लिवर फंक्शन ब्लड टेस्ट (Liver Function Test), एक आपके लिवर से जुड़ा एक रक्त परीक्षण है जो आपके लिवर के कार्य को मापता है। यह परीक्षण आपके डॉक्टर को यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या आपका लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं, और यदि नहीं, तो क्या समस्या हो सकती है। Liver Function Test (LFT) को Liver Profile Test भी कहा जाता हैं।
Liver मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, पाचन में मदद करता है, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को संग्रहीत करता है, और Immunity को मजबूत करता है।
Liver Function Test में ALT, Bilirubin, SGPT, SGOT, ALP और HBsAg जैसे अनेक परिक्षण किये जाते हैं। इस जांच से लिवर में कोई खराबी है या नहीं, अगर कोई खराबी है तो कितनी और क्यों है इसकी जानकारी भी डॉक्टर को प्राप्त होती है और इलाज करना आसान हो जाता हैं।
Liver Function Test normal Range Chart
जाँच (Test) | सामान्य स्तर (Normal Range) |
Total Bilirubin | 0 – 1 mg/dl |
Conjugated (Direct) Bilirubin | 0 – 0.35 mg/dl |
Unconjugated (Indirect Bilirubin) | 0.2 – 0.65 mg/dl |
SGOT (AST) | 0 – 40 IU/L |
SGPT (ALT) | 0 – 40 IU/L |
Alkaline Phosphatase (ALP) | 40 – 112 u/l |
Total Protein | 6 – 8.5 gm/dl |
Albumin | 3.5 – 5 gm/dl |
Globulin | 2 – 3.5 gm/dl |
GGT | 0 – 25 U/L |
Note: Liver Function Test के सामान्य स्तर अलग अलग मशीन मे अलग हो सकते है इसके लिए आपके रिपोर्ट मे दिए गए Reference levels को जरूर देखे।
Liver Function Test जांच मे कितना खर्च आता हैं?
Liver Function Test मे आपको 500 रुपए से लेकर 800 रुपए तक खर्च आ सकता हैं।
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Liver Function Test कब किया जाता हैं?
लिवर फंक्शन टेस्ट (एलएफटी) एक रक्त परीक्षण है जो आपके लिवर का स्वास्थ्य कैसा है यह तय करने में मदद करता है। यह आपके रक्त में प्रोटीन या लिवर एंजाइम के स्तर का पता लगाकर लिवर के सूजन या किसी अन्य क्षति की पहचान करने में मदद करता है।
एलएफटी जांच निम्नलिखित समय किया जाता हैं:
- लिवर रोग के लक्षणों के लिए स्क्रीनिंग के लिए, जैसे थकान, पीलिया, भूख न लगना, या पेट में दर्द।
- लिवर रोग के निदान या स्तिथि के आकलन के लिए, जैसे कि हेपेटाइटिस, अल्कोहल से संबंधित यकृत रोग, या फैटी लीवर रोग इत्यादि।
- कुछ दवाओं या उपचारों की शुरुआत या बंद करने से पहले या बाद में, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सर्जरी से पहले, जो लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है। टीबी की दवा देने के बाद लिवर एन्ज़ाइम की जांच की जाती है और रिपोर्ट सामान्य होने पर ही टीबी की दवा कायम रखी जाती है क्योंकी टीबी की कुछ दवाओं से लिवर को क्षति पहुच सकती हैं।
Liver Function Test क्यों किया जाता हैं?
एलएफटी निम्नलिखित स्थितियों का निदान या निगरानी करने में मदद कर सकता है:
- हेपेटाइटिस, एक वायरस या संक्रमण जो लिवर को नुकसान पहुंचाता है।
- अल्कोहल से संबंधित लिवर रोग, जो शराब के अधिक सेवन से होता है।
- फैटी लीवर रोग, एक स्थिति जिसमें लिवर में वसा (Fat) जमा हो जाता है। पढे: फैटी लिवर के कारण, लक्षण और उपचार
- Psoriasis जैसे त्वचा रोग मे लंबे समय तक दवा लेने से लिवर खराब होने का खतरा रहता हैं।
- कुछ दवाओं या उपचारों से होने वाले लिवर के नुकसान का आकलन करने के लिए।
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Liver Function Test मे बिलिरूबिन (Bilirubin) जांच से क्या पता चलता हैं?
रक्त मे लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर Bilirubin बनता है। इस Bilirubin को Liver एक प्रकार के पित्त (Bile) मे बदलता हैं जो आहार पचाने का काम करता हैं। यह पित्त छोटी आंत (Small Intestine) मे खाना पचाने मे मदद करता हैं। यह Bilirubin दो तरह का होता हैं Conjugated (Direct) Bilirubin और Unconjugated (Indirect) Bilirubin
Conjugated (Direct) Bilirubin और Unconjugated (Indirect) Bilirubin क्या हैं?
- Conjugated or Direct Bilirubin: यह वह बिलिरुबिन है जो Liver द्वारा संसाधित किया जाता है और पित्त में छोड़ा जाता है। डायरेक्ट बिलिरुबिन का स्तर Liver की कार्यक्षमता के बारे में एक अच्छा संकेतक है।
- Unconjugated or Indirect Bilirubin: यह वह बिलिरुबिन है जिसे Liver द्वारा अभी तक संसाधित नहीं किया गया है। इन्डरेक्ट बिलिरुबिन का स्तर Liver की क्षति या पित्त नलिकाओं में रुकावट का संकेत हो सकता है।
Bilirubin का सामान्य स्तर कितना हैं?
- Total Bilirubin: 0 to 1 mg/dl
- Conjugated or Direct Bilirubin: 0 to 0.35 mg/dl
- Unconjugated or Indirect Bilirubin: 0.2 to 0.65 mg/dl
Bilirubin बढ़ने का क्या कारण होता हैं?
अगर आपके Liver Function Test मे Total Bilirubin बढ़ा हुआ है तो यह दर्शाता है की लिवर (यकृत) को नुकसान पहुच रहा हैं। Total Bilirubin बढ़ने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
- Hepatitis: Virus या किसी अन्य कारण से लिवर मे सूजन या inflammation होना।
- शराब से संबंधित लिवर रोग: शराब के अधिक सेवन से होने वाला लिवर का नुकसान।
- Fatty Liver रोग: एक स्थिति जिसमें Liver पर अतिरिक्त Fat जमा हो जाती है।
- पित्त पथरी या Gall Bladder Stone: पित्ताशय मे पथरी बनने से लिवर को क्षति पहुच सकती हैं।
- पित्ताशय की थैली का कैंसर या Gall Bladder Cancer: पित्ताशय की थैली की एक प्रकार का कैंसर।
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Liver Function Test मे SGOT जांच से क्या पता चलता हैं?
SGOT का पूरा नाम Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase है और इसे AST या Aspartate Aminotransferase नाम से भी जाना जाता हैं। SGOT, यह एक तरह का enzyme है जो Liver, Heart, Kidney और Muscles मे पाया जाता हैं। यह एन्ज़ाइम Protein के टूटने मे मदद करता है और Amino acids के transfer मे मदद करता हैं।
SGOT का सामान्य स्तर कितना होता हैं?
SGOT का सामान्य स्तर 0 to 40 IU/L होता हैं।
SGOT बढ़ने का क्या कारण होता हैं?
SGOT का स्तर सामान्य से अधिक है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके लिवर को नुकसान हो रहा है। SGOT के बढ़े हुए स्तर के कारण हो सकते हैं:
- Liver का स्वास्थ्य: Hepatitis, Cirrhosis, शराब या किसी दवा के दुष्परिणाम से लिवर को क्षति पहुचने पर SGOT बढ़ सकता हैं।
- Heart को क्षति: हृदय के मसल्स को Heart attack या अन्य किसी कारण से क्षति पहुचने पर SGOT की मात्रा बढ़ सकती हैं।
- Muscles को क्षति: SGOT enzyme यह हमारे शरीर मे Skeletal Muscles मे भी पाया जाता है और मसल्स को क्षति या Muscular Dystrophy होने पर भी SGOT का स्तर बढ़ सकता हैं।
SGOT यह एन्ज़ाइम बेहद कम प्रमाण मे Kidney, Pancreas और Lungs मे भी पाया जाता है पर इस रिपोर्ट से उनका निदान होना संभव नहीं हैं।
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Liver Function Test मे SGPT जांच से क्या पता चलता हैं?
SGPT का पूरा नाम Serum Glutamate Pyruvate Transaminase है और इसे ALT या Alanine Aminotransferase नाम से भी जाना जाता हैं। SGPT और SGOT दोनों ही एंजाइम हैं जो Liver में पाए जाते हैं और Protein के टूटने में मदद करते हैं। हालांकि, SGPT को आमतौर पर SGOT से अधिक संवेदनशील माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह Liver की क्षति को जल्दी और अधिक सटीक रूप से पहचान सकता है।
SGPT का सामान्य स्तर कितना होता हैं?
SGPT का सामान्य स्तर 0 to 40 IU/L होता हैं।
SGPT बढ़ने का क्या कारण होता हैं?
SGPT जांच का उपयोग Liver के नुकसान की जांच करने के लिए किया जाता है। यदि SGPT का स्तर सामान्य से अधिक है, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके Liver को नुकसान हो रहा है। SGPT के बढ़े हुए स्तर के कारण हो सकते हैं:
- हेपेटाइटिस (Hepatitis): लिवर में सूजन, जिसे हेपेटाइटिस या हिंदी में पीलिया भी कहा जाता हैं। वायरस या अन्य संक्रमण के कारन लिवर में सूजन आने से, एस जी पी टी बढ़ने लगता हैं।
- अल्कोहल से संबंधित लिवर रोग (Alcoholism): शराब का अधिक सेवन करने से, लिवर की कोशिकाए ख़राब होने लगती है, और लिवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
- फैटी लीवर रोग (Fatty Liver): अधिक वसा युक्त खाने से, मोटापा बढ़ने लगता है और लिवर पर फैट जमा होने लगता है, जिसे फैटी लिवर कहते हैं। फैटी लिवर के कारण भी, लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता हैं, और अपचन, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्या निर्माण हो जाती हैं।
- सिरोसिस (Psoriasis): एक पुरानी स्थिति जिसमें लिवर क्षतिग्रस्त हो जाता है और ठीक नहीं हो पाता है।
- दवा (Medicine):कुछ ऐसी दवा है जैसे की टीबी की दवा, स्टेरॉयड दवा या अधिक समय तक, एंटीबायोटिक दवा लेने से भी, लिवर पर सूजन आने से एस जी पी टी बढ़ने लगता हैं।
अगर आपके रिपोर्ट में लगातार, एस जी पी टी की मात्रा बढ़ रही है तो इसका मतलब है की, लिवर पर क्षति बढ़ रही है, और आपको बेहतर इलाज की जरुरत हैं। इसके विपरीत, अगर आपके रिपोर्ट में एस जी पी टी की मात्रा कम हो रही है, तो इसका मतलब अब लिवर की सूजन कम हो रही है, और आपका इलाज सही दिशा में हैं।
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Liver Function Test मे Alkaline Phosphatase जांच से क्या पता चलता हैं ?
Alkaline Phosphatase (ALP) यह एक enzyme है जो हड्डियों (Bones), लीवर (Liver), पित्त नलिकाओं (Bile duct), और प्लीहा (Spleen) में पाया जाता है। यह enzyme वसा (Fat), प्रोटीन (Protein), और कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) के चयापचय (metabolism) में मदद करता है।
Alkaline Phosphatase (ALP) का सामान्य स्तर: 40 to 112 u/L
Alkaline Phosphatase (ALP) के स्तर में वृद्धि के कारण क्या हैं?
ALP के स्तर में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हड्डी की बीमारी (Bone diseases): ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोमायलाइटिस, बोन ट्यूमर
- लिवर की बीमारी (Liver Diseases): हेपेटाइटिस, सिरोसिस, पित्त नली की रुकावट
- पित्ताशय की थैली की बीमारी (Gall Bladder diseases): पित्ताशय की थैली का कैंसर, पित्ताशय की थैली की सूजन
- प्लीहा की बीमारी (Spleen Diseases): प्लीहा का कैंसर, प्लीहा की सूजन
- गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान ALP का स्तर बढ़ सकता है।
- दवाओं का सेवन (Medicines): कुछ दवाएं, जैसे कि steroids और antibiotics, ALP के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
Alkaline Phosphatase (ALP) के स्तर में कमी के कारण क्या हैं?
ALP के स्तर में कमी के कुछ कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हड्डी की बीमारी (Bone diseases): हड्डी के टूटने (Bone Fracture) के बाद ALP का स्तर कम हो सकता है।
- लिवर की बीमारी (Liver Diseases): गंभीर लीवर की बीमारी में ALP का स्तर कम हो सकता है।
- पित्ताशय की थैली की बीमारी (Gall Bladder diseases): पित्ताशय की थैली के कैंसर या पित्ताशय की थैली की सूजन के बाद ALP का स्तर कम हो सकता है।
- प्लीहा की बीमारी (Spleen Diseases): प्लीहा के कैंसर या प्लीहा की सूजन के बाद ALP का स्तर कम हो सकता है।
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Liver Function Test मे Total Protein जांच से क्या पता चलता हैं ?
लीवर फंक्शन टेस्ट (LFT) में Total Protein जांच से पता चलता है कि आपके रक्त में Protein का स्तर कितना है। Protein एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर को कई कार्यों को करने में मदद करता है, जैसे कि रक्त के थक्के बनना, संक्रमण से लड़ना, और मांसपेशियों को बनाने और मरम्मत करना।
Total Protein जांच में दो प्रकार के प्रोटीन मापे जाते हैं:
- एल्ब्यूमिन (Albumin): यह प्रोटीन रक्त में पानी को जमा होने से रोकता है।
- ग्लोबुलिन (Globulin): यह प्रोटीन संक्रमण से लड़ने और हार्मोन और एंटीबॉडी बनाने में मदद करता है।
Total Protein का सामान्य स्तर कितना हैं?
- Total Protein: 6 – 8.5 gm/dl
- Albumin: 3.5 – 5 gm/dl
- Globulin: 2 – 3.5 gm/dl
Total Protein के स्तर में वृद्धि के क्या कारण हैं?
Total Protein के स्तर में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- गुर्दे की बीमारी (Kidney): गुर्दे की बीमारी में Protein का स्तर बढ़ सकता है।
- पोषण संबंधी समस्याएं (Nutrition): आहार में प्रोटीन की अधिकता से प्रोटीन का स्तर बढ़ सकता है।
- मांसपेशियों की बीमारी (Muscles): मांसपेशियों की बीमारी में प्रोटीन का स्तर बढ़ सकता है।
- दवाओं का सेवन (Medicines): कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड, प्रोटीन के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
Total Protein के स्तर में कमी के क्या कारण हैं?
Total Protein के स्तर में कमी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लिवर की बीमारी (Liver): लीवर की बीमारी में प्रोटीन का स्तर कम हो सकता है।
- गुर्दे की बीमारी (Kidney): गुर्दे की बीमारी में प्रोटीन का स्तर कम हो सकता है।
- पोषण संबंधी समस्याएं (Nutrition): कुपोषण या आहार में प्रोटीन की कमी से प्रोटीन का स्तर कम हो सकता है।
- मांसपेशियों की बीमारी (Muscles): मांसपेशियों की बीमारी में प्रोटीन का स्तर कम हो सकता है।
- दवाओं का सेवन (Medicines): कुछ दवाएं, जैसे कि कुछ कैंसर की दवाएं, प्रोटीन के स्तर को कम कर सकती हैं।
Liver Function Test मे GGT क्या होती हैं?
Liver Function Test मे GGT का मतलब Gamma Glutamyl Transferase होता हैं। यह एक enzyme है जो Liver, Bile duct और Spleen में पाया जाता है। यह enzyme, पित्त (Bile) के निर्माण में मदद करता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
GGT का सामान्य स्तर कितना हैं?
GGT का सामान्य स्तर 0 – 25 U/L हैं।
GGT स्तर बढ़ने के क्या कारण हैं?
GGT स्तर बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- लिवर की बीमारी (Liver): लीवर की बीमारी में GGT का स्तर बढ़ सकता है। लीवर की बीमारी के कुछ कारणों में हेपेटाइटिस, सिरोसिस और पित्त नली की रुकावट शामिल हैं।
- शराब का सेवन (Alcohol): शराब पीने से GGT का स्तर बढ़ सकता है। शराब लीवर को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे GGT एंजाइम का स्तर बढ़ सकता है।
- ड्रग्स का सेवन (Medicine): कुछ दवाएं, जैसे कि स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक्स, GGT के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
- अन्य स्थितियां (Other): GGT का स्तर कुछ अन्य स्थितियों में भी बढ़ सकता है, जैसे कि पुरानी किडनी की बीमारी, हड्डी की बीमारी, और थायराइड की समस्याएं।
यदि आपके GGT स्तर बढ़ गए हैं, तो डॉक्टर आपको इसका कारण पता लगाने के लिए अन्य जांच करने ई सलाह दे सकते हैं।
Liver Function Test से जुड़े आपके सवालों के जवाब
क्या Liver Function Test खाली पेट करना होता हैं?
हाँ, Liver Function Test खाली पेट करना बेहतर होता है। आमतौर पर, इस परीक्षण के लिए 8 से 12 घंटे तक खाली पेट (उपवास करना) रहना आवश्यक होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भोजन से प्राप्त पोषक तत्व Liver के एंजाइमों के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे परीक्षण के परिणाम गलत हो सकते हैं।
Liver Function Test कैसे की जाती हैं?
Liver Function Test में आपके ऊपरी बाह पर कोहनी से थोड़ा ऊपर एक टाइट पट्टी या tourniquet बांधा जाता हैं जिससे हात की नसे अच्छे से फूल जाए और लैब टेक्निशन को खून का सैम्पल लेने मे आसानी होती हैं।
लैब टेक्निशन पहले स्पिरिट से जहां से खून का नमूना लेना है उस जगह को साफ करते है और Sterile Syringe का उपयोग कर 3 से 4 ml ब्लड सैम्पल निकालते है और बाद मे यह सैम्पल को Plain bulb मे रखा जाता हैं। Laboratory मे इस खून के नमूने की मशीन मे जांच की जाती हैं। जहां से सुई से खून निकाला गया हैं वहाँ रुई रखकर थोड़ी देर दबा कर रखे और बाद मे उस जगह पर टेप चिपका दिया जाता हैं।
लिवर फंक्शन टेस्ट के साथ कोई जोखिम जुड़े होते हैं क्या?
लिवर फंक्शन टेस्ट एक सामान्य जांच हैं। कुछ व्यक्तियों को रक्त सैंपल लिए जाने के स्थान पर सुई के कारण हल्का दर्द या नीला पड़ सकता है जो थोड़े समय मे ठीक हो जाता हैं।
लिवर फंक्शन टेस्ट कितने बार कराया जाना चाहिए?
लिवर फंक्शन टेस्ट कितने बार कराया जाना चाहिए इसका निर्णय आपके डॉक्टर ले सकते हैं। लिवर मे खराबी का निदान और उपचार के बाद लिवर की स्तिथि का आकलन हेतु डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए यह जांच कराने की सलाह दे सकते हैं।
क्या जीवनशैली चयन लिवर फंक्शन टेस्ट परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं?
हां, शराब का सेवन, अधिक दवाओं का उपयोग, और स्वस्थ आहार जैसे कारक लिवर फंक्शन टेस्ट परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। आप अपने डॉक्टर से मिलकर उचित आहार विहार से जुड़ी सलाह लेकर अपने रिपोर्ट को नियंत्रित कर सकते हैं।
एस जी पी टी बढ़ने पर क्या करे?
एस जी पी टी बढ़ने पर, आपको अपने मन से कोई दवा नहीं लेना चाहिए। आपको डॉक्टर से मिलकर ही दवा लेनी चाहिए। आपको अपने आहार में अधिक फैट युक्त, तला हुआ, फ़ास्ट फ़ूड और तीखा खाना नहीं खाना चाहिए। घर पर बना हुआ, स्वादिष्ट और समतोल आहार लेना चाहिए। अधिक मात्रा में फल और फ्रूट जूस पीना चाहिए। आपको शराब और धूम्रपान बिलकुल नहीं करना चाहिए।
अगर आपके Liver Function Test के report असामान्य है तो अपने डॉक्टर से जरूर जांच कराए और उनकी सलाह का पालन अवश्य करे।
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References:
- Wikipedia – Liver Function Tests
- ACG Clinical Guideline: Evaluation of Abnormal Liver Chemistries
- National Library of Medicine: A review on laboratory liver function tests
मेरा नाम है डॉ पारितोष त्रिवेदी और मै सिलवासा, दादरा नगर हवेली से हूँ । मैं 2008 से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा हु और 2013 से इस वेबसाईट पर और हमारे हिन्दी Youtube चैनल पर स्वास्थ्य से जुड़ी हर जानकारी सरल हिन्दी भाषा मे लिख रहा हूँ ।