भारत में किडनी की पथरी (Kidney Stone), यह एक आम बीमारी हैं। 40 वर्ष के अधिक आयु के लगभग हर 5 में 1 भारतीय व्यक्ति को कभी न कभी तकलीफ जरूर हुई हैं। किडनी के स्वास्थ्य को देखते हुए यह एक गंभीर रोग हैं। किडनी के पथरी के कारण पेट में असहनीय पीड़ा होती हैं।
किडनी की पथरी से बचने के लिए हमें क्या एहतियात बरतने चाहिए और अपना खान-पान कैसा रखना चाहिए इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
किडनी की पथरी से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए (Kidney stone treatment in Hindi)
भारत के कई हिस्सों में किडनी में पथरी होना एक आम बीमारी बन चुकी हैं। किडनी के पथरी को नजरअंदाज करने से कई लोगों की युवा आयु में ही किडनी खराब होते हुए देखा गया हैं। पेशाब में खनिज तत्व और लवण की अधिकता, शरीर में पानी की कमी और असंतुलित आहार जैसे कई कारणों से किडनी में पथरी निर्माण हैं।
शरीर के सारे विषारी तत्व को रक्त से निकाल कर पेशाब के रास्ते बाहर फेंककर शरीर शुद्धि का काम किडनी के द्वारा हर घडी चल रहा होता हैं। ऐसे में जरुरी हैं की हम भी अपने किडनी को स्वस्थ रखने के लिए और उसमें पथरी निर्माण होने से रोकने किए लिए निचे दिए हुए एहतियात का पालन करे।
- पानी : दिनभर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। अगर गर्मी का मौसम है या किसी वजह से शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता है तो अधिक पानी पीना चाहिए। डॉक्टर की सलाह से पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। बोरिंग और कुए का पानी अधिक क्षार, खनिज या लवण युक्त है तो मिनरल पानी या बोतलबंद पानी पीना चाहिए। अगर आपके पेशाब का पिला है या सफ़ेद नहीं है तो इसका मतलब आप कम पानी पि रहे हैं।
- ऑक्सालेट युक्त आहार : भारतीय लोगों में अधिकतर कैल्शियम ऑक्सालेट की पथरी के अधिक रोगी पाए जाते हैं। ऐसा आहार जिसमे ऑक्सालेट अधिक है उनका परहेज करना चाहिए, जैसे की – बीटरूट / चुकंदर, पालक, शकरकंद, चाय, चॉकलेट, सोया, बादाम, ओकरा इत्यादि। मांसाहार न करे। टमाटर, पालक, चावली, गोभी, बैंगन, मशरूम, चीकू, कोलू, चॉकलेट, चाय और कॉफ़ी का सेवन मर्यादित मात्रा में रखना चाहिए। इनमे ऑक्सालेट और यूरिक एसिड का प्रमाण अधिक होता हैं।
- आहार : पथरी से बचने के लिए अपने आहार में सेब, पपीता, तरबूज, केला, संतरा, नारियल पानी, गाजर, करेला, जव, जवार, गेहू, बाजरा, भेंडी, मुंग दाल, तुर दाल, नाचनी, खजूर, एप्रीकॉट जैसे आहार पदार्थों का समावेश करे।
- नमक : अपने आहार में नमक का इस्तेमाल कम करे। अचार, पापड़, टोमेटो सोस, चिप्स इत्यादि अधिक नमक युक्त चीजों का सेवन कम करे। नमक का उपयोग अधिक करने से पेशाब कम होता हैं और शरीर में पानी संगृहीत होता हैं। नमक के कारण पेशाब में कैल्शियम भी अधिक चला जाता है जो ऑक्सालेट के साथ मिलकर पथरी का निर्माण करता हैं।
- कैल्शियम : आहार में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम लेना चाहिए। ध्यान रहे की कैल्शियम युक्त आहार भोजन के समय ही लेना चाहिए ताकि भोजन में मौजूद ऑक्सालेट के साथ मिलकर कैल्शियम आंतो में चले जाये।
- निम्बू पानी : निम्बू में Citric Acid रहता हैं। यह एसिड किडनी में पथरी निर्माण होने से रोकता हैं। यह एसिड कैल्शियम को अन्य पथरी कारक तत्वों से जोड़ने से रोकता हैं।
- मांसाहार : मीट / मटन / चिकन जैसे मांसाहार में प्यूरीन अधिकता होती हैं। इनका अधिक सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक होकर गठिया और यूरिक एसिड पथरी होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
- मोटापा : हाल भी हुए एक अध्ययन में सामने आया है की अगर आपका वजन ज्यादा है तो आपको पथरी होने का खतरा दोगुना हो जाता हैं। असंतुलित आहार और व्यायाम की कमी यह मोटापा और किडनी की पथरी होने का एक प्रमुख कारण हैं। मोटापा कम करने के उपाय जानने के लिए यहाँ क्लिक करे – मोटापा आसानी से कैसे कम करे ?
- पेशाब रोकना : कई लोगो का कहना होता है की वे भरपूर पानी पिते है फिर भी उन्हें पथरी कैसे हो जाती हैं। किडनी के पथरी का रोकथाम करने के लिए सिर्फ भरपूर पानी पिने से लाभ नहीं होता है। आपको शरीर के विषैले तत्वों को पेशाब के रास्ते से बाहर भी निकालना होता हैं। आज कल कई लोग अपने व्यवसाय के कारण लम्बे समय तक पेशाब को रोककर रखते है और इस कारण जमा हुए पेशाब में खनिज और लवण जमा होकर पथरी निर्माण कर देते हैं। इसलिए जब कभी भी आपको पेशाब लगे बिना रोके मुत्रविसर्जन कर देना चाहिए।
- शराब / धुम्रपान : शराब और धुम्रपान से सीधे तौर पर किडनी की पथरी नहीं होती पर इनसे शरीर का हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता हैं और किडनी की कार्य क्षमता पर असर पड़ता है। शराब, धुम्रपान, तम्बाखू सेवन और गुटखा नहीं खाना चाहिए।
- पेशाब में संक्रमण : पेशाब में हल्का संक्रमण होने पर भी डॉक्टर को दिखाकर समय पर उपचार कराना चाहिए। गर्मी के दिनों में कम पानी पिने से पेशाब का संक्रमण होने का खतरा रहता हैं। महिलाओं में और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तिओं में पेशाब का संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता हैं। अगर समय पर उपचार न लिया जाये तो किडनी में पथरी और किडनी ख़राब होने का खतरा रहता हैं।
- दूध : पथरी के रोगियों में एक गलत धारणा होती है की दूध पिने से ही पथरी होता हैं। आप रोजाना एक से दो ग्लास मलाई निकाला हुआ दूध पि सकते हैं।
- व्यायाम : रोजाना 30 मिनिट या हफ्ते में कुल 150 मिनिट हल्का व्यायाम करने से भी पथरी होने का खतरा 30% तक कम हो जाता हैं। आप अपने क्षमतानुसार चलना, जॉगिंग करना, साइकिल चलाना, तैराकी या जिम वर्कआउट कर सकते हैं। सिर्फ इतना ख्याल रखे की व्यायाम करते समय अधिक पसीना आने पर थोडा-थोडा पानी पीते रहे।
- योग : किडनी की पथरी से दूर रहने के लिए आप योग का सहारा भी ले सकते हैं। सम्पूर्ण शरीर की तरह किडनी के सर्वांगीण स्वास्थ्य के लिए भी योग उपयोगी हैं। पथरी को दूर करने के लिए आप निचे दिए हुए आसन कर सकते हैं। योग की विधि जानने के लिए योग के नाम पर click करे।
अगर आपको एक बार किडनी में पथरी हुई है तो आपको दुबारा यह तकलीफ होने का जोखिम रहता हैं।
किडनी की पथरी से बचने के उपाय जानने के बाद किडनी की पथरी से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने के लिए निचे दिए हुए link पर click करे :
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।