National Institute of Virology के अनुसार केरल में अज्ञात संक्रमण के कारण हुई मृत्यु के पीछे निपाह (Nipah virus) का infection बताया गया हैं। इस निपाह वायरस के कारण केरल और नजदीकी राज्य में भय का वातावरण निर्माण हो गया हैं। विश्व स्वास्थ्य संघटन (WHO) और भारत सरकार ने भी निपाह वायरस को गंभीरता से लेते हुए high alert घोषित कर दिया हैं।
सबसे पहले 1988 में मलेशिया के कापुंग सुंगई निपाह शहर में इस वायरस का पता चला था और इसीलिए इस वायरस को निपाह नाम दिया गया हैं। सबसे पहले सूअर (Pig) में इस वायरस का संक्रमण हुआ था। 2004 में बांगलादेश में इस वायरस के प्रकोप से हजारों लोगों की मृत्यु हो चुकी हैं।
निपाह वायरस क्या हैं, इसका संक्रमण कैसे होता है, इसके उपचार और बचाव से जुड़ी अधिक जानकारी नीचे दी गयी हैं :
निपाह वायरस का संक्रमण कैसे होता हैं ? (Nipah Virus in Hindi)
निपाह वायरस का संक्रमण मनुष्य में संक्रमित चमगादड़, सूअर या अन्य संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से होता हैं। संक्रमित मनुष्य के संपर्क में आने से भी दूसरे मनुष्य को यह फ़ैल सकता हैं। Pterodidae Family के Pteropus genus वाले Fruit Bat / चमगादड़ इस वायरस के प्रमुख host हैं। संक्रमित जानवर के खाए हुए फल खाने से भी निपाह वायरस का संक्रमण हो सकता हैं। संक्रमित मनुष्य के संपर्क में आने से भी संक्रमण फ़ैल सकता हैं।
निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं? (Nipah Virus symptoms in Hindi)
निपाह वायरस के संक्रमण के लक्षण इस प्रकार हैं :
- बुखार
- कमजोरी
- चक्कर आना
- जी मचलाना
- उलटी होना
- बेहोश होना
- बैचेनी
- सांस लेने में मुश्किल होना
- कोमा
निपाह वायरस के सम्पर्क में आने से 7-10 दिन में यह लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं। लक्षण नजर आते ही आपने अपने डॉक्टर से जांच कराना चाहिए। निपाह वायरस रोगी की मस्तिष्क (Brain) पर सीधा असर करता है इसलिए रोगी को Encephalitis होकर फिर कोमा में जाकर रोगी की मृत्यु हो जाती हैं।
निपाह वायरस का निदान कैसे किया जाता हैं? (Nipah Virus diagnosis in Hindi)
निपाह वायरस का निदान करने के लिए निचे दी हुई जांच की जाती हैं :
- Viru Isolation
- Real Time Polymerase Chain Reaction (RT-PCR)
- Throat or Nasal swab test
- ELISA IgG / IgM
- Cerebrospinal fluid, Blood, Urine test
निपाह वायरस का क्या ईलाज हैं? (Nipah Virus treatment in Hindi)
- डेंगू वायरस की तरह निपाह वायरस का भी फिलहाल कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं हैं।
- निपाह वायरस के उपचार के लिए एक रिबेफ्रिन दवा दी जाती है पर इससे कितना लाभ होता है यह कहना फिलहाल मुश्किल हैं।
- निपाह वायरस का संक्रमण होने पर रोगी को डॉक्टर केवल लाक्षणिक / symptomatic treatment दी जाती हैं।
- निपाह वायरस के कारण शरीर पर होनेवाले जानलेवा दुष्परिणाम को रोकने के लिए दवा दी जाती हैं।
पढ़े – डेंगू का कारण, लक्षण और उपचार
निपाह वायरस का आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं?
- निपाह वायरस का ऐसे तो कोई सटीक उपचार नहीं है पर कुछ आयुर्वेदिक दवा लेकर आप अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को इतनी कर सकते जिससे आपका शरीर इस निपाह वायरस से लड़ सकता है और इससे होने वाले दुष्परिणाम को रोक सकता हैं।
- गुडुची सत्व, अश्वगंधा चूर्ण, हल्दी वाला दूध, आमला, आमलकी रसायन, अश्वगन्धादि अवलेह, हरिद्रा खंड, बिल्वादि गुटिकाआदि लेकर आप अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
- बच्चों को दूध के साथ गुडुची सत्व या सुबह शाम एक चमच्च च्यवनप्राश खिलाने से भी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती हैं।
जरूर पढ़े – कैसे बढ़ाये अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति
निपाह वायरस से बचने के उपाय क्या हैं?
निपाह वायरस में रोकथाम ही सबसे बेहतर उपचार हैं। इसीलिए इसमें Prevention is better than cure कहा गया हैं। निपाह वायरस से बचने के उपाय इस प्रकार हैं :
- फल (Fruits): प्राणी द्वारा खाए हुए फल ना खाए। अक्सर ऐसा कहा जाता है की प्राणी द्वारा खाए हुए फल मीठे होते है पर आपको यह फल नहीं खाना चाहिए। खासकर खजूर और केला खाते समय इस बात का ध्यान रखे। चमगादड़ अक्सर फल को थोड़ा खाकर निचे गिरा देते है जिसमे उनके saliva से निपाह वायरस फल में रह सकता हैं।
- संपर्क (Contact): चमगादड़, सूअर और संक्रमित मनुष्य से सीधा संपर्क ना रखे। अगर आप मेडिकल या हॉस्पिटल में काम करते है तो संदिग्ध रोगी की देखभाल करते समय gloves पहने, चेहरे पर मास्क लगाए और हाथ साफ़ रखे।
- शराब (Alcohol): पाम पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचे।
- सफर (Travel): फिलहाल भारत में केरल राज्य में निपाह वायरस के रोगी नजर आ रहे। केरल पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थान है पर फ़िलहाल जबतक निपाह वायरस चला नहीं जाता तब तक आपको यहाँ सफर करने के लिए नहीं जाना चाहिए।
- जांच (Examination): अगर आपको निपाह वायरस के लक्षण नजर आते है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर जांच कराए।
थोड़ी सी समझदारी और एहतियात का पालन करने से आप निपाह वायरस से बच सकते हैं। मलेशिया में लगभग 50% मरीजों की निपाह वायरस से मृत्यु हो गयी थी इसलिए आपने इसे गंभीरता से लेते हुए अपना ख्याल रखना चाहिए और इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ share जरूर करना चाहिए।
यह भी पढ़े – बच्चों की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने के 8 आसान उपाय
अगर आपको यह निपाह वायरस का कारण, लक्षण, उपचार और बचाव की जानकारी उपयोगी लगती है तो आपसे निवेदन शेयर जरूर करे !
References:
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
Nice info sir.
Thanks
You are welcome. Glad that you like this information on Nipah virus in Hindi.