कभी-कभी जीवन में ऐसा समय आता हैं जो की मुश्किलों और समस्याओ से भरा होता हैं। ऐसे समय में अगर हम खुद पर भरोसा न करे और चुनोतियो का सामना करने से घबराए तो तनाव और निराशा हमें घेर लेती हैं। ऐसा ही एक मुश्किल समय मेरे जीवन में भी कुछ वर्ष पहले आया था।
निराशा और तनाव ने मुझे कमजोर बना दिया था। उस समय मैंने एक कहानी पढ़ी थी जिसने मुझमे फिर से आत्मविश्वास भर दिया था। आज में आपके साथ उस कहानी को साझा करना चाहता हु ताकि आपके जीवन में भी कभी ऐसा दौर आये तो यह छोटी कहानी आपको प्रेरणा दे सके।
एक आदमी हर रोज सुबह बगीचे में घुमने जाता था। एक बार उसे किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून (छत्ता) दिखाई दिया। अब वह हर रोज उसे देखता था। एक दिन उसने देखा की उस कोकून में एक छोटा सा छेद हो गया हैं। वह उत्सुकता से उसे देखने के लिए वही बैठ गया। उसने आगे देखा की एक तितली उस छेद में से बहार आने की कोशिश कर रही हैं परन्तु बेहद कोशिश करने के बाद भी उसे बहार आने में तकलीफ हो रही हैं। उस आदमी ने तितली की तकलीफ देखकर सोचा की उसकी मदत की जाए। वह उठा और उसने उस कोकून का छेद इतना बड़ा कर दिया की अब तितली उस कोकून के बड़े छेद से आसानी से बाहर निकल सके।
कुछ समय बाद तितल बाहार तो आ गयी पर उसका शरीर सुजा हुआ था और पंख सूखे पड़े थे। आदमी ने सोचा की तितली अब उडेंगी पर तितली सुजन के कारण उड़ने में विफल रही और उस तितली को अपना सारा जीवन घसीटते हुए बिताना पड़ा। वह व्यक्ति यह समझ नहीं पाया की कुदरत ने ही तितली के कोकून से बहार निकलने की प्रक्रिया को इतना कठिन बनाया हैं जिससे की तितली के शरीर पर मौजूद तरल उसके पंखो तक पहुच सके और वह उड़ने में कामयाब हो जाए। यह संघर्ष ही उस तितली को अपने क्षमताओ का एहसास कराता हैं।
इस प्रेरनादायी कहानी को पढ़कर मुझे एहसास हुआ की अभी मेरे जीवन में जो चुनोतिया हैं यह मुझे कमजोर करने के लिए नहीं हैं, बल्कि अपने आप को बेहतर बनाने के लिए हैं। जब मैंने आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ उन मुश्किलों का सामना किया तो आसानी से उन पर विजय हासिल करली। शायद कुछ लोग तब तक अपने आपको भलीभांति पहचान ही नहीं पाते हैं, जब तक वे कठिनाईयों, विप्पतियो और दूसरी की निंदा का सामना नहीं करते हैं।
मेरा यहाँ पर आप सभी पाठको को यही सलाह देना चाहूँगा की, “अपने आप पर विशवास रखो, अपनी क्षमताओ पर भरोसा रखो, यह बात स्मरण रखो की तुम्हारे भीतर वह शक्ति हैं जो की मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी कार्य को पूरा कर सकती हैं। आप अपने राह में आनेवाली चुनोतियो से परेशान होने की बजाए उसे अपने क्षमता बढ़ाने का साधन समझे।
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मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
मेरा यहाँ पर आप सभी पाठको को यही सलाह देना चाहूँगा की, "अपने आप पर विशवास रखो, अपनी क्षमताओ पर भरोसा रखो, यह बात स्मरण रखो की तुम्हारे भीतर वह शक्ति हैं जो की मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी कार्य को पूरा कर सकती हैं। आप अपने राह में आनेवाली चुनोतियो से परेशान होने की बजाए उसे अपने क्षमता बढ़ाने का साधन समझे। प्रेरणादायक पोस्ट ! आत्म विश्वास बहुत बड़ी ताकत होती है
Thanks for sharing.
best story i evr readd Thnxss
Very Nice Story:
मुझे ये कहानी बहुत ही बढि़या लगी।
आप सभी पाठकों का बहोत-बहोत धन्यवाद !
Very good story….thanks for share…….
Wah sir, bhut hi prerak
बहुत ही उम्दा ….. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति … Thanks for sharing this!! 🙂 🙂