डायबिटीज : आपके सभी सवालों के जवाब

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दुनिया मे सबसे अधिक Diabetes के रोगी भारत मे पाए जाते हैं और यह नंबर तेजी से बढ़ ही रहा है । इतना होने के बावजूद भी लोगों मे Diabetes को लेकर न तो जागरूकता है न ही पूरी जानकारी हैं । आज के इस लेख मे हम आपको Diabetes से जुड़े सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर विस्तार मे देने जा रहे हैं । अगर यह जानकारी आपको उपयोगी लगे तो कृपया इसे शेयर जरूर करे ।

ईस लेख मे आप को यह जानकारी मिलेंगी hide

क्या डायबिटीज की दवा जिंदगी भर लेनी होती हैं ?

ज्यादातर मरीजों मे Diabetes की दवा जिंदगी भर लेना होता हैं । Diabetes के शुरुआत मे या Borderline Diabetes होने पर अगर आप ठीक तरह से diet control करते है और अपना वजन नियंत्रण मे रखते है तो आपकी Diabetes की दवा की कम कर बाद मे बंद भी हो सकती हैं । दवा कब बंद करना है इसका फैसला आपके डॉक्टर ही कर सकते हैं ।

क्या जीवनभर डायबिटीज दवा लेने से शरीर कोई नुकसान तो नहीं होता हैं ?

डायबिटीज की दवा शरीर के लिए सुरक्षित होती है और उनका कोई विशेष दुष्परिणाम नहीं होता हैं। कुछ लोगों को डायबिटीज की दवा लेने से गैस की समस्या हो सकती है। अगर आपको किसी दवा से ऐलर्जी होती है तो डॉक्टर दवा बदलकर दे सकते हैं ।

मुझे कोई तकलीफ नहीं है ! क्या फिर भी मुझे डायबिटीज की दवा लेनी होंगी ?

डायबिटीज के लक्षण बेहद कम रहते हैं। डायबिटीज की बीमारी लकड़ी में लगे दीमक के समान होती है जो की धीरे-धीरे शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे की ह्रदय, किडनी, नसे, लीवर इत्यादि को नुकसान पहुचाता हैं। डायबिटीज को नियंत्रण में रखकर हम शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर होनेवाले दुष्परिणाम से बचा सकते हैं। 

क्या डायबिटीज यह एक अनुवांशिक रोग हैं ?

जी हाँ ! अनुवांशिकता यह डायबिटीज का एक बड़ा कारण हैं। अगर आपके माँ या पिताजी दोनों में से किसी एक को डायबिटीज है तो आपको डायबिटीज होने की संभावना 25% है और अगर दोनों पालकों को डायबिटीज है तो यह प्रमाण 50% हैं। इसका मतलब यह नहीं है की मधुमेह केवल एक अनुवांशिक रोग ही हैं। जिन लोगों के परिवार में किसी भी व्यक्ति को डायबिटीज नहीं है उन्हें भी मोटापा, आलस्य, तनाव, ब्लड प्रेशर की बीमारी इत्यादि कारणों से डायबिटीज हो सकता हैं। 

ब्लड शुगर की सामान्य मात्रा कितनी हैं ?

खाली पेट शुगर की जाँच करने के लिए आपने कम से कम 8 से 10 घंटा भूके पेट रहना आवश्यक हैं। खाली पेट शुगर की जाँच सुबह ९ बजे से पहले करनी चाहिए। खाली पेट रक्त में शुगर की सामान्य मात्रा 70 से 110 mg/dl होती हैं।
खाना खाने के बाद की शुगर जाँच करने के लिए आपने दोपहर के खाने के ख़त्म होने के ठीक 2 घंटे बाद के समय पर ही रक्त का नमूना देना चाहिए। खाना खाने के बाद की रक्त में शुगर की सामान्य मात्रा 140 से 160 mg/dl होती हैं। 

महत्वपूर्ण जानकारी – डायबिटीज के रोगी रोज करे यह योगासन 

डायबिटीज के रोगियों ने कैसे आहार लेना चाहिए ?

मधुमेह के रोगियों ने दिन में 3 बार आहार लेने की जगह 6 बार आहार लेना चाहिए।
हर 3 घंटे पर कुछ खाना चाहिए। सुबह 7 बजे बिना शक्कर 1 कप चाय / कॉफ़ी / दूध
लेना चाहिए।  सुबह 8 से 9 के बिच सुबह का नाश्ता लेना चाहिए।  सुबह 11 बजे एक फल लेना चाहिए जैसे की सेब, अनार इत्यादि दोपहर 1.30 से 2 के बिच दोपहर का खाना खाना
चाहिए। दोपहर 4 से 5 के बिच नाश्ता लेना चाहिए। रात को 8 से 9 के बिच भोजन करना चाहिए। रात में सोने से पहले बिना शक्कर 1 कप दूध पीना चाहिए। 

डायबिटीज के रोगी कौन से फल खा सकते हैं ?

डायबिटीज के रोगी निचे दिए हुए फल खा सकते हैं – सेब, पिअर्स, नासपाती, अनार, पपीता, किवी, तरबूज
डायबिटीज के रोगी निचे दिए हुए फल नहीं खा सकते हैं : पका आम, सीताफल, चीकू, केला, मौसंबी, सीताफल, अंगूर, अननस, स्ट्रॉबेरी
डायबिटीज के रोगी निचे दिए हुए सुखा मेवा खा सकते हैं : बादाम, काजू, अखरोट, पिस्ता
डायबिटीज के रोगियों ने निचे दिए हुए सुखा मेवा नहीं खाना चाहिए : किसमिस, अंजीर, खजूर

रोजाना आहार लेते समय डायबिटीज के रोगियों से
क्या एहतियात बरतना चाहिए ?

आप सभी सब्जियां का अपने आहार में समावेश कर सकते हैं। चावल, आलू और चावल से तैयार किये हुए केक / रोटी नहीं खाना चाहिए। मारी या डायबिटीज बिस्किट के अलावा अन्य मीठे बिस्किट नहीं खाना चाहिए। सभी मिठाई या बेकरी पदार्थ से परहेज करना चाहिए। अगर आप मांसाहार करते है तो लाल मिट नहीं खाना चाहिए। आप चिकन, मछली और अंडे खा सकते हैं। तला हुआ और अधिक मसालेदार आहार नहीं खाना चाहिए। अपने आहार में नमक और तेल का कम इस्तेमाल करे। 

खून में शुगर के बढ़ने के क्या लक्षण होते हैं ?

रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ने पर निचे दिए हुए लक्षण दिखाई देते हैं :
1. वजन में कमी आना
2. आपको अधिक भूक लगती है और आप ज्यादा आहार लेते हैं
3. आपको अधिक प्यास लगती है और मुंह सूखने लगता हैं
4. बार-बार पेशाब लगना ख़ास कर रात के समय
5. हात और पैर में चीटिया चलने जैसा महसूस होना और बधिरता होना
6. जल्दी थकावट लगना
7. कमजोरी महसूस होना

खून में शुगर की मात्रा कम होने के क्या लक्षण हैं ?

रक्त में शुगर कम होने पर निचे दिए हुए लक्षण नजर आते हैं :
1. सबसे पहले आपको बहुत भूक लगती है (इस लक्षण को दुर्लक्षित न करे)
2. बाद में पेट में जलन महसूस होती है
3. चक्कर आना
4. पसीना आना
5. धड़कन तेज होना
6. बोलने में कठिनाई होना
7. अंत में आपको बेहोशी महसूस होती हैं
8. आपको आप कहा है यह पता नहीं चलता है और आप
9. बेहोश हो सकते हैं

खून में शुगर की मात्रा कम हो जाने पर क्या करना चाहिए ?

सर्वप्रथम यह याद रखना चाहिए की अगर आप थोड़ी सावधानी बरते तो आप रक्त में शुगर की कमी होने से स्वयं को बचा सकते हैं। हर 3 घंटे पर कुछ न कुछ खाना चाहिए। अगर अधिक भूक लगे तो इस लक्षण को अनदेखा न करे। यह रक्त में शुगर की कम मात्रा का सूचक हैं। अगर आप किसी बेहद महत्वपूर्ण मीटिंग में भी हो तो आपने समय निकालकर कुछ बिस्किट या फल खाना चाहिए। शर्माए नहीं, अपने सहयोगी और बड़े अफसरों से कहे की आपको डायबिटीज है और डॉक्टर ने आपको हर 3 घंटे पर कुछ खाने की सलाह दी हैं।

आपकी सेहत से ज्यादा महत्वपूर्ण और कोई चीज नहीं हैं। सभी लोग आपके इस समस्या को जरुर समझेंगे। खाने के समय का सही नियोजन कर आप इसे अच्छी तरह से कर सकते हैं। अपने जेब, सूटकेस, बैग अथवा ड्रावर इत्यादि जगह हमेशा कोई खाने की वस्तु रखे ताकि जरुरत पड़ने पर आसानी से मिल सके। 
अगर किसी अपरिहार्य कारण की वजह से आपकी रक्त शर्करा की मात्रा कम हो जाती है तो जल्द कुछ बिस्किट या फल खाना चाहिए। अगर यह प्रमाण ज्यादा कम लगे तो तुरंत कुछ मीठा या चॉकलेट खाना चाहिए। अपने परिवार और सहयोगियों से रक्त में शुगर की
मात्रा कम होने के क्या लक्षण होते है। ऐसी स्तिथि में क्या करना चाहिए और आपके
डॉक्टर का पता इत्यादि जानकारी पहले से देकर रखना चाहिए। 

अगर आपको लगता है की कुछ गलत है तो तुरंत कुछ खाना चाहिए। अपने परिवार और सहयोगी को यह जानकारी देकर रखे की अगर आप कभी अटपटा व्यवहार करने लगे तो तुरंत आपको शक्कर या ग्लूकोस का पानी पिलाये और कोई लाभ न होने की स्तिथि में तुरंत नजदीकी अस्पताल में लेकर जाये। अगर आप लंबी दुरी पर कही घुमने जा रहे है तो
अपने पास पर्याप्त मात्रा में आहार की व्यवस्था रखे। ज्यादा आहार लोगो के साथ न
बाटें। उन्हें इस बात की कल्पना दे की आपको डायबिटीज है और आपातकाल / Emergency के समय आपको इसकी जरुरत पड़ सकती हैं। 

डायबिटीज में कौन सी दवा लेना चाहिए आयुर्वेदिक या एलॉपथी ?

डायबिटीज में कौन सी दवा लेना चाहिए यह कई चीजों पर निर्भर करता है जैसे की आपकी उम्र, पारिवारिक डायबिटीज का ईतिहास, डायबिटीज कब से है और क्या आपको कोई अन्य बीमारी है इत्यादि। 
अगर डायबिटीज आपको हाल ही में हुआ है तो शुरुआत में आयुर्वेदिक दवा से इसे ठीक किया जा सकता है पर इसके साथ आपको आहार में पथ्य पालन और व्यायाम का सहारा भी लेना होता हैं। आयुर्वेदिक के हिसाब से 3 साल से पुराना मधुमेह / डायबिटीज रोग कष्ट साध्य होता हैं, मतलब इसे ठीक करना बेहद मुश्किल होता हैं। 
अगर आयुर्वेदिक दवा से आपका डायबिटीज ठीक हो होता है तो आपको एलॉपथी दवा लेना चाहिए। 
डायबिटीज में मुख्य उद्देश्य होता है आपकी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखना चाहे यह आयुर्वेदिक दवा से हो या एलॉपथी से हो !
आपको कौन सी दवा लेना चाहिए यह आपकी जांच कर आपके डॉक्टर ही बता सकते हैं। टीवी या अख़बार के विज्ञापन देख कोई चुनाव न करे। 

क्या डायबिटीज यह संक्रामक रोग हैं ?

डायबिटीज रोग संक्रामक रोग नहीं हैं। डायबिटीज छूने से, हाथ मिलाने से, साथ में खाने से, शारीरिक संबंध बनाने से, खांसने से या गले लगने से नहीं फैलता हैं। 

इन्सुलिन कब काम नहीं करता हैं ?

इन्सुलिन लेने पर भी आपकी ब्लड शुगर चाहिए उतनी कम नहीं हो रही है तो इसका मतलब इन्सुलिन काम नहीं कर रहा हैं। ऐसा होने के कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे की इन्सुलिन की समय अवधि खत्म हो गयी है और वह expire हो गया है जिससे उसकी effectiveness कम हो गयी हैं। आपने अगर गलत तरीके से इन्सुलिन इंजेक्शन लगाया है। इन्सुलिन को अधिक तापमान में रखा जाना। कभी इन्सुलिन की सुई ब्लॉक हो जाती है और हमें लगता है है की हमने इंजेक्शन सही तरीके से दिया है। इसलिए इन्सुलिन की सुई समय समय पर जांचते रहे और बदलते रहे।  

अगर कोई गलती से इन्सुलिन का इंजेक्शन मुंह से पी लेता है तो क्या करे ?

कोई गलती से इन्सुलिन की दवा मुंह से पी ले ऐसा होने के चांस तो कम होते है पर अगर कोई ऐसा करता है तो ऐसे में आपको रोगी को तुरंत हॉस्पिटल लेकर जाना चाहिए।  हॉस्पिटल जाने में समय लगता है तो तब तक रोगी को कुछ मीठा खिला देना चाहिए जिससे रोगी की शुगर कम होने से रोका जा सकता है। 

मैं यहाँ पर विशेष धन्यवाद देना चाहूंगा सिलवासा के प्रसिद्द डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ मनीष लाड जी का जिन्होंने यह महत्वपूर्ण जानकारी निरोगिकाया के पाठकों के साथ साझा की हैं। 

अगर आपके मन में भी डायबिटीज से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण सवाल है जिसका जवाब अभी तक इस स्वास्थ्य ब्लॉग पर नहीं दिया गया है तो आप उस प्रश्न को निचे comment box में लिखकर पूछ सकते हैं। आपके सवालों में से केवल चुनिंदा महत्वपूर्ण प्रश्नों का जवाब देने का हम प्रयास करेंगे। 

अगर आपको यह लेख स्वास्थ्य की दृष्टी उपयोगी लगता है तो कृपया इस लेख को निचे दिए गए बटन दबाकर अपने Facebook या Tweeter account पर share अवश्य करे !

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