एल्युमीनियम के बर्तन में खाना खाने से होते है यह जानलेवा दुष्परिणाम !

एल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत नुकसानदायक है। अगर मैं इसे शरीर के लिए धीमा जहर कहूं तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। एल्युमीनियम के बर्तन से हमारे शरीर पर कई तरह के जानलेवा दुष्परिणाम होते हैं।

दोस्तों, आजकल एल्युमीनियम के बर्तन लगभग हर घर में पाए जाते हैं। पूरी दुनिया की बात ले तो world के लगभग 60% बर्तन एल्युमीनियम के बने होते है। एल्युमीनियम के बर्तनों का उपयोग सबसे अधिक इन दौ कारणों से होता है, पहला भोजन जल्दी पकता है व दूसरा यह अन्य बर्तन की तुलना में सस्ते और टिकाऊ होते हैं।
लेकिन यह सस्ते के चक्कर में हम अपने स्वास्थ्य के साथ कितना खिलवाड़ कर रहे हैं, आइए जानते हैं :

एल्युमीनियम के बर्तन में खाना खाने से होते है यह जानलेवा दुष्परिणाम

राजीव दीक्षित जी द्वारा किये गए एक रिसर्च के आधार पर भारत में एल्युमिनियम का उपयोग करीब 100-125 साल पहले से शुरू हुआ। हमारे देश में जब अंग्रेजों का शासन था, तब एलुमिनियम के बर्तनों का पहला नोटिफिकेशन आया वह जेल के कैदियों के लिए। जिसमें यह तय हुआ कि एलुमिनियम के बर्तन में ही जेल के कैदियों को खाना दिया जाए ताकि वह बार-बार बीमार पड़े या उनकी जल्दी मृत्यु हो क्योंकि वह सारे कैदी क्रांतिकारी थे।

अंग्रेज तो गए पर यह नियम आज भी है कि जेलों में कैदियों को एलुमिनियम के बर्तन में खाना दिया जाता है। इसमें भी मुश्किल बात यह है कि यह सिर्फ जेल तक सीमित नहीं है, अब हमारे घरों तक और खासकर गरीबों के घर तक तक आ गया है। आज हमारे आधे से ज्यादा खाना पकाने वाले बर्तन एलुमिनियम के होते हैं।

क्या आप जानते हैं भोजन रखने और पकाने का सबसे खराब मेटल एलुमिनियम ही है। एल्युमीनियम में बने खाने का स्वाद और रंग दोनों बदल जाता है। करीब 4 से 5 mg एल्युमीनियम की मात्रा प्रतिदिन हमारे भोजन में मिल जाती है, जिससे भोजन के प्राकृतिक गुण नष्ट होते है। एल्युमीनियम ऐसा भारी धातु है, जो Boxite से बना होता है। खाना बनाते वक्त इसके कुछ कण खाने में मिल जाते है, जो धीरे धीरे पेट मे जमने लगते है, क्योंकि दूसरे विषाक्त पदार्थ की तरह ये मल – मूत्र द्वारा शरीर के बाहर नही निकल पाते है।

करीब 18 साल का रिसर्च कहता है कि अगर आप एल्युमिनियम के बर्तन में खाना बार-बार खाते हो तो यह विषाक्त कण आपके लिवर, किडनी, नर्वस सिस्टम को क्षति पहुचाने के साथ ही पाचन प्रक्रिया को भी प्रभावित करते है। साथ ही डायबिटीज, टीबी, अस्थमा, आर्थराइटिस, ब्रोंकाइटिस जैसी करीब 48 बीमारियां होने की संभावना को बढ़ाते है। गरीबों में टीबी और अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ने का एक मुख्य कारण यह भी है।

एलुमिनियम के बर्तनों के निरंतर प्रयोग से अल्जाइमर नामक मस्तिष्क रोग होता है। एल्युमीनियम के बर्तन में पानी या अन्य कोई खाद्य सामग्री उबालने से एलुमिनियम की फ्लोराइड खाद्य सामग्री में घुल जाती है और इस तरह के फ्लोराइड युक्त पदार्थों के सेवन करने से मस्तिष्क की कोशिकाओं का नाश होता है। एलुमिनियम मनुष्य के सोचने विचारने की शक्ति को प्रभावित करता है। कई ह्रदय रोगियों के सर्वेक्षण में पाया गया है कि वे एल्युमिनियम धातु से बने बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं। एलुमिनियम तेल, घी, डालडा, चाय पत्ती वगैरह से रासायनिक क्रिया कर विषैला पदार्थ तैयार करता है जो धीरे-धीरे किडनी को क्षति ग्रस्त करता है।

एलुमिनियम की अधिक मात्रा अधिक मात्रा से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को भी निमंत्रण मिल सकता है।
आजकल गृहिणीयां सुविधा और समय बचाने के चक्कर में अपने तथा घर के सदस्यों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना करें। एलुमिनियम के स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभाव को देखते हुए हमें इसका इसका को देखते हुए हमें इसका इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए और उसके बदले मिट्टी, पीतल, तांबा या स्टील के बर्तनों का प्रयोग करना चाहिए।

अगर आपको यह एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना खाने से होनेवाले दुष्परिणाम की जानकारी उपयोगी लगती है तो कृपया इसे शेयर जरूर करे।

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