अल्जाइमर का कारण,लक्षण और उपचार | Alzheimer’s in Hindi

Alzheimers causes symptoms treatment in Hindi

भारत में अल्जाइमर के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। यह ब्रेन को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाने वाला एक रोग है जो की धीरे-धीरे बढ़ता हैं। आज के इस लेख में हम आपको अल्जाइमर (Alzheimer’s) रोग के कारण, लक्षण और उपचार से जुडी जानकारी सरल Hindi भाषा में देने जा रहे हैं।

अल्जाइमर क्या हैं? (Alzheimer’s in Hindi)

Alzheimer’s यह सामान्यतः 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तिओ में पाया जाने वाला दिमाग से जुड़ा सबसे भयानक विकार हैं। Alzheimer’s यह रोग मनोभ्रंश (Dementia) का सबसे आम प्रकार हैं। इस रोग में मनुष्य की याददाश्त धीरे-धीरे कम हो जाती हैं और पीड़ित व्यक्ति रोजमर्रा के सभी कार्य करने में कठिनाई महसूस करता हैं। कुछ लोगो में यह विकार 60 वर्ष की आयु के पहले भी हो सकता हैं।

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अल्जाइमर रोग का क्या कारण हैं? (Alzheimer’s causes in Hindi)

Alzheimer’s रोग होने का मुख्य कारण अभी तक पता नहीं चला हैं और इस पर अभी भी शोध चल रहा हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है की हमारे मस्तिष्क में दिमाग (Brain) के अंदर कुछ कोशिकाओ (Cells) की उम्र के साथ मृत्यु होने के कारण दिमाग में कुछ संदेश (signal) पहुचने में गड़बड़ी होने से Alzheimer’s होता हैं। अगर आपके परिवार में किसी को यह रोग होने का इतिहास है तो आपको यह रोग होने के संभावना बढ़ जाती हैं।

मधुमेह (Diabetes), ह्रदय रोग (Heart Disease), अनुवांशिकता (Hereditary), मोटापा (Obesity) और सिर में चोट (Head Injury) के इतिहास होने वाले व्यक्तिओ में Alzheimer’s होने का खतरा अधिक रहता हैं।

Alzheimer’s रोग जैसे लक्षण कुछ अन्य रोगो में भी हो सकते है जैसे की :

  • Hyperthyroidism – ज्यादा प्रमाण में Thyroxine हार्मोन के निर्मिति होना 
  • Vitamin B12 या Folic acid की कमी 
  • Parkinson’s Disease 
  • Brain Tumour 
  • Subdural Hematoma  
  • जीवनशैली: धूम्रपान, मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और अस्वस्थ आहार जैसे जीवनशैली कारक भी अल्जाइमर रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

पीड़ित की जांच कर डॉकटर योग्य निदान कर अगर लक्षण ऊपरी कारणों से है तो उनका इलाज कर सकते हैं।

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अल्जाइमर रोग के क्या लक्षण हैं? (Alzheimer’s symptoms in Hindi)

Alzheimer’s रोग के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कोई उपचार या सावधानी न बरतने पर यह लक्षण बिगड़ भी सकते हैं। Alzheimer’s में निम्नलिखित लक्षण नजर आते है जैसे की :

  • स्मरणशक्ति में कमी आना 
  • हाल में हुई घटनाओ को भूल जाना 
  • कोई निर्णय न ले पाना 
  • भाषा ठीक प्रकार से न बोल पाना 
  • समय और स्थान के बारे में भ्रम 
  • लोगो की पहचान न रहना 
  • रोजमर्रा के काम जैसे की – कपडे पहनना, नहाना, वाहन चलाना, पैसो का व्यवहार, खाना पकाना इत्यादि कार्य करने की क्षमता में परिवर्तन 
  • अपनी भावनाए संभालने में मुश्किल 
  • अधिक उत्तेजित रहना 
  • अवसाद, तनाव और Depression 
  • नींद की कमी 

भारत में अगर ऊपर दिए गए लक्षण अगर किसी वृद्ध में नजर आने लगते हैं तो उनके परिवार और अन्य लोगो की यही सोच होती है यह तो बुढ़ापे की निशानी हैं और इसका कुछ नहीं किया जा सकता हैं। कुछ लोग तो यह भी मानने लगते है की बूढ़ा पागल हो गया हैं या सठिया गया हैं। लोग यह नहीं समझ पाते के ऐसे पीड़ित वृद्ध को आपके सहारे और इलाज की जरुरत हैं। ऐसे पीड़ित व्यक्ति को दोष देने और उनपर गुस्सा करने के बजाए डॉक्टर के पास ले जाकर उनका इलाज कराना चाहिए।

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अल्जाइमर रोग का निदान कैसे किया जाता हैं?  (Alzheimer’s symptoms in Hindi)

आपके डॉक्टर आपको दिमाग की गड़बड़ी और अल्जाइमर रोग का निदान करने के लिए Brain का CT Scan, MRI या PET जैसे परिक्षण करने की सलाह  दे सकते हैं। अगर इन रिपोर्ट में अल्जाइमर रोग के लक्षण नज़र आते है तो अल्जाइमर रोग का निदान किया जाता है।

  • शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट और तंत्रिका तंत्र के कार्य सहित आपके समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए शारीरिक परीक्षण करेंगे।
  • मानसिक स्थिति परीक्षण: ये परीक्षण आपकी स्मृति, सोच, भाषा और समस्या-समाधान कौशल का आकलन करते हैं।
  • इमेजिंग परीक्षण: एमआरआई या सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग परीक्षण मस्तिष्क में असामान्यताओं की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
  • रक्त परीक्षण: कुछ रक्त परीक्षण अन्य संभावित कारणों, जैसे थायराइड विकार या विटामिन की कमी को बाहर करने में मदद कर सकते हैं।
  • PET स्कैन: पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (PET) स्कैन मस्तिष्क में मस्तिष्क गतिविधि और चयापचय की छवियां प्रदान कर सकते हैं। यह डॉक्टरों को अल्जाइमर रोग और अन्य प्रकार के डिमेंशिया के बीच अंतर करने में मदद कर सकता है।

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अल्जाइमर रोग का इलाज कैसे किया जाता हैं?  (Alzheimer’s treatment in Hindi)

Alzheimer’s को पूरी तरह से ठीक कर पाना फिलहाल मुमकिन नहीं हैं। Alzheimers के इलाज के लिए दुनियाभर में शोध चल रहे हैं। अगर शुरुआती समय में Alzheimers पीड़ित व्यक्ति का इलाज शुरू हो जाए तो इसके लक्षणों को कम किया जा सकता हैं।

Alzheimer’s ईलाज के लिए कई नयी दवाइयाँ उपलब्ध है जो की इसके लक्षणों को कम करती है और अन्य नए लक्षणों को होने से रोक सकती हैं जैसे की Donepezil, Rivastigmine, Memantine इत्यादि। आपके डॉकटर इस बारे में आपको अधिक जानकारी दे सकते हैं। पीड़ित के उम्र, वजन, अन्य बीमारी और लक्षण के हिसाब से डॉक्टर कौन सी दवा देना है यह निर्धारित करते हैं।

अल्जाइमर रोग से बचाव के लिए क्या सावधानिया बरतनी चाहिए?

Alzheimer’s से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानि बरतनी चाहिए :

  • आहार (Diet): समतोल पौष्टिक आहार लेना चाहिए। अच्छे मात्रा में ताजे फल और सब्जिया खाना चाहिए। ताजे फल और हरी सब्जियों में भरपूर प्रमाण में Vitamins और Anti Oxidants होते है जो की हमारे Brain Cells को उम्र और Free radicals से होने वाली क्षति से बचाव करते हैं। 
  • व्यायाम (Exercise): नियमित व्यायाम करे। अपने उम्र और क्षमता के हिसाब से चलना, दौड़ना या साइकिल चलाना आदि व्यायाम करे। व्यायाम करने से शरीर में रक्तसंचारण अच्छे से होता है और Brain Cells को पर्याप्त मात्रा में रक्त और प्राणवायु (Oxygen) मिलता हैं। 
  • सक्रीय रहे (Be Active): हमेशा नयी चीजे सिखने के लिए तैयार रहे। मानसिक रूप से सक्रीय रहे। नयी चीजे सिखने से या हमेशा किसी काम में व्यस्त रहने से हमारे Brain Cells का व्यायाम होता है। इसी व्यायाम से Brain Cells जल्द खराब या मृत नहीं होते हैं। आलसी व्यक्तिओ में Alzheimer’s का प्रमाण ज्यादा रहता हैं। अपने मित्र-परिवार से मेलजोल और दोस्ती बनाए रखे। दिमाग को काम मिले ऐसे खेल खेले। 
  • ह्रदय रोग (Heart Disease): ह्रदय रोग से पीड़ित व्यक्तिओ में Alzheimer’s होने की संभावना अधिक रहती है। अपना आहार, विहार और व्यायाम इस प्रकार रखे की आपको ह्रदय रोग का खतरा कम से कम रहे। याद रहे की, “जो चीज आपके दिल के लिए अच्छी है वह आपके दिमाग (Brain) के लिए भी अच्छी हैं।” कुछ शोधकर्ताओं का मानना है की, ह्रदय रोग और Cholesterol को नियंत्रण में रखने के लिए उपयोग में ली जानेवाली Statins दवा से Alzheimer’s का ख़तरा कम रहता हैं। 
  • तनावमुक्त रहे (Stress Management): आजकल के दौड़भाग और महंगाई के युग में तनाव से बच पाना लगभग नामुमकिन हैं। तनाव हर किसी के जीवन में होते हैं पर इस तनाव का हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम होने देने की बजाए हमें इसे चुनौती मान कर परिश्रम पूर्वक इसे दूर करना चाहिए। तनाव में रहने से सिर्फ आपके मस्तिष्क पर ही बुरा असर नहीं पड़ता है बल्कि आपके तनाव में रहने से आपके सम्पूर्ण घर का माहोल खराब हो जाता हैं। 
  • सिर का बचाव (Protect your head): Alzheimer’s होने का एक बहुत बड़ा कारण सर में लगी चोट भी हैं। आप एक 10000- 20000 हजार के मोबाइल को बचाने के लिए 500 रूपए के cover के पीछे खर्च कर सकते हैं पर बात जब हेलमेट की आती है तो आपको वह महंगा लगता हैं। आपके सिर की कीमत आपके परिवार के लिए आपके मोबाइल की कीमत से ज्यादा हैं। अपने सिर को चोट से बचाने के लिए वाहन चलाते समय और कारखाने में काम करते समय हमेशा हेलमेट पहन कर रखे। सिर में लगी किसी भी चोट को मामूली न समझे और उसका तात्कालिक जांच एवं उपचार कराए।
  • योग (Yoga): नियमित योग करे। नियमित प्राणायाम और ध्यान (Meditation) करने से Brain Cells को ताकत मिलती हैं। योग और ध्यान करने से स्मरणशक्ति बढती हैं और चिरकाल टिक कर रहती हैं। 
  • दवा (Medicines): अगर आपका उम्र के साथ आहार कम हो गया हैं और आपको आहार से पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व नहीं मिल रहे है तो आप अपने डॉक्टर से Multi-Vitamin और Anti-Oxidant दवा ले सकते हैं। इन दवाओ से आप को ताकत / ऊर्जा मिलती है और Brain cells का क्षति पहुँचानेवाले free radicals से रक्षण होता हैं। 

अगर आपके घर में कोई वृद्ध व्यक्ति हैं जिनमे की Alzheimer’s के कोई लक्षण नजर आते हैं तो कृपया उसे नजरअंदाज न करे। उन पर गुस्सा करना या उन्हें कोई दोष देने की जगह उनकी ठीक से चिकित्सक द्वारा जांच और दवा कराए।   

अल्जाइमर से जुड़े सवालों का जवाब

अल्जाइमर के मरीज कितने समय तक जीवित रहते हैं?

अल्जाइमर एसोसिएशन इंडिया के अनुसार, अल्जाइमर रोग का औसत जीवनकाल निदान के बाद लगभग 7-8 वर्ष है। हालांकि, कुछ लोग 20 साल या उससे अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं, जबकि अन्य 2-3 साल के अंदर ही मर सकते हैं।

अल्जाइमर रोग से शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?

अल्जाइमर रोग मुख्य रूप से मस्तिष्क यानि Brain को प्रभावित करता है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) का हिस्सा है। यह स्मृति, सोच, भाषा और व्यवहार को नियंत्रित करता है।

अल्जाइमर को हिंदी में क्या कहते हैं?

अल्जाइमर रोग को कभी-कभी “भूलने का रोग” या “याददाश्त खोने की बीमारी” भी कहा जाता है, क्योंकि यह स्मृति हानि और सोचने में कठिनाई का कारण बनता है।

अल्जाइमर रोग में क्या खाना चाहिए?

अल्जाइमर रोग में रोगी को एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन और फाइबर से युक्त भोजन देना चाहिए। रोगी को आप सभी प्रकार के फल दे सकते हैं।

भूलने की बीमारी किसकी कमी से होती है?

भूलने की बीमारी या अल्जाइमर रोग विटामिन बी 1, विटामिन बी 12, आयरन और विटामिन डी की कमी से हो सकता हैं।

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