अंगदान (Organ donation) क्या हैं ?

आपने यह joke तो अपने मोबाइल में Whatsapp पर पढ़ा ही होगा की ” अगर मृत्यु के बाद भी आप Whatsapp देखना चाहते है तो अपनी आँखे जरूर दान (donate) करें। ” यह एक जोक जरूर है पर इसमें सच्चाई भी पूरी हैं। जीते जी तो हम दूसरों की मदद करना चाहते है पर कभी कबार संसाधनों की कमी के वजह से हम नहीं कर पाते है। अंगदान कर हम अपनी यह औरों को मदद करने की इच्छा पूरी कर सकते हैं।क्या आप जानते है की मृत्यु के बाद अंगदान से एक व्यक्ति 6 लोगों को जीवनदान दे सकता हैं। जीते जी भी आप किडनी, पैंक्रियास और लिवर का कुछ हिस्सा भी donate कर किसी की जान बचा सकते हैं।

भारत में हर वर्ष लाखों लोग organ donor की संख्या कम होने के कारण donor के इंतजार में मर जाते हैं। अगर भारत के केवल 10 % लोग ही अंगदान करने की ठान ले तो अंग के अभाव में हो रही मृत्यु को रोका जा सकता हैं।

भारत में अंगदाता की संख्या कम होने का सबसे बड़ा कारण है अंगदान की जानकारी की कमी और इस विषय में फैली गलत जानकारी। आज के इस विशेष लेख में हम आपको अंगदान से जुडी जानकारी विस्तार में देने जा रहे हैं। लेख थोड़ा बड़ा है पर आपसे विनंती है की लेख पूरा पढ़े और पढ़ने के बाद इसे शेयर जरूर करे ताकि किसी जरूरतमन्द को आपके एक शेयर के कारण अंगदाता मिलकर उसकी जान बच सकती हैं।

अंगदान क्या हैं ? Whats is Organ Donation in Hindi ?

अंगदान का मतलब है किसी मृत या सजीव व्यक्ति के शरीर से स्वस्थ अंग (Organ) निकालकर किसी दूसरे व्यक्ति को जो की बीमारी के अंतिम चरण में अंग प्रत्यारोपण (Organ transplant) की जरुरत होने पर एक अंग का दान (donation) देना हैं।

भारत में हर साल लगभग 2 लाख लोगों को किडनी की जरुरत होती है पर सिर्फ 6 हजार लोगों को ही किडनी दाता मिलते हैं। इसी तरह हर वर्ष ३ हजार लिवर, 50 हजार ह्रदय और 30 हजार लिवर की जरुरत होती है पर मिलते है सिर्फ 1500 लिवर, 15 ह्रदय और 2 हजार लिवर।

किन-किन अंगों का दान किया जा सकता हैं ?

आप निचे दिए हुए अंगों का दान कर सकते हैं :

  1. आँखे – २
  2. किडनी – २
  3. ह्रदय (Heart)
  4. यकृत (Liver)
  5. अग्नाशय (Pancreas)
  6. फेफड़े (Lungs)
  7. त्वचा (Skin)
  8. छोटी आंत (Intestine)
  9. हड्डियां (Bones)
  10. हार्ट वाल्व
  11. हात (Hand)

ज्यादातर अंगों का दान इंसान की मृत्यु के बाद ही किया जा सकता हैं पर एक किडनी, लिवर और फेफड़े का कुछ हिंसा हम जिन्दा रहते हुए भी किसी व्यक्ति को दान कर सकते हैं। बाकि सभी अंगों का दान हम मृत्यु पश्च्यात ही कर सकते हैं। आँखों का दान किसी भी प्रकार की मृत्यु में किया जा सकता हैं पर बाकि अंगों का दान तब ही किया जा सकता है जब व्यक्ति Brain Dead होता है मतलब व्यक्ति का दिमाग काम नहीं कर रहा है पर बाकि अंग ठीक से काम कर रहे होते हैं। सामान्यतः सिर को चोट, ब्रेन ट्यूमर, लकवा आदि में व्यक्ति ब्रेन डेड होता हैं।

 

अंगदान कौन कर सकता हैं ?

कोई भी व्यक्ति अंगदान कर सकता हैं, इसका उम्र, लिंग, जात-पात से कोई लेना देना नहीं हैं। नवजात से लेकर 100 वर्ष आयु तक के व्यक्ति अंगदान कर सकते हैं। 18 वर्ष से अधिक वर्ष के जीवित व्यक्ति स्वयं अंगदान कर सकते है पर इससे कम आयु के व्यक्ति को अंगदान का फॉर्म भरने से पहले अपने माता पिता या पालक की इजाजत की आवश्यकता होती हैं।
  • जीवित व्यक्ति अंगदान : जीवित व्यक्ति अंगदान में लिवर और किडनी दान करने के लिए आपके करीबी रिश्तेदार ही अंगदान कर सकते है जैसे की माता, पिता, भाई, बहन, पति, पत्नी, बच्चे, दादा, दादी, नाना, नानी, मौसी, चाचा, ताऊ, पोता, पोती, चचेरे या ममेरे भाई बहन इत्यादि। इसमें आपको यह साबित करना होता है की आप आपसी लगाव के कारण अंगदान कर रहे है और इसमें पैसों का कोई लेना देना नहीं हैं। हॉस्पिटल की अंगदान समिति तय करती है की आप अंगदान कर सकते है या नहीं।
  • मृत व्यक्ति : एक मृत व्यक्ति में निम्नलिखित आयु सिमा के अंदर अंगों और ऊतकों का दान कर सकता हैं :
  1. लिवर और किडनी – 70 वर्ष
  2. ह्रदय और फेफड़े : 50 वर्ष
  3. पैंक्रियास और आंत : 60 से 65 वर्ष
  4. आँखे और त्वचा : 100 वर्ष
  5. ह्रदय की वाल्व : 50 वर्ष
  6. हड्डी : 70 वर्ष

अंगदान कौन नहीं कर सकता हैं ?

कोई भी व्यक्ति जिसे निम्नलिखित रोग हुए है वह अंगदान नहीं कर सकता, जैसे की :
  1. Hepatitis B
  2. Hepatitis C
  3. AIDS
  4. Cancer
  5. Syphilis
  6. Rabies
  7. Typhoid

अंगदान कैसे किया जाता हैं ?

जिस व्यक्ति की मृत्यु Brain Dead होने की वजह से हुई है उसे डॉक्टर कृत्रिम श्वास मशीन (Ventilator) पर रखते हैं और EEG Test कर यह पृष्टि करते है की वह व्यक्ति Brain Dead हैं। एक ब्रेन डेड व्यक्ति अपने सभी अंगदान कर सकता है इसलिए डॉक्टर उस व्यक्ति के रिश्तेदारों की अनुमति लेते है और क़ानूनी प्रक्रिया जल्द समाप्त कर ब्रेन डेड व्यक्ति के शरीर के अंगदान के लायक अंग को जल्द निकाल देते हैं और उन जरूरतमंद रोगियों को रक्त जांच कर प्रत्यारोपित करते है जो पहले से waiting list में होते हैं।

अंगदान में समय का क्या महत्त्व हैं ?

अंगदान में समय का बड़ा महत्त्व हैं। अंगदाता के मृत्यु के पश्च्यात जितने जल्दी हो सके उतने जल्दी अंग निकालकर अंग प्रत्यारोपित करना चाहिए। ज्यादा समय लगने पर अंग के काम करने की संभावना कम हो जाती हैं। अंगदाता के मृत्यु के पश्च्यात 6 से 12 घंटे के अंदर अंग प्रत्यारोपण अच्छा होता हैं। हर अंग को ट्रांसप्लांट किये जाने की एक time limit तय की गयी है जैसे की लिवर को 6 घंटे, किडनी को 12 घंटे, फेफड़े और हार्ट 4 घंटे, पैंक्रियास 6 घंटे और आँखे 3 दिन के अंदर transplant किये जाने चाहिए।

अवश्य पढ़े – रक्त दान / ब्लड डोनेशन की सम्पूर्ण जानकारी

अंगदाता कैसे बन सकते हैं ?

अगर आप अपने अंग मृत्यु पश्च्यात दान करना चाहते है तो जीते जी इसकी प्रतिज्ञा लेकर अंगदाता बन सकते हैं। अंगदाता बनने के लिए आप notto.gov.in इस वेबसाइट पर जाकर sign in कर organ donation form भर कर अंगदान की शपथ ले सकते हैं। अंगदाता की शपथ लेने पर आपको दाता कार्ड दिया जाता है जिसमे अंगदान की जानकारी होती हैं। आप चाहे तो 1800114770 इस toll free नंबर पर फोन कर अंगदान से जुडी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी धर्म का व्यक्ति अंगदान कर सकता हैं। अगर आप अंगदान की प्रतिज्ञा लेते है तो इसकी जानकारी अपने घरवालों को अवश्य दे क्योंकि आपके मृत्यु के पश्च्यात अगर घर वाले इसकी मंजूरी देते है तब ही अंगदान संभव होता हैं।

क्या हम यह पता कर सकते है की किस व्यक्ति को किस व्यक्ति का Organ donation किया गया हैं ?

जी नहीं ! किस व्यक्ति को किस व्यक्ति का Organ donation किया गया हैं यह पूरी तरह से गुप्त रखा जाता हैं। डॉक्टर और Organ donation department इसकी जानकारी न तो अंगदाता के घरवालों को देते है न ही जिसे अंग दिया है उस मरीज को देते हैं।

जरूर पढ़े – Eye donation / नेत्रदान से जुड़ी सारी जानकारी हिंदी भाषा में

भारत में अंगदान का प्रमाण क्यों कम हैं ?

भारत देश में organ donation का प्रमाण कम होने की प्रमुख वजह है अंगदान सम्बन्धी जागरूकता में कमी और अंगदान से जुड़े भ्रम। अंगदान से जुड़े कुछ भ्र्म इस प्रकार हैं :

  1. अंगदान करने से मृत शरीर के टुकड़े किये जाते हैं ! – कई लोग सोचते है की उनके रिश्तेदार का अंगदान किये जाने से शरीर को कई तरह से काटा जायेगा जिससे शरीर विक्षिप्त हो जायेगा। अंगदान करने के लिए शरीर में केवल एक ही बड़ा चीरा दिया जाता है जिसे अंग निकालने के बाद टाँके देकर सिया जाता हैं। आँखे निकालने के लिए केवल कॉर्निया निकाला जाता है और आँखे जैसी थी वैसी ही रहती हैं। अंगदाता का शरीर किसी को नवजीवन दे रहा होता है इसलिए उसे सम्मान के साथ रखा जाता हैं।
  2. आँखे दान करने से अगले जन्म में हम अंधे पैदा होते हैं ! – यह बिलकुल गलत हैं। आप अगले जन्म में क्या और कैसे पैदा होंगे इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता हैं। ऐसे भी मृत्यु के पश्चायत शरीर को जलाने या मिट्टी में दफ़नाने से आँखे नष्ट ही हो जाती है इसलिए इस बात में कोई तथ्य नहीं हैं। अगर आप किसी जरूरतमंद को आँखे दान करते है तो उसकी जिंदगी में फिर से रौशनी आ सकती है और उसकी दुआ से आपको अगले जन्म में लाभ होगा यह तय हैं।
  3. Organ transplant के लिए अंग खरीदने पड़ते हैं ! – भारत में अंग खरीदना या बेचना एक गंभीर गुन्हा हैं। आपको केवल ऑपरेशन का खर्चा करना पड़ता है और organ के लिए कोई पैसा नहीं देना होता हैं।

मित्रों, यह थी अंगदान से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी जो हर किसी को पता होना बेहद आवश्यक हैं। कई देशों में brain death होने पर अंगदान अनिवार्य किया गया हैं। अंगदान करने से आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति या छोटे बच्चे की जिंदगी बचा सकते हैं। मेरी आपसे विनंती है की आप सभी अंगदान की प्रतिज्ञा जरूर ले और अपने मित्र परिवार को भी इसके लिए प्रोत्साहित करे।

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