Kidney रोग के कारण, किडनी की कार्यक्षमता कम होने से शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगो पर प्रतिकूल परिणाम होकर रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। आजकल खान पान से लेकर पिने के पानी में भी केमिकल का उपयोग ज्यादा होता है जिस वजह से किडनी के ऊपर अतिरिक्त भार आ जाता है।
30 वर्ष की आयु के पश्च्यात किडनी की कार्यक्षमता हर 10 वर्ष में 10% से कम हो जाती हैं। ऐसे में किडनी पर अतिरिक्त भार देने से बचना चाहिए। किडनी रोग से बचने के लिए कुछ आवश्यक एहतियात बरतने बेहद जरुरी हैं। इनकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
किडनी रोग से कैसे बचे ?
- नमक का प्रमाण कम करे / Salt Intake : नमक में अधिक प्रमाण में Sodium रहता है जिससे की रक्तचाप (Blood Pressure) बढ़ने का खतरा रहता हैं। ज्यादा प्रमाण में Sodium लेने से किडनी में पथरी का निर्माण हो सकता हैं।
- भरपूर पानी पिये / Water Intake : पर्याप्त मात्रा में पानी पिने से शरीर में पानी का प्रमाण ठीक रहता हैं, जिससे किडनी शरीर के दूषित जहरीले पदार्थो को आसानी से शरीर के बाहर निकाल सकता हैं। दिनभर में कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी जरुर पीना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पिने से शरीर में पाचन ठीक से होता हैं और शरीर का तापमान भी सही रहता हैं। पानी पिने से पहले आपके यहाँ के पानी में Fluoride की मात्रा की जांच कराना चाहिए। अधिक मात्रा में यह तत्व किडनी को नुकसान पंहुचा सकता हैं।
- रोग नियंत्रण में रखे / Diseases : अगर आपको मधुमेह, उच्च रक्तचाप या ह्रदय रोग है तो जरुरी है की आप डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित दवा और पथ्य पालन के साथ अपने रोग को नियंत्रण में रखे। इन रोगों का दुष्परिणाम किडनी पर होता हैं और अगर यह रोग नियंत्रण में न रहे तो किडनी खराब होने का खतरा रहता हैं।
- पेशाब को रोककर न रखे / Urination : पेशाब करने की इच्छा को आयुर्वेद में अधारनीय वेग कहा गया हैं। अगर पेशाब समय पर नहीं किया जाता है तो इससे किडनी की कार्यक्षमता पर विपरीत परिणाम होता हैं। पेशाब की थैली में 150 ml पेशाब एकत्रित होने पर पेशाब का वेग आता है और पेशाब न करने पर पेशाब की थैली और किडनी पर दबाव पड़ना चालू हो जाता हैं। इसलिए चाहे कितना भी जरुरी काम क्यों न हो पेशाब आने पर जरुर कर देना चाहिए।
- समतोल आहार / Balanced Diet : शरीर को पर्याप्त प्रमाण में सभी आवश्यक Vitamins, Minerals और Proteins आदि आवश्यक तत्व की जरुरत रहती हैं। समतोल आहार लेने से किडनी को सही पोषण मिलता है और उसकी कार्यक्षमता बढ़ जाती हैं। अगर आप बाजार में मिलने वाले ज्यादा chemical युक्त तैयार खाना पसंद करते है तो इन जहरीले chemicals से आपके किडनी को नूक्सान होने की आशंका रहती हैं।
- पेय / Fluids : शरीर को निरोगी रखने के लिए हम फलो का जूस बनाकर पीना चाहिए। बाजार में मिलने वाले तैयार पेय की जगह घर पर ही इन्हें ताजा बनाकर पीना चाहिए। चाय और कॉफ़ी जैसे कैफीन युक्त पेय से परहेज करना चाहिए। यह किडनी के लिए नुकसानदेह हैं। बाजार में मिलने वाले soft drinks भी आपके किडनी के सेहत के लिए नुकसानदेह हैं।
- दवा / Medicine : हमेशा डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लेना चाहिए। किसी भी तकलीफ के लिए अपने मन से या मेडिकल से कोई दवा नहीं लेना चाहिए। लगभग सभी दर्दनाशक दवा किडनी को नुकसान पहुचाती हैं। अगर आप इन्हें अनजाने में अधिक मात्रा में लेने हैं तो किडनी को कभी न ठीक होनेवाली क्षति पहुच सकती हैं। बाजार में मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा भी अधिक मात्रा में लेने से किडनी को नुकसान कर सकता हैं। इसलिए किसी भी दवा को लेने से पहले उस दवा के निष्णात डॉक्टर से सलाह जरुर लेना चाहिए।
- नशा / Habits : शराब और धुम्रपान जैसे नशीली चीजे शरीर में जहरीले पदार्थो का प्रमाण बढाकर आपके किडनी के स्वास्थ्य को क्षति पहुचाती हैं। अधिक मात्रा और अधिक समय तक यह नशा करने से किडनी हमेशा के लिए खराब होने का खतरा रहता हैं। नशा छोड़ने के उपाय जानने के लिए यह पढ़े – धुम्रपान कैसे छोड़े !
- मोटापा / Obesity : शोध से पता चला है की मोटापा से पीड़ित व्यक्तिओ में किडनी रोग होने के आशंका सामान्य वजन वाले व्यक्तिओ की तुलना में दोगुनी रहती हैं। अगर आपका वजन सामान्य से अधिक है तो उसे कम करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। वजन कम करने के लिए यह पढ़े – मोटापा कम करने के उपाय
- व्यायाम / Exercise : नियमित व्यायाम करे। व्यायाम करने से शरीर में रक्तसंचरण ठीक से होता हैं। अपने उम्र और क्षमता के हिसाब से आप कोई भी व्यायाम कर सकते हैं। आप चाहे तो योग भी कर सकते।
- नियमित स्वास्थ्य परिक्षण / Medical check up : अगर आपके परिवार में किसी को भी मधुमेह, उच्च रक्तचाप, ह्रदय रोग, कर्करोग या किडनी के रोग का इतिहास है तो आपको भी 30 वर्ष की आयु के पश्च्यात, हर वर्ष अपना सम्पूर्ण स्वास्थ्य परिक्षण कराना जरुरी है। अगर ऐसा कोई ईतिहास नहीं भी हो फिर भी अगर हर वर्ष आप संपूर्ण स्वास्थय परिक्षण कराना जरुरी है। यह ऐसे बीमारिया है, जिन्हें अगर शुरूआती समय में ही योग्य उपचार मिलना शुरू हो जाये तो इनसे होने वाले गंभीर परिणामो से बचा जा सकता हैं।
अवश्य पढ़े – किडनी फेलियर होने के लक्षण और उपचार
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
बहुत अच्छी जानकारी मिली।आप को धन्यवाद।
30 वर्ष की आयु के पश्च्यात किडनी की कार्यक्षमता हर 10 वर्ष में 10% से कम हो जाती हैं। ऐसे में किडनी पर अतिरिक्त भार देने से बचना चाहिए। किडनी रोग से बचने के लिए कुछ आवश्यक एहतियात बरतने बेहद जरुरी हैं।सुन्दर जानकारी
Dhanywad
अति उत्तम एवं उपयोगी।धन्यवाद
VERY NICE INFO
Accha baat bataya aapne , mughe lagta hai ki iska labh mughe nischit rup se milega.
Thanks.