Hepatitis B in Hindi: हेपेटाइटिस बी का कारण, लक्षण, ईलाज और आहार

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Hepatitis B यह एक Viral संक्रामक रोग है जो की Hepatitis B virus के कारण फैलता हैं। सामान्य भाषा में इस रोग को लोग Jaundice या पीलिया भी कहते हैं। Hepatitis B से पीड़ित कई मरीजों को लंबे समय तक कोई तकलीफ न होने के कारण इसका पता भी नहीं चलता हैं। Hepatitis B  के संक्रमण के कारण हर वर्ष लिवर (Liver) ख़राब हो जाने के कारण 4 हजार से 5 हजार लोगों की मृत्यु हो जाती हैं। विश्व में लिवर कैंसर के 60% मामले Hepatitis B के कारण होते हैं।

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भारत में हर वर्ष लाखों लोगो को Hepatitis B का संक्रमण होता हैं। इनमे से ज्यादातर लोगों में यह संक्रमण कुछ समय के लिए होता है और फिर ठीक हो जाता हैं। इसे तीव्र (Acute) Hepatitis B कहा जाता हैं। कुछ लोगो में यह संक्रमण लंबे समय तक रहता है जिसे जीर्ण (Chronic) Hepatitis B कहा जाता हैं।

हेपेटाइटिस बी क्या है?

हेपेटाइटिस बी एक संक्रामक बीमारी है जो हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) के कारण होती है। यह वायरस लीवर को संक्रमित करता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें लीवर फेलियर और यकृत कैंसर भी शामिल है।

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हेपेटाइटिस बी का क्या कारण है? (Hepatitis B causes in Hindi)

Hepatitis B यह एक Viral रोग है जो की Hepatitis B नामक virus से फैलता हैं। यह संक्रमित व्यक्ति के रक्त (Blood) और शारीरिक तरल पदार्थ (Body Fluids) के संपर्क में आने से फैलता हैं।

हेपेटाइटिस बी कैसे फैलता हैं?

Hepatitis B के फैलने की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

  • असुरक्षित यौन संबंध: Hepatitis B से संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध। 
  • संक्रमित सुई: Hepatitis B से संक्रमित सुई / ब्लेड / उपकरण का इस्तेमाल करना।  निर्जंतुक (sterilized) न किये हुए उपकरणों से Tattoo या कान छिदवाना। दाढ़ी की ब्लेड या टूथब्रश जैसा व्यक्तिगत सामान संक्रमित व्यक्ति के साथ इस्तेमाल करना। 
  • तरल पदार्थ: संक्रमित व्यक्ति की लार या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के साथ निकट संपर्क, जैसे कि किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ खाना या बर्तन साझा करना। संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर टूटी या खुली त्वचा के संपर्क में आना।
  • गर्भावस्था: गर्भावस्था में प्रसव (delivery) के समय संक्रमित माता से शिशु को Hepatitis B हो सकता हैं। 
  • खून चढ़ाना: Blood Transfusion या Organ Transplant करते समय ठीक से जांच न किये जाने पर Hepatitis B फ़ैल सकता हैं। 

नोट : ध्यान रहे की गले मिलना, हाथ मिलाना, खांसी या छींकने से Hepatitis B नहीं होता हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हेपेटाइटिस बी हवा या पानी के माध्यम से फैलने वाली बीमारी नहीं है।

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हेपेटाइटिस बी के लक्षण क्या हैं? (Hepatitis B symptoms in Hindi)

Hepatitis B के अधिकतर मरीजों में काफी समय तक कोई लक्षण नजर न आने के कारण उन्हें पता भी नहीं रहता है की वह इस रोग से पीड़ित हैं।

  • कोई लक्षण नहीं: अधिकांश लोग (लगभग 70%) जिनमें तीव्र हेपेटाइटिस बी होता है, उन्हें कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
  • हल्के लक्षण: थकान, भूख न लगना, मतली, उल्टी, पेट में दर्द, बुखार, दस्त, गहरे रंग का मूत्र और त्वचा और आंखों का पीला होना (पीलिया)।
  • गंभीर लक्षण: दुर्लभ मामलों में, तीव्र हेपेटाइटिस Liver Failure का कारण बन सकता है, जो एक जानलेवा स्थिति है।

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हेपेटाइटिस बी का निदान कैसे किया जाता हैं? (Hepatitis B diagnosis in Hindi)

Hepatitis B से पीड़ित ज्यादातर मरीजों में कोई लक्षण नजर न आने के कारण Hepatitis B का निदान कभी-कभी किसी अन्य कारण से किये हुए रक्त जांच में पता चलता हैं। कभी किसी ऑपरेशन के समय या गर्भावस्था के समय किये हुए जांच में Hepatitis B का पता चल जाता हैं। 

Hepatitis B का निदान करने के लिए, पीड़ित में Hepatitis B के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर निचे दिए जुए जांच करते हैं :

  • रक्त जांच (Blood Test): Hepatitis B का निदान करने के लिए डॉक्टर HBsAg रक्त जांच किया जाता हैं। इस रक्त जांच से पीड़ित को Hepatitis B है या नहीं यह पता चलता है और अगर है तो यह संक्रमण ताजा है तो IgM Positive आता है और अगर लंबे समय से संक्रमण है तो IgG Positive आता है।   
  • Liver Biopsy: अगर डॉक्टर को Hepatitis B के कारण लिवर ख़राब होने की आशंका होती है तो लिवर की स्तिथि जानने के लिए लिवर biopsy की जाती हैं। 
  • HBeAg : Hepatitis B की तीव्रता जांचने के लिए यह जांच की जाती हैं। 
  • Liver Function Test: Hepatitis B के कारण लिवर पर क्या असर हुआ है यह जानने के लिए यह जांच की जाती हैं। इस जाँच में SGPT या Serum Bilirubin आदि Liver के enzyme का प्रमाण पता चलता है। पढ़े: लिवर फंक्शन टेस्ट की पूरी जानकारी
  • Ultrasound Scan: Hepatitis B के कारण लिवर की स्तिथि कैसी है यह जानने के लिए डॉक्टर पेट की सोनोग्राफी करने की सलाह देते हैं। 
  • Polymerase Chain Reaction (PCR) Test: Hepatitis B के वायरस का रक्त में Viral load जानने के लिए और उपचार निर्धारित करने के लिए यह जांच की जाती हैं। 

Hepatitis B का निदान हो जाने पर इस वायरल संक्रामक रोग से लिवर को बचाने के लिए और अपने कारण यह रोग किसी ओर को न फैले यह सावधानी बरतना जरुरी हैं। 

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हेपेटाइटिस बी का ईलाज कैसे किया जाता हैं? (Hepatitis B treatment in Hindi)

Hepatitis B का उपचार, Hepatitis B की तीव्रता और संक्रमण के समय अवधि अनुसार किया जाता हैं। Hepatitis B से पीड़ित ज्यादातर रोगी पहले 2 से 3 महीने में ठीक हो जाते है और कम मरीजों में जीर्ण (Chronic) Hepatitis B होता हैं। 

Hepatitis B के उपचार की जानकारी निचे दी गयी हैं :

तीव्र (Acute) Hepatitis B का ईलाज  

  • Hepatitis B का संक्रमण होने पर जल्द उपचार लेना जरुरी होता हैं। 
  • संक्रमित सुई से संपर्क होने पर पहले 7 दिन के भीतर और संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध रखने पर पहले 2 हफ्तों के अंदर उपचार लेना चाहिए। 
  • अगर आपने पहले Hepatitis B वैक्सीन नहीं ली है तो तीव्र संक्रमण होने पर Hepatitis B Immunoglobulin का एक डोस और Hepatitis B वैक्सीन के अनुसूची (schedule) अनुसार 3 डोस लेना चाहिए। 
  • डॉक्टर आवश्यकता अनुसार रोगी के लक्षण देखकर तीव्र Hepatitis B में एंटीबायोटिक्स, दर्द नाशक दवा, लिवर प्रोटेक्टिव दवा (लिवर टॉनिक) और विटामिन दे सकते हैं। 

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जीर्ण (Chronic) Hepatitis B का ईलाज

दीर्घकालिक (क्रोनिक) हेपेटाइटिस बी के लिए, कई दवाएं उपलब्ध हैं जो वायरस को दबाने और लिवर को नुकसान से बचाने में मदद कर सकती हैं। इन दवाओं में शामिल हैं:

  • एन्टीवायरल दवाएं: ये दवाएं वायरस के प्रजनन को धीमा या रोककर काम करती हैं। सामान्य एंटीवायरल दवाओं में एन्टेकैविर (बारटेक्लाव), लेमिवुडाइन (ज़ेफिर), और टेनावोफिर (विरेड) शामिल हैं।
  • पीईजी इंटरफेरॉन: यह एक इंजेक्शन दवा है जो पइम्युनिटी को वायरस से लड़ने में मदद करती है। यह आमतौर पर केवल उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है जिनके पास गंभीर लिवर रोग होता है या जो अन्य एंटीवायरल दवाओं से फायदा नहीं होता हैं।
  • जीर्ण Hepatitis B में लिवर निष्क्रिय (Liver failure / Fulminant Hepatitis) होनेपर पीड़ित को बचाने के लिए Liver Transplant किया जाता हैं। Hepatitis B का निदान होने पर रोगी ने Hepatitis B रोग के विशेषज्ञ Hepatologist को एक बार अवश्य दिखाना चाहिए।  

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हेपेटाइटिस बी में क्या सावधानी बरते? (Hepatitis B precautions in Hindi)

Hepatitis B यह लिवर का रोग होने के कारण, Hepatitis B का निदान होने पर आहार और दवा लेते समय कुछ सावधानिया बरतना जरुरी हैं। जैसे की :

  • ज्यादा तेल और मसाले युक्त आहार नहीं लेना चाहिए। 
  • कमजोरी महसूस होने पर पूरा आराम करे। 
  • दिन भर में कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पीना चाहिए। 
  • पिने के लिए हमेशा शुद्ध पानी का इस्तेमाल करे। पिने के लिए मिनरल वॉटर या उबाल कर ठन्डे किये हुए पानी का उपयोग करे। 
  • शराब और धूम्रपान का सेवन न करे। 
  • कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए। 
  • आहार में कम वसा / FAT युक्त और अधिक प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए। 

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हेपेटाइटिस बी से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए? (Hepatitis B prevention in Hindi)

Hepatitis B से बचने के लिए नीचे बताये हुए एहतियात बरतने चाहिए :

  • सुरक्षित यौन संबंध : अपरिचित व्यक्तिओ के साथ यौन संबंध न रखे। व्यक्ति के स्वास्थ्य की जानकारी न होने पर यौन संबंध करते समय कंडोम का इस्तेमाल करे। 
  • निर्जंतुक सुई : अस्पताल में हमेशा निर्जंतुक सुई या ब्लेड का इस्तेमाल करे। सलून में शेविंग या बाल कटाते समय हमेशा नयी ब्लेड  इस्तेमाल करने का आग्रह करे। Tattoo कराते समय या कान छिदवाते समय निर्जंतुक सुई का इस्तेमाल हो रहा है इसका ध्यान रखे। अपने शेविंग ब्लेड या टूथ ब्रश किसी भी व्यक्ति के साथ शेयर न करे। 
  • Hepatitis B vaccine : बच्चों को जन्म के समय पहला डोस, 1 महीने पर दूसरा डोस और 6 महीने में तीसरा डोस देकर Hepatitis B से सुरक्षा दे सकते हैं। Combination वैक्सीन इस्तेमाल करने पर या जरुरत पड़ने पर 4 booster डोस दे सकते हैं। 18 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों ने यह वैक्सीन जरूर लगाना चाहिए। यह वैक्सीन लगाने पर अगले 20 वर्षो तक Hepatitis B होने का खतरा 95% तक कम हो जाता हैं। जिन व्यक्तिओ को Hepatitis B होने का खतरा है उन्होंने भी इस वैक्सीन के 3 डोस डॉक्टर की सलाहनुसार लगाने चाहिए।
  • यदि आप गर्भवती हैं और आपको हेपेटाइटिस बी है, तो अपने डॉक्टर से बात करें: यदि आप गर्भवती हैं और आपको हेपेटाइटिस बी है, तो अपने डॉक्टर से बात करें कि आपके बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। 

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हेपेटाइटिस बी से पीड़ित व्यक्ति ने औरों को हेपेटाइटिस बी नहीं फैले इसलिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

अगर आपको पता है की आपको Hepatitis B है तो अन्य व्यक्तिओ को इस बीमारी की लागत न हो इसलिए आपने निचे दी हुई सावधानी बरतनी चाहिए :

  • अपने परिवार को इस बात की जानकारी दे की आपको Hepatitis B हैं। 
  • रक्तदान (Blood Donation) न करे। 
  • शरीर का कोई भी अवयव दान (Organ Transplant) न करे। 
  • जब तक आपके डॉक्टर यह न कहे की आपके कारण अब किसी को Hepatitis B नहीं फ़ैल सकता है तब तक यौन संबंध रखते समय हमेशा कंडोम का उपयोग करे। 
  • अपना व्यक्तिगत सामान जैसे की ब्लेड, टूथब्रश, टॉवल, नेल कटर इत्यादि किसी के साथ शेयर न करे। 
  • अपने डॉक्टर और डेंटिस्ट को जांच कराते समय अपने Hepatitis B होने की जानकारी अवश्य दे। 
  • अगर आपको Hepatitis B है तो गर्भावस्था के दौरान इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दे। प्रसव के बाद ध्यान दे की आपके शिशु को पहले 12 घंटो में Hepatitis B Immunoglobulin और Hepatitis B वैक्सीन का प्रथम डोस दिया गया हैं। 
  • आपके रक्त से युक्त कपडे या टिश्यू को जला दे या उन्हें ठीक से पैक कर Bio medical waste को सौप दे। 

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हेपेटाइटिस बी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? (Hepatitis B diet in Hindi)

हेपेटाइटिस बी में क्या खाना चाहिए

  • फल और सब्जियां: ताजे फल और सब्जियां विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होते हैं जो आपके लीवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, ब्रोकली, संतरे, केले और खरबूजे जैसे खाद्य पदार्थों को हेपेटाइटिस बी में प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • साबुत अनाज: साबुत अनाज, जैसे ओट्स, ब्राउन राइस और क्विनोआ, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत हैं जो आपके पाचन को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  • प्रोटीन: प्रोटीन, जैसे मछली, चिकन, बीन्स और दालें, आपके शरीर को मरम्मत और ऊर्जा प्रदान करने के लिए आवश्यक हैं।
  • स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा, जैसे जैतून का तेल, नट्स और बीज, आपके लीवर के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  • पानी भरपूर मात्रा में पिएं: पानी आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।

हेपेटाइटिस बी में क्या नहीं खाना चाहिए

  • अल्कोहल: अल्कोहल लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है और हेपेटाइटिस बी को बदतर बना सकता है। यदि आपको हेपेटाइटिस बी है, तो आपको पूरी तरह से शराब से बचना चाहिए।
  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों या processed food में अक्सर वसा, चीनी और सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो आपके लीवर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • तले हुए खाद्य पदार्थ: तले हुए खाद्य पदार्थों जैसे तली हुई पूरी, समोसा, कचोरी आदि में वसा और कैलोरी अधिक होती है, जो आपके लीवर पर दबाव डाल सकते हैं।
  • लाल मांस: लाल मांस में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जो आपके लीवर के लिए हानिकारक हो सकती है।
  • कोल्ड ड्रिंक: चीनी युक्त पेय, जैसे सोडा और जूस, में कैलोरी और चीनी की मात्रा अधिक होती है, जो आपके वजन को बढ़ा सकती है और आपके लीवर पर दबाव डाल सकती है।
  • कॉफी सीमित करें: अत्यधिक कॉफी सेवन आपके लीवर पर दबाव डाल सकता है। यदि आप कॉफी पीते हैं, तो दिन में 1-2 कप से अधिक न लें।
  • नमक कम खाएं: बहुत अधिक नमक खाने से लीवर में सूजन हो सकती है। अपने आहार में नमक का सेवन कम करने का प्रयास करें।

हेपेटाइटिस बी में कौन सा योग करे?

हेपेटाइटिस बी में शलभासन, पद्मासन, वीर भद्रासन, हलासन और अनुलोम विलोम प्राणायाम उपयोगी हैं।

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