हर वर्ष की तुलना में इस वर्ष गर्मी बेहद ज्यादा है और यही कारण है की शरीर में पानी की कमी के कारण इस वर्ष हमारे हॉस्पिटल में Kidney Stone के कारण पेट दर्द की समस्या से परेशान अनेक रोगी आ रहे हैं। कई पाठकों ने हमें व्हाट्सप्प पर भी गुर्दे या किडनी की पथरी (Kidney Stone) से जुडी जानकारी पर लेख लिखने का अनुरोध किया हैं। किडनी की पथरी से जुड़े कई अन्धविश्वास भी समाज में फैले हुए हैं।
पेट के निचले हिस्से में, कमर में और मूत्राशय में तेज दर्द पथरी की निशानी होती हैं। किडनी स्टोन का दर्द असहनीय होता हैं। इस बीमारी से दूर रहने के लिए आपको इसके होने के कारण, लक्षण और बचने के उपाय संबंधी जानकारी होना बेहद आवश्यक हैं।
किडनी स्टोन के कारण, लक्षण और प्रकार की जानकारी नीचे दी गयी हैं।
किडनी मे पथरी होने का मुख्य कारण क्या हैं ?
किडनी में पथरी होने का कोई एक कारण नहीं होता हैं। कई कारणों के संमिश्र फलस्वरूप किडनी मे पथरी निर्माण होती हैं।
1. पथरी कारक तत्व – जब पेशाब में पथरी निर्माण करने वाले तत्व जैसे की कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड इनकी मात्रा सामान्य से इतनी ज्यादा हो जाती है की किडनी इन्हे पेशाब के रास्ते बाहर नहीं निकाल पति है तब इनकी परतें किडनी में जमा होकर पथरी का रूप लेने लगती हैं। यह सभी खनिज और लवण खाने और पिने की चीजों से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। पालक, अरबी के पत्ते, टमाटरजी आहार और कुए या बोरवेल का पानी में इनकी मात्रा अधिक रहती हैं।
2. पानी – अगर आप सामान्य से कम पानी पीते है तो आपको पेशाब कम होता है जिस कारण यह खनिज और लवण पेशाब के रास्ते बाहर न जाकर किडनी में जमा हो जाते हैं। अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते है पर अगर आपको अधिक पेशाब / पसीने होने से शरीर में पानी कम होता है तब भी पथरी हो सकता हैं।
3. पेशाब में संक्रमण – जिन लोगों को बार-बार पेशाब में संक्रमण होता है उन्हें पथरी होने का ख़तरा अधिक रहता हैं।
4. दवा – कुछ दवाई लेने से भी पथरी होने के खतरा अधिक रहता हैं। अधिक पेशाब होनेवाली दवा, कैल्शियम युक्त एंटासिड दवा और एड्स की कुछ दवा से भी किडनी में पथरी होने का खतरा रहता हैं।
5. पेशाब रोकना : कई लोगो का कहना होता है की वे भरपूर पानी पीते है फिर भी उन्हें पथरी कैसे हो जाती हैं। किडनी की पथरी का रोकथाम करने के लिए सिर्फ भरपूर पानी पिने से लाभ नहीं होता है। आपको शरीर के विषैले तत्वों को पेशाब के रास्ते से बाहर भी निकालना होता हैं। आज कल कई लोग अपने व्यवसाय के कारण लम्बे समय तक पेशाब को रोककर रखते है और इस कारण जमा हुए पेशाब में खनिज और लवण जमा होकर पथरी निर्माण कर देते हैं।
6. अन्य कारण – Hypercalciuria (पेशाब में अधिक कैल्शियम), Hyperparathyroidism, Hyperoxaluria (पेशाब में अधिक oxalate), Crohn’s Disease (पेट की समस्या) जैसे अन्य कई कारणों से भी पथरी होने की आशंका अधिक रहती हैं।
किडनी की पथरी के लक्षण क्या हैं ? (Kidney Stone symptoms in Hindi)
किडनी स्टोन में पेट दर्द यह मुख्य लक्षण होता हैं। पेट दर्द और अन्य लक्षण की समस्या और तीव्रता यह पथरी का स्थान और स्टोन के साइज पर निर्भर करता हैं।
1. किडनी की पथरी में ज्यादातर रोगियों को दर्द की शुरुआत पीठ से शुरू होकर आगे की तरफ पेट में होता है और जांघों की तरफ बढ़ता हैं।
2. पेशाब में जलन और दर्द।
3. पेशाब करने में तकलीफ होना और बून्द-बून्द पेशाब होना।
4. पेशाब के साथ रक्त आना।
5. अंडकोषों में दर्द।
6. जी मचलाना, उलटी।
7. पथरी के साथ पेशाब में संक्रमण होने पर कपकपी लगना, पेशाब में जलन, बदन दर्द, बुखार और कमजोरी जैसे लक्षण भी नजर आते हैं।
किडनी स्टोन के कितने प्रकार हैं ?
जैसे की हमने किडनी की पथरी के कारण में पढ़ा है की कुछ पथरी कारक खनिज और लवण की अधिकता से किडनी में पथरी का निर्माण होता हैं। एक बार पथरी के प्रकार की जानकारी मिलने पर हम उसका ईलाज आसानी से कर सकते है और शरीर में और अधिक पथरी निर्माण होने से रोक सकते हैं।पथरी के प्रकार की जानकारी निचे दी गयी हैं :
1. कैल्शियम की पथरी : यह सबसे अधिक पायी जानेवाली पथरी का प्रकार हैं। किडनी में यह कैल्शियम ऑक्सालेट के रूप में होती हैं। हम जो आहार लेते है उसमे प्राकृतिक रूप में ऑक्सालेट रहता हैं। हमारे लिवर / यकृत में भी ऑक्सालेट तैयार होता हैं। आहार, अधिक प्रमाण में विटामिन डी का डोस, पेट का आंत का ऑपरेशन और चयापचय के विकार के कारण पेशाब में कैल्शियम और ऑक्सालेट का प्रमाण बढ़ सकता हैं।
2. यूरिक एसिड की पथरी : जो लोग बेहद कम पानी पीते है या जिनके शरीर से पानी पसीना या पेशाब के रास्ते से अधिक बहता हैं उन्हें यूरिक एसिड की पथरी होने का खतरा अधिक रहता हैं। Gout / गठिया रोग से पीड़ित लोगो को भी यह पथरी हैं।
3. स्ट्रूवाइट पथरी : पेशाब में संक्रमण होने पर यह पथरी होता हैं। यह पथरी बेहद जल्द तैयार होता है और बड़ा भी जल्द हो सकता हैं।
4. सिस्टीन पथरी : अनुवांशिक कारणों से जिन लोगों की पेशाब में अधिक सिस्टीन एमिनो एसिड अधिक रहता है उन्हें इस प्रकार की पथरी होती हैं।
यह कुछ मुख्य किडनी के प्रकार हैं। इनके अलावा भी कुछ अन्य किडनी की पथरी के प्रकार होते हैं।
किडनी की पथरी के कारण, लक्षण और प्रकार जानने के बाद किडनी की पथरी से जुडी अन्य जानकारी पढ़ने के लिए निचे दिए हुए link पर click करे :
- किडनी के पथरी का निदान, उपचार और घरेलु उपाय
- किडनी की पथरी से बचने के उपाय
- किडनी के पथरी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।