आजकल के दौड़भाग के जीवन में लोगों का जीवन बेहद व्यस्त हो गया हैं। लोग या तो अपने काम में या फिर इन्टरनेट की भूलभुलैय्या में इतने खो जाते है की शरीर की प्राकृतिक आवश्यकताओं के पास भी ध्यान नहीं देते हैं। व्यस्तता का आलम यह है की लोग ना तो सुख से अच्छा खाना खा रहे है ना ही चैन की पूरी नींद ले रहे हैं। स्वस्थ शरीर के लिए जितना जरुरी समय पर खाना या सोना है उतना ही जरुरी समय पर पेशाब / Urine pass करना हैं।
आचार्य वाग्भट ने सदियों पहले ही आयुर्वेद ग्रन्थ वागभटसंहिता में शरीर के जरुरी 13 अधारणीय वेगों का उल्लेख किया है जिन्हें रोकने से शरीर पर प्रतिकूल परिणाम होते है और उनमे से हि एक जरुरी वेघ हैं पेशाब या यूरिन करना। पेशाब करना शरीर की सामान्य और जरुरी प्रक्रिया है। पेशाब की थैली यानि की Urinary Bladder के भरने पर प्रतिक्रिया तंत्र हमारे मस्तिष्क को वॉशरूम जाने का सिग्नल भेजता है। अगर इस सिग्नल को हम नजरअंदाज करते है या अपने कार्य की व्यस्तता के कारण समय पर पेशाब करने नहीं जाते है तो इसके खतरनाक दुष्परिणाम शरीर पर होते हैं।
आचार्य वाग्भट ने सदियों पहले ही आयुर्वेद ग्रन्थ वागभटसंहिता में शरीर के जरुरी 13 अधारणीय वेगों का उल्लेख किया है जिन्हें रोकने से शरीर पर प्रतिकूल परिणाम होते है और उनमे से हि एक जरुरी वेघ हैं पेशाब या यूरिन करना। पेशाब करना शरीर की सामान्य और जरुरी प्रक्रिया है। पेशाब की थैली यानि की Urinary Bladder के भरने पर प्रतिक्रिया तंत्र हमारे मस्तिष्क को वॉशरूम जाने का सिग्नल भेजता है। अगर इस सिग्नल को हम नजरअंदाज करते है या अपने कार्य की व्यस्तता के कारण समय पर पेशाब करने नहीं जाते है तो इसके खतरनाक दुष्परिणाम शरीर पर होते हैं।
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पेशाब रोक कर रखने ने से क्या-क्या दुष्परिणाम होते है इसकी सम्पूर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :
पेशाब रोकने के दुष्परिणाम (Side effects of Holding Urine in Hindi)
डॉक्टर्स का कहना है की पेशाब का संकेत मिलने पर हमने 5 मिनिट के भीतर पेशाब कर देना चाहिए। ज्यादा समय तक पेशाब रोकने के शरीर पर घातक दुष्परिणाम होते है जिसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
- विषैले तत्व / Toxins : जिस तरह हमारे शरीर के गैर जरुरी तत्व पसीने के रूप में बाहर निकलते है ठीक उसी तरह किडनी हमारे रक्त में से विषैले पदार्थ को पेशाब के रास्ते से बाहर निकालता हैं। अगर हम समय पर पेशाब न करे तो यह विषैले तत्व शरीर में पड़े रहकर शरीर को हानि पहुचाते हैं।
- संक्रमण / Infection : हम सभी जानते है की एक जगह पर अधिक समय तक पानी जमा रहने से उसमे बैक्टीरिया पनपने शुरू हो जाते हैं। लंबे समय तक ब्लैडर में पेशाब पड़े रहने से उसमे बक्टेरिया पनपते है और पेशाब का संक्रमण हो जाता हैं। इस तरह से पेशाब में संक्रमण होने का खतरा महिलाओं और डायबिटीज के रोगियों में अधिक होता हैं।
- पथरी / Stone : अधिक समय तक पेशाब रोकने की आदत से आपको किडनी में पथरी होने की संभावना बढ़ जाती हैं। पेशाब के रास्ते से यूरिया, एमिनो एसिड और क्षार शरीर में पड़े रहने से किडनी में पथरी निर्माण हो सकती हैं।
- किडनी ख़राब होना / Kidney Failure : अगर आप अपने व्यवसाय या आदत की वजह से लंबे समय तक हमेशा पेशाब को रोके रखते है तो आपकी किडनी ख़राब हो सकती हैं। पेशाब में मौजूद विषैले तत्व और बक्टेरिया ब्लैडर के रास्ते किडनी तक पहुचकर किडनी पर प्रतिकूल असर डालते है जिससे किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती हैं।
इस तरह पेशाब को रोके रखने से शरीर में विविध प्रकार के रोग और किडनी ख़राब होने जैसा गंभीर दुष्परिणाम हो सकता हैं। दिनभर में कितनी बार पेशाब करना चाहिए इसका कोई नियम नहीं है पर जैम भी आपका ब्रेन आपको इसके लिए संकेत देता है आपको कोई विलंब न करते हुए टॉयलेट चले जाना चाहिए। आप चाहे किसी कार्यक्रम में हो या मीटिंग में आपको इसमें किसी प्रकार की शर्म नहीं करनी चाहिए। हमने ऐसे कई युवा वर्ग के किडनी फेलियर के रोगी देखे है जो केवल अपनी पेशाब रोकने की आदत के कारण अब जिंदगीभर की परेशानी झेल रहे हैं।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।