डर के आगे जीत हैं | A short motivational story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है,एक जंगल में एक चूहा था जो हमेशा बिल्ली के डर से सहमा सहमा रहता था। बिल्ली के डर के कारन वो अक्सर अपने बिल में ही छुप कर रहता था,न तो अपने साथी चूहों के साथ खेलता और न ही बाहर निकलने का साहस जुटा पाता था।

एक दिन एक बुजर्ग चूहेने उस डरपोक चूहे को एक चमत्कारी स्वामीजी के बारे में बताया जो सबकी मदद करते थे। डरपोक चूहा बड़ी हिम्मत कर बिल के बाहर निकला और स्वामीजी के पास गया। चुहेने अपनी समस्या स्वामीजी को बताई और मदद की गुहार लगाकर रोने लगा। स्वामीजी को उस चूहे पर दया आने लगी और उन्होंने उस चूहे को आशीर्वाद देकर अपने शक्ति से बिल्ली बना दिया।

कुछ दिनों तक बिल्ली ठीक रही पर अब उसे कुत्तो का डर सताने लगा,वह फिर स्वामीजी के पास जाकर रोने लगा। स्वामीजी ने उसे अपनी शक्ति से कुत्ता बना दिया। कुत्ता बनने के बाद वह जंगल में शेर से डरने लगा। स्वामीजी ने उसे शेर बना दिया।

शेर की ताकत और क्षमता होने के बावजूद अब वह शिकारी से डर-डर कर रहने लगा। वह फिर से स्वामीजी के पास गया और मदद की गुहार लगाने लगा। स्वामिजी ने शेर की बात सुनकर उसे फिर से चूहा बना दिया और कहा,” मै अपनी शक्ति से चाहे जो कर लू या तुम्हे जो बना दू फिर भी मै तुम्हारी कोई भी मदद नहीं कर सकता क्योंकि तुम्हारा दिल हमेशा उस डरपोक चूहे वाला ही रहेंगा।

यह सिर्फ एक कहानी नहीं है ! कही न कही हम सभी में से बहुत से लोगो की यही हकीकत है। आज हम सब किसी न किसी डर के खौंफ में जी रहे है। किसी को मौत का डर है,किसी को अपनों से बिछड़ने का,अस्वीकृति का ,बॉस का या फिर असफल होने का डर है। डर नामक इस बीमारी की वजह से हम हम उस मुकाम तक नहीं पहुच पाते जीसके की हम काबिल है। गब्बर ने भी सही कहा है,”जो डर गया समझो मर गया!“।

आप जितना अपने डर से दूर भागेंगे वह उनता ही आप के पास आकर आप पर हावी हो जायेंगा।जिस दिन आप हिम्मत उठाकर उसका सामना करेंगे वह पल भर में गायब हो जायेंगा और तब आपकी समझ में आ जायेंगा की जिससे आप डर रहे थे वो केवल आप के मन का वहम है। अपने मन में बसे डर को दूर भगाकर आत्मविश्वास और मेहतन से आप अपनी हर मंजिल को हासिल कर सकते है।

कई बिमारिया ऐसी है जिसमे सिर्फ डर या चिंता के कारन मरीज की हालत बिगड़ जाती है,जैसे की High BP, Hypothyroidism, Asthma, Epilepsy इत्यादि। यह लेख और कहानी इस उद्देश के साथ इस ब्लॉग में समावेश की गयी है की सभी हमेशा स्वस्थ रहे, क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ तन के साथ-साथ स्वस्थ मन का होना बेहद जरुरी है।

याद रहे,किसीने ठीक ही कहा है, “डर के आगे जीत है !

नोट :- ऊपर दी हुई कहानी मेरी रचना  नहीं है। इसे मैंने कही पर पढ़ा था और यहाँ पर सिर्फ आप के उज्ज्वल भविष्य और उत्तम स्वास्थय हेतु प्रस्तुत कर रहा हु। कोई आपत्ति होने पर admin@nirogikaya.com पर संपर्क करे । 

4 thoughts on “डर के आगे जीत हैं | A short motivational story in Hindi”

  1. कई बिमारिया ऐसी है जिसमे सिर्फ डर या चिंता के कारन मरीज की हालत बिगड़ जाती है,जैसे की High BP, Hypothyroidism, Asthma, Epilepsy इत्यादि। यह लेख और कहानी इस उद्देश के साथ इस ब्लॉग में समावेश की गयी है की सभी हमेशा स्वस्थ रहे, क्योंकि स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ तन के साथ-साथ स्वस्थ मन का होना बेहद जरुरी है। बहुत उपयोगी पोस्ट

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