बड़ी बीमारी से बचना है तो यह 10 जांच जरूर कराए

कई बार हम सुनते हैं कि कोई व्यक्ति आराम से बैठा था और अचानक हार्ट अटैक के कारण उसकी मृत्यु हो गई। कैंसर से लेकर ह्रदय रोग तक और डायबिटीज से लेकर स्ट्रोक तक बीमारिया शरीर में अचानक नहीं आती है। जब हमें पता चलता है उससे काफी पहले यह हमें अपने चंगुल में जकड़ चुकी होती है। समय रहते हम इनके खतरे से आगाह हो जाए तो उनके गुलाम होने से बच सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह से समय-समय पर जरूरी जांच करवाते रहे तो इनका काफी पहले से पता लगाया जा सकता है। रोग का पता हमें जितनी जल्दी पता चलता है उसे ठीक कारन और उसके दुष्परिणाम होने से रोकना उतना ही आसान हो जाता हैं। 40 वर्ष की आयु के पश्च्यात हमें कैंसर, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, स्ट्रोक, मोतियाबिंद जैसे रोग होने की आशंका अधिक होती हैं।

आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे महत्वपूर्ण जांच की जानकारी देने जा रहे हैं जिनसे हम आगे होने वाली बीमारियों का पहले से पता कर सकते हैं।

बड़ी बीमारी से बचना है तो यह 10 जांच जरूर कराए

१. मैमोग्राम जांच / Mammogram in Hindi

मैमोग्राम स्तन का एक्सरे हैं जिसमें स्तन में मौजूद किसी भी अवांछित संरचना का पता चल जाता है। 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को हर 2 साल के अंतर पर यह टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। स्तन में किसी प्रकार की गांठ या ब्रेस्ट कैंसर का संदेह हो तो इस जांच से इसका पता चल जाता है। समय पर रोग का पता चल जाए तो इलाज करके बीमारी से आजादी पाई जा सकती है और कैंसर को अन्य जगह पर फैलने से रोका जा सकता है।

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२. आँखों की जांच / Eye check up in Hindi

बढ़ती उम्र के लोगों में आंखों में हाई ब्लड प्रेशर के कारण मोतियाबिंद की शिकायत आम बात है। इससे नर्व फाइबर्स क्षतिग्रस्त होकर दृष्टिहीन ता की स्थिति भी आ सकती है। समय पर ग्लूकोमा स्क्रीनिंग करवाकर इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है और आंखों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। फैमिली हिस्ट्री हो तो 25 साल की उम्र के बाद हर साल ऐसा करवाना फायदेमंद साबित होता है।

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३. पैप स्मीयर / Pap Smear in Hindi

सर्वाइकल स्मीयर टेस्ट से उन असामान्य चीजों का पता चल जाता है जिन का इलाज ना करवाए जाए तो गर्भाशय का कैंसर हो सकता है। इसमें वजाइना में स्पैकुलम नामक डिवाइस से जांच की जाती है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। यह टेस्ट सस्ता होने के साथ भरोसेमंद भी है। हर विवाहित महिला को यह साल 2 साल में एक बार करवाते रहना चाहिए।

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४. पीएसए ब्लड टेस्ट / PSA test in Hindi

इस जांच में PSA का मतलब होता हैं Prostate Specific Antigen पीएसए के उच्च स्तर का पता इस जांच से लगाया जा सकता है जो प्रोस्टेट कैंसर का संकेतक हो सकता है। अगर रिपोर्ट में इसकी मात्रा सामान्य से कम है तो आपको प्रोस्टेट का कैंसर नहीं है और अगर मात्रा अधिक है तो इसका मतलब आपको प्रोस्टेट में कैंसर हुआ हैं। 50 वर्ष की अधिक आयु में और प्रोस्टेट में सूजन आने पर यह जांच की जाती हैं।

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५. सोनोग्राफी / Sonography in Hindi

पेट की सोनोग्राफी से पेट में छिपी कई बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर और पेट की बीमारियों के मामले जिस कदर बढ़ रहे हैं उनके मद्देनजर 50 साल या उससे अधिक उम्र के हर व्यक्ति को साल में एक बार यह टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। महिलाओं को भी पेट की सोनोग्राफी करवा लेनी चाहिए।

६. स्ट्रेस टेस्ट / Stress test in Hindi

Stress test को Tread Mill Test भी कहा जाता हैं। इससे पता चलता है कि आपका हार्ड और ब्लड वेसल्स कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। इस जांच में आपको ट्रेडमिल मशीन पर चलना होता है और आपका ECG कंप्यूटर में रिकॉर्ड होते रहता हैं। ह्रदय पर दबाव आने पर ह्र्दय की स्तिथि कैसी रहती है यह इस जांच से पता चलता हैं। आजकल हार्ट डिसीज 30 साल की उम्र से ही हावी होने लगी है यह टेस्ट हर साल या 2 साल में एक बार जरूर करवाना चाहिए।

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७. ब्लड शुगर जांच / Blood Sugar Test

भारत में डायबिटीज में दुनिया में नंबर एक बन चूका हैं। किसी भी व्यक्ति को किसी भी आयु में डायबिटीज हो सकता हैं। अगर आपको वजन कम होना, कमजोरी, चक्कर आना, ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, ज्यादा पेशाब लगना, आँखों की रौशनी कम होना आदि लक्षण दिखाई दे रहे है तो आपने अपनी ब्लड शुगर जांच अवश्य कराना चाहिए। कभी भी ब्लड शुगर जांच कराने की जगह सुबह खाली पेट, दोपहर को खाने के 2 घंटे बाद ब्लड शुगर टेस्ट और HBA1C जांच कराना सही रहता हैं।

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८. सीरम क्रिएटिनिन / Serum Creatinine test

रक्त की इस जांच में गुर्दे की बीमारी का पता लगाया जा सकता है .इससे पता चल जाता है कि आपकी किडनी सही तरीके से काम कर रही हैं या नहीं। समय पर किसी प्रकार की समस्या का पता चल जाए तो इसे तुरंत कंट्रोल किया जा सकता है। जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री हो या दर्द नाशक दवाई लेते हो उन्हें 35 साल की उम्र के बाद यह जांच हर साल जरूर करवानी चाहिए।

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९. सर का सीटी स्कैन / CT Brain in Hindi

मस्तिष्क में किसी प्रकार की गांठ हो घाव हो ट्यूमर हो या हेमरेज हो तो सीटी स्कैन से उसका तुरंत पता लगाया जा सकता है। कभी कभी सिर में दर्द, आंखों के आगे अचानक अंधेरा आना, बार-बार सिर चकराना और किसी वजह का पता ना लगना आदि लक्षण हो तो सीटी स्कैन जरूर करवा लेना चाहिए। इससे किसी बड़ी बीमारी का समय पर पता लगाया जाए तो सही इलाज हो सकता है। सीटी स्कैन के अलावा आप एम आर आई स्कैन भी कर सकते हैं। यह अधिक खर्चीला होता हैं।

१०. बोन डेंसिटी चेक / Bone Density Test in Hindi

कूल्हे, कलाइयां और मेरुदंड की हड्डियों को घनत्व की जांच आपको ऑस्टियोपोरोसिस जैसी तकलीफ देह बीमारी से आगाह कर सकती है। अगर आपकी हड्डियों का घनत्व कम है तो सचेत होने की आवश्यकता है। अस्थि रोग विशेषज्ञ की सलाह के मुताबिक दवाई लेनी चाहिए। 45 साल की उम्र के बाद यह टेस्ट हर 2 साल में करवाते रहना चाहिए। महिलाओं में डिलीवरी के बाद और मासिक बंद होने के बाद कैल्शियम और विटामिन डी की अधिक कमी हो जाती है इसलिए महिलाओं को विशेष तौर पर इसका ध्यान देना चाहिए।

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अगर आप स्वस्थ रहना चाहते है और आगे आनेवाली किसी बड़ी बीमारी को पहले से ही पहनचान कर उसे बढ़ने से रोकना चाहते है तो 35 वर्ष आयु के पश्च्यात आपने ऊपर बताए हुए १० जांच जरूर करानी चाहिए।

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