है। आंवले के 5 gm पाउडर को रात में पानी में भिगोए। सुबह इस पानी को छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीनेसे एसिडिटी में राहत मिलेगी। इसके अलावा 3 gm आंवला पाउडर को सुबह शाम पानी के साथ पानी के साथ लेने से एसिडिटी के साथ पित्त जैसी बीमारी से भी मुक्ति मिलेगी। आंवले का मुरब्बा हर रोज सुबह 1 से 2 चम्मच खाने से पित्तशान्ति होती है।
13. आंवले से मिले दिमाग को मजबूती
आंवले में प्रचुर मात्रा में लौह रहता है, जो मस्तिष्क को ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करता है। आंवला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट से मस्तिष्क को ताकत मिलती है, स्मृति व एकाग्रता बढ़ती है।
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14. पेशाब में जलन होती है दूर
आंवले का रस शर्करा के साथ (आंवले का शर्बत) सेवन करने से पेशाब में दर्द व जलन से आराम मिलता है। हरे आंवले का रस 50 ग्राम , शहद 20 ग्राम दोनों को मिलाकर दिन में दो बार लेने से मूत्र पर्याप्त होगा और मूत्र मार्ग की जलन समाप्त हो जायेगी |
15.श्वेतप्रदर में उपयोगी होता है आँवला
पूय व स्त्राव युक्त सफेद पानी की शिकायत हो तो आंवले का काढ़ा हल्दी मिलाकर दिया जाता है। अधिक मासिक स्त्राव जाता हो तो आंवले का रस शर्करा के साथ देते है।
16. बालों को बनाये घना, लंबा व मजबूत Amla Powder uses for hair in Hindi
विटामिन C का एक समृध्द स्त्रोत आंवला एक प्राकृतिक हेयर टॉनिक है। यह बालों को झड़ने से बचाता है, रूखे बेजान बालों को मुलायम करता है, रुखी को दूर करता है। आँवले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बालों के रंग देनेवाले पिगमेंट्स का पोषण करते है, अतःआंवला समय से पहले बालों का सफेद होना रोखता है। इसके लिए आंवले का पेस्ट बनाकर बालों में लगाये।
अपने बालों को मजबूत,लम्बे, काले और चमकदार बनाने के लिए आंवले के रस में तिल तेल, नारियल व जैतून का तेल मिलाकर बालों की जड़ों में लगाएं। बालों को प्राकृतिक रूप से रंग देने के लिए मेहंदी में आंवला व शिकेकाई का पाउडर मिलाकर लगाएं। आंवला के एंटीबैक्टीरियल गुण बालों को एक्जिमा व डेंड्रफ से बचाते हैं।
17. कृमिनाशक है आवला
पेट मे कृमि पड़े हो या पेटदर्द हो रहा हो तो थोड़ा थोड़ा आंवले का रस एक सप्ताह तक लेने से वे समाप्त हो जाएंगे।
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18. श्वसनमार्ग की बीमारियों में लाभकारी है आँवला
प्रचुर मात्रा में विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट्स होने के कारण आंवला शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ाता है, जिससे श्वसन मार्ग में होने वाली बीमारियां जैसे एलर्जीक सर्दी, खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि से राहत मिलती है। यह शीतल गुण का होने के कारण इसका सेवन काली मिर्च या शहद के साथ ही करना चाहिए। यह पुरानी खांसी, क्षयरोग( TB) या फेफड़ों की अन्य बीमारियों से निपटने में भी सहायता करता है।
19. गले के लिए उपयोगी आंवला
आंवले का जूस अदरक के रस के साथ सेवन किया जाए, तो गलशोथ( sore throat ) व थायराइड जैसी बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
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20. आँवला सेवन बढ़ाता है नेत्रज्योति
आंवले के नियमित सेवन करने से आंखों के स्वास्थ्य में सुधार आता है, साथ ही आंखों में जलन, खुजली हो तो वह भी दूर होती है। नेत्रशोथ ( conjunctivitis ) का एक कारगर इलाज है आंवले का जूस का सेवन करना। आंवले का सेवन मोतियाबिंद की समस्या से राहत देता है साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स तनाव से आंखों की रेटिना को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीना आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
21. आंवले से मिले दांतों को मजबूती
विटामिन सी से समृद्ध आंवले के नियमित सेवन से दांतों को मजबूती मिलती है, साथ ही आंवला एक पावरफुल एन्टीमाइक्रोबीएल है, जो कि दाँतो को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टेरिया से ( जैसे स्ट्रेप्टोकोकस ) से दांतों की रक्षा करता है। मसूड़ों में खून आना, स्कर्वी, दाँतो में कीड़ा लगना ( cavities ) जैसी दांतों की समस्याओं में आँवले का सेवन फायदेमंद होता है।
22. शरीर को ठंडा रखता है आंवला
आंवले की तासीर ठंडी होती है साथ ही इसमें इसमें संतरे के मुकाबले 3 गुना अधिक विटामिन सी होता है जिस वजह से यह शरीर में टैनिन के स्तर को कम करते हुए गर्मी में शरीर को ठंडा रखता है। जिनके शरीर में पसीने से बदबू आती है उनके लिए आंवला अमृत समान है। आंवले के सेवन से यह परेशानी दूर होती है।
23. मुँह के छालों से बचाता है आँवला
प्रचुर मात्रा में मौजूद विटामिन सी व जीवाणुरोधक गुणों के कारण आंवला मुंह के छालों को रोकने में तथा जल्दी ठीक करने में मदद करता है। इसके अलावा जिन्हें अल्सरेटिव कोलाइटिस की शिकायत है या पेट में काफी संक्रमण हो गया है वे भी नियमित रूप से आंवले के रस का या आंवले के पाउडर का सेवन करे। लाभ होगा।
24. नाखूनों को मजबूती देता है आंवला
विटामिन और खनिज से समृद्ध आंवला आंवला नाखूनों को स्वस्थ, सुंदर व मजबूत बनाने में मदद करता है।
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25. आंवला बढ़ाता हैं White Blood Cells
कैंसर के रोगी में Chemotherapy और Radiation के कारण खून में सफ़ेद रक्त कण / WBC की संख्या बेहद कम हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप रोह सुबह एक कटोरी ताजा दही में एक चमच्च आंवला पाउडर मिलाकर लेते है तो आपके शरीर में सफ़ेद रक्त पेशी का प्रमाण जल्द बढ़ने लगता है और साथ ही कीमोथेरेपी से शरीर पर होने वाले दुष्परिणाम भी कम होते हैं।
आँवले के घरेलू उपचार Amla home remedies in Hindi
- टॉनिक : आंवले का सबसे आसान घरेलू उपाय यह है कि उपाय यह है कि आप आंवले का रस निकालकर इसे कांच की बोतल में भरे। वह कुछ दिनों तक धूप में रखें, ताकि इसका जलीय अंश निकल जाए। इसके बाद आप इसे बंद करके घर में रख सकते हैं और फिर हर रोज सुबह खाली पेट 10 से 15 ml पानी में मिलाकर चाहे तो मिश्री मिलाकर ले सकते हैं इससे आपको आंवले के आंवले के सारे लाभ मिलेंगे।
- बुखार : आमलकी स्वरस में घी की छौंक देकर उसे पीने से ज्वर ( बुखार ) नष्ट होता है।
- बवासीर : दही के ऊपर की मलाई के साथ आंवले का रस देने से खुनी बवासीर (bleeding piles) में फायदा होता है।
- सफ़ेद पानी : महिलाओं में सफेद पानी की शिकायत हो तो आंवले के बीज का चूर्ण शहद और मिश्री के साथ देना चाहिए।
- गाउट : आंवले के रस से सिद्ध किया हुआ घी वातरक्त (Gout) में उपयोगी होता है।
- योनि रोग : योनि (vaginal burning) में जलन हो रही हो तो आंवले का रस मिश्री के साथ दिया जाता है।
- आँख : सूखे फलों को रातभर पानी मे भिगोकर उस पानी से आंख धोने से आंखों की सूजन कम होती है।
- मुंह के छाले : आंवले मौजूद टैनिन व फिनोल के कारण आंवले की पत्तियों को उबालकर इस पानी से कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।
- पेशाब में जलन : ग्रीष्म ऋतु में कई बार गर्मी के कारण चक्कर आते हैं, कमजोरी होती है या पेशाब में जलन होती है, तो हर रोज सुबह एक चम्मच आंवले का मुरब्बा खाकर उसके ऊपर एक ग्लास शीतल जल पीने से आराम मिलता है।
- कुष्ठ : आंवले का कल्क व तिल का दूध के साथ लेप कुष्ठ में उपयोगी होता है।
- खुजली : आंवले के बीज को जलाकर उसके भस्म में नारियल तेल मिलाकर खुजली वाले अंग पर नियमित लगाने से खुजली में लाभ मिलता है।
- सिरदर्द : दूध के साथ आंवले का लेप सिरदर्द में उपयोगी होता है।
- सफ़ेद बाल : आंवले के तेल से मालिश करने बाल लंबे समय तक काले रहते है।
- घने बाल : बराबर मात्रा में आंवला, रीठा, शिकाकाई का काढ़ा बनाकर उस से बाल धोने से से धोने से से बाल धोने से से धोने से से बाल काले लंबे घने और मुलायम होते हैं। आंवले के फलों का उपयोग लिखने की स्याही व बाल बढ़ने के द्रव्य में भी किया जाता है।
- शुभ : पुराने धार्मिक ग्रन्थों में आंवले की व तुलसी की लकड़ी की माला पहनना काफी शुभ माना गया है।
- रक्तस्त्राव : कई बार शरीर का कोई अंग कट जाने से खून आए तो उस जगह पर आंवले का ताजा रस लगाने से रक्तस्राव बंद होता है व जख्म भी जल्दी ठीक होती हैं हैं जल्दी ठीक होती हैं हैं।
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आंवले से जुड़े कुछ खास टिप्स
- राजीवजी दीक्षित के अनुसार च्यवनप्राश से भी ज्यादा परिणामकारी व किफायती त्रिफला चूर्ण होता है।
- आचार्य वाग्भट के अनुसार अगर आप त्रिफला चूर्ण का सेवन करते हो तो इसे 3 महीने लगातार सेवन करने के बाद 15 से 20 दिन का गैप दे। फिर 3 महीने सेवन करे वरना शरीर को आदत हो जाती है।
- आँवला यह एकमेव फल ऐसा है जिसमे मौजूद विटामिन C इसपर कोई भी प्रक्रिया करो तो नष्ट नही होता है, जैसे उबालना, कूटना, पकाना आदि।
- आंवला यह एकमेव फल ऐसा है, जिसे खाने के पश्चात आप उसके ऊपर दूध पी सकते हो।
- आप चाहे तो अच्छे कंपनी का आँवला या त्रिफला चूर्ण डॉक्टर के परामर्श से ले या सबसे अच्छा तरीका तो यह है कि आप बाजार से सूखा आँवला, बेहड़ा व हिरडा लेकर आए व तीनोंको घरपर ही कूटकर चूर्ण बनाये, जो कि बाज़ार की तुलना में काफी किफायती होता है।
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आँवले का उपयोग कैसे करे How to use Amla in Hindi
- जैसे कि हमने ऊपर बताया कि आंवला यह एकमात्र ऐसा फल है जिसमें मौजूद विटामिन सी अगर उस पर कोई भी संस्कार करें ( जैसे चूर्ण बनाना, आंवले को पकाना आदि ) फिर भी नष्ट नहीं होता है इसलिए इसे हम किसी भी रुप में सेवन कर सकते हैं। जैसे जूस, अचार, मुरब्बा, चूर्ण, तेल, सुपारी आदि।
- पाउडर या चूर्ण : आंवला लेने के सर्वोत्तम तरीके में से एक तरीका आंवले का पाउडर या चूर्ण है। हालांकि वह स्वाद में थोड़ा कड़वा हो सकता है इसीलिए आप इसे अदरक पाउडर, निम्बू और शहद के साथ ले सकते हैं। आप चाहे तो किसी फल जूस में आंवले का पाउडर मिला सकते हैं या केले, सेब, पपीता जैसे फलों पर आंवला पाउडर छिड़क कर कर आंवला पाउडर छिड़क कर कर भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
- आंवले का जूस : आंवले के मौसम में प्रतिदिन दो आंवले का जूस निकाल कर पीने से पीने से कर पीने से आपके शरीर की विटामिन सी की कमी पूरी हो जाती है।
- सूखा मीठा या नमकीन आँवला : आप लोगों छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें इसमे सेंधा नमक मिलाकर या फिर शक्कर मिलाकर कुछ दिन धूप में रखें। जब अच्छी तरह सूख जाए तब इसको आप मुखवास के रूप में सेवन कर सकते हैं। यह बच्चों द्वारा भी काफी पसंद किया जाता है।
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आँवला के दुष्परिणाम Amla side effects in Hindi
- ऐसे तो आंवले के कोई दुष्परिणाम नही है, पर त्रिफला चूर्ण को लगातार कुछ महीने सेवन करने के पश्चात अगर थोड़ा गैप नही दिया तो कमजोरी आ सकती है।
- आंवला प्लीहा (Spleen) के लिए हानिकारक होता है। लेकिन शहद के साथ सेवन करने से यह दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है।
- आंवला त्वचा की नमी को कम कर सकता है इसलिए आंवले के सेवन के साथ भरपूर मात्रा में पानी पीना जरूरी होता है।
- वैसे तो आंवले को आयुर्वेद में पित्तशामक कहा गया है, लेकिन अगर किसी को हाइपर एसिडिटी की शिकायत रहती होगी तो उसे आंवला सेवन के पश्चात एसिडिटी बढ़ सकती है, अतः इसका ध्यान रखें। खासकर ध्यान रखे कि आंवला या अन्य कोई खट्टे फल सुबह खाली पेट कभी ना खाएं।
- यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में या लंबे समय तक किया जाए तो यह पथरी कारण भी हो सकता है।
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आंवला का धार्मिक महत्व
- अपने अद्वितीय औषधीय एवं पोषक गुणों के कारण, भारतीय पौराणिक साहित्य जैसे वेद, स्कंदपुराण, पद्मपुराण, रामायण, कादम्बरी, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, वाग्भट संहिता में इसका वर्णन मिलता है। महर्षि चरक ने इस फल को अमृत के समान लाभकारी माना है। अत: इसे अमृत फल तथा कल्प वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
- हिंदू धर्म में आंवले के वृक्ष को अत्यंत पवित्र माना गया है तथा इसका पौराणिक महत्व भी है। कहा जाता है कि कार्तिक मास में इस वृक्ष के नीचे बैठ कर विष्णु की पूजा की जाए तो स्वर्ग की प्राप्ति होती है। अगर तुलसी का पौधा नहीं मिले, तो श्री विष्णु की पूजा आंवले के वृक्ष नीचे बैठ कर की जाती है। हिंदू धर्म में यह भी कहा गया है, कि कार्तिक मास में किसी एक दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठ कर भोजन करना अत्यंत शुभ होता है।
- हिन्दू धर्म के अनुसार आँवले के फल का लगातार 40 दिनों तक सेवन करते रहने वाले व्यक्ति में नई शारीरिक स्फूर्ति आती है तथा कायाकल्प हो जाता है।
- हिन्दू शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है, कि तुलसी एवं आँवले के फलों से सिद्ध जल से स्नान करना, गंगा जल से स्नान करने के तुल्य है।
- आंवले या तुलसी के लकड़े की माला पहनना भी काफी शुभ माना गया है।
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इसतरह सर के बालों से लेकर पैर के अंगूठे के नाखून तक फायदेमंद आँवला, 100 रोगों की एक दवा माने जानेवाला आंवला, विटामिन C व एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध आंवला, शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला आंवला, उम्र को लंबे समय तक जवां रखनेवाला, आयुष्य बढ़ानेवाला आंवला एक सर्वोत्तम फल है। अतः किसी न किसी रूप में दिव्य औषधिफल आँवले सेवन जरूर करे व आंवले के अद्भुत लाभ उठाएं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।