मोटापा और बढ़ते body fat के कारण युवा आयु में ही लोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल के बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए शरीर को सही पोषण देना बेहद जरुरी होता है और अगर हम आहार लेने में गड़बड़ी करते है तो इसका विपरीत परिणाम हमारे स्वास्थ्य पर ही होता हैं।
आज इस लेख में हम आपको बॉडी फैट बढ़ने के कारण होनेवाले दुष्परिणाम की जानकारी देने जा रहे हैं। अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
बॉडी फैट बढ़ने के 6 बड़े दुष्परिणाम
Body Fat side effects in Hindi
स्वाद से भरी चीजें हम फटाफट लपकते और हजम कर जाते हैं। लेकिन इनमें से अधिकतर ट्रांसफैट से भरे होते हैं जो सेहत के लिए खतरनाक होते हैं। Trans fats का मतलब है Hydrogenated fats अर्थात जिन वनस्पति तेलों में Hydrogenation प्रक्रिया के द्वारा हाइड्रोजन डाली जाती है। इस हाइड्रोजनेशन प्रक्रिया के द्वारा तरल लिक्विड ऑयल मक्खन जैसा सख्त हो जाता है और इसके खराब होने के चांस बहुत कम हो जाते हैं। लेकिन घी हमारी धमनियों के लिए मक्खन अथवा चर्बी जितना ही खतरनाक हो जाता है।
ट्रांस फैट्स की वजह से शरीर में बुरा कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) का स्तर घट जाता है जिससे मोटापा और दर्जनों तरह के रोगों का अंदेशा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं Body fat बढ़ने से शरीर पर होने वाले 6 बड़े नुकसान के बारे में :
- हारमोंस में गड़बड़ी : फैट का जमाव बाड़ी के हारमोंस को उपयोग करने की क्षमता को प्रभावित करता है। खासतौर पर इंसुलिन शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और फैट बढ़ने से इन्सुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती हैं। फैट हारमोंस की कार्यप्रणाली में ऐसे गड़बड़ी करती है जिससे वजन और बढ़ जाता है।
- कमजोर हड्डिया (ऑस्टियोपोरोसिस) : यह हड्डियों की ऐसी बीमारी है जो जिंदगी की गति को रोक देती है। कारण साफ है कि लीवर और बोन मैरो के साथ ही मसल्स टिश्यू और खून में फैट्स के थक्के जमा होने लगते हैं। बैठे बैठे काम करने से यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। हड्डिया आसानी से फ्रैक्चर हो जाती हैं। पढ़े – ऑस्टियोपोरोसिस का कारण, लक्षण और उपचार
- मोटापा : इसका सीधा सा फंडा आपकी बॉडी के आकार से है। फैट के कारण शरीर के हर अंग पर प्रभाव पड़ता है जिससे वह कहीं से और कहीं भी फैलना शुरू कर देता है। कपड़ों से लेकर कैरेक्टर तक फैट सबके लिए परेशानी का कारण बनती है। मोटापे के कारण व्यक्ति का आत्मविश्वास भी कमजोर हो जाता हैं। पढ़े – वजन कम करने के उपाय
- विषैले तत्व / Toxins : वातावरण में घुले टॉक्सिंस के लिए बॉडी फैट एक अच्छा गोदाम है। यह ऐसे टॉक्सिन्स हैं जो हवा, पानी और खाने से बॉडी में पहुंचते हैं और फैट्स को बढ़ाने के साथ खुद भी बढ़ते जाते हैं।
- कमजोर लिवर : फैट्स लीवर में छुपकर बढ़ती जाती है और नए नए खतरों के रुप में सामने आती है। इन खतरों के दो बड़े नाम है डायबिटीज और दिल की बीमारियां जो इतनी गंभीर है कि सेहतमंद जिंदगी को दीमक लग जाती है। पढ़े – फैटी लिवर का कारण, लक्षण और उपचार
- मसल्स : फैट से मसल्स थुलथुले और शरीर बेडौल हो जाते हैं। ऐसे में हारमोनल बैलेंस सबसे पहले बिगड़ता है फिर कभी काबू में नहीं आता। ऐसे में फैट घटाने के साथ फिजिकल ट्रेनिंग से मसल्स की ताकत लौटाना जरूरी है।
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।