जब हमारी किड्नी ठीक तरीके से काम करना बंद कर देती है उस स्तिथि को Kidney Failure कहा जाता हैं । गुर्दे जिसे अंग्रेजी में Kidney (किडनी) कहते हैं, हमारे शरीर का एक बेहद महत्वूर्ण अवयव हैं। सामान्यतः हमारे शरीर में दो किडनी होती है पर किसी-किसी को जन्मतः एक किडनी भी होती हैं। शरीर में एक स्वस्थ किडनी होने पर भी इंसान लम्बे समय तक जिन्दा रह सकता हैं। किडनी हमारे शरीर में रक्त की सफाई का कार्य करती है और रक्त में मौजूद जहरीले तत्वों को शरीर से बाहर निकालती हैं। किडनी शरीर में पानी, सोडियम, कैल्शियम और पोटैशियम की मात्रा को नियंत्रित करती हैं। शरीर में एसिड एवं क्षार का नियंत्रण करती हैं।
शरीर में जब किडनी अपना रक्त शुद्धिकरण का कार्य ठीक से नहीं कर पाती है तब शरीर में विषैले तत्व का प्रमाण बढ़ने लगता हैं, इसी स्तिथि को Kidney Failure या गुर्दे की खराबी कहा जाता हैं। किडनी फेलियर क्या है, इसके लक्षण, प्रकार और निदान से जुडी सम्पूर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :
गुर्दे की खराबी के लक्षण, प्रकार और निदान
Kidney Failure symptoms, types and diagnosis in Hindi
गुर्दे की खराबी किसे कहते हैं ? Kidney Failure in Hindi
- जब किडनी की कार्यक्षमता किसी कारणवश कम हो जाती है और रक्त में Serum Creatinine और Blood Urea की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है तब उस स्तिथि को Kidney Failure कहा जाता हैं।
- किडनी की कार्यक्षमता शरीर से अधिक होती है और किडनी में हलकी खराबी आने पर इसका पता रक्त जांच में नहीं चलता हैं। जब किडनी में 50 % से अधिक खराबी आती है तब ही Serum Creatinine और Blood Urea जांच से इसका पता चलता हैं।
- एक किडनी ख़राब होने से या किसी कारणवश एक किडनी निकाल देने से Kidney Failure नहीं होता है क्योंकि ऐसे में शरीर की दूसरी किडनी अपनी कार्यक्षमता बढाकर कार्य करती हैं।
Kidney Failure के लक्षण क्या हैं ? Kidney Failure symptoms in Hindi
Kidney Failure के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं :
- भूक की कमी
- जी मचलाना
- चेहरे पर सूजन
- हाई ब्लड प्रेशर
- खून / हीमोग्लोबिन की कमी
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- पैर के निचले हिस्से में सूजन
- शरीर में दर्द
- खुजली
- बार-बार पेशाब में संक्रमण, जलन होना
- पेशाब करने में कठिनाई होना
- याददाश्त में कमी
किडनी के खराबी के प्रकार क्या हैं ? Kidney Failure types in Hindi
Kidney Failure के मुख्य दो प्रकार हैं :
- Acute Kidney Failure
- Chronic Kidney Failure
Acute Kidney Failure in Hindi
Acute Kidney Failure को Acute Renal Failure या ARF भी कहा जाता हैं। इसमें किसी अन्य रोग के दुष्परिणाम के कारण दोनों किडनी कुछ समय के लिए काम करना बंद कर देती हैं। उस रोग की चिकित्सा करने पर दोनों किडनी फिर से पहले की तरह सुचारु रूप से कार्य कर देना शुरू कर देती है और फिर कोई विशेष दवा या परहेज की जरुरत नहीं पड़ती हैं। बेहद कम मरीजों को Acute Kidney Failure में कुछ समय के लिए डायलिसिस की जरुरत पड़ती हैं।
Chronic Kidney Failure in Hindi
Chronic Kidney Failure को Chronic Kidney Disease (CKD) या Chronic Renal Failure (CRF) भी कहा जाता हैं। Chronic Kidney Failure में दोनों किडनियों की कार्यक्षमता किसी अन्य रोगों के कारण महीनो और वर्षों में धीरे-धीरे कम होने लगती है और अंत में दोनों किडनी पूर्ण रूप से काम करना बंद कर देती हैं। फ़िलहाल आधुनिक चिकित्सा पद्धति में Chronic Kidney Failure को ठीक करने का कोई उपचार उपलब्ध नहीं हैं।
Chronic Kidney Failure में रोगी का उपचार औषधि, खाने-पिने में परहेज, नियमित परिक्षण द्वारा किया जाता हैं। चिकित्सा का उद्देश्य शरीर में Creatinine की मात्रा को नियंत्रित करना, डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण को टालना होता हैं। Chronic Kidney Failure में स्तिथि गंभीर होने पर रोगी को डायलिसिस या किडनी प्रत्यारोपण कराना पड़ता हैं। Chronic Kidney Failure में आयुर्वेदिक औषधि और परहेज का पालन कर रोगी को वर्षों तक जीवित रखा जा सकता हैं।Click करे और पढ़े – किडनी के रोगी ने कैसा आहार लेना चाहिए ?
किडनी की खराबी का निदान कैसे किया जाता हैं ? Kidney Failure diagnosis in Hindi
रोगी में Kidney Failure के लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर Kidney Failure का निदान करने के लिए निचे दी हुई जांच करते हैं :
- खून में क्रिएटिनिन और यूरिया की मात्रा : एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति के रक्त में Creatinine की मात्रा 0.6 mg/dl से 1.2 mg/dl तक और Serum Urea के मात्रा 15 से 40 mg/dl रहती है। इससे अधिक रिपोर्ट आने पर किडनी की खराबी का पता चलता हैं।
- खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा : शरीर में खून की कमी किडनी फेलियर का संकेत हो सकती हैं। किडनी में खराबी आने से एरीथ्रोपोएटिन हॉर्मोन कम निर्माण होता है जिससे हीमोग्लोबिन में कमी आती हैं।
- पेशाब की जांच : बार-बार पेशाब में pus cells का आना और पेशाब में protein / albumin का positive आना किडनी की खराबी को दर्शाता हैं। पेशाब में प्रोटीन अन्य कारणों से भी आ सकता है पर रोगी में अन्य लक्षण के साथ पेशाब में प्रोटीन आना बीमारी बढ़ने का संकेत होता हैं।
- सोनोग्राफी : किडनी की सोनोग्राफी कर डॉक्टर किडनी की खराबी का कारण पता कर सकते हैं। आमतौर पर Kidney Failure में किडनी का आकार कम होने लगता है और cortico-medullary differentiation ख़राब हो जाता हैं। सोनोग्राफी से पथरी, पेशाब के रस्ते में अवरोध, किडनी में cyst आदि का पता भी चल जाता हैं।
- अन्य जांच : ऊपर दिए हुए जांच के आलावा डॉक्टर कई सारे जांच करा सकते है जैसे की :
- CT Scan
- MRI
- Electrolytes
- Lipid Profile
- Creatinine Clearance Test आदि
इस लेख में हमने Kidney Failure क्या हैं, इसके लक्षण, प्रकार और निदान से जुडी जानकारी संक्षिप्त में दी हैं। Kidney Failure से जुड़े और भी उपयोगी लेख हम जल्द ही इस वेबसाइट पर प्रकशित करेंगे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।