बाजरे की रोटी खाने के फायदे और नुकसान
बाजरा 2 प्रकार का होता हैं, देसी और संकरीत (Hybrid)। देसी बाजरे गुण व फायदे संकरीत बाजरे से कई अधिक होते है। चूंकि देसी बाजरे की उपज कम होती है, ज्यादातर लोग संकरित बाजरे का ही उपयोग करते है। भले ही गुणों में कम ज्यादा हो पर हमें जो भी बाजरा मिले हमे उसका हमारे आहार में मर्यादित स्वरूप में जरूर प्रयोग करना चाहिए।
बाजरे की पौष्टिकता
बाजरा फाइबर्स, प्रोटीन, विटामिन्स B3, B6, C, E, K, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, मैगनीज, एमिनो एसिड्स, एंटीऑक्सीडेंट और कई दूसरे मिनरल्स का अच्छा स्त्रोत होता है।
बाजरे की रोटी उपयोग और फायदे Bajra Health benefits in Hindi
बाजरा रखे पाचन तंत्र रखे दुरुस्त
बाजरा में भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते है, जिससे बाजरे की रोटी आसानी से पचती हैं साथ ही पाचनतंत्र भी दुरुस्त रहता है। कब्ज, गैस, एसीडिटी की समस्या से मुक्ति मिलती है। कमजोर पाचनतंत्र वालों के लिए बाजरे की खिचड़ी या रोटी काफी लाभ करती है।
ग्लुटेनफ्री होता है बाजरा
बाजरा ग्लुटेनफ्री होने के कारण जिन व्यक्तियों में ग्लूटेन से एलर्जी होती है उनके लिए बाजरा काफी फायदेमंद होता है।
घटाना है वजन तो खाइये बाजरा
बाजरा खाने से काफी देर तक भूक नही लगती, क्योंकि इसमें ट्रीप्टोफन नामक amino acid होता है, जो धीमी गति से पचता है। जिससे वजन कम करने व कंट्रोल में रखने में मदत मिलती है। साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर्स भी होता है। बाजरा धीरे धीरे पचता है, इस वजह से आपका पेट भरा भरा सा लगता है और आप extra खाने से बचते हो।
बाजरा देता है ऊर्जा
गेंहू और चावल के मुकाबले में बाजरा ऊर्जा का एक बहोत अच्छा स्त्रोत है। इसे खाने से अच्छी मात्रा में एनर्जी मिलती है। बाजरे की रोटी को गाय का घी लगाकर खाने से शरीर को पौष्टिक आहार मिलता है। आप चाहे तो इसे गुड़ के साथ भी खा सकते है, जिससे शरीर मे खून की कमी नही होगी।
हृदय के लिए हितकारी बाजरा
बाजरा कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में मदद करता है, जिससे दिल से जुड़े बीमारी होने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसमें मौजूद प्रचुर मात्रा में मैग्नेशियम और पोटैशियम के कारण ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है। यह गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है व bad कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।
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हड्डियों को बनाये मजबूत
बाजरा में मौजूद कैल्शियम हड्डियों के लिए रामबाण होता है। बढ़ते बच्चों व बूढ़े लोगों के लिए, दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए ये विशेष लाभकारी होता है और उनमें हो रही कैल्शियम की कमी को पूरा करता है। नियमित रूप से बाजरा खाने से कैल्शियम के कमी से होने वाली ओस्टियोपोरोसिस नामक बीमारी नहीं होती है।
बाजरा रखे डायबिटीज को नियंत्रित
फाइबर्स ज्यादा और कार्बोहाइड्रेट कम होने की वजह से साथ ही मैग्नेशियम का अच्छा स्त्रोत होने से टाइप 2 मधुमेह के व्यक्तियों में sugar को नियंत्रित रखता है। मैग्नेशियम एक ऐसा खनिज है जो इन्सुलिन व ग्लूकोज़ रिसेप्टर की क्षमता को बढ़ाता है। मधुमेह के मरीजों को बाजरे का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए।
आयरन की कमी को पूरा करता है बाजरा
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डॉ बी पी सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी, इससे उनके बच्चों में जन्म से लेकर 5 वर्ष तक की आयु में कैल्शियम और आयरन की कमी के कारण होने वाले रोग नहीं होते थे। गर्भवती महिलाओं ने तो कैल्शियम के स्थान पर हर रोज 2 बाजरे की रोटी खानी चाहिए। इससे उनकी कैल्शियम की कमी पूरी होगी। इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव के समय होने वाली असामान्य पीड़ा भी ना के बराबर होती है। दूध पिलाने वाली माताओं में बाजरा दूध की कमी को पूरा करता है।
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लिवर के लिए उत्तम बाजरा
लिवर की सुरक्षा के लिए बाजरा उत्तम माना गया है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट जैसे क्वेरसेटिन, करक्यूमिन आदि किडनी व लिवर से विषाक्त पदार्थों को शरीर के बाहर निकालने में मदत करते है।
गॉलस्टोन को रोकने में मदत करता है बाजरा
बाजरे में मौजूद अघुलनशील फाइबर पित्ताशय की पथरी ( गॉलस्टोन ) को गठन होने से रोकता है।
कैंसर विरोधी गुण होते है बाजरे में
बाजरे में फाइबर समृद्ध मात्रा में पाया जाता है। हाल ही में हुए शोध के आधार पर जो महिलाएं अपने आहार में करीब 30 gm फाइबर का सेवन करती है, उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा 50% से अधिक कम होता है। इसलिए महिलाओं को बाजरे का नियमित तौर पर सेवन करना चाहिए। इसके अलावा बाजरे में पाए जानेवाले एंटीऑक्सीडेंट कैंसर पैदा करनेवाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता रखते है।
अस्थमा में उपयोगी बाजरा
शोध में पाया गया है, जिन्हें अस्थमा है या जो व्यक्ति बचपन से अस्थमा से पीड़ित है, उनके लिए बाजरा काफी लाभदायक होता है। यह अस्थमा के विकास को भी रोकता है। कई बार किसी किसी मे गेंहू की एलर्जी से सांस और घरघराहट की समस्या होती है। बाजरे के सेवन से यह समस्या नही होती बल्कि कम होने में भी मदत होती है।
बाजरा से मिले मानसिक शांति
बाजरे के सेवन से शरीर प्राकृतिक रूप से शांत होता है। यह चिंता, तनाव, नींद न आना आदि मानसिक विकारों में लाभ करता है। बाजरा में मौजूद ट्रीप्टोफन सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है,जिससे तनाव कम होता है। हर रोज रात में 1 बाउल बाजरे का खिचड़ा गाय का घी डालकर खाने से आपको शांतिपूर्ण नींद आएगी। माइग्रेन के कारण होनेवाले सिरदर्द में भी बाजरे के नियमित सेवन से राहत मिलती है।
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बालों का पोषण करता है बाजरा
बालों के लिए प्रोटीन और कैल्शियम सबसे आवश्यक तत्व होते है। बाजरा प्रोटीन और कैल्शियम का समृद्ध स्त्रोत है। स्वस्थ बालों के लिए प्रोटीन का पर्याप्त मात्रा मे सेवन करना जरूरी होता है। बाजरे के नियमित सेवन से बालों का झड़ना रुकता है, बालो की ग्रोथ अच्छी होती है साथ ही बालों का पोषण भी होता है। समय से पहले होनेवाले गंजेपन में बाजरा फायदेमंद होता है।
त्वचा को दे चमक बाजरा
बाजरा में एमिनो एसिड पाया जाता है, जो कोलेजन निर्माण करने में सहायता करता है, जो त्वचा के ऊतकों को संरचना देते है। बाजरा खाने से त्वचा का कोलेजन स्तर मजबूत होता है। जिससे त्वचा के लचीलेपन में सुधार होता है एवं झुर्रियां कम होने में मदत मिलती है। बाजरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा में बढ़ते उम्र के संकेतों को कम करने में मदत करता है।
बाजरा में विटामिन C, विटामिन E व सेलेनियम पाया जाता है, जिसकी मदत से सूरज हानिकारक की किरणों से, त्वचा के कैंसर से त्वचा की रक्षा करते है। साथ ही इन पोषक तत्वों की मदत से त्वचा में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है, जिससे त्वचा में चमक व नई जान आती है।
नियमित रूप से किया हुआ बाजरे का सेवन कुपोषन, क्षरण सम्बन्धी रोगों को दूर करता है एवं असमय वृद्ध होने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
बाजरे की रोटी के नुकसान Bajra side effects in Hindi
- वैसे तो बाजरा शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसे ज्यादा खाने से शरीर में ऑक्जेलिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इसीलिए किडनी में स्टोन के मरीजों को यह ना खाने की या कम या कम कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है।
- बाजरा की तासीर गर्म होती है अतः इसे ठंड में सेवन करे साथ ही गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के पहले 3 महीनें में इसका सेवन मर्यादित मात्रा में करे।
- बाजरा को हाइपोथायरायडिज्म में सीमित मात्रा में उपयोग करे क्योंकि इसमें गोईटेरोगजनिक छोटा पदार्थ पाया गया है, जो कि पकाने पर बढ़ता है, जिससे शरीर मे आयोडीन का अवशोषण रुकता है व घेंघा और अन्य थाइरोइड की समस्या बढ़ सकती है।
- बाजरा के अधिक सेवन से आपकी त्वचा रूखी हो सकती है।
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तो यह थी बाजरे के बारे में जानकारी। आज के दौर में बाजरे का उपयोग काफ़ी कम हो गया है। बाजरे की रोटी स्वाद में जितनी अच्छी होती है, सेहत में उससे कई गुना अच्छी होती है। कई डॉक्टर तो इसके गुणों से प्रभावित होकर अनाज में बाजरे को वज्र की उपाधि दे रहे है। हमे अच्छी सेहत के लिए बाजरे के गुण और लाभ को देखते हुए उसे अपने डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2015 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे आप सभी के लिए साझा करने का प्रयास कर रहा हूँ ।