मन की चंचलता को काबू में करने के लिए, आँखों की रौशनी को बढ़ाने के लिए और एकाग्रता को बढ़ाने के लिए त्राटक (Tratak) योग के बेहतरीन क्रिया हैं। त्राटक एक प्राचीन भारतीय योग पद्धति है जिसका उपयोग ऋषि मुनियों द्वारा गुरुकुल में शिष्यों में एकाग्रता को बढ़ाने के लिए किया जाता था।
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त्राटक क्या हैं ? (What is Tratak in Hindi ?)
त्राटक एकाग्रता और ध्यान विकसित करने के लिए एक प्राचीन योग विधि है। इसे ‘नेत्र ध्यान’ या ‘एकाग्रता ध्यान’ भी कहा जाता है। त्राटक में, एकाग्रता के लिए एक निश्चित बिंदु पर नजर केंद्रित की जाती है। अगर आप ध्यान या Meditation करना चाहते है तो त्राटक क्रिया के अभ्यास करना चाहिए जिससे ध्यान करने में आसानी होती हैं।
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त्राटक कैसे करें? (How to do Tratak in Hindi ?)
त्राटक योग करने की क्रिया की जानकारी निचे दी गयी हैं:
- शांत जगह चुनें: त्राटक करने के लिए एक शांत और अंधेरे कमरे का चुनाव करें। कोशिश करे की आसपास शोर शराबा नहीं होना चाहिए जिससे त्राटक क्रिया करने में आसानी होती हैं।
- आराम से बैठें: किसी भी आरामदायक आसन में बैठें, जैसे कि पद्मासन, सुखासन या कुर्सी पर बैठना।
- दीपक रखें: अपनी आंखों के सामने थोड़ी दूर एक दीपक या मोमबत्ती रखें। आप किसी एक बिंदु पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ध्यान रहे की दीपक की लौ या बिंदु आँखों के समानांतर (Parallel) रहना चाहिए। यह बिंदु, दीपक या मोमबत्ती की दुरी शरीर से 2 से 3 फ़ीट दूर होनी चाहिए।
- टकटकी लगाएं: दीपक की लौ पर टकटकी लगाएं, बिना पलक झपकाए।
- एकाग्रता बनाए रखें: अपने विचारों को शांत करें और अपनी एकाग्रता दीपक की लौ पर बनाए रखें। आँखों में पानी आने पर उसे पूछ ले और दोबारा क्रिया करे।
- समय: 30 सेकंड से शुरू करे और इसे अभ्यास के साथ यथाशक्ति बढ़ाए। आप इसे 5 मिनिट से लेकर अभ्यास के साथ 30 मिनिट तक भी कर सकते हैं।
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यह भी ध्यान रखें:
- त्राटक करते समय कमरे में अंधेरा या कम रोशनी होनी चाहिए।
- त्राटक करते समय आरामदायक कपड़े पहनें।
- त्राटक करने से पहले पेट खाली होना चाहिए।
- त्राटक करने के बाद आंखों को ठंडे पानी से धो लें।
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त्राटक के फायदे क्या है ? (Tratak benefits in Hindi)
- मानसिक शांति: त्राटक मन को शांत करता है और तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
- एकाग्रता और ध्यान: त्राटक एकाग्रता और ध्यान विकसित करने में सहायक होता है।
- आंखों की रोशनी: त्राटक आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, आँखों की रौशनी बढ़ती है और आंखों के रोगों को रोकने में मदद करता है। त्राटक के अभ्यास से चश्मे का नंबर भी ठीक हो सकता हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य: त्राटक स्मृति, सोचने की क्षमता और बुद्धि को बढ़ाने में मदद करता है।
- आत्म-जागरूकता: त्राटक आत्म-जागरूकता, आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में सहायक होता है।
- बुद्धिमत्ता: त्राटक के अभ्यास से बच्चो की बुद्धि तेज होती हैं, IQ बढ़ता है और याददश्त में सुधारना होती हैं।
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त्राटक के नुकसान क्या हैं ? (Tratak side effects in Hindi)
त्राटक के कुछ संभावित नुकसान हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आंखों की थकान: त्राटक करते समय, आंखों को लगातार एक बिंदु पर टकटकी लगाना पड़ता है। इससे आंखों में थकान, जलन और दर्द हो सकता है।
- आंखों में संक्रमण: यदि त्राटक करते समय उचित स्वच्छता का पालन नहीं किया जाता है, तो आंखों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।
- सिरदर्द: कुछ लोगों को त्राटक करने के बाद सिरदर्द हो सकता है।
- चक्कर आना: कुछ लोगों को त्राटक करते समय चक्कर आ सकते हैं।
- मिर्गी के दौरे: मिर्गी के रोगियों को त्राटक करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे दौरे पड़ने का खतरा बढ़ सकता है।
- गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं को त्राटक करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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त्राटक किसे करना चाहिए ?
त्राटक किसे करना चाहिए इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं:
- जो लोग एकाग्रता और ध्यान में सुधार करना चाहते हैं।
- जिनकी आंखों की रोशनी कमजोर है।
- जो लोग तनाव, चिंता, अवसाद या अनिद्रा से पीड़ित हैं।
- जो अपनी स्मृति और सोचने की क्षमता को बेहतर बनाना चाहते हैं।
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त्राटक किसे नहीं करना चाहिए ?
त्राटक किसे नहीं करना चाहिए इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं:
- गंभीर आंखों की समस्याएं, जैसे मोतियाबिंद या ग्लूकोमा।
- मिर्गी या हृदय रोग।
- गर्भवती महिलाएं।
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त्राटक करते समय क्या सावधानी बरते ?
त्राटक का पूरा लाभ लेने के लिए यह क्रिया करते समय निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए:
- यदि आपको गंभीर आंखों की समस्याएं हैं, जैसे मोतियाबिंद या ग्लूकोमा, तो त्राटक योग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- त्राटक करते समय अपनी आंखों को ज़्यादा ज़ोर न दें।
- यदि आपको चक्कर आने लगें या आंखों में दर्द हो, तो तुरंत त्राटक योग करना बंद कर दें।
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त्राटक से जुड़े सवालों के जवाब
त्राटक और ध्यान में क्या अंतर है?
त्राटक में आँखे खुली रहती है और ध्यान किसी एक बिंदु पर लगाए रखना होता है जबकि ध्यान में आँखे बंद रहती है और हमारा ध्यान श्वास, मंत्र या विचारों पर ध्यान केंद्रित करना होता हैं।
त्राटक कितने दिन तक करना चाहिए?
त्राटक शुरुआत में 5-10 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। हफ्ते में 3 से 4 दिन त्राटक करने से लाभ होता हैं।
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त्राटक करने का अच्छा समय कौन सा हैं ?
त्राटक करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह और शाम होता है, जब सूर्योदय और सूर्यास्त के समय वातावरण शांत और मनोरम होता है। सुबह सूर्योदय से पहले या बाद में (लगभग 4-6 बजे) और शाम में सूर्यास्त से पहले या बाद में (लगभग 6-8 बजे) त्राटक के लिए अच्छा समय है।
क्या त्राटक से आंखों की रोशनी ठीक हो सकती है?
हाँ, त्राटक से आंखों की रोशनी में सुधार हो सकता है, लेकिन यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि यह सभी के लिए काम करेगा। त्राटक आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, आंखों के तनाव को कम करता है, और एकाग्रता में सुधार करता है, जिससे आंखों की रोशनी बेहतर हो सकती है।
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क्या Dry eyes होने पर त्राटक कर सकते हैं ?
Dry eyes होने पर त्राटक करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि त्राटक करते समय आंखों को लगातार एक बिंदु पर टकटकी लगाना पड़ता है। Dry eyes होने पर, त्राटक का समय कम करके शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। आप चाहे तो डॉक्टर्स से artificial tears के drops डालकर भी त्राटक कर सकते हैं।
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त्राटक एक सरल, सुरक्षित और प्रभावी योग विधि है जिससे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती हैं। नियमित अभ्यास से व्यक्ति एकाग्रता, ध्यान, आंखों की रोशनी, मानसिक स्वास्थ्य और समग्र स्वास्थ्य में सुधार का अनुभव कर सकता है।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।