एक किसान के पास एक कुत्ता था। वह कुत्ता सड़क के किनारे बैठा रहता और आने जाने वाले हर गाडी पर भौकता था और गाडी के पीछे दूर तक भागते रहता था। गाडी तेज चलने के कारण कभी किसी गाडी को पकड़ नहीं पाता था।
एक बार उस किसान के पडोसी ने उसे पूछा, ” क्या आपको लगता हैं की आपका कुत्ता कभी किसी गाडी को पकड़ने में कामयाब होगा ?” किसान ने अपने पडोसी को जवाब दिया, ” मुझे इसकी चिंता नहीं है की क्या वह कभी किसी गाडी को पकड़ पाएंगा या नहीं। मुझे तो यह सवाल परेशान करता है की अगर कभी उसने किसी गाडी को पकड़ भी लिया तो वह उस गाडी का करेंगा क्या ?”
मित्रो, हम मनुष्य भी कभी-कभी इसी तरह व्यर्थ की दौड़ में अपना किमती समय बर्बाद करते रहते हैं। कई बार हम लोग जिस वस्तु की हमें जरुरत नहीं होती हैं उस वस्तु के पीछे अपना काम छोड़ कर पीछे पड़ जाते हैं। समय बहोत मूल्यवान हैं और इसे हमें सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए। व्यर्थ की चिंता छोड़ हमे अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयत्न करना चाहिए।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।
Nice story