पीलिया का कारण, लक्षण और उपचार | Hepatitis in Hindi

HEPATITIS symptoms treatment hindi

Hepatitis एक Viral रोग है जिसे सामान्य भाषा में पीलिया या Jaundice भी कहा जाता है। Hepatitis यह एक बीमारी है तो Jaundice उसका एक लक्षण मात्र है । Liver का यह एक खतरनाक रोग है जिससे भारत में हर वर्ष हज़ारों लोगों कि मृत्यु हो जाती है। Hepatitis के प्रति लोगों कि अज्ञानता और इसके side effects को समझने कि हमारी विफलता के कारण यह रोग हर साल दुनिया भर में लाखो लोगो को अपना शिकार बना रहा है।

कई लोग पीलिया की समस्या का उपचार करने के लिए केवल घरेलु उपचार या नुस्खे ही अपनाते रहते है और आखिर में पीलिया के कारण लिवर पूरी तरह ख़राब होने के बाद किसी डॉक्टर के पास जाते हैं। हेपेटाइटिस के प्रति लोगों में जागरूकता और इस बीमारी से जुड़ी आवश्यक हर जानकारी सरल हिंदी भाषा में सामान्य जान तक पहुँचाने के लिए यह विशेष लेख लिखा गया हैं। 

Hepatitis या पीलिया कारण, लक्षण, उपचार और प्रकार के संबंधी अधिक जानकारी नीचे दी गयी है :

पीलिया क्या है? (Hepatitis in Hindi)

Virus के कारण या अन्य किसी बीमारी में Liver में सूजन आने (inflammation) से Liver को क्षति पहुँचाती है और पूरे शरीर पर इसका परिणाम होने के स्तिथि को पीलिया या Hepatitis कहा जाता है।

पीलिया के कितने प्रकार है? (Types of Hepatitis in Hindi)

Hepatitis या विषाणु से होनेवाले पीलिया के प्रमुख 5 प्रकार है।

  1. Hepatitis A 
  2. Hepatitis B 
  3. Hepatitis C 
  4. Hepatitis D 
  5. Hepatitis E 

इन सब में Hepatitis B सबसे खतरनाक माना जाता है। Hepatitis B में Liver को नुक़सान पहुँचकर रोगी कि मृत्यु भी हो सकती है। Hepatitis A, B और C ज्यादा प्रमाण में देखा जाता है।

पीलिया के लक्षण क्या है? (Hepatitis symptoms in Hindi)

अगर त्वचा का रंग पीला सा है,  आंखों में पीलापन है और पेशाब (Urine) भी पीले रंग का आए तो यह सभी लक्षण Hepatitis के हो सकते है। Hepatitis के अन्य सामान्य लक्षण नीचे दिए गए है :

  • बदनदर्द, सरदर्द, कमजोरी या थकान 
  • भूक कम लगना 
  • जी मचलाना 
  • दस्त (Loose motions) लगना या कब्ज (Constipation) होना 
  • बुख़ार 
  • पेट में दायी तरफ, ऊपर कि ओर हल्का दर्द 
  • खुजली 
  • जोड़ो में दर्द 
  • हलके रंग का मल होना 

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पीलिया के क्या कारण है? (Hepatitis causes in Hindi)

  • Hepatitis रक्त में Bilirubin की मात्रा बढ़ जाने के कारण होता है।
  • Hepatitis Virus का प्रवेश शरीर में पानी, विषाणु युक्त सुई, शारीरिक संबंध, या बच्चे को माँ द्वारा होता है।
  • Hepatitis A Hepatitis D और Hepatitis E  खाने और पानी के द्वारा शरीर में पहुंचता है। 
  • Hepatitis A साधारणतः भारत में पाया जाता है इससे महामारी फैलने का खतरा रहता है। 
  • Hepatitis E उन स्थानों पर पाया जाता है जहां सफाई आदि का प्रबन्ध ठीक न हो।
  • Hepatitis B और C रक्त और रक्त में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं जैसे सुई का पूरी तरह कीटाणु रहित (sterile) न होना, शारीरिक सम्बन्ध बनाने से और मां से बच्चे को होता है। इसके अलावा टैटू बनाना, पुराने Razor का इस्तेमाल करना इत्यादि कारणों से भी Hepatitis B और C हो सकता है।

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पीलिया कि निदान कैसे किया जाता है? (Hepatitis diagnosis in Hindi)

पीलिया का निदान करने के लिए रोगी में पीलिया के लक्षण पाये जाने पर डॉक्टर कुछ परीक्षण करवाते है।

  • Liver Function Test (LFT): पीलिया के कारण लिवर को कितना नुक़सान हुआ है यह जानने के लिए यह जाँच कि जाती है। इसमें SGPT, SGOT, Bilirubin, Alkaline Phospate आदि का प्रमाण जाँच किया जाता है जिससे पता चलता है कि liver की स्तिथि कैसी है। इसके साथ ही ईलाज के दौरान भी इनका दुबारा जाँच किया जाता है जिससे पता चलता है कि अगर liver enzymes का बढ़ा हुआ प्रमाण अगर कम होकर सामान्य हो रहा है तो इसका मतलब ईलाज सही दिशा में हो रहा है और रोगी ठीक हो रहा है। पढ़े: लिवर फंक्शन टेस्ट की पूरी जानकारी
  • Antigen Test: किस प्रकार का पीलिया हुआ है यह निदान करने के लिए HBsAg, Anti HCV या anti HAV जैसे जाँच की जाती है । अगर आपका HBsAg positive आता है तो इसका मतलब आपको Hepatits B हुआ है।
  • Sonography: लिवर की स्थिति जानने के लिए पेट का अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी किया जाता है। लिवर में सूजन, पित्ताशय में सूजना या पित्ताशय में अगर पथरी हुई है तो उसका निदान भी इस जाँच से हो जाता है।
  • Other test: इन जाँच के अलावा डॉक्टर पेट का CT Scan या Liver Biopsy भी आवश्यकता होने पर कर सकते है।

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पीलिया का ईलाज कैसे किया जाता है? (Hepatitis treatment in Hindi)

पलिया का निदान होने पर पीलिया का ईलाज रोगी के लक्षण और रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है । Hepatitis A के अधिकतर रोगी समतोल आहार और आराम करने से ही ठीक हो जाते है तो Hepatitis B के रोगी को अधिक उपचार और वैक्सीन की जरूरत पड़ सकती है।

  • Anti Viral दवा : अगर हेपटाइटिस का संक्रमण अधिक गंभीत है तो Adefovir। Interferon, Lamivudin जैसे एंटी वाइरल दवा का उपयोग किया जाता हैं ।
  • Liver Tonic : पीलिया मे लिवर को ठीक करने के लिए और रोगी की भूक बढ़ाने के लिए लिवर टॉनिक दवा दिया जाता है जैसे की Cyproheptadine, Silymarin, L ornithine, L Asparate आदि। इसके साथ आयुर्वेदिक लिवर टॉनिक दवा भी दी जाती है जैसे की Livpra, Liv 52, Liver tone आदि
  • Multivitamin : रोगी की रोग प्रतिकार शक्ति और लिवर को मजबूती प्रदान करने के लिए रोगी को Multi Vitamin की दवा भी दी जाती है।

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पीलिया की वैक्सीन कब दी जाती है? (Hepatitis vaccine in Hindi)

Hepatitis B Vaccine के कुल 3 dose दिए जाते है ।

  • पहला dose : आम तौर पर बच्चा पैदा होने पर पहले 24 घंटे के भीतर उसे Hepatitis B की वैक्सीन दी जाती है।
  • दूसरा dose : पहला dose लेने के 28 दिनों के भीतर दूसरा dose लिया जाना चाहिए।
  • तीसरा dose : यह dose पहला dose लेने के 4 महीने के अंदर या दूसरा dose लेने के 2 महीने के अंदर लिया जाना चाहिए । बच्चों मे तीसरा dose लेते समय उनकी उम्र कम से कम 6 महीने होनी चाहिए।

अगर आपने पहले और दूसरे dose मे ज्यादा समय हो गया है तो दूसरे dose लेने के 2 महीने के अंदर आप तीसरा dose ले सकते है। इस 3 dose वाली वैक्सीन के अलावा अब 2 dose वाली Hepatitis B की वैक्सीन या चुकी है जिस मे 18 वर्ष के ऊपर के व्यक्ति को पहला dose लेने के 1 महीने बाद दूसरा dose लेना होता है।

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गर्भावस्था में पीलिया होने पर क्या करे? (Hepatitis in Pregnancy)

गर्भावस्था मे हर महिला की शुरुआत मे ही Hepatitis B की जांच की जाती है । गर्भावस्था मे पीलिया होने पर अगर डॉक्टर आवश्यकता अनुसार महिला को प्रेग्नन्सी के अंतिम 3 महीनों मे Anti viral दवा देते है। बच्चे को delivery के बाद Hepatitis B का vaccine दिया जाता है और Immuno globin की दवा दी जाती है।

पीलिया होने पर क्या एहतियात बरते? (Hepatitis tips in Hindi)

पीलिया होने पर नीचे दिए हुए एहतियात बरते :

  • केवल अपने डॉक्टर द्वारा prescribed दवाओ का ही उपयोग करे। अन्य दवाओ को आपके Liver पर बुरा असर पड़ सकता है। 
  • आराम करे। 
  • शराब का सेवन न करे, क्योंकि इससे आपके Liver को क्षति पहुचती है। 
  • धूम्रपान न करे और कोई ओर धूम्रपान कर रहा है तो उससे दूर रहे। 
  • शुद्ध और स्वच्छ पानी का ही इस्तेमाल करे। 
  • डॉक्टर कि सलाह अनुसार अपने आहार में बदलाव करे। 
  • कम वसा / Fat युक्त और ज्यादा Protein युक्त आहार लेना चाहिए। 
  • ज्यादा तेल, घी और मिर्च-मसाले युक्त आहार नहीं देना चाहिए। 
  • रोगी को फल, हरी सब्जिया और सब्जियो का सूप बना कर देना चाहिए। 

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पीलिया में कौन से लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए?

Hepatitis में निम्नलिखित लक्षण दिखी देने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराना चाहिए। जैसे कि :

  • बहोत ज्यादा उलटी होना जिसमे पानी भी पच नहीं रहा हो। 
  • बहोत ज्यादा कमजोरी होने। 
  • उलटी में रक्त आना। 
  • काले रंग का मल आना। 
  • व्यवहार में बदलाव या असंबंध बोलना। 
  • बेहोशी आना। 
  • शरीर पर सूजन आना। 
  • लाल रंग का पेशाब आना।  

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पीलिया से बचने के लिए क्या एहतियात बरते?  (How to prevent Hepatitis in Hindi)

Hepatitis से बचने के लिए निम्नलिखित एहतियात बरते :

  • अपने आसपास पूरी तरह से साफ-सफाई बनाए रखें और मक्खियों को न फैलने दें। 
  • भोजन पकाने और खाने से पहले तथा शौचालय से लौटने पर हाथों को साबुन या डेटोल से अच्छी तरह धोएं। 
  • नाखूनों को समय-समय पर काटते रहें। 
  • पानी में क्लोरीन की गोलियां मिलाकर प्रयोग करें। 
  • बरसात के दिनों में और महामारी के समय पर हमेशा पानी को लगभग 10 से 15 मिनट तक उबालने के बाद ही प्रयोग में लाएं। 
  • बाजार के कटे फल और सब्जियां न खाएं। घर में भी सब्जी और फलों को अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग करें। 
  • ठंडा नींबू पानी या शर्बत आदि बनाने के लिए जहां तक हो सके घर के फ्रिज में जमाई हुई बर्फ का हो प्रयोग करें। बाहर से लाई हुई बर्फ का प्रयोग पीने वाले पदार्थों में न करें।
  • अगर आप माँ बनने वाली है तो प्रथम Hepatitis virus कि जाँच करा लेना चाहिए।
  • अगर आपकी जाँच Hepatitis के लिए negative आती है तब भी आप Hepatitis का vaccine लगा कर आने वाले बच्चे कि सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते है। 
  • अपने बच्चो को भी डॉक्टर कि सलाह अनुसार Hepatitis का वैक्सीन लगाना चाहिए। 
  • Hepatitis से पीड़ित व्यक्तियो के कपडे, बिछावन इत्यादि अलग से गर्म पानी में साफ़ करे और Hepatitis ग्रसित व्यक्ति से या अपरिचित के साथ असुरक्षित यौन संबंध न करे। 
  • ध्यान रहे कि Hospital में कभी भी आपके लिए  नीरजन्तुक और सिर्फ नयी सुई का ही प्रयोग होना चाहिए। 

अवश्य पढ़े – पीलिया के रोगी ने क्या खाना चाहिए और क्या नहीं ?

पीलिया रोग के कई रोगी को पता नहीं होता है की उन्हे यह रोग है और किसी अन्य रोग का जांच करते समय इस रोग का पता चलता है। अगर आपको पीलिया का कोई भी लक्षण नजर आता है तो अपने डॉक्टर से मिलकर अपनी जांच अवश्य कराना चाहिए ।

उपयोगी जानकारी – पीलिया से बचने के उपाय

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12 thoughts on “पीलिया का कारण, लक्षण और उपचार | Hepatitis in Hindi”

  1. Dear Sir
    I want to know from where one can get
    The vaccine of hepatitis? Actually in our district hospital they have no idea? So tell
    Me what to speak them?
    Thanks
    Suresh upadhyay

  2. Sir I recently take my LFT report from a LAB and it shows my total bilirubin 2.5 which is appx double from normal. My TB medicine also going on after taking the medicine the color of urine is yellow. Now i just want to know that the medicine taken by me for TB treatment can manipulate my LFT report or not?. One more thing i am not feeling any Jaundice symptoms in my body please answer sir.

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