हाथीपाँव का कारण, लक्षण और ईलाज | Filaria in Hindi

filaria causes symtpoms treatment in Hindi

Filaria या Filariasis जिसे हिंदी में ” हाथीपाँव ” कहते हैं, एक Filaria Boncrafti कृमि से पैदा होने वाली तथा Culex मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी हैं। इस रोग में रोगी के पैरो में सूजन होकर पैर हाथी के पैर के समान मोटे हो जाते है। यह परजीवी धागे की तरह होता हैं।

यह परजीवी शरीर में लसीका (Lymph) में रहता हैं और केवल रात्री में रक्त में प्रवेश कर भ्रमण करता हैं। यह कृमि लसीका के अंदर ही मर जाते है और लसीका का मार्ग बंद कर देते हैं जिस कारण पीड़ित भाग मे सूजन या जाती है।इसके संक्रमण से लसीका अपना कार्य करना बंद कर देते हैं।

हाथीपाँव (Filaria) का कारण, लक्षण और उपचार से जुडी अधिक जानकारी नीचे दी गयी हैं :

हाथीपाँव का क्या कारण कारण है ? (Filaria causes in Hindi)

Filaria रोग मच्छरों के काटने से फैलता हैं। एक वयस्क Filaria Boncrafti कृमि लाखो की संख्या में छोटी-छोटी कृमि (MicroFilaria) पैदा करती हैं। यह कृमि संक्रमित मनुष्य के रक्त में रहती हैं। इस कृमि को मच्छर एक संक्रमित मनुष्य का खून चूस कर दूसरे स्वस्थ मनुष्य तक पहुचाते है ।

हाथीपाँव के लक्षण क्या हैं ? (Filaria symptoms in Hindi)

संक्रमण के शुरू में इसका कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता हैं। संक्रमण के कुछ सालो बाद बुखार रहने लगता हैं। कुछ सालो के बाद यह बुखार जल्दी-जल्दी दर्द के साथ आने लगता है। इसके बाद पैरो पर सूजन आने लगती हैं। इस बीमारी का ठीक से उपचार नहीं होने पर यह सूजन स्थायी हो जाती हैं।
1. Filaria का संक्रमण होने के कुछ वर्षो बाद यह स्पष्टत: प्रकट होती हैं। 
2. सामान्य या स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति को कुछ सालो बाद टांगो, हाथो एवं शरीर के अन्य भागो में सूजन उत्पन्न होने लगती हैं। 
3. इस प्रभावित अस्वस्थ चमड़ी पर विभिन्न प्रकार के जीवाणु तेजी से पनपते लगते हैं। साथ ही प्रभावित अंगो की लसीका ग्रन्थियां इन अधिकाधिक संख्या पनपे जीवाणुओ को मार नहीं पाते हैं। 
4. इसके कारण प्रभावित अंगो में दर्द, लालपन एवं रोगी को बुखार हो जाता हैं। 
5. हाथ-पैर, अंडकोष व शरीर के अन्य अंगो में सूजन के लक्षण होते हैं। प्रारंभ में यह सूजन अस्थायी हो सकता हैं, किन्तु बाद में स्थायी और लाइलाज हो जाता हैं। 

हाथीपाँव का निदान कैसे किया जाता हैं ? (Filaria diagnosis in Hindi)

Filaria का निदान करने के लिए पीड़ित व्यक्ति के रक्त का परिक्षण किया जाता हैं। इसके लिए रक्त का नमूना मध्य रात्री में लिया जाता है क्योंकि यह परजीवी कृमि शरीर में लसीका (Lymph) में रहता हैं और केवल रात्री में रक्त में प्रवेश कर भ्रमण करता हैं। पीड़ित व्यक्ति के त्वचा का परिक्षण भी किया जा सकता हैं।

हाथीपाँव का उपचार कैसे किया जाता हैं ? (Filaria treatment in Hindi)

Filaria से बचाव और निर्मूलन के लिए इससे प्रभावित इलाको में राष्ठ्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, भारत सरकार द्वारा सामूहिक दवा वितरण कार्यक्रम या MDA चलाया जाता हैं। इस कार्यक्रम के तहत Filaria से प्रभावित इलाको में Filaria की रोकथाम के लिए वर्ष में एक बार Diethylcarbamazine (DEC) एवं Albendazole की एक खुराक प्रत्येक व्यक्ति को दी जाती हैं।

हाथीपाँव का उपचार का सामूहिक दवा वितरण (MDA) क्या हैं ? 

Filaria से प्रभावित इलाको में Filaria की रोकथाम के लिए वर्ष में एक बार Diethylcarbamazine (DEC) एवं Albendazole की एक खुराक प्रत्येक व्यक्ति को दी जाती हैं। Filaria से प्रभावित इलाको में प्रत्येक स्वस्थ मनुष्य को प्रत्येक वर्ष एक बार यह खुराक लेना आवश्यक हैं। यह खुराक सरकारी स्वास्थ्य कर्मचारी / आशा / आंगनवाडी / कार्यकर्ता /स्वयंसेवकों के पास मुफ्त मिलती हैं।
सिर्फ इन लोगो को यह खुराक नहीं लेनी हैं :
1. दो साल से कम आयु वाले बच्चो को 
2. गर्भवती महिलाओ को 
3. गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति 

हाथीपाँव का उपचार का सामूहिक दवा वितरण (MDA) खुराक (dose) क्या हैं ?

हाथीपाँव का उपचार का सामूहिक दवा वितरण (MDA) खुराक (dose) की जानकारी नीचे तालिका (table) मे दी गयी है :
1. यह खुराक एक ग्लास पानी के साथ लेना चाहिए। 
2. यह दवा खाली पेट नहीं लेना चाहिए। इस दवा का कोई दुष्परिणाम नहीं हैं। 
3. कभी कभी जिन मनुष्यों के रक्त में यह कृमि होता हैं, उन मनुष्यों को यह दवा देने के बाद शरीर दर्द, उलटी, सिर दर्द, बुखार, शरीर पर लाल धब्बे, खुजली हो सकती हैं। यह लक्षण अस्थायी होते हैं और कुछ समय बाद ख़त्म हो जाते हैं। 
4. यदि इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत स्वास्थ्य कर्मी या हॉस्पिटल में संपर्क करे। 
5. Filaria / हाथी पाँव खानदानी रोग नहीं हैं। जैसे की कुछ लोग विश्वास करते हैं, इससे मनुष्य की प्रजनन शक्ति पर कोई असर नहीं पड़ता हैं। 
6. अन्य रोगो की तरह Filaria की भी रोकथाम की जा सकती है तथा इसका उपचार संभव हैं। 
7. कुछ पीड़ित व्यक्तिओ में जरुरत लसीका अवरोध दूर करने के लिए शल्यकर्म / surgery किया जा सकता हैं। 
8. Filaria मच्छर काटने से फैलने के कारण इस लेख में दिए गए मच्छरों से बचने के उपाय का अनुकरण करना चाहिए।

    उम्रD.E.C 100 mgAlbendazole 400 mg  
 २ से ५ वर्ष1 गोली1 गोली
६ से १४ वर्ष2 गोली1 गोली
 १५ वर्ष और अधिक3 गोली1 गोली
सामूहिक दवा वितरण (MDA) की खुराक (dose)

सौजन्य (Source) : राष्ठ्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, भारत सरकार

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17 thoughts on “हाथीपाँव का कारण, लक्षण और ईलाज | Filaria in Hindi”

  1. बहुत भयंकर और डरावनी बीमारी होती है ये ! अजीब सा लगता है ! आपने इसकी रोकथाम और दवाई के विषय में लिखकर बहुत बेहतरीन कार्य किया है ! आभार

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  2. Sir kya aap btaa sakte hai k delhi mei ye medicine kaha milegi. . .hmare ek relative ko ye problem hai wo b gents k main part pe. .or unka max se treatment ho raha hai but result kuch nahi. .pls help me sir. .he is in pain. .

    Reply
  3. शल्यकर्म से हाथीपाव का इलाज कहॉ होता है कृपया पता बताये, जिससे इलाज के लिए भटकना न पड़े !

    Reply
  4. शल्यकर्म से हाथीपाव का इलाज कहॉ होता है कृपया पता बताये, जिससे इलाज के लिए भटकना न पड़े !

    Reply
  5. आप अपने शहर के किसी सर्जन से मिलकर इसकी उपलब्ध उपचार की जानकारी का पता लगा सकते हैं

    Reply
  6. Sir meri ek sister hai usko last three year se hai filiriasis ki shikayat hai.uske right pair foot par sujan hai wo 3 saal se utni hai.wo sujan kam kaise hogi plz help me. Sir uski wajaha se bhut problm ho rahi hai plz plz help me

    Mera mb .no.9760938054
    Or mail id .kulsharma.08@gmail.com

    Thankyou

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  7. कुलदीप शर्माजी,
    फाइलेरियासिस के उपचार के लिए आपको अपने शहर के बड़े मेडिकल सेण्टर में बताना होंगा, आधुनिक उपचार से कुछ लाभ मिल सकता हैं.

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  8. Sir namaskar aaj se 7 saal pahle mujhe faleriya hua tha uss time mene accha se iska treatment karwaya tha ye ekdam thik hogya tha lekin tab se abhi tak per mai thoda sa ek dam halka sujan rahta hai bardhta bhi nai hai ghat ta bhi nai hai

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  9. Hello,
    Sir,
    I am Harish Kumar Barnwal from kushinagar and I want to say that my father is illness to fileria.
    His left leg is very fat for sujan.
    My all family is very trouble to his illness.
    So please help my father and advise me.

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  10. Hello sir
    sir my left side testis me faileriya ki sikayat batai h or 3year se bese hi sujan h to kya ap mujhe bata sakte h ab kujhe kya karna chahiye please reply sir

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